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अमेरिका हमें परमाणु हथियार संपन्न देश माने : उत्तर कोरिया

प्योंगयांग, 16 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। उत्तरी कोरिया ने शनिवार को एक बार फिर अपने हाइड्रोजन बम परीक्षण का बचाव करते हुए कहा कि उसने ऐसा 'आत्मरक्षा' में किया। साथ ही उसने अमेरिका से यह भी कहा कि वह उसे एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र माने।

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी और उसके बाद आधिकारिक समाचार पत्र 'रोडोंग सिनमुन' में प्रकाशित एक बयान में उत्तर कोरिया ने जोर देते हुए कहा कि उसने हाइड्रोजन बम परीक्षण कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि देश की संप्रभुता की रक्षा और जीने का अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया था।

बयान में कहा गया कि इस वर्ष उत्तर कोरिया का प्राथमिक लक्ष्य आर्थिक विकास और लोगों के जीवन-स्तर में सुधार है, जिसकी प्राप्ति के लिए इस समय अपेक्षाकृत अधिक शांतिपूर्ण वातावरण की आवश्यकता है।

बयान के मुताबिक, उत्तर कोरिया आर्थिक शक्ति बनने के लिए सभी कोशिशें कर रहा है और इसका इरादा किसी को भड़काने का नहीं है।

बयान में यह भी कहा गया है कि 'अमेरिका चाहे या नहीं, उसे उत्तरी कोरिया को परमाणु हथियार संपन्न देश मानना चाहिए।'

उत्तर कोरिया ने छह जनवरी को अपने पहले हाइड्रोजन बम परीक्षण की घोषणा की थी, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी आलोचना की। हालांकि कई देशों ने इस पर संदेह भी जताया।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • 1850 के बाद 2015 रहा सबसे गर्म
    लंदन, 21 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ब्रिटेन के मौसम विभाग की ओर से बुधवार को जारी वैश्विक औसत तापमान के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक, सन् 1850 के बाद साल 2015 सबसे गरम साल रहा।

    साल 2015 में औसत वैश्विक तापमान 0.75 डिग्री सेल्सियस था। यह 1961 और 1990 के बीच की लंबी अवधि के औसत से ऊपर था। यह तापमान 1850 के बाद अब रिकॉर्ड हुआ है।

    पूर्व औद्योगिक अवधि से अगर तुलना की जाए तो साल 2015 का औसत वैश्विक तापमान 1850-1900 लंबी अवधि के औसत से ऊपर एक डिग्री सेल्सियस के आसपास था।

    मौसम विभाग के वार्षिक वैश्विक तापमान पूवार्नुमान के अनुसार, साल 2015 के लिए अनुमानित संख्या की भविष्यवाणी सीमा के भीतर है, लेकिन मौसम विभाग ने 2016 के तापमान के साथ एक रिकार्ड स्थापित होने की उम्मीद जताई है।

    नासा और संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्रीय वायुमंडलीय प्रशासन ने भी कहा है कि वर्ष 2015 में औसत वैश्विक तापमान 19वीं सदी के बाद से सबसे ज्यादा रहा है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • चिकनपॉक्स वैक्सीन से आंखों में सूजन संभव
    न्यूयार्क, 21 जनवरी (आईएएनएस)। चिकेनपॉक्स और दाद जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली चिकनपॉक्स वैक्सीन आंखों में सूजन पैदा कर सकती है। एक नए शोध से यह बात सामने आई है।

    निष्कर्ष बताते हैं कि पिछले 20 सालों से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्देशित चिकन पॉक्स वैक्सीन के इस्तेमाल से कुछ रोगियों की आंखों में कार्निया सूजन की शिकायत मिली है।


    अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर फ्रेडरिक फ्रानफेल्डर के अनुसार, "राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय की केस रिपोर्ट पर अध्ययन में हमें 20 ऐसे मामले मिले हैं, जिन्हें इस वैक्सीन के इस्तेमाल से आंखों की परेशानी हुई।"

    फ्रानफेल्डर का कहना है, हालांकि यह एक दुर्लभ घटना है, लेकिन डॉक्टरों को यह वैक्सीन देने से पहले रोगी का इतिहास जान लेना चाहिए। अगर उन्हें कभी यह परेशानी हुई है तो इस वैक्सीन द्वारा वह फिर सक्रिय हो सकती है।

    वयस्कों में यह लक्षण वैक्सीन के 24 दिनों के भीतर दिखाई देने लगते हैं, वहीं बच्चों में इसका असर 14 दिनों के अंदर ही होने लगता है।

    यह शोध वर्ष 2015 में लॉस वेगास में आयोजित हुए अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में प्रस्तुत किया गया था।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • यूक्रेन ने रूसी सामानों पर लगाया प्रतिबंध
    कीव, 21 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। यूक्रेन ने बुधवार को यूरोपिय यूनियन (ईयू) के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने के साथ ही रूसी सामानों के खिलाफ प्रतिबंध का दायरा और बढ़ा दिया। उसने रूस के प्रतिबंधित 43 सामानों की सूची में 70 सामान और जोड़ दिए। यूक्रेन की सरकार ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।

