लंदन, 21 मार्च (आईएएनएस)। मां बनने जा रही महिलाओं को समयपूर्व प्रसव के बारे में जानकारी के लिए गर्भाशय क्षेत्र का एमआरआई करवाना चाहिए, क्योंकि इससे अल्ट्रासाउंड की तुलना में ज्यादा सटीक परिणाम मिलते हैं। शोधकर्ताओं ने यह जानकारी दी।
गर्भाशय ग्रीवा का समय से पहले फैलाव के कारण गर्भावस्था के दौरान समय से पहले प्रसव का खतरा हो सकता है। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान अल्ट्रासाउंड में अगर गर्भाशय ग्रीवा का फैलाव 15 मिलीमीटर या उससे कम दिखता है तो उसे समयपूर्व प्रसव के उच्च खतरे की श्रेणी में रखा जाता है।
हालांकि समयपूर्व प्रसव का पूर्वानुमान लगाने में अल्ट्रासाउंड की सीमाएं हैं, क्योंकि यह गर्भाशय के ऊतकों में प्रसव से ठीक पहले के समय में बदलाव की महत्वपूर्ण जानकारी नहीं दे पाता।
शोधप्रमुख स्पींजा विश्वविद्यालय की गेब्रेले मासेली ने बताया, "गर्भावस्था में समयपूर्व प्रसव को समझने के लिए गर्भाशय में बदलाव को ठीक से समझना जरूरी है। इसके दो चरणों में बांटा जा सकता है। एक गर्भाशय का लचीचा होना तथा दूसरा उसका फैलना। इसलिए इन दोनों चीजों की सटीक जानकारी से ही समयपूर्व प्रसव का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है।"
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एमआरआई से इसकी बेहतर जानकारी मिलती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
समयपूर्व प्रसव का सटीक अनुमान लगाने में एमआरआई कारगर
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