नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने सोमवार को लोकसभा में मांग की कि मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीशों द्वारा टिप्पणियां करने पर रोक लगाई जाए।
भाजपा के मुख्य सचेतक मेघवाल ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाया।
मेघवाल ने कहा, "मामले की सुनवाई करते समय न्यायाधीशों द्वारा संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ टिप्पणी करना ठीक नहीं है। इसे रोका जाना चाहिए और संसद को इसे रोकने के लिए प्रावधान करना चाहिए।"
विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इसका विरोध किया तो मेघवाल ने कहा, "मैं इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहा हूं और न ही किसी को इस मुद्दे पर राजनीति करनी चाहिए।"
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा था कि देश के राष्ट्रपति कोई बादशाह नहीं हैं जो कभी गलती नहीं कर सकते।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने पर पीठ ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि अत्यधिक शक्ति किसी का भी दिमाग खराब कर सकती है, यहां तक कि राष्ट्रपति भी गलत हो सकते हैं और ऐसी स्थिति में उनके फैसले मूल्यांकन का विषय हो सकते हैं।
पीठ ने कहा था कि किसी के भी स्तर से पारित आदेश का न्यायिक मूल्यांकन करने का अधिकार न्यायालयों के पास है।
अदालत ने इससे पहले 27 मार्च की सुनवाई के दौरान भी केंद्र सरकार की आलोचना की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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