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उत्तर प्रदेश : मिशन-2017 में होगी 'पीके' के कौशल की परीक्षा Featured

विद्या शंकर राय

बिहार विधानसभा चुनाव में अपने चुनावी प्रबंधन का हुनर दिखा चुके 'पीके' उर्फ प्रशांत किशोर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को संजीवनी देने में जुटे हैं। प्रदेश में कांग्रेस के लिए करिश्माई नेतृत्व की तलाश में लगे पीके के कौशल की परख उप्र के विधानसभा चुनाव 2017 में हो जाएगी। पीके के सामने चुनौती चुनावी जंग में लगातार पिट रही कांग्रेस को पटरी पर लाने की है।

उप्र में कांग्रेस इस समय अपने बुरे दौर से गुजर रही है। वर्ष 1996 विधानसभा के चुनाव को छोड़ दें तो कांग्रेस वर्ष 1993 से अब तक उप्र में लगातार हार का स्वाद चखती आ रही है। पिछले चार चुनावों में पार्टी उप्र में 30 का आंकड़ा भी नहीं पार कर सकी है।

उप्र में कांग्रेस अपने परंपरागत वोट बैंक दलित-मुस्लिम-ब्राहमण को कभी एकजुट नहीं कर पाई है। सत्ता से दूरी और लगातार चुनाव हारने से कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटा हुआ है। एक के बाद एक गठबंधन भी कांग्रेस को पटरी पर नहीं ला सका।

कांग्रेस के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि पीके के लिए उप्र में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव जिताने की राह आसान नही होने वाली है। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कार्यकर्ताओं को नए सिरे से खड़ा करना है।

उन्होंने कहा, "उप्र में संगठन को खड़ा करना सबसे बड़ी चुनौती है। कार्यकर्ता पूरी तरह से निराश हैं। यहां टिकटों के बंटवारे के दौरान भी काफी अनियमितता बरती जाती है। बाहर से यहा दूसरी पार्टी से आए नेताओं को टिकट पकड़ा दिया जाता है, जिससे लंबे समय से पार्टी में रह रहे कार्यकर्ता का मनोबल और टूटता है।"

उन्होंने कहा कि वर्ष 1996 में बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद पार्टी प्रदेश में दोबारा खड़ी नहीं हो पाई। पंचायतों व निकायों के चुनाव में भी पार्टी हाशिये पर पहुंच गई।

उप्र की मडिहान विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान हालांकि यह कहा कि अभी यह कह पाना जल्दबाजी होगी कि प्रशांत किशोर के जुड़ने से इसका कितना असर संगठन पर पड़ेगा, लेकिन इतना तो तय है कि परिस्थतियां बदलेंगी और कांग्रेस एक बार फिर उठ खड़ी होगी।

त्रिपाठी ने कहा, "यह तो सच है कि प्रशांत किशोर को अपने साथ जोड़ने के लिए उप्र की बाकी पार्टियां भी जुटी हुई थीं। कांग्रेस के साथ जुड़ने के बाद उनमें भी दहशत का माहौल है। इसका फायदा संगठन को जरूर मिलेगा। राहुल गांधी व प्रशांत किशोर के साथ मिलकर हर कांग्रेसी उप्र में कड़ी मेहनत करेगा और इसका सकारात्मक परिणाम भी मिलेगा।"

गौरतलब है कि आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लगभग 11 प्रतिशत मत मिले थे। वर्ष 2007 में 8़8 प्रतिशत, 2002 में 8़9 प्रतिशत, 1996 में 29़1 प्रतिशत वोट मिले थे। ये आंकड़े बताते हैं कि उप्र में कांग्रेस को पटरी पर लाने के लिए प्रशांत किशोर के कौशल की भी परीक्षा होनी है।

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  • उप्र को बिजली में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य : मंत्री शैलेंद्र (साक्षात्कार)
    विद्या शंकर राय
    लखनऊ, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री शैलेंद्र यादव 'ललई' का कहना है कि अखिलेश सरकार ने अपने चार वर्षो के कार्यकाल के दौरान बिजली का उत्पादन बढ़ाने को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार की कोशिश उत्तर प्रदेश को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की है।

    उप्र के ऊर्जा राज्यमंत्री ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि उप्र में चार वर्षो के भीतर बिजली के क्षेत्र में जितना काम अखिलेश यादव के नेतृत्व में हुआ है, उतना पिछले 25 वर्षो के दौरान नहीं हुआ।

    राज्यमंत्री ने कहा, "पिछले 25 वर्षो के दौरान पिछली सरकारों ने उप्र में बिजली समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया। इसीलिए समस्याएं बढ़ती चली गईं। उप्र में शासन करने वाली सरकारों ने बिजली के संसाधनों को विकसित नहीं किया।"

    ललई यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री बने थे, तब इस दिशा में काम शुरू हुआ, लेकिन बाद में सरकार बदलने के बाद सारी योजनाएं ठप्प हो गईं। एक बार फिर जब अखिलेश यादव वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री बने तो पिछली सरकारों की गलतियों को सुधार कर उप्र में बिजली का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम शुरू किया गया।

    पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाते हुए ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा, "बसपा और भाजपा के शासनकाल के दौरान बिजली के उत्पादन को लेकर कुछ काम नहीं हुआ। ट्रांसमिशन के क्षेत्र में कुछ काम नहीं हुआ। नए सब स्टेशन नहीं बनाए गए और नई लाइनें भी नहीं बिछाई गईं। इन सब पर काम हुआ होता तो आने वाले समय में उसका लाभ मिला होता।"

    ललई यादव ने कहा कि उप्र में जब भाजपा की सरकार थी तब टांडा और ऊंचाहार में बने थर्मल पॉवर प्लांट को एनटीपीसी को बेच दिया गया। ये दोनों थर्मल पॉवर प्लांट राज्य सरकार के पास होते तो आज राज्य को लगभग 2000 मेगावाट बिजली अलग से मिलती।

    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। अनपरा डी में 660 मेगावाट के अलावा बारा और ललितपुर में बने पॉवर प्लांट से अगले दो तीन महीने में बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी, जिसका लाभ राज्य की जनता को मिलेगा।

    समाजवादी पार्टी के नेता और ऊर्जा राज्यमंत्री ललई यादव ने कहा कि अखिलेश सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि 15 मार्च, 2016 से राज्य के आठ धार्मिक स्थलों को 24 घंटे बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी।

    उन्होंने कहा, "उप्र में आठ धार्मिक स्थलों को 15 मार्च से 24 घंटे बिजली मिलनी शुरू हो जाएंगी। पंजप्यारे गुरुद्वारा मेरठ, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा, बांके बिहारी मंदिर मथुरा, देवा शरीफ बाराबंकी, बौद्ध स्तूप, श्रावस्ती, दरगाह किचौचिया, अम्बेडकरनगर और बनारस में सारनाथ का नाम शामिल है।"

    उप्र सरकार को चार वर्ष पूरे होने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चार हजार करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे। इसके तहत उपकेंद्रों का निर्माण कराया जाएगा।

    सरकार ने यह फैसला लिया है, ग्रामीण इलाकों में 16 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाएगी और उसमें भी आठ घंटे दिन में ही किया जाएगा, ताकि किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए रात में न जागना पड़े।

    बुंदेलखंड में पानी की कमी के बारे में पूछे जाने पर ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बुंदेलखंड में टैंकर से लोगों को पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा।

    ऊर्जा राज्यमंत्री ने दावे के साथ कहा कि बिजली के मामले में उप्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार कदम बढ़ा चुकी है और अक्टूबर, 2016 तक सरकार लगभग 5000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था कर लेगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • 13 अरब डॉलर की सिंचाई योजना 6.6 करोड़ किसानों के लिए फिजूल
    अभिषेक वाघमारे
    अवरुद्ध सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने की दो दशक पुरानी योजना का करीब 6.6 करोड़ किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है और इसने 35 करोड़ भारतीयों का आर्थिक विकास रोका है। यह निचोड़ एक ताजा विश्लेषण का है।

    केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2016-17 में कहा कि 1997 में शुरू किए गए एक्सीलरेटेड इर्रिगेशन बेनिफिट्स प्रोग्राम (एआईबीपी) के तहत सरकार आठ करोड़ हेक्टेयर खेत तक अगले पांच साल में सिंचाई सुविधा पहुंचाने के लिए 86,500 करोड़ रुपये (12.7 अरब डॉलर) खर्च करेगी। यानी, सरकार ने अगले पांच साल में जितनी भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा है, उतना आजादी के बाद के 69 साल में भी सिंचित नहीं हुआ है। 2014 में जारी कृषि आंकड़ों के मुताबिक देश के कुल 14 करोड़ हेक्टेयर खेत में से 46 फीसदी या 6.5 करोड़ हेक्टेयर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुंचाई गई है।

    एआईबीपी पर 1997 के बाद 20 साल में 72,000 करोड़ रुपये (10.5 अरब डॉलर) खर्च हुए हैं।

    गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगिंदर के अलघ ने पिछले सप्ताह समाचार पत्रिका आउटलुक में लिखा, "1990 के दशक में योजना मंत्री के रूप में एआईबीपी का प्रारूप तैयार करने के कारण इसके पितामह के रूप में मेरा एआईबीपी से लगाव है। इस सदी की शुरुआत में हालांकि हमने यह सवाल उठाया- यह योजना अब क्यों प्रभावी नहीं हो पा रही है? 12वीं योजना में कहा गया है- हम नहीं जानते हैं और हमें पता लगाना चाहिए। वित्त मंत्री को इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करनी चाहिए।"

    जेटली एक असफल सिंचाई कार्यक्रम पर पैसा लगा रहे हैं। 2008 तक 34,000 करोड़ रुपये (5 अरब डॉलर) खर्च के बाद 1.9 करोड़ हेक्टेयर लक्ष्य की जगह सिर्फ 50 लाख हेक्टेयर खेत तक सिंचाई पहुंचाई जा सकी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2014 तक 95 लाख हेक्टेयर खेत तक सिंचाई सुविधा पहुंची।

    देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की 2010 की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "एआईबीपी अपना लक्ष्य हासिल करने में असफल रहा है।"

    इस योजना पर मंत्री ने अगले पांच साल तक प्रति वर्ष 17,300 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की है, जबकि गत दो दशकों से इस पर प्रति वर्ष सिर्फ 3,650 करोड़ रुपये ही खर्च हुए हैं।

    2016-17 के बजट में एआईबीपी के लिए 1,877 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जेटली के लक्ष्यों पर खरा उतरने के लिए इसे बढ़ाना होगा।

    वित्त आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "10वीं योजना (2007) की समाप्ति पर समग्र सिंचाई संभावना उपयोग करीब 84 फीसदी था। इसमें 1990 के बाद से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। 2012 के अंत में यह क्षमता घटकर 77 फीसदी रह गई।"

    देश के 13.8 करोड़ में से 6.6 करोड़ किसान सिंचाई के लिए पूरी तरह बारिश पर निर्भर हैं। एआईबीपी के लिए जहां आवंटन में वृद्धि हो रही है, वहीं किसानों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

    सीएजी की 2010 की रिपोर्ट में कहा गया है, "सरकार को नई परियोजना शुरू करने की अपेक्षा पुरानी परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए और पहले से तैयार क्षमता का दोहन करना चाहिए न कि नई क्षमता बनाने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि खर्च होने वाली भारी भरकम राशि का उत्पादक उपयोग हो।"

    (इंडियास्पेंड की ओर से पेश)

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • म्यांमार : यू हटिन क्याव बने पहले असैन्य राष्ट्रपति

    नेपीथा, 15 मार्च (आईएएनएस)। म्यांमार की संसद ने मंगलवार को सत्तारूढ़ नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) के उम्मीदवार यू हटिन क्याव को देश का नया राष्ट्रपति चुना। वह देश में 50 वर्षो से अधिक समय तक सैन्य शासन रहने के बाद देश का नेतृत्व करने वाले पहले असैन्य राष्ट्रपति हैं।

    समाचारपत्र 'द म्यांमार टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, एनएलडी की नेता आंग सान सू की के करीबी यू हटिन क्याव (69) को 360 वोटों के साथ राष्ट्रपति चुना गया। वहीं, 213 वोट पाने वाले यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) के उम्मीदवार यू मिंट स्वे को प्रथम उपराष्ट्रपति चुना गया है। यू मिंट स्वे को सेना द्वारा सीधे नियुक्त किया गया था।

    म्यांमार की संसद में 25 फीसदी यानी 166 सीटें सेना के लिए आरक्षित हैं, जबकि यूएसडीपी के पास दोनों सदनों में 41 सीटें हैं।

    एनएलडी के अन्य उम्मीदवार यू हेनरी वैन हती यू को 79 वोटों के साथ द्वितीय उप राष्ट्रपति चुना गया है।

    आंग सान सू की के नेतृत्व में नवंबर 2015 के आम चुनाव में एनएलडी को जबर्दस्त जीत मिली थी। आंग सान सू की राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकीं, क्योंकि उनके पति विदेशी नागरिक हैं।

    वह कह चुकी हैं कि वह 'राष्ट्रपति पद से ऊपर उठकर' सरकार का नेतृत्व करना चाहती हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • उत्तर प्रदेश में बूंदाबांदी के आसार

    लखनऊ, 15 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ व आसपास के इलाकों में मंगलवार को बूंदाबांदी होने के आसार जताए गए हैं।

    उत्तर प्रदेश मौसम विभाग के निदेशक जे.पी. गुप्ता के अनुसार, दिन में हल्की धूप रहेगी। तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आने की संभावना है। पूर्वाचल सहित राज्य के कई जिलों में दिन में बूंदाबांदी होने के आसार हैं।

    राजधानी लखनऊ में मंगलवार को न्यूनतम तपमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन का अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किए जाने का अनुमान है।

    लखनऊ के अलावा बनारस में न्यूनतम तापमान 14.5 डिग्री, कानपुर में 16 डिग्री, गोरखपुर में 17.5 डिग्री, झांसी में 17 डिग्री और इलाहाबाद में 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • उत्तराखंड : विधानसभा घेरने का प्रयास, कई भाजपा नेता गिरफ्तार

    देहरादून, 14 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार पर भ्रष्टाचार सहित कई आरोप लगाते हुये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को विधानसभा की तरफ कूच कर दिया। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पानी की बौछार का प्रयोग किया। इस दौरान पुलिस ने कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।

    देहरादून में हरिद्वार रोड स्थित एलआईसी चौक से लेकर रिस्पना पुल तक लगी पुलिस की तीन बैरिकेडिंग तोड़कर मुख्य बैरिकेडिंग तक पहुंच गए। यहां पुलिस ने सभी को रोक दिया। इस दौरान पुलिस ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट सहित कई नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

    भाजपा ने राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ खनन घोटाला, आपदा राहत घोटाला और कानून व्यवस्था को लेकर सोमवार को विधानसभा कूच का ऐलान किया था।

    सुबह से ही देहरादून में रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल के मैदान में कार्यकर्ता एकत्र होना शुरू हो गए थे। दोपहर एक बजे भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा की तरफ कूच किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री भूवनचंद्र खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक सहित कई बड़े नेता शामिल थे।

    पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच जब कार्यकर्ता पीछे हटने को तैयार नहीं हुए, तब पुलिस ने पानी की बौछार का प्रयोग किया। इसके बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

  • उप्र : भदोही में वज्रपात से 2 की मौत

    भदोही, 14 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में सोमवार को हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि और बिजली गिरने से जहां फसलों को काफी क्षति पहुंची है, वहीं आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। वहीं भदोही रेलवे स्टेशन के बाहर पीपल के पेड़ पर बिजली गिरने से आग लग गई।

    सुबह गरज-चमक के साथ हुई तेज बारिश व ओलावृष्टि से किसान पूरी तरह सहम गए हैं। बारिश के चलते जहां फसलें बर्बाद हुई हैं। तिलहनी और दलहनी फसलों को के साथ गेहूं की फसल बर्बाद हुई है। आकाशीय बिजली गिरने से जंगीगंज क्षेत्र के महुआरी गांव में शौच करने गए सुभाष चैधरी 42 वर्ष नामक व्यक्ति की मौत हो गई।

    बताया गया है कि वह यूपी पुलिस में सिपाही है, लेकिन काफी दिनों से घर पर रहा रहा था। वही सुरियावा थाना के अरजुनपुर गांव के खेत में सरसों काट रहे 14 वर्षीय किशोर शुभम यादव पुत्र मुन्ना यादव की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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