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ओला एप पर गुड़गांव, नोएडा में ऑटो-रिक्शा भी उपलब्ध

निकट भविष्य में परिवार नियोजन नीति में पूर्ण छूट नहीं : चीन

बीजिंग, 8 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन की एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि निकट भविष्य में देश की परिवार नियोजन नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। फिलहाल इसमें पूरी तरह छूट देने की भी कोई योजना नहीं है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन आयोग की प्रमुख ली बिन ने देश के वार्षिक विधायी सत्र के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

2015 में चीन की आबादी 1.375 अरब दर्ज की गई।

ली ने कहा कि चीन का प्रति व्यक्ति आर्थिक उत्पादन औसत जीवन स्तर से कम रहा है।

उन्होंने कहा, "हमारे संसाधन हमारे विशाल आबादी को देखते हुए कम हैं। इनमें जब तक सुधार नहीं होता तब तक हम मौजूदा परिवार नियोजन नीति जारी रखेंगे।"

ली ने कहा, "नीति में पूरी तरह छूट देने का कोई को निश्चित समय नहीं है। यह सुधार व समायोजन न होने तक जारी रहेगी।"

चीन ने इस साल सभी विवाहित जोड़ों को दो बच्चे पैदा करने की इजाजत दे दी।

दो बच्चा नीति लागू होने से चीन में हर साल और 30 लाख लाख बच्चे पैदा होंगे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर में बैलिस्टिक मिसाइलें दागी
    सियोल, 10 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैन्याभ्यास और स्वयं पर लगे कड़े प्रतिबंधों के विरोध में पूर्वी सागर में छोटी दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं।

    समाचार एजेंसी 'योनहाप' ने दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के हवाले से बताया कि उत्तर कोरिया के पश्चिमी क्षेत्र में उत्तर हवांग्हे प्रांत से सुबह 5.20 बजे छोटी दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई।

    ऐसा माना जा रहा है कि ये मिसाइलें स्कड मिसाइलें हैं।

    इन मिसाइलों ने लगभग 500 किलोमीटर की दूरी तय की और पूर्वी सागर में उत्तर कोरिया के तटीय शहर वोन्शान में सागर में जा गिरी।

    उत्तर कोरियाई सेनाओं ने 2016 में पहली बार छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने तीन मार्च को पूर्वी सागर में 300 एमएम के कई रॉकेट दागे थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ओला एप पर गुड़गांव, नोएडा में ऑटो-रिक्शा भी उपलब्ध
    नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। परिवहन सुविधाएं मुहैया कराने वाली मोबाइल एग्रिगेटर ओला ने बुधवार को गुड़गांव एवं नोएडा में अपने एप पर ऑटो-रिक्शा को उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इन शहरों के उपभोक्ता ओला एप पर कैब के साथ ही अब ऑटो रिक्शा की भी बुकिंग भी कर सकेंगे।

    ओला ऑटो इन दो शहरों के अलावा भारत के 12 शहरों यानी बैंगलोर, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, चण्डीगढ़, इन्दौर, जयपुर, गुड़गांव, नोएडा और मैसूर में भी उपलब्ध होंगे। जबकि गुड़गांव, नोएडा और मैसूर में बुधवार को इस सेवा की शुरुआत की गई।

    ऑटो रिक्शा की सवारी करने में लोगों को आमतौर पर किराये को लेकर काफी चिकचिक करनी पड़ती है। लेकिन ओला ऑटो पर निर्धारित किरायों के साथ उपभोक्ता एप पर अपनी राइड को ट्रैक भी कर सकते हैं और रियल टाइम में अपनी राइड का विवरण अपने दोस्तों और परिजनों के साथ लाइव मैप पर शेयर भी कर सकते हैं।

    ओला ऑटो 5 रुपये प्रति किलोमीटर की दर पर गुड़गांव और नोएडा में चौबीसो घंटे उपलब्ध हैं और 5 मिनट से भी कम समय में ये उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो जाएंगे।

    ओला के वरिष्ठ निदेशक (ऑपरेशन्स) नीतेश प्रकाश ने कहा, "हमें खुशी है कि दिल्ली के उपभोक्ताओं और चालकों से शानदार प्रतिक्रिया मिलने के बाद अब हम गुड़गांव और नोएडा में भी ओला ऑटो सेवाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं। इन शहरों के उपभोक्ता अब बड़ी आसानी से ओला ऐप पर मात्र एक टैप के द्वारा अपने लिए ऑटो की बुकिंग कर सकते हैं।"

    ओला प्लेटफॉर्म पर मौजूद हर ऑटो जीपीएस इनेबल्ड स्मार्टफोन द्वारा पावर्ड है और देश के 12 शहरों में ओला प्लेटफॉर्म पर 80,000 से ज्यादा ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • महिलाओं को अधिक झेलना पड़ना है 'गर्दन का दर्द'
    न्यूयार्क, 9 मार्च (आईएएनएस)। महिलाओं और पुरुषों में दर्द के अलग-अलग अनुभवों पर प्रकाश डालते हुए अमेरिका के शोधार्थियों ने पता लगाया है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में गर्दन दर्द का अधिक सामना करना पड़ता है। एक नए शोध में इसकी पुष्टि हुई है।

    यह दर्द सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग के कारण होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या 1.38 फीसदी अधिक होने की संभावना होती है।

    सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग गर्दन के दर्द का एक आम कारण है। इसमें गर्दन में कठोरता, खिंचाव, जलन, झुनझुनी और स्तब्धता का अनुभव होता है। सिर और गर्दन को हिलाने-डुलाने पर काफी तेज दर्द महसूस होता है।

    इस शोध में लोयोला यूनिवर्सिटी शिकागो स्ट्रिच स्कूल ऑफ मेडिसिन के भारतीय मूल के शोधार्थी राघवेंद्र और जोसेफ होल्टमैन ने 3,337 रोगियों का अध्ययन किया, जो दर्द का इलाज करा रहे थे।

    शोधार्थियों ने बताया कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दर्द का फैलाव थोड़ा अधिक पाया गया, हालांकि यह अंतर सांख्यिकी रूप से महत्वपूर्ण नहीं था।

    यह शोध 'अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेन मेडिसिन इन पाल्म स्प्रिंग्स' की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • भूंकप चेतावनी प्रणाली की बिक्री करेगा जापान
    टोक्यो, 9 मार्च (आईएएनएस)। जापान की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी एनईसी ने उन्नत भूकंप चेतावनी प्रणाली को लैटिन अमेरिका सहित विभिन्न देशों में बेचने की योजना बनाई है।

    सामाचार एजेंसी एफे की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने बुधवार को एक बयान में घोषणा की है कि वह ताइवान के सेंट्रल वेदर ब्यूरो के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत वह सितंबर माह में इस तकनीक की जमीनी स्तर पर जांच करेगा।

    एनईसी की अत्याधुनिक तकनीक भूकंप के प्रारंभिक झटकों को दर्ज कर सकती है, साथ ही बड़े भूकंप की स्थिति में यह राष्ट्रव्यापी स्तर पर लोगों को मोबाइल पर चेतावनी संदेश भेज सकती है, साथ ही यह टेलीविजन पर चेतावनी व ध्वनि संदेश भेजने में सक्षम है।

    यह कंपनी फिलहाल जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के साथ काम कर रही है, जिसने साल 2004 में परीक्षण के लिए इस प्रणाली को अपनाया था और तीन साल बाद इसे मानक चेतावनी प्रणाली में बदल दिया। देश के बाहर व्यवसायीकरण के रूप में इस तकनीक का यह पहला कदम होगा।

    कंपनी को आशा है कि दिसंबर के आसपास ताइवान की ओर से इस तकनीक की मांग की जा सकती है। साथ ही इंडोनेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, नेपाल और लैटिन अमेरिकी जैसे भूकंप की आशंका वाले क्षेत्रों की ओर से इस प्रणाली की मांग किए जाने की अधिक उम्मीद है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • चीन के कॉलेज छात्र गैप ईयर का उपयोग उद्यमिता में कर सकेंगे
    बीजिंग, 9 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन कॉलेज के छात्रों को गैप ईयर का उपयोग अपना कारोबार शुरू करने के लिए उत्साहित करेगा। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में दी। मंत्रालय ने हालांकि गैप ईयर की अवधि और शर्ते सुनिश्चित कर दी हैं।

    उप शिक्षा मंत्री लिन हुइकिंग ने ऑनलाइन माध्यम में कहा कि 2015 में यह प्रस्ताव रखा गया था कि कॉलेज छात्र गैर ईयर का उपयोग नया कारोबार शुरू करने में कर सकते हैं और बाद में डिप्लोमा हासिल करने के लिए वापस कॉलेज आ सकते हैं।

    कुछ क्षेत्रों और विश्वविद्यालयों ने कुछ शर्ते जैसे परीक्षा या थीसिस पूरी करने के लिए आठ साल की सीमा तय की है।

    लिन ने कहा कि इस साल शर्तो की एक देशव्यापी सूची तय की जाएगी, ताकि छात्रों को उद्यमिता के लिए बढ़ावा दिया जा सके।

    उनके मुताबिक विश्वविद्यालयों को नवाचार और उद्यमिता पर भाषण देने के लिए वैज्ञानिकों, उद्यमियों और वेंचर कैपिटलिस्टों को बुलाना चाहिए।

    मानव संसाधन और सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय ने एक रोजगार सेवा अभियान भी शुरू किया है, जो जुलाई तक चलेगा।

    2016 में स्नातकों की संख्या 76.5 लाख हो जाने की उम्मीद है, जो एक साल पहले के मुकाबले 1,60,000 अधिक होगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उत्तरी केन्या में विकास को बढ़ावा देने चीन बना रहा सड़क
    मोयाले (केन्या), 9 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। एक चीनी कंपनी केन्या और इथियोपिया को जोड़ने के लिए 130 किलोमीटर लंबी पक्की सड़क का निर्माण कर रही है ताकि केन्या के उत्तरी देश मारसाबिट समेत समूची केन्या की आर्थिक अवसरों का दोहन किया जा सके।

    देश के स्थानीय सरकारी प्रशासक वाल्डा जाट्टानी ने बताया, "सड़क के बन जाने से इस क्षेत्र में संभावनाएं और अवसर पैदा होंगे, क्योंकि अब तक यह काफी पिछड़ा इलाका रहा है।" 130 किलोमीटर लंबी यह सड़क मारासाबित से राजधानी नैरोबी को जोड़ने वाली सड़क का एक हिस्सा है।

    उन्होंने कहा, "अब मारासाबित से नैरोबी का सफर काफी आसान हो जाएगा। क्योंकि अभी ये सफर तीन दिनों का है जो घटकर एक दिन का हो जाएगा।"

    यह सड़क ट्रांस-अफ्रीकी हाईवे का एक हिस्सा है जो मिस्र के काहिर से शुरू होकर दक्षिण अफ्रीका के केप टाऊन तक जाएगी।

    इस सड़क का निर्माण केन्या की सरकार अफ्रीकन डेवलपमेंट बैंक और चीन के एक्जिम बैंक की मदद से करवा रही है। सड़क का निर्माण कार्य जून में खत्म होगा जिसे चीनी कंपनी वूयी कर रही है।

    इस क्षेत्र में अक्सर सांप्रदायिक संघर्ष और जातीय लड़ाइयां होती रहती थी और यह दुर्गम व अशांत क्षेत्र था, लेकिन अब सड़क के बनने के बाद यहां पुलिस लगातार पहरा देती रहती है।

    चीनी कंपनी को यहां काम करने में कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन पर हमला किया गया, उनके सामान को आग लगा दिया गया और उनके वाहनों को लूट लिया गया। इस सड़क को मौत व आतंक की सड़क कहा जाता था, लेकिन अब पक्की सड़क बन जाने के बाद यही सड़क मारासाबित देश के लिए नए अवसर लेकर आया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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