स्टॉकहोल्म, 8 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। स्वीडन के ज्यादातर युवा रात में सोने से पहले डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। इस कारण प्रत्येक तीन में एक युवा को समुचित विश्राम नहीं मिल पाता है।
सार्वजनिक प्रसारक स्वीडिश टेलीविजन के सर्वेक्षण के अनुसार,15-29 वर्ष की आयु वाले प्रत्येक तीसरे युवा का कहना है कि वह अनिद्रा से जुड़ी समस्या से ग्रसित है। वहीं इनमें से 82 प्रतिशत का कहना है कि वह रात में सोने से पहले डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं।
कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट इन स्टॉकहोल्म में प्रोफेसर टॉर्बजॉम एकरस्डेट ने समाचार चैनल से कहा, "सोशल मीडिया का अधिक उपयोग किसी को भी उस समय के लिए बहुत सक्रिय बना देता है। वहीं सोने के लिए मस्तिष्क को शांत करने की जरूरत होती है। इसलिए रात को सोने से पहले सोशल मीडिया नींद में बाधा उत्पन्न करती है।"
सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल युवा लोगों में एक चौथाई का कहना है कि वह विशेष घंटों के दौरान सोशल मीडिया का उपयोग बंद करने के लिए सक्षम होना चाहते हैं।
इस सर्वेक्षण में लगभग आधे युवा उत्तरदाताओं ने बताया कि वह पिछले पांच सालों की तुलना में बहुत कम सो रहे हैं, जबकि 31 प्रतिशत ने कहा कि वह मानते हैं कि सोशल मीडिया उनकी नींद खराब कर रहा है।
वहीं सर्वेक्षण में लगभग दो तिहाई उत्तरदाताओं ने बताया कि नींद की कमी की वजह से उनके दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
सोशल मीडिया छीन रहा स्वीडन के युवाओं की नींद
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