नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (जीएसपीसी) ने बैंकों का 19,700 करोड़ रुपये ऋण नहीं चुकाया था।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, "गुजरात सरकार की कंपनी जीएसपीसी ने गैस की खोज के लिए 15 बैंकों से 19,700 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। हमारे नाटकबाज प्रधानमंत्री ने 2005 में कहा था कि जीएसपीसी देश के सबसे बड़े गैस भंडार की खोज करेगी। 11 साल बीत चुके हैं और अब तक गैस नहीं मिली है और जीएसपीसी को हर साल बैंकों को 1,800 करोड़ रुपये सिर्फ ब्याज के रूप में चुकाने हैं, जबकि कंपनी की आय ही महज 80 करोड़ रुपये है। यह एक महा घोटाला है।"
उन्होंने कहा कि जनता, मीडिया और विपक्षी पार्टियों के दबाव पर सरकार शराब कारोबारी विजय माल्या के मुद्दे पर नाटक कर रही है, जिन्होंने बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये का गबन किया है।
रमेश ने कहा, "आखिर सरकार उन पर कार्रवाई क्यों नहीं करती, जो जीएसपीसी घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं? इसलिए क्योंकि यह मुद्दा प्रधानमंत्री के दरवाजे तक पहुंचता है। यदि विजय माल्या का घोटाला एक व्यक्ति का घोटाला है, तो जीएसपीसी का घोटाला एक कंपनी का घोटाला है, जिसमें इसके शीर्ष पर बैठा व्यक्ति शामिल है। यह घोटाला मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना नहीं हो सकता है।"
रमेश ने सवाल किया, "आखिर गुजरात सरकार ने जीएसपीसी को दिवालिया क्यों नहीं घोषित किया? और इसे गैर निष्पादित परिसंपत्ति क्यों नहीं घोषित की गई।"
रमेश ने सरकार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "एनआईए नरेंद्र इनवेस्टिगेशन एजेंसी बन चुकी है। इसलिए एनआईए द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में फंसे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोगों को इस सरकार के कार्यकाल में मुक्त किया जा रहा है।"
वह समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में कर्नल पुरोहित को एनआईए द्वारा दिए गए क्लीन चिट पर पूछे गए सवाल के जवाब दे रहे थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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