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छत्तीसगढ़ : इनामी नक्सली कमांडर मुठभेड़ में ढेर
रायपुर, 18 जनवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ की सुकमा जिला पुलिस ने सोमवार सुबह हुई मुठभेड़ में काली वर्दीधारी एक नक्सली कमांडर करतम देवा को मार गिराया। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मौके से नक्सली का शव समेत भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री का जखीरा बरामद किया गया है।
बस्तर के आईजी एसआरपी कल्लूरी और सुकमा के एसपी डी. श्रवण ने बताया कि नक्सली ऑपरेशन के तहत पिछले सप्ताहभर से पुलिस का सुंयक्त बल अंदरूनी इलाकों में गश्त सर्चिग के लिए रवाना किया गया था। इसी दौरान सोमवार सुबह सूचना मिली कि क्रिस्टारम थाना क्षेत्र के बुरूमपाड़ गांव के निकट जंगल में बड़ी संख्या में नक्सली किसी वारदात को अंजाम देने के लिए छिपे हुए हैं।
फौरन योजनाबद्ध तरीके से इलाके की घेराबंदी शुरू की गई। पुलिस की मौजूदगी की भनक मिलते ही नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस बल ने भी मोर्चा संभालते हुए डटकर मुकाबला किया। घंटेभर चली मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के पैर उखड़ गए और वे घने जंगल व पहाड़ी की आड़ लेकर भाग गए।
अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से बरामद शव की शिनाख्त एक लाख रुपये के इनामी जनमिलिशिया प्लाटून कमांडर करतम देवा के रूप में की गई है। वह गोलापल्ली का रहने वाला था।
उन्होंने बताया कि मौके से 4 भरमार, गन पावडर, कार्डेक्स वायर, डेटोनेटर, नक्सल साहित्य, बैनर-पोस्टर और कुछ वर्दियां बरामद की गई हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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क्षेत्रीय अस्थिरता के लिए अमेरिकी नीतियां जिम्मेदार : अजीज
इस्लामाबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने सोमवार को कहा कि दक्षिण एशिया में अस्थिरता के लिए अमेरिकी नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने ओबामा प्रशासन से आग्रह किया कि वह क्षेत्र में अपनी भूमिका की समीक्षा करे।
अजीज ने कहा, "अस्थिरता को पाकिस्तान का जवाब देश में लोकतंत्र को मजबूत करना है।"
उन्होंने कहा, "अमेरिका ने अफगान जिहाद के दौरान हमारे कबायली इलाकों में धर्म योद्धा तैयार किए और उसके बाद युद्ध समाप्त होते ही उन्हें छोड़ दिया। इसने पाकिस्तान और क्षेत्र में दशकों से जारी अस्थिरता में योगदान किया।"
डॉन के अनुसार, अजीज ने देश की अस्थिरता में बाहरी खतरों के बारे में कहा कि 2013 से पाकिस्तान हस्तक्षेप न करने और अन्य देशों के युद्धों में भाग न लेने की नीति का अनुसरण कर रहा है।
उन्होंने कहा, "हमने तय किया है कि हम किसी दूसरे देश की लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे, और सरकार इस नीति का बखूबी पालन कर रही है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पिछले स्टेट ऑफ यूनियन संबोधन में चेताया था, "दुनिया के कई हिस्सों में अस्थिरता दशकों तक जारी रहेगी। इसमें मध्य पूर्व, अफगानिस्तान और पाकिस्तान, मध्य अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के कई हिस्से शामिल होंगे।"
ओबामा ने आतंकवाद और अस्थिरता के बीच एक सूत्र की भी पहचान की और चेताया कि कुछ अस्थिर क्षेत्र आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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उप्र : सूचना आयुक्त अरविंद बिष्ट पर कदाचार का आरोप
लखनऊ, 18 जनवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी के साथ की गई कथित बदसलूकी के बाद आरटीआई कार्यकर्ताओं के निशाने पर आए सूबे की सतारूढ़ पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के समधी सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट पर अब कदाचार का आरोप लगा है।
लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता और शिकायतकर्ता उर्वशी शर्मा ने बिष्ट पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 15(6) और नियुक्ति की आवश्यक शर्तो के शासनादेश का उल्लंघन कर कारोबार करने का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश और यूपी के राज्यपाल को पत्र भेजकर बिष्ट को अधिनियम की धारा 17 के तहत सूचना आयुक्त के पद से तत्काल हटाने की मांग की है।
उर्वशी ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और राज्य मुख्य सूचना आयुक्त को भी पत्र लिखा है और उनसे सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदंड पूरा न करने पर भी राज्य सरकार द्वारा बिष्ट को नियुक्ति प्रदान किए जाने की अनियमितता की जांच कराकर दोषियों को दंडित कराने की नियमपूर्ण कार्यवाही कराने की मांग की है।
उर्वशी ने बताया कि वर्ष 2013 के उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक सुधार विभाग के जिस विज्ञापन के आधार पर बिष्ट की नियुक्ति हुई है, उसकी आवश्यक शर्तो में एक शर्त यह भी थी कि सूचना आयुक्त कोई कारोबार या वृत्ति नहीं करेगा।
इस विज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया था कि सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पूर्व ही संबंधित व्यक्ति को लाभ का पद, कोई कारोबार या व्यापार छोड़ना होगा।
उर्वशी का कहना है कि भारत सरकार की आरएनआई वेबसाइट के अनुसार, बिष्ट आज भी लखनऊ से प्रकाशित होने वाली अंग्रेजी मासिक पत्रिका 'लाइफ एंड टाइम्स' के मालिक हैं और इस प्रकार पद धारण की तिथि से आज तक न केवल वह आरटीआई एक्ट की धारा 15(6) का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि नियुक्ति की शर्तों के शासनादेश का भी उल्लंघन कर रहे हैं।
उर्वशी ने अपने पत्र में लिखा है कि इस प्रकार सूचना आयुक्त बिष्ट कदाचार के दोषी हैं। इनके खिलाफ सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 17 के तहत कार्रवाई कर इन्हें तत्काल हटाया जाए।
उर्वशी इससे पहले आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी के साथ बदसलूकी करने को लेकर बिष्ट की शिकायत संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त कार्यालय, भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग, उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त, राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मुख्य सचिव अलोक रंजन, डीजीपी और लखनऊ के जिलाधिकारी व एसएसपी से कर चुकी हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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'क्या मुल्ला पाकिस्तानियों को पागलपन की तरफ ढकेल रहे हैं?'
इस्लामाबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के अग्रणी अखबार डेली टाइम्स ने सोमवार को लिखा कि 'क्या मौलवियों और मुल्लाओं की दासता मानकर पाकिस्तानी पागलपन की कगार पर पहुंच गए हैं।'
अखबार ने 'एक्सीडेंटल ब्लैसफमी' शीर्षक के अपने संपादकीय में यह सवाल उठाया है। यह संपादकीय उस घटना के मद्देनजर लिखा गया है जिसमें 15 साल के एक लड़के ने यह समझकर कि उससे ईश निंदा हुई है, अपना हाथ काट लिया था।
अखबार ने संपादकीय में लिखा है कि एक ऐसे देश में जहां धार्मिक कट्टरता इतने नग्न रूप में आम आदमी के होशोहवास पर छा गई हो और जहां मस्जिद के लाउडस्पीकर पर किया गया एक ऐलान किसी बदकिस्मत आरोपी के पीछे भीड़ को दौड़ा देता हो, वहां कोई भी बात अब चकित नहीं करती।
संपादकीय में कहा गया है, "हाल में एक बेहद भयावह घटना हुई। 15 साल के एक लड़के ने अपना हाथ काट लिया। उसने खुद को सजा देने के लिए ऐसा किया क्योंकि उसे लगा था कि उससे ईशनिंदा हुई है।"
अखबार ने लिखा है कि लाहौर के पास एक गांव में इमाम ने पूछा था कि जो लोग पैगंबर मुहम्मद को प्रेम करते हैं, वे नमाज पढ़ते हैं। फिर उसने पूछा कि किसने नमाज पढ़ना छोड़ दिया है। जिसने छोड़ा है, वह हाथ उठाए।
बच्चे ने सवाल समझा नहीं और हाथ उठा दिया। लोगों ने तुरंत उस पर धर्म विरोधी होने की तोहमत लगाई। बच्चा घर गया। जो हाथ उठाया था, उसे काटा और तश्तरी में रखकर कटे हुए हाथ को इमाम को दे दिया। उसने कहा कि उसे इसमें किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई।
संपादकीय में कहा गया है कि लड़के पर पागलपन सवार था। लेकिन, समुदाय के अन्य लोग और खुद उसके घरवाले इस पर खुशी मना रहे थे। ताजा सूचना यह है कि इमाम को पुलिस ने पकड़ लिया है।
अखबार ने लिखा है कि बातों को या तो सही या गलत में देखने के नजरिए ने समाज को धर्म के उदात्त मूल्यों से दूर कर इसे औरों से हिंसक प्रतिशोध लेने का जरिया बना दिया है।
अखबार ने लिखा है कि लड़के में पैदा हुआ डर साफ है। वह अपनी चेतना पर विश्वास नहीं कर पा रहा है। यही डर हमें धर्म से बेहद दूर के भी किसी मामले में किसी भी तरह के वाद-विवाद से दूर ले जाकर दिमाग को एक कोठरी में बंद कर देने वाला साबित हो रहा है।
अखबार ने लिखा है कि अगर इस डर से नहीं निपटा गया तो इससे होने वाले खतरों से पार पाना नामुमकिन हो जाएगा। अखबार ने इसके लिए सरकार, मीडिया और अन्य नागरिक संस्थानों पर पर्याप्त जोर नहीं देने का आरोप लगाया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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भविष्य निधि आयुक्त गिरफ्तार (लीड-1)
चेन्नई, 18 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को यहां कहा कि उसने यहां कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के एक क्षेत्रीय आयुक्त सहित तीन अधिकारियों को रिश्वतखोरी के आरोपों में गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "सीबीआई ने चेन्नई के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त दुर्गा प्रसाद, ईपीएफओ के दो प्रवर्तन अधिकारियों और चार अन्य लोगों को लगभग 14.5 लाख रुपये के एक कथित रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तार किया है।"
सीबीआई ने बाद में एक बयान में कहा कि ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त, दो प्रवर्तन अधिकारियों, शहर के एक संस्थान समूह और दलाल के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई के अनुसार, प्रसाद ने कथित तौर पर एक संस्थान समूह की मदद करने के एवज में उससे 25 लाख रुपये रिश्वत मांगे थे।
यह मदद, समूह के कर्मचारियों के संदर्भ में भविष्य निधि कटौती के उद्देश्य के लिए वेतन के साथ गड़बड़ी के मामले में करनी थी।
सीबीआई ने जाल बिछा कर उस वाहन को रोक लिया, जिस पर प्रसाद सवार थे और एक दलाल से 14.5 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेकर जा रहे थे।
सीबीआई ने संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी को भी गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि रिश्वत की राशि उसी ने दलाल को कथित तौर पर सौंपी थी।
प्रसाद के आवास और कार्यालय तथा अन्य 18 स्थानों की तलाशी ली गई, जिसमें दलाल के परिसर शामिल थे। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और संपत्ति दस्तावेज बरामद हुए।
तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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मुस्लिम महिलाओं को अंग्रेजी सिखाने पर 3 करोड़ डॉलर खर्च करेगा ब्रिटेन
लंदन, 18 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ब्रिटेन में रह रही 1,90,000 मुस्लिम महिलाएं अंग्रेजी बोलने में सक्षम नहीं हैं। ये ब्रिटेन की स्थानीय मुस्लिम आबादी की 22 फीसदी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने उन्हें अंग्रेजी सिखाने पर 3 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च करने की सोमवार को घोषणा की।
कैमरन ने कहा कि जो मुस्लिम महिलाएं स्थायी रूप से ब्रिटेन में बसना चाहती है, उन्हें ब्रिटिश पासपोर्ट की अर्हता प्राप्त करने के लिए अंग्रेजी में धाराप्रवाह हो जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ब्रिटेन में अलग-अलग समुदायों की 'निष्क्रिय सहिष्णुता' एक मजबूत समाज के निर्माण में मदद करेगी।
कैमरन ने कहा कि लैंगिक अलगाव व भेदभाव और समाज से कुछ महिलाओं के कटे रहने से कट्टरता और उग्रवाद में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने आगे कहा, "हमारा अगला लक्ष्य महिलाओं का सशक्तीकरण करना और उनके अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को बढ़ाना है। मैं समझता हूं कि हम ब्रिटेन के समाज को एकजुट रखते हुए एक मजबूत समाज का निर्माण कर सकते है जो कि वह है।"
मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रस्तावित अंग्रेजी की कक्षाएं उनके घरों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाई जाएंगी। ब्रिटेन के नए वीजा नियमों के मुताबिक जीवनसाथी वीजा पर ब्रिटेन आने वाली महिलाओं को अंग्रेजी में धाराप्रवाह होना ही होगा। जो महिलाएं ढाई साल बाद अपने वीजा की अवधि बढ़वाना चाहेंगी उन्हें अंग्रेजी भाषा के ज्ञान की परीक्षा से गुजरना होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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