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महिला दिवस पर विशेष: महिला अपनी जिम्मेदारी समझती हैं, समाज भी समझे- डॉ. अमृता पटेल

रीतू तोमर
नई दिल्ली, 8 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कुछ दिन पहले राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष और फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी (एफईएस) की अध्यक्ष डॉ. अमृता पटेल की तारीफ में कहा था कि वह महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल हैं लेकिन खुद पटेल मानती हैं कि देश में अभी महिलाओं को आगे लाने के लिए जमीनी स्तर पर काफी कुछ किया जाना बाकी है।

डेयरी उद्योग क्षेत्र में अपने अनुकरणीय योगदान के लिए देश के तीसरे सबसे बड़ा नागरिक अलंकरण-पद्म भूषण से सम्मानित पटेल कहती हैं कि आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मात्र एक औपचारिकता बनकर रह गया है। साल में सिर्फ एक दिन महिलाओं और उनके योगदान को याद किया जाता है। पटेल यह भी मानती हैं कि महिलाओं को सिर्फ विशेष दर्जा या आरक्षण देकर सशक्तिकरण की बातें नहीं हो सकती। जब तक कि उन्हें समाज में ही नहीं बल्कि परिवार में भी स्वयं से जुड़े फैसले लेने का अधिकार नहीं दिया जाएगा, इस तरह की बातें बेमानी रहेंगी।

डॉ. पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा कि इन दिनों महिलाओं को खूब काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है लेकिन उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए जमीनी स्तर पर कुछ ठोस नहीं हुआ है।

पटेल ने कहा, "महिलाओं के विकास की कुछ बातें कागजी ही रह गई हैं। अभी भी गावों में महिलाएं एनीमिया की समस्या से ग्रसित हैं। कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखना, बाल विवाह, किशोरावस्था में गर्भावस्था, प्रसव के दौरान मृत्यु, यौन शोषण, घरेलू हिंसा, लैंगिक असमानता में कितनी कमी आई है। इन सब बातों को लेकर कोई भी आंकड़ें उठाकर देख लें, सच्चाई सामने आ जाएगी।"

पटेल कहती हैं कि महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता देनी पड़ेगी। यदि एक महिला ही अस्वस्थ और असहज है, तो उसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ेगा। और अगर एक महिला स्वस्थ और शिक्षित है तो उसका सकारात्मक असर परिवार पर दिखेगा।

उन्होंने कहा, "एक बात समझने की जरूरत है कि महिलाएं और पुरुष समान नहीं है और समान हो भी नहीं सकते। महिला होना ही अपने आप में एक जिम्मेदारी है। महिलाओं में एक साथ एक ही समय पर तमाम तरह की चीजों को प्रबंधित करने की क्षमता है जो पुरुषों के बस के बाहर है।"

तो क्या महिलाओं को सशक्त करने के लिए उन्हें आरक्षण या विशेष दर्जे की जरूरत है? इस पर पटेल ने कहा, "इसकी कोई जरूरत नहीं है। महिलाओं को पुरुषों की तरह फैसला लेने का अधिकार देना होगा। उन्हें खुद से जुड़े फैसलों पर राय रखने और फैसला लेने की स्वतंत्रता देनी होगी। आरक्षण से सिर्फ आप समाज में महिलाओं की स्थिति को बढ़ावा दे सकते हैं लेकिन यदि परिवार में ही महिलाओं को फैसले लेने का अधिकार नहीं है तो महिला सशक्तिकरण और महिला दिवस की बातें बेमानी है।"

पटेल मानती हैं कि महिलाओं को आरक्षण के लॉलीपॉप की जरूरत नहीं बल्कि उन्हें काबिल बनाने की जरूरत है। बकौल पटेल, "हमें उन्हे किसी तरह का लॉलीपॉप नहीं देना है बल्कि उन्हें इस लायक बनाना है कि इसकी जरूरत ही नहीं पड़े। गांवों के पंचायती चुनावों में महिलाओं को आरक्षण दिया गया है लेकिन जो महिलाएं चुनाव में जीतती हैं, वे किसी न किसी क्षेत्रीय नेता की पत्नी या उसके परिवार की सदस्या होती हैं जो एक रबर स्टैम्प बनकर रह जाती हैं। सभी फैसले पुरुष करता है तो इस आरक्षण या सशक्तिरण का क्या लाभ? "