    यूक्रेन के उपव्यापार मंत्री नटालिया मायकोलस्का ने कहा कि यह प्रतिबंध मुख्य तौर से खानेपीने के सामान, सब्जियां, मिठाईयां, सॉस और कई तरह की मछलियों पर लगाया गया है। वहीं, खाद्य पदार्थो के अलावा सिगरेट, खेती में प्रयोग होने वाला खाद, सौंदर्य प्रसाधन, रेलवे उपकरण और डीजल चालित रेल इंजन पहले से ही प्रतिबंध सूची में शामिल है।

    वहीं, यूक्रेन और ईयू के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद रूस ने यूक्रेन के साथ अपना मुक्त व्यापार समझौता रद्द कर दिया और यूक्रेन से खानेपीने के वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। रूस ने यूक्रेन पर यह प्रतिबंध ईयू के सामानों का पुनर्नियात करने से रोकने के लिए लगाया है। वहीं, इसके विरोध में यूक्रेन ने कई सारे रूसी सामानों पर से तरजीही आयात शुल्क को रद्द कर प्रतिबंध लगा दिया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ऑस्ट्रिया 2016 में 37,500 शरणार्थियों को देगा शरण
    विएना, 21 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ऑस्ट्रिया के फेडरल, स्टेट व स्थानीय परिषद के नेताओं ने शरणार्थी संकट पर बुधवार को एक सम्मेलन में चर्चा की और साल 2016 में कुल 37.500 शरणार्थियों को अपने देश में शरण देने का फैसला किया।

    इस तरह, इस संख्या में हर साल कमी होती जाएगी। साल 2017 में 35,000 फिर अगले दो वर्षो में 30,000 और 25,000 शरणार्थियों को शरण दी जाएगी। यानी अगले चार साल के दौरान कुल 127,500 शरणार्थियों को शरण दी जाएगी।

    सरकार द्वारा तय की गई कुल 127,500 शरणार्थियों की यह सीमा ऑस्ट्रिया की जनसंख्या का 1.5 फीसदी है।

    इसके अलावा, शरणार्थियों के लिए तत्काल शरणार्थी प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, जिसे 'सेफ कंट्रीज' नाम दिया गया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • जापान के अर्थव्यवस्था मंत्री रिश्वत मामले में फंसे
    टोक्यो, 21 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। जापान के अर्थव्यवस्था एवं राजकोषीय नीति मंत्री अकीरा अमारी ने रिश्वत लेने का आरोप लगने के बाद बुधवार को कहा कि वह अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अपना कर्तव्य निभाने की कोशिश करेंगे।

    अमारी ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जनता का संदेह और न बढ़े, इसलिए वह जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मामले की जांच कराने और अपने दायित्व का निर्वाह करने के इच्छुक हैं।

    सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिव पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री शिंजो आबे के करीबी सहयोगी अमारी ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने स्वयं पर आरोप लगने के बाद इस्तीफा देने की संभावना के बारे में प्रधानमंत्री से विचार-विमर्श नहीं किया है।

    'क्योडो' न्यूज एजेंसी के अनुसार, गुरुवार को साप्ताहिक पत्रिका 'शुकान बुनशुन' में अमारी को विवाद में खींचने वाला एक लेख पढ़ने को मिलेगा। लेख में यह पढ़ने को मिलेगा कि अर्थव्यवस्था एवं राजकोषीय नीति मंत्री अमारी और उनके स्टाफ ने बीते तीन वर्षो में रिश्वत ली और 1.2 करोड़ येन (1,03,000 डॉलर) उड़ाए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • 2015 रहा अब तक का सबसे गर्म साल (लीड-1)
    वाशिंगटन, 21 जनवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। वैश्विक जलवायु के रुझान की निगरानी के लिए जिम्मेदार दो प्रमुख अमेरिकी सरकार की एजेंसियों ने बुधवार को कहा कि साल 1880 में शुरू हुए आधुनिक रिकार्ड के अनुसार, 2015 अब तक सबसे गरम साल रहा।

    अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में वैश्विक भूमि और समुद्र सतह का औसत तापमान 0.90 डिग्री सेल्सियस रहा। यह 20वीं सदी के औसत तापमान से ज्यादा दर्ज किया गया। इसने 2014 के औसत तापमान 0.16 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

    यह वैश्विक तापमान इस सदी में चौथी बार दर्ज किया गया है। इसके अलावा इसने वार्षिक वैश्विक तापमान का रिकार्ड भी तोड़ दिया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एंजेसी नासा का भी कहना है कि वर्ष 2015 में औसत वैश्विक तापमान ने पिछले साल 2014 के तापमान 0.13 डिग्री सेल्सियस को पीछे छोड़ दिया है।

    नासा ने लिखा है कि साल 2015 का तापमान एक लंबी अवधि की तपन प्रवृत्ति को दर्शाता है। वातावरण में मानव गतिविधियों से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन इसका मुख्य कारण है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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