नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। कवि लक्ष्मी शंकर बाजपेयी ने कहा कि गजल ऐसी विधा है जो करोड़ों दिलों को जोड़ती है। यह जीवन का एक ऐसा पहलू है जो हर स्थिति में किसी न किसी रूप में मानवीय जीवन से जुड़ा है।
उन्होंने यह बात गैर सरकारी संगठन साक्षी और सियेट द्वारा इंडिया हैबीटेट सेंटर के सहयोग से हैबीटेट सेंटर के अमलतास सभागार में शनिवार को आयोजित संगीतमय संध्या 'गजल का सफर' में कही।
उन्होंने कहा, "हम सभी अपने अंदाज से संगीत का लुत्फ उठाते हैं ऐसे में यदि इसी संगीत की बारीकियों को सुनने के साथ-साथ समझने का मौका मिले तो एक सच्चे संगीतप्रेमी के लिए शायद ही इससे अविस्मरणीय सौगात कुछ और हो सकती है।"
गजल प्रेमियों को ऐसा ही उपहार हाल ही में मिला एक अद्भुत संगीत संध्या के माध्यम से जहां उन्होंने न केवल गजल सुनी, बल्कि इसके विभिन्न पहलुओं के विषय में भी जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम में उस्ताद शकील अहमद ने अपने गायन व प्रख्यात कवि लक्ष्मी श्ांकर बाजपेयी ने अपने चिर-परिचित अंदाज व ज्ञान सागर से गजल की जबरदस्त यात्रा प्रदान की।
कार्यक्रम की शुरुआत में लक्ष्मी शंकर बाजपेयी ने श्रोताओं को कार्यक्रम व गजल के विषय में जानकारी दी कि किस तरह गजल का निर्माण हुआ है, गजल क्या है और इसको सुनने व समझने का मापदंड क्या है।
एक तरफ जहां बाजपेयी का अंदाज श्रोताओं की उत्सुकता बढ़ा रहा था, वहीं उस्ताद शकील अहमद खान के गायन ने सभी को उनके कला-कौशल का कायल किया। उन्होंने अपने प्रस्तुतिकरण में एक के बाद एक गजल प्रस्तुत करके उपस्थित मेहमानों व अन्य को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर साक्षी की अध्यक्ष डॉ. मृदुला टंडन ने कहा कि आज के समय में गजल की मूलभूत संरचना और इसकी विविधताओं से श्रोताओं को परिचित कराना बहुत जरूरी है और संगीत की लोकप्रिय अभिव्यक्ति व समझ को बढ़ाने के उद्देश्य से हमने यह प्रयास किया है।
उस्ताद शकील अहमद ने कहा कि गजल का सफर अपने आप ने अद्भुत व अनोखा है और हमारे देश में एक से बढ़कर एक कलाकार हुए हैं, जिन्होंने इसे लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम के दौरान श्रोताओं को गालिब, मीर, दाग देहलवी, मोमिन खान मोमिन सहित अन्य श्रेष्ठ कलाकारों की रचनाओं से रूबरू होने का मौका मिला।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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