डॉ. पटेल ने कहा कि विकास की सही दिशा के लिए शहरी और ग्रामीण महिलाओं के बीच की खाई को भी पाटने की जरूरत है। वह कहती हैं, "शहर और गांवों में ही महिलाओं की स्थिति एक-दूसरे से काफी भिन्न है। शहर की एक शिक्षित महिला स्वतंत्र और आत्मनिर्भर है। घर के साथ-साथ कामकाजी भी है और स्वयं से जुड़े फैसले बड़ी आसानी से लेती है। शहर की शिक्षित महिला ग्रामीण इलाकों में जाना पसंद नहीं करती है। मेरा मानना है कि शहर की हर शिक्षित महिला को अपने जीवन में एक बार ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर ग्रामीण महिलाओं की स्थिति में सुधार करने की जरूरत है।"

खुद एक सशक्त महिला होकर भी पटेल महिला दिवस को महज एक औपचारिकता मानती हैं। वह कहती हैं कि यह साल के 365 दिनों में से एक दिन ही है, जिसे मात्र महिलाओं की 'तुष्टिकरण' के लिए मनाया जा रहा है। पटेल ने कहा, " ऐसा करने से आजतक कोई लाभ नहीं हुआ और तब तक नहीं होगा जब तक महिलाओं को हम एक घरेलू औरत की तरह देखते रहेंगे क्योंकि महिला होना ही अपने आप में एक जिम्मेदारी है, जिसे समाज नहीं समझ पा रहा है।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • उप्र : 8 एक्सप्रेस गाड़ियों में लगेंगे अतिरिक्त कोच
    लखनऊ, 10 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। रेलवे ने प्रतीक्षा सूची के यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न एक्सप्रेस गाड़ियों में अतिरिक्त कोच लगाने का फैसला किया है। इसके तहत अब अतिरिक्त कोचों की फीडिंग की व्यवस्था तत्काल कर दी गई है, जिससे यात्रियों को इसका तत्काल लाभ मिल सके।

    अतिरिक्त कोचों के सिस्टम पर आते ही गाड़ी के प्रस्थान समय से काफी पहले ही प्रतीक्षा सूची कम होगी या आरक्षण कन्फर्म हो जाएगा।

    इन गाड़ियों में लगेंगे अतिरिक्त कोच :

    -15018 गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस में 11 मार्च को गोरखपुर से शयनयान श्रेणी का एक कोच।
    -15017 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर एक्सप्रेस में 13 मार्च को लोकमान्य तिलक टर्मिनस से शयनयान श्रेणी का एक कोच।
    -15048 गोरखपुर-कोलकाता पूर्वाचल एक्सप्रेस में 11 मार्च को गोरखपुर से शयनयान श्रेणी का एक कोच।
    -15047 कोलकाता-गोरखपुर पूर्वाचल एक्सप्रेस में 12 मार्च को कोलकाता से शयनयान श्रेणी का एक कोच।
    -14008 दिल्ली-रक्सौल एक्सप्रेस में 15 मार्च से 31 मार्च तक दिल्ली से शयनयान श्रेणी का एक कोच।
    -14007 रक्सौल-दिल्ली एक्सप्रेस में 16 मार्च से 1 अप्रैल तक रक्सौल से शयनयान श्रेणी का एक कोच।
    -14016 दिल्ली-रक्सौल एक्सप्रेस में 18 मार्च से 27 मार्च तक दिल्ली से शयनयान श्रेणी का एक कोच।
    -14015 रक्सौल-दिल्ली एक्सप्रेस में 21 मार्च से 30 मार्च तक रक्सौल से शयनयान श्रेणी का एक कोच।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : अंशकालिक अनुदेशकों ने अपनी डिग्रियां जलाईं
    लखनऊ, 10 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों ने गुरुवार को सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए अपने प्रदर्शन के 15वें दिन सामूहिक रूप से अपनी डिग्रियां जला डालीं।

    उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य 25 फरवरी से लक्षमण मेला मैदान में लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान एसोसिएशन ने सरकार को वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बदला लेने की चेतावनी भी दी है।

    उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ला ने कहा कि पूर्ण रूपेण प्रशिक्षित होने के बावजूद सरकार अनुदेशकों का शोषण कर रही है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा दिल्ली मंे कही गई 2016 मंे नियमितीकरण की बात का सरकार द्वारा वादाखिलाफी की जा रही है। कहा गया था कि शिक्षामित्रों के बाद अनुदेशकों को 2016 मंे नियमित कर दिया जाएगा।

