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Thursday, 18 February 2016 21:20
रूसी विमानों को ब्रिटेन का टायफून करेगा इंटरसेप्ट : मीडिया
लंदन, 18 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ब्रिटेन के वायु क्षेत्र की तरफ कथित तौर पर बढ़ने वाले दो रूसी बमवर्षक विमानों का पता लगाने के काम में ब्रिटेन के रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) के टायफून लड़ाकू विमानों को लगाया गया। स्थानीय मीडिया की बुधवार की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
ब्रिटेन के स्काई न्यूज के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि लिंकनशायर के आरएएफ कोनिंग्सबे सैन्य अड्डे से टायफून विमान को उत्तरी सागर के पास दक्षिण में रूसी विमानों को अपनी वायुसीमा से बाहर करने के लिए भेजा गया।
ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि उसकी वायुसीमा उसकी तटीय रेखा से 12 मील की दूरी तक है।
अतीत में भी आरएएफ युद्धक विमान रूसी जेट विमानों को कई बार इंटरसेप्ट कर चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
ब्रिटेन के स्काई न्यूज के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि लिंकनशायर के आरएएफ कोनिंग्सबे सैन्य अड्डे से टायफून विमान को उत्तरी सागर के पास दक्षिण में रूसी विमानों को अपनी वायुसीमा से बाहर करने के लिए भेजा गया।
ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि उसकी वायुसीमा उसकी तटीय रेखा से 12 मील की दूरी तक है।
अतीत में भी आरएएफ युद्धक विमान रूसी जेट विमानों को कई बार इंटरसेप्ट कर चुके हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Thursday, 18 February 2016 20:20
समय पूर्व सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों के लिए ओआरओपी पर पुनर्विचार : पर्रिकर
नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सरकार समय पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले सैन्यकर्मियों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना पर पुनर्विचार कर रही है।
समाचार चैनल इंडिया टुडे के लिए करण थापर को दिए गए एक साक्षात्कार में पर्रिकर ने कहा कि एक सदस्यीय न्यायिक आयोग पेंशन को बराबर करने के मामले को भी देख सकता है।
वर्तमान में सरकार द्वारा घोषित ओआरओपी योजना के दायरे में समय पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले सैन्यकर्मी नहीं आते, जिसके कारण इसका विरोध हो रहा है।
वर्तमान योजना के मुताबिक, पेंशनों की बराबरी प्रत्येक पांच वर्षो में की जानी है, जबकि पूर्व सैनिक ऐसा प्रत्येक साल करने की मांग कर रहे हैं।
चैनल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, राफेल विमान सौदे के बारे में चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कीमत बड़ा मुद्दा है, जिसके कारण इस सौदे में देर हो रही है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल युद्धक विमान खरीदने के लिए एक समझौता किया है, लेकिन कीमतों को लेकर सौदेबाजी जारी है। फ्रांस 36 विमानों के लिए नौ अरब डॉलर की मांग कर रहा है।
सौदे में दो प्रकार के मिसाइल व बम, पायलटों को प्रशिक्षण व विमानों को रखने के लिए सुविधाएं शामिल हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को एफ-16 विमान बेचे जाने के अमेरिका के फैसले से उन्हें 'दुख' पहुंचा है। इस कदम का भारत विरोध कर चुका है।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का यकीन है कि 26/11 के मुंबई हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भी संलिप्तता थी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान से मुंबई हमले के कथित मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी के मामले को सैन्य अदालत को भेजने को कह सकता है।
पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हालिया हमले पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक हुई है और आतंकवादियों की मदद के पीछे स्थानीय मजदूर हो सकते हैं।
सातवें वेतन आयोग व सुरक्षाबलों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इसका अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने इसमें 'सुधार' का वादा किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
समाचार चैनल इंडिया टुडे के लिए करण थापर को दिए गए एक साक्षात्कार में पर्रिकर ने कहा कि एक सदस्यीय न्यायिक आयोग पेंशन को बराबर करने के मामले को भी देख सकता है।
वर्तमान में सरकार द्वारा घोषित ओआरओपी योजना के दायरे में समय पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले सैन्यकर्मी नहीं आते, जिसके कारण इसका विरोध हो रहा है।
वर्तमान योजना के मुताबिक, पेंशनों की बराबरी प्रत्येक पांच वर्षो में की जानी है, जबकि पूर्व सैनिक ऐसा प्रत्येक साल करने की मांग कर रहे हैं।
चैनल की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, राफेल विमान सौदे के बारे में चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कीमत बड़ा मुद्दा है, जिसके कारण इस सौदे में देर हो रही है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल युद्धक विमान खरीदने के लिए एक समझौता किया है, लेकिन कीमतों को लेकर सौदेबाजी जारी है। फ्रांस 36 विमानों के लिए नौ अरब डॉलर की मांग कर रहा है।
सौदे में दो प्रकार के मिसाइल व बम, पायलटों को प्रशिक्षण व विमानों को रखने के लिए सुविधाएं शामिल हैं।
मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को एफ-16 विमान बेचे जाने के अमेरिका के फैसले से उन्हें 'दुख' पहुंचा है। इस कदम का भारत विरोध कर चुका है।
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का यकीन है कि 26/11 के मुंबई हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की भी संलिप्तता थी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान से मुंबई हमले के कथित मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी के मामले को सैन्य अदालत को भेजने को कह सकता है।
पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हालिया हमले पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक हुई है और आतंकवादियों की मदद के पीछे स्थानीय मजदूर हो सकते हैं।
सातवें वेतन आयोग व सुरक्षाबलों की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इसका अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने इसमें 'सुधार' का वादा किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Thursday, 18 February 2016 19:00
रूस ईरान को एस-300 मिसाइल प्रणाली सौंपेगा : रिपोर्ट
तेहरान, 18 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। रूस एस-300 रक्षा मिसाइल प्रणाली को गुरुवार को तेहरान को सौंपेगा। स्थानीय मीडिया ने बुधवार को यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में मॉस्को के दौरे पर ईरान के रक्षा मंत्री हुसैन दहकान अस्त्राखन में उस समारोह में हिस्सा लेंगे, जिसमें ईरान को वायु रक्षा प्रणाली को कैस्पियन सागर से ईरान भेजा जाएगा।
ईरान के विदेश प्रवक्ता हुसैन जाबेर अंसारी ने सोमवार को कहा कि रूस एस-300 प्रणाली को ईरान भेजने ही वाला है।
उन्होंने कहा कि ईरान व रूस ने अपने सहयोग को व्यापक किया है और दोनों देशों के बीच राजनीतिक व रक्षा सहयोग उल्लेखनीय है।
मॉस्को व तेहरान ने ईरान को पांच एस-300 मिसाइल प्रणाली प्रदान करने के लिए साल 2007 में 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर का समझौता किया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा ईरान को परंपरागत हथियारों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने के बाद सितंबर 2010 में रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने सौदे को रद्द कर दिया था।
इसके प्रतिक्रियास्वरूप ईरान ने जेनेवा के अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में रूस के खिलाफ चार अरब डॉलर का दावा ठोक दिया था।
ईरान का विश्व की छह शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते के बाद बीते साल अप्रैल की शुरुआत में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने ईरान को एस-300 विमानरोधी मिसाइल प्रणाली की बिक्री पर प्रतिबंध को हटाने के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किया था।
रूस द्वारा एस-300 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए राजी होने के बाद ईरान ने रूस के खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में मॉस्को के दौरे पर ईरान के रक्षा मंत्री हुसैन दहकान अस्त्राखन में उस समारोह में हिस्सा लेंगे, जिसमें ईरान को वायु रक्षा प्रणाली को कैस्पियन सागर से ईरान भेजा जाएगा।
ईरान के विदेश प्रवक्ता हुसैन जाबेर अंसारी ने सोमवार को कहा कि रूस एस-300 प्रणाली को ईरान भेजने ही वाला है।
उन्होंने कहा कि ईरान व रूस ने अपने सहयोग को व्यापक किया है और दोनों देशों के बीच राजनीतिक व रक्षा सहयोग उल्लेखनीय है।
मॉस्को व तेहरान ने ईरान को पांच एस-300 मिसाइल प्रणाली प्रदान करने के लिए साल 2007 में 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर का समझौता किया था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा ईरान को परंपरागत हथियारों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने के बाद सितंबर 2010 में रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने सौदे को रद्द कर दिया था।
इसके प्रतिक्रियास्वरूप ईरान ने जेनेवा के अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत में रूस के खिलाफ चार अरब डॉलर का दावा ठोक दिया था।
ईरान का विश्व की छह शक्तियों के साथ हुए परमाणु समझौते के बाद बीते साल अप्रैल की शुरुआत में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने ईरान को एस-300 विमानरोधी मिसाइल प्रणाली की बिक्री पर प्रतिबंध को हटाने के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किया था।
रूस द्वारा एस-300 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए राजी होने के बाद ईरान ने रूस के खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Thursday, 18 February 2016 16:20
चीन का अपने क्षेत्र में अमेरिकी एफ-22 विमान देखने का दावा
बीजिंग, 18 फरवरी (आईएएनएस)। चीन की सेना ने अमेरिका के एफ-22 विमान देखने का दावा किया है।
समाचार पत्र पीपुल्स डेली की गुरुवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलए डेली ने कहा कि 10 फरवरी की सुबह एडीआईजेड के निकट खुफिया निगरानी करने वाले एक अज्ञात विमान देखे जाने के मद्देनजर ईस्ट चाइना सी फ्लीट के कई सैनिकों को पूर्वी चीन सागर के ऊपर एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) में गश्ती करने का आदेश दिया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कैरियर आधारित हेलीकॉप्टर ब्रिगेड के हेलीकॉप्टर इलाके में गश्ती करेंगे और नजदीकी सैन्य हवाईअड्डों, ड्यूटी पर तैनात लड़ाकू विमानों पर मिसाइलों को तैनात किया गया है, ताकि वे किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
रिपोर्ट में हालांकि इससे संबंधित कुछ और तथ्यों तथा इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि निगरानी विमान किस देश का था।
चीन के सैन्य विशेषज्ञ यीन झुओ ने कहा कि यदि एडीआईजेड के निकट पूर्वी चीन सागर के ऊपर अज्ञात विमान अमेरिका का एफ-22 विमान निकलता है, तो चीन की सेना के लिए उसकी पहचान करने व उसे इंटरसेप्ट करने का बढ़िया मौका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
समाचार पत्र पीपुल्स डेली की गुरुवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलए डेली ने कहा कि 10 फरवरी की सुबह एडीआईजेड के निकट खुफिया निगरानी करने वाले एक अज्ञात विमान देखे जाने के मद्देनजर ईस्ट चाइना सी फ्लीट के कई सैनिकों को पूर्वी चीन सागर के ऊपर एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) में गश्ती करने का आदेश दिया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कैरियर आधारित हेलीकॉप्टर ब्रिगेड के हेलीकॉप्टर इलाके में गश्ती करेंगे और नजदीकी सैन्य हवाईअड्डों, ड्यूटी पर तैनात लड़ाकू विमानों पर मिसाइलों को तैनात किया गया है, ताकि वे किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
रिपोर्ट में हालांकि इससे संबंधित कुछ और तथ्यों तथा इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि निगरानी विमान किस देश का था।
चीन के सैन्य विशेषज्ञ यीन झुओ ने कहा कि यदि एडीआईजेड के निकट पूर्वी चीन सागर के ऊपर अज्ञात विमान अमेरिका का एफ-22 विमान निकलता है, तो चीन की सेना के लिए उसकी पहचान करने व उसे इंटरसेप्ट करने का बढ़िया मौका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Thursday, 18 February 2016 16:20
चीन ने लड़ाकू विमानों के निर्यात को दी मंजूरी
बीजिंग, 18 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन ने स्वदेश निर्मित जे-10 लड़ाकू विमानों के निर्यात को मंजूरी दे दी है और सिंगापुर एयरशो में वह खरीदारों को लुभाने में जुट गया है।
मंगलवार से शुरू हुए सिंगापुर एयरशो में चीन के नेशनल एरोटेक्नॉलजी इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कैंप बूथ पर जे-10 लड़ाकू विमान का एफसी-20 नाम के एक बड़े साइज का मॉडल प्रदर्शित किया गया है।
इससे पहले चीन की साम्यवादी सरकार में एक अलिखित नियम था कि स्वदेशी हथियारों का कभी किसी प्रदर्शनी में शामिल नहीं किया जाता था। इसलिए सिंगापुर एयरशो में चीन के लड़ाकू विमान का प्रदर्शन इस तरफ स्पष्ट इशारा करता है कि चीन अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन करना चाहता है।
जे-10 तीसरी पीढ़ी का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जिसका निर्माण व डिजायन एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना ने किया है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू विमानों में से एक बताया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
मंगलवार से शुरू हुए सिंगापुर एयरशो में चीन के नेशनल एरोटेक्नॉलजी इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कैंप बूथ पर जे-10 लड़ाकू विमान का एफसी-20 नाम के एक बड़े साइज का मॉडल प्रदर्शित किया गया है।
इससे पहले चीन की साम्यवादी सरकार में एक अलिखित नियम था कि स्वदेशी हथियारों का कभी किसी प्रदर्शनी में शामिल नहीं किया जाता था। इसलिए सिंगापुर एयरशो में चीन के लड़ाकू विमान का प्रदर्शन इस तरफ स्पष्ट इशारा करता है कि चीन अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपने लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन करना चाहता है।
जे-10 तीसरी पीढ़ी का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जिसका निर्माण व डिजायन एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना ने किया है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू विमानों में से एक बताया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Thursday, 18 February 2016 16:20
'दक्षिण कोरिया पर आतंकी हमले की फिराक में है उत्तर कोरिया'
सिओल, 18 फरवरी (आईएएनएस)। दक्षिण कोरिया के सत्ताधारी दल के सांसद ने गुरुवार को कहा कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया पर आतंकी हमले के लिए अपनी सेना और खुफिया एजेंटों को तैयारी करने के लिए कहा है। उन्होंने दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी के हवाले से यह बात कही है।
उत्तर कोरिया के मामले पर सरकार और सत्ताधारी दल की आपात बैठक के बाद सांसद ली चुल-वू ने कहा कि उत्तर कोरिया का टोही जनरल ब्यूरो दक्षिण कोरिया को हानि पहुंचाने वाली कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इसमें साइबर हमले भी शामिल हैं।
दैनिक अखबार 'द कोरिया हेराल्ड' की रपट के मुताबिक, विदेशों में खुफिया अभियानों और साइबर युद्ध को अंजाम देने की जिम्मेदारी ब्यूरो की है।
ली ने कहा कि राष्ट्रीय खुफिया सेवा उत्तर कोरिया की ओर से संभावित हमलों से संबंधित सूचनाएं जुटा रही है।
दक्षिण कोरिया सरकार का कहना है कि इसकी आशंका है कि उत्तर कोरिया दक्षिण कोरियाई नागरिकों को जहर देकर या उनका अपहरण कर आतंकी हमलों को अंजाम देगा।
उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण और उसके लंबी दूरी के रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के बाद दक्षिण कोरिया ने प्योंगयोंग को मुंहतोड़ जवाब देने कसम खाई थी। कहा गया है कि इसके बाद से ही उत्तर कोरिया आंतकी हमलों की साजिश की दिशा में सक्रिय हुआ है।
इंडो एशियन न्यूज सर्विस।
उत्तर कोरिया के मामले पर सरकार और सत्ताधारी दल की आपात बैठक के बाद सांसद ली चुल-वू ने कहा कि उत्तर कोरिया का टोही जनरल ब्यूरो दक्षिण कोरिया को हानि पहुंचाने वाली कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। इसमें साइबर हमले भी शामिल हैं।
दैनिक अखबार 'द कोरिया हेराल्ड' की रपट के मुताबिक, विदेशों में खुफिया अभियानों और साइबर युद्ध को अंजाम देने की जिम्मेदारी ब्यूरो की है।
ली ने कहा कि राष्ट्रीय खुफिया सेवा उत्तर कोरिया की ओर से संभावित हमलों से संबंधित सूचनाएं जुटा रही है।
दक्षिण कोरिया सरकार का कहना है कि इसकी आशंका है कि उत्तर कोरिया दक्षिण कोरियाई नागरिकों को जहर देकर या उनका अपहरण कर आतंकी हमलों को अंजाम देगा।
उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण और उसके लंबी दूरी के रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के बाद दक्षिण कोरिया ने प्योंगयोंग को मुंहतोड़ जवाब देने कसम खाई थी। कहा गया है कि इसके बाद से ही उत्तर कोरिया आंतकी हमलों की साजिश की दिशा में सक्रिय हुआ है।
इंडो एशियन न्यूज सर्विस।
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Wednesday, 17 February 2016 20:50
बीएई, महिंद्रा देश में होवित्जर्स का निर्माण करेंगी
नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। ब्रिटेन की रक्षा कंपनी बीएई सिस्टम्स ने बुधवार को कहा कि देश में अत्यधिक हल्के होवित्जर्स की एसेंबली, एकीकरण और परीक्षण इकाई स्थापित करने के लिए उसने महिंद्रा समूह को साझेदारी के लिए चुना है।
भारतीय सेना को 145 एम777 ए2 एलडब्ल्यू155 होवित्जर्स की बिक्री के प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद ने मंजूरी दे दी है, जिसका मूल्य 13 मई, 2015 को 2,900 करोड़ रुपये तय किया गया था।
बीएई ने कहा कि इकाई की स्थापना के प्रस्ताव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता का पता चलता है।
बीएई सिस्टम्स के हथियार प्रणाली कारोबार के उपाध्यक्ष जो सेंटले ने एक बयान में कहा, "बीएई सिस्टम भारत में एआईटी सुविधा के विकास के लिए अपनी कोशिश में महिंद्रा के साथ साझेदारी करने को लेकर काफी उत्साहित है। यह सुविधा एम777 उत्पादन के लिए बुनियादी जरूरत है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
भारतीय सेना को 145 एम777 ए2 एलडब्ल्यू155 होवित्जर्स की बिक्री के प्रस्ताव को रक्षा खरीद परिषद ने मंजूरी दे दी है, जिसका मूल्य 13 मई, 2015 को 2,900 करोड़ रुपये तय किया गया था।
बीएई ने कहा कि इकाई की स्थापना के प्रस्ताव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता का पता चलता है।
बीएई सिस्टम्स के हथियार प्रणाली कारोबार के उपाध्यक्ष जो सेंटले ने एक बयान में कहा, "बीएई सिस्टम भारत में एआईटी सुविधा के विकास के लिए अपनी कोशिश में महिंद्रा के साथ साझेदारी करने को लेकर काफी उत्साहित है। यह सुविधा एम777 उत्पादन के लिए बुनियादी जरूरत है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Tuesday, 16 February 2016 22:10
तुर्की ने उत्तरी सीरिया से गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया
अंकारा, 16 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। तुर्की की सेना ने उत्तरी सीरिया में डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी (पीवाईडी) के ठिकानों पर मंगलवार को भी गोलाबारी जारी रखी। तुर्की की सेना ने कहा कि वह क्षेत्र से की जा रही गोलाबारी का जवाब दे रही है।
निजी समाचार एजेंसी डोगन न्यूज की एक रपट के मुताबिक, उत्तरी सीरिया स्थित पीवाईडी के ठिकानों से मंगलवार सुबह गोलाबारी की शुरुआत हुई, जिसके बाद सीरिया की सीमा से लगे किल्स प्रांत में जवाबी गोलाबारी के लिए तुर्की की तोप इकाई को तैनात किया गया।
रपट के मुताबिक, तुर्की के सुरक्षाबलों ने तुर्की-सीरिया सीमा पर सुरक्षा के उपाय बढ़ा दिए हैं।
तुर्की की सेना ने बीते सप्ताह कई बार पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के ठिकानों पर गोलाबारी की, जो पीवाईडी की सैन्य शाखा है और सीरिया में प्रतिबंधित कुर्दिश वर्कर्स पार्टी (पीकेके) से संबद्ध है।
तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लू ने सोमवार को कहा कि तुर्की सीरिया के अलेप्पो शहर के अजाज शहर पर कुर्दिश डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी का कब्जा नहीं होने देगा।
यूक्रेन की राजधानी कीव जाते वक्त दावुतोग्लू ने कहा, "हम अजाज कस्बे पर कब्जा नहीं होने देंगे। पूरी दुनिया को इस बात से परिचित होना चाहिए।"
उत्तरी सीरिया के निकट अजाज कस्बा तुर्की की सीमा पर स्थित है और तुर्की को सीरिया से जोड़ने के लिए यह प्रमुख गलियारा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
निजी समाचार एजेंसी डोगन न्यूज की एक रपट के मुताबिक, उत्तरी सीरिया स्थित पीवाईडी के ठिकानों से मंगलवार सुबह गोलाबारी की शुरुआत हुई, जिसके बाद सीरिया की सीमा से लगे किल्स प्रांत में जवाबी गोलाबारी के लिए तुर्की की तोप इकाई को तैनात किया गया।
रपट के मुताबिक, तुर्की के सुरक्षाबलों ने तुर्की-सीरिया सीमा पर सुरक्षा के उपाय बढ़ा दिए हैं।
तुर्की की सेना ने बीते सप्ताह कई बार पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) के ठिकानों पर गोलाबारी की, जो पीवाईडी की सैन्य शाखा है और सीरिया में प्रतिबंधित कुर्दिश वर्कर्स पार्टी (पीकेके) से संबद्ध है।
तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लू ने सोमवार को कहा कि तुर्की सीरिया के अलेप्पो शहर के अजाज शहर पर कुर्दिश डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी का कब्जा नहीं होने देगा।
यूक्रेन की राजधानी कीव जाते वक्त दावुतोग्लू ने कहा, "हम अजाज कस्बे पर कब्जा नहीं होने देंगे। पूरी दुनिया को इस बात से परिचित होना चाहिए।"
उत्तरी सीरिया के निकट अजाज कस्बा तुर्की की सीमा पर स्थित है और तुर्की को सीरिया से जोड़ने के लिए यह प्रमुख गलियारा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Tuesday, 16 February 2016 22:10
उल्फा, एनएससीएन-के के 4 आतंकी मारे गए
गुवाहाटी, 16 फरवरी (आईएएनएस)। उल्फा और नागा संगठन एनएससीएन-के के चार आतंकी मंगलवार को मुठभेड़ में मारे गए। सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई में इन्हें मार गिराया गया। मुठभेड़ असम के तिनसुकिया जिले में हुई।
गुवाहाटी स्थित रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनीत न्यूटन ने एक बयान में बताया कि मुठभेड़ बोर्दुम्सा क्षेत्र में हुई।
सेना ने असम पुलिस के साथ मिलकर असम और अरुणाचल की सीमा पर स्थित तिनसुकिया और चांगलांग में संयुक्त अभियान में इन चारों आतंकियों को मार गिराया।
बयान में कहा गया है कि इन चारों में से तीन का संबंध एनएससीएन-के के वार्ता विरोधी गुट से और एक का संबंध उल्फा के वार्ता विरोधी गुट से था।
अधिकारी ने बताया कि सूचना मिली थी कि आतंकी बोर्दुम्सा के दिल्ली पाथर गांव में अवैध वसूली के लिए जा रहे हैं।
सुरक्षा कर्मियों ने आतंकियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आतंकियों ने सुरक्षा कर्मियों पर गोलीबारी की। जवाबी गोलीबारी में चारों आतंकी मारे गए। उनके पास से एक एके-56 राइफल समेत अन्य हथियार बरामद हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
गुवाहाटी स्थित रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुनीत न्यूटन ने एक बयान में बताया कि मुठभेड़ बोर्दुम्सा क्षेत्र में हुई।
सेना ने असम पुलिस के साथ मिलकर असम और अरुणाचल की सीमा पर स्थित तिनसुकिया और चांगलांग में संयुक्त अभियान में इन चारों आतंकियों को मार गिराया।
बयान में कहा गया है कि इन चारों में से तीन का संबंध एनएससीएन-के के वार्ता विरोधी गुट से और एक का संबंध उल्फा के वार्ता विरोधी गुट से था।
अधिकारी ने बताया कि सूचना मिली थी कि आतंकी बोर्दुम्सा के दिल्ली पाथर गांव में अवैध वसूली के लिए जा रहे हैं।
सुरक्षा कर्मियों ने आतंकियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आतंकियों ने सुरक्षा कर्मियों पर गोलीबारी की। जवाबी गोलीबारी में चारों आतंकी मारे गए। उनके पास से एक एके-56 राइफल समेत अन्य हथियार बरामद हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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Tuesday, 16 February 2016 20:50
अमेरिका 4 एफ-22 विमानों को दक्षिण कोरिया भेजेगा
सियोल, 16 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। अमेरिका परमाणु क्षमता संपन्न एफ-22 स्टील्थ लड़ाकू विमानों को दक्षिण कोरिया भेजेगा। कोरिया प्रायद्वीप में उत्तर कोरिया के बढ़ते सैन्य दबदबे के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। समाचार एजेंसी योनहाप ने सैन्य अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी।
अमेरिका की सैन्य शक्ति माने जाने वाले चार एफ-22 लड़ाकू विमानों के दक्षिण कोरिया भेजे जाने की संभावना है, जो सियोल व वाशिंगटन के बीच संयुक्त रक्षा तैयारी को प्रदर्शित करेगा। बुधवार को यह कोरियाई प्रायद्वीप में नजर आएगा।
एफ-22 में किसी भी रडार की पकड़ में न आने की क्षमता है और परमाणु मिसाइलों व बमों को ले जाने की क्षमता रखता है।
ये विमान जापान के ओकिनावा में अमेरिकी वायुसैनिक अड्डे पर तैनात हैं, जो लगभग दो घंटे में कोरियाई प्रायद्वीप पहुंच सकते हैं।
उत्तर कोरिया द्वारा सात फरवरी को लंबी दूरी के मिसाइल के परीक्षण के मद्देनजर, एफ-22 विमानों को दक्षिण कोरिया भेजने की तैयारी है।
उत्तर कोरिया द्वारा जनवरी में किए गए परमाणु परीक्षण के महज चार दिनों बाद अमेरिकी सेना ने गुआम स्थित अमेरिकी वायुसैनिक अड्डे से लंबी दूरी तक मार करनेवाला एक बी-52 बमवर्षक जहाज को दक्षिण कोरिया भेजा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
अमेरिका की सैन्य शक्ति माने जाने वाले चार एफ-22 लड़ाकू विमानों के दक्षिण कोरिया भेजे जाने की संभावना है, जो सियोल व वाशिंगटन के बीच संयुक्त रक्षा तैयारी को प्रदर्शित करेगा। बुधवार को यह कोरियाई प्रायद्वीप में नजर आएगा।
एफ-22 में किसी भी रडार की पकड़ में न आने की क्षमता है और परमाणु मिसाइलों व बमों को ले जाने की क्षमता रखता है।
ये विमान जापान के ओकिनावा में अमेरिकी वायुसैनिक अड्डे पर तैनात हैं, जो लगभग दो घंटे में कोरियाई प्रायद्वीप पहुंच सकते हैं।
उत्तर कोरिया द्वारा सात फरवरी को लंबी दूरी के मिसाइल के परीक्षण के मद्देनजर, एफ-22 विमानों को दक्षिण कोरिया भेजने की तैयारी है।
उत्तर कोरिया द्वारा जनवरी में किए गए परमाणु परीक्षण के महज चार दिनों बाद अमेरिकी सेना ने गुआम स्थित अमेरिकी वायुसैनिक अड्डे से लंबी दूरी तक मार करनेवाला एक बी-52 बमवर्षक जहाज को दक्षिण कोरिया भेजा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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