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झारखंड में किसानों को 1,398 करोड़ रुपये का पैकेज

रांची, 6 नवंबर (आईएएनएस)। झारखंड सरकार ने कम बारिश के कारण सूखे से प्रभावित किसानों के लिए शुक्रवार को 1,398 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की।

झारखंड के कृषि मंत्री रंधीर सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "राज्य सरकार ने किसानों को 1,398 करोड़ रुपये का पैकेज देने का फैसला किया है। किसानों को डीजल पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। 513 करोड़ रुपये की लागत से 700 अस्थायी बांधों का निर्माण किया जाएगा।"

सरकार ने हालांकि राज्य को सूखा प्रभावित घोषित करने पर फैसला नहीं लिया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि केंद्र से रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य को सूखा प्रभावित घोषित करने पर फैसला लिया जाएगा।

झारखंड में जुलाई में अच्छी बारिश हुई थी, जिससे धान की फसल बोने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। झारखंड के लगभग 95 फीसदी खेतों में फसल की बुआई की गई थी। अगस्त व सितंबर में हालांकि सामान्य से केवल 20-30 फीसदी ही बारिश हुई, जिसके कारण किसानों के चेहरे मुरझा गए। सिंचाई न होने से धान के खेतों में दरार पड़ गए।

राज्य के 122 प्रखंडों में कम बारिश के कारण लगभग 40 फीसदी धान की फसलें बर्बाद हो गईं। कुछ इलाकों में क्षति 70 फीसदी तक दर्ज की गई है।

राज्य सरकार ने सूखे व फसलों की बर्बादी को लेकर सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी थी। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को रिपोर्ट भेज दिया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • देश के सभी गांवों में मार्च 2017 तक बिजली
    नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदशों ने सर्वसम्मति से दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना (डीडीयूजेवाई) के तहत मिशन मोड में 31 मार्च, 2017 तक विद्युतीकरण से वंचित सभी गांवों में विद्युतीकरण सुनिश्चित करने का फैसला किया है।

    राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली, नवीन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं खनन मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन शनिवार को यहां समाप्त हुआ, जिसमें देश में सबके लिए 2019 तक या उससे पहले 24 घंटे बिजली सुलभ कराने की योजना निर्माण से संबंधित गतिविधियों को मिशन मोड में पूर्ण करने के लिए काम करने का संकल्प किया गया।

    सम्मेलन में फैसला किया गया कि सबके लिए बिजली पर जिन राज्यों के योजना दस्तावेज अभी तक तैयार नहीं हुए हैं, उन्हें सलाहकारों एवं केंद्रीय टीम सदस्यों की सहायता से जल्द तैयार कर लेना चाहिए, ताकि ये दस्तावेज 31 दिसंबर, 2015 तक तैयार हो जाएं।

    सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय बिजली, कोयला तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने की।

    राज्यों ने मंजूरी की तारीख से 30 महीनों के भीतर इसे लागू करने, समेकित बिजली विकास योजना (आईपीडीएस) परियोजनाओं के त्वरित अमल सुनिश्चित करने का भी संकल्प किया।

    उन्होंने 2019-20 तक राष्ट्रीय स्तर पर 15 प्रतिशत सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक नुकसान (एटी एंड सी) ले आने के प्रति भी संकल्प किया।

    राज्यों में स्मार्ट ग्रिड गतिविधियों की योजना बनाने के लिए एक राज्यस्तरीय मिशन की भी स्थापना की जाएगी।

    राज्यों ने 2018-19 तक सभी मौजूदा पारंपरिक स्ट्रीट लाईट की जगह एलईडी लगाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने का संकल्प किया है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे नौ राज्यों ने एक वर्ष के भीतर सौर ऊर्जा सहित किफायती पम्पों को मौजूदा 10 प्रतिशत कृषि जल पम्पों की जगह लगाने का भी फैसला किया है।

    राज्यों ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सौर पार्क स्थापित करने और सरकारी भवनों की छतों पर सौर टॉप स्थापित करने पर भी सहमति जताई है। जो राज्य पवन संसाधन में समृद्ध हैं, उन्होंने पहली जनवरी, 2016 तक पवन ऊर्जा के पूवार्नुमान एवं कार्यक्रम निर्धारण के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर भी सहमति जताई है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • बेल्ट एंड रोड पहल का लाभ पड़ोसी देशों को सबसे पहले : शी
    सिंगापुर, 7 नवंबर (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यहां शनिवार को कहा कि साझा शांति व विकास के लिए चीन बेल्ट एंड रोड पहल का क्रियान्वयन अपने पड़ोसी देशों के साथ करने को इच्छुक है।

    नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में एक संबोधन में शी ने कहा कि बेल्ट एंड रोड पहल के तहत चीन के पड़ोसी देश प्राथमिक सहयोगी साझेदार हैं और इसका लाभ उन्हें सबसे पहले मिलना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि चीन द्वारा प्रस्तावित पहल विकास, सहयोग तथा स्पष्टता को समर्पित है और यह परामर्श, सहयोग व साझेदारी के आधार पर समानता व आपसी लाभ से पहचाना जाता है।

    उन्होंने उल्लेख किया कि 60 देशों व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने सक्रिय भूमिका के प्रति दिलचस्पी जताई है और कई द्विपक्षीय व बहुपक्षीय परियोजनाओं पर काम जारी है।

    शी ने साल 2013 में बेल्ट एंड रोड पहल प्रस्तावित किया था और इसकी तुलना सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट एवं 21वीं सदी के मेरिटाइम सिल्क रोड से की, जिसका उद्देश्य एक व्यापार व बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करना है, जो एशिया को यूरोप व अफ्रीका से प्राचीन व्यापार मार्गो द्वारा जोड़ेगा।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • बॉक्साइट खनन के खिलाफ विशाखापट्टनम के जनजातीय इलाके में बंद
    विशाखापट्टनम, 7 नवंबर (आईएएनएस)। बॉक्साइट खनन के लिए राज्य सरकार की मंजूरी के खिलाफ आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के जनजातीय इलाके शनिवार को बंद हैं।

    बॉक्साइट खनन के विरोध में सर्वदलीय समिति के आह्वान पर आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (एपीएसआरटीसी) ने जनजातीय गांवों के लिए सभी बस सेवाएं बंद रखी है।

    पदेरू, अरकू घाटी और नजदीकी जनजातीय इलाकों में दुकानें, उद्यम और शिक्षण संस्थान बंद रहे।

    विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अरकू घाटी में अरकू बोरा गुफाओं, संग्रहालय और पद्मावती गार्डन्स की ओर जा रही सड़कें बाधित की।

    मुख्य विरोधी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस, वाम दलों और जनजातीय समूहों ने बंद का आह्वान किया था।

    विभिन्न दलों के नेताओं ने पदेरू में धरना दिया।

    यहां तक कि सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी(तेदेपा) के कुछ गांवों के नेता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

    विस्थापन के डर और जीवनयापन और पर्यावरण को क्षति पहुंचने के डर से जनजातीय लोग बॉक्साइट खनन का विरोध कर रहे हैं।

    किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी है।

    मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) भी बॉक्साइट खनन का कड़ा विरोध कर रही है।

    राज्य सरकार ने बुधवार को आंध्र प्रदेश खनिज विकास निगम को एजेंसी क्षेत्र में बॉक्सिंग के खनन की इजाजत दे दी थी।

    नरसीपट्टनम खंड के चिंतापल्ली और जेरिला आरक्षित वन में 1,212 हेक्टेयर भूमि बॉक्साइट खनन के लिए आवंटित की गई है।

    अविभाजित आंध्र प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बॉक्साइट खनन की मंजूरी दे दी थी। यहां तक कि इसके लिए कुछ कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन भी किया गया था, लेकिन जनजातीय लोगों के तीव्र विरोध के कारण मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

    उस समय अरकु से कांग्रेस सांसद और केंद्रीय जनजातीय कल्याण मंत्री वी. किशोर चंद्र देव ने इसका पुरजोर विरोध करते हुए सरकार से समझौता ज्ञापन रद्द करने को कहा था।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • भारत-चीन संबंधों का वैश्विक महत्व : प्रणब
    नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। चीन के उपराष्ट्रपति ली युआनचाओ से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत और चीन का संबंध क्षेत्रीय व वैश्विक तौर पर महत्वपूर्ण है।

    राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, ली ने मुखर्जी से शुक्रवार को मुलाकात की और भारत तथा चीन के बीच संबंधों की समीक्षा की।

    मुखर्जी ने कहा कि ली भारत का दौरा करने वाले चीन के पहले उपराष्ट्रपति हैं।

    दोनों देशों ने उच्चस्तर पर राजनीतिक आदान-प्रदान में विस्तार किया है। दो उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच के संबंध क्षेत्रीय व वैश्विक तौर पर महत्वपूर्ण है। भारत-चीन के बीच व्यापार अब 70.59 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

    राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने 'मेक इन इंडिया' अभियान में हिस्सा लेनेवाली चीनी कंपनियों का स्वागत किया है।

    ली ने राष्ट्रपति की भावनाओं को दोहराया और कहा कि दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों से न सिर्फ दोनों को फायदा होगा, बल्कि एशिया को आगे ले जाने में मदद मिलेगी। उन्होंने भारत के तीव्र विकास के लिए बधाई देते हुए कहा कि चीन सभी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

    राष्ट्रपति के साथ बैठक से पहले ली ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

    बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान मोदी ने पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे और इस साल मई में अपनी चीन यात्रा का स्मरण किया।

    मोदी ने कहा कि भारत और चीन के पास अपने आर्थिक और विकासात्मक साझेदारी में बढ़ोतरी की असीम क्षमता है और सहयोग के लिए उन्होंने रेलवे, स्मार्ट सिटी, बुनियादी सुविधाओं व शहरी परिवहन पर प्रकाश डाला।

    मंगलवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद पहुंचे ली ने कोलकाता का भी दौरा किया, गुरुवार रात दिल्ली पहुंचने से पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की।

    ली शनिवार को चीन के लिए रवाना हो रहे हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मोदी ने कश्मीर मुद्दे को पैसों में तोला : उमर
    श्रीनगर, 7 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे को रुपये-पैसों में तोल दिया है।

    उमर ने यह टिप्पणी शनिवार को राज्य के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 80,000 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के बाद ट्विटर पर की।

    उमर ने ट्वीट में लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर मुद्दे को रुपयों और पैसों में तोलने की गलती की है।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर के लिए 80,000 करोड़ के पैकेज की घोषणा की
    श्रीनगर, 7 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर के लिए 80,000 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की।

    मोदी ने यहां एक जन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह तो केवल शुरुआत है। उन्होंने कहा कि दिल्ली का खजाना इस राज्य के निवासियों के लिए खुला रहेगा।

    प्रधानमंत्री शनिवार को जम्मू एवं कश्मीर की एक दिवसीय यात्रा पर हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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