    शुक्ला ने कहा, "हम अनुदेशकों का तत्काल प्रभाव से समायोजन नहीं हुआ तो नेटवर्क बनाकर पूरे प्रदेश मंे 2017 विधानसभा चुनाव में इसका बदला लेंगे। यदि सरकार समय रहते समायोजन कर देती है तो एक बार फिर अखिलेश यादव की सरकार बनाने मंे हम 41,000 अनुदेशक पूरी ताकत लगा देंगे।"

    एसोसिएशन के मुताबिक, अनशनकारियों मे रामप्रकाश गुप्त की हालात बिगड़ने पर उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : 2 बच्चों के मां ने किया आत्मदाह
    बलिया, 10 मार्च (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में सहतवार थाना क्षेत्र के बलेऊर गांव में आर्थिक तंगी की शिकार मां ने न सिर्फ अपने अबोध बेटे व बेटी को जलाकर मार डाली, बल्कि खुद को भी आग के हवाले कर दी। बुरी तरह से झुलसी मां को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां जीवन-मौत से संघर्ष करते हुए उसकी मौत हो गई।

    पुलिस उसके पति को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू करने के साथ ही दोनों अबोध बच्चों व मां के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दी।

    सहतवार थाना क्षेत्र के बलेऊर गांव निवासी ब्रजेश पांडेय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है। इसके चलते पति-पत्नी के बीच आए दिन तकझक होती रहती थी। बताया जा रहा है कि कुछ दिन से ब्रजेश की मां अपने मायके गई है, जबकि ब्रजेश का छोटा भाई प्रतिदिन की तरह निजी स्कूल में पढ़ाने गया था। घर पर ब्रजेश, उसकी पत्नी अनिता (26) तथा चार वर्षीय पुत्र ऋषभ व दो वर्षीय बेटी तृषा थी।

    इस बीच पति-पत्नी के बीच नोकझोंक हो गई और पत्नी ने दोनों बच्चों के साथ जान देने की ठान ली। घर में दोनों बच्चों के साथ अनिता ने खुद को आग के हवाले कर दिया। पति के शोर मचाने पर पहुंचे आसपास के लोगांे ने दरवाजा तोड़कर तीनों को बाहर निकाला, लेकिन बच्चों की मौत हो चुकी थी। अचेतावस्था में अनिता को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

    घटना की सूचना पर पहुंचे एसपी मनोज कुमार झा ने बताया कि आसपास के लोगों व महिला के पति से पूछताछ से प्रथम ²ष्टया मामला पारिवारिक कलह का ही लग रहा है। पूछताछ के दौरान यह बात भी सामने आई कि महिला अपने दोनों बच्चों के साथ आत्महत्या का प्रयास की, जिसमें दोनों बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला की मौत उपचार के दौरान हुई।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • डीपीडब्ल्यू को भारतीय होल्डिंग कंपनी बनाने की मंजूरी
    नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने गुरुवार को प्रमुख बंदरगाहों में दुबई पोर्ट वल्र्ड लिमिटेड (डीपीडब्ल्यू) की कंटेनर टर्मिनल परियोजनाओं की शेयरधारिता में प्रस्तावित परिवर्तन पर अनापत्ति दिए जाने को अपनी मंजूरी देकर डीपीडब्ल्यू को भारतीय होल्डिंग कंपनी बनाने की मंजूरी दे दी। यह जानकारी यहां जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई।

    कैबिनेट ने प्रमुख बंदरगाहों पर टर्मिनल परिचालनों के संचालन एवं प्रबंधन के लिए विशिष्ट परिसंपत्ति पोर्टफोलियो के साथ डीपीडब्ल्यू की एक भारतीय होल्डिंग कंपनी बनाने की अनुमति दे दी है।

    बयान के मुताबिक, इस कदम से बंदरगाह क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

    डीपीडब्ल्यू लिमिटेड देश में अपनी परिसंपत्तियों के पुनर्गठन पर विचार कर रही है, जिसका उद्देश्य बंदरगाह संबंधी बुनियादी ढांचे के स्वामित्व को एकल होल्डिंग कंपनी हिन्दुस्तान पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल) में समेकित करना है।

    नई कंपनी रियायती समझौतों के संबंध में डीपी वर्ल्ड की मौजूदा सहायक कंपनियों की सभी देनदारियों का जिम्मा संभालेगी। इसके तहत अंतिम लाभार्थी और अंतिम वैधानिक एवं लाभप्रद स्वामित्व में कोई परिवर्तन नहीं होगा, जो आगे भी मेसर्स डी.पी.वर्ल्ड के पास बरकरार रहेगा।

    उल्लेखनीय है कि एफआईपीबी ने डी.पी.वर्ल्ड को अपनी मंजूरी दे दी है। डीपीडब्ल्यू के प्रस्ताव का उद्देश्य पूंजीगत आधार बढ़ाने में उनकी मदद करना और देश में बंदरगाहों एवं लॉजिस्टिक्स से जुड़े बुनियादी ढांचे में नया निवेश सुनिश्चित करना है। इससे वित्त की सक्षम पहुंच के साथ-साथ बंदरगाह परिचालन में नवीनतम प्रौद्योगिकी को समाहित करना संभव हो पाएगा।

    सरकार ने डीपीडब्ल्यू द्वारा पुनर्गठन किए जाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इसके साथ इस शर्त का पालन करना होगा कि संबंधित परियोजना से जुड़े एसपीवी (विशेष उद्देश्य वाहन) के शेयरों के अधिग्रहण के बाद होल्डिंग कंपनी एचपीपीएल का मूल्य 8 करोड़ डॉलर से ज्यादा रहेगा।

    डीपीडब्ल्यू के समेकन प्रस्ताव को मंजूरी से देश में एफडीआई को बढ़ावा देने में भी आसानी होगी और इसके साथ ही बंदरगाह क्षेत्र में निवेशक अनुकूल माहौल का भी संकेत मिलेगा।

    इंडो-एशियन न्यूज सíवस।
  • श्रीलंका को दी गई मुद्रा विनिमय मूल्यांकन तिथि बढ़ाने की मंजूरी
    नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने गुरुवार को सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (सीबीएसएल) को भारतीय रिजर्व बैंक से मिली 1.1 अरब डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा की मूल्यांकन तिथि को 8 मार्च तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पहले इसका पुनर्भुगतान 3 मार्च तक करना तय किया गया था।

    प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने से श्रीलंका को वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अस्थायी राहत मिल जाएगी।

    केंद्रीय मंत्रिमंडल ने श्रीलंका को 70 करोड़ डॉलर की विशेष विनिमय सुविधा देने के प्रस्ताव को भी अपनी मंजूरी दे दी, जो तीन माह की अवधि तक अथवा श्रीलंका द्वारा आईएमएफ सुविधा को हासिल किए जाने तक की अवधि, इसमें से जो भी पहले हो, के लिए मान्य होगी।

    प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाने से श्रीलंका को अपनी आर्थिक स्थिरता के साथ-साथ आधिकारिक भंडार को भी मजबूत करने में मदद मिलेगी, जिनमें वर्ष 2015 के दौरान कमी का रुख देखने को मिला।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • छग : विधानसभा में गूंजा रेत के अवैध खनन का मामला
    रायपुर, 10 मार्च (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को रायपुर जिले के ग्राम टीला, पारागांव, कोलियारी, लखना, चंपारण कुम्हारी एवं गौरभाट में महानदी में रेत के अवैध खनन का मामला गूंजा।

    अभनपुर के विधायक धनेंद्र साहू ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि टीला, पारागांव, कोलियारी, लखना, चंपारण कुम्हारी एवं गौरभाट में महानदी से वर्ष 2015 में रेत खनन के लिए कितनी मात्रा में पीट पास कितने-कितने घन मीटर मात्रा के लिए खनिज विभाग द्वारा जारी किया गया? वास्तविक खनन और ढोई गई मात्रा का स्थल परीक्षण कर सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब किया गया तथा सत्यापन के बाद वास्तविक खनन किए गए रेत की मात्रा तथा वास्तविक रायल्टी पटाई मात्रा की जानकारी दें।

    जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बताया कि रायपुर जिले की ग्राम टीला, पारागांव, कोलियारी, लखना, चंपारण, कुम्हारी एवं गौरभाट में महानदी स्थित रेत खदानों के लिए वर्ष 2015 में त्रि-स्तरीय पंचायतों द्वारा जारी अभिवहन पास में वाहन क्षमता के अनुसार, मात्रा संबंधित ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत द्वारा दर्ज की जाती है।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्राम टीला में खनिज विभाग द्वारा 4000 ग्राम पंचायत द्वारा 3500 अभिवहन पास 30708 घन मीटर रेत खनन के लिए जारी किए गए। इससे पंचायत को 6,14,160 रुपये की रायल्टी मिली है। वहीं ग्राम पारांगाव में खनिज विभाग द्वारा 2400, जपं अभनपुर द्वारा 2300 अभिवहन पास 18953 घन मीटर रेत खनन के लिए जारी किए गए। इससे जपं को 3,79,060 रुपये रायल्टी मिली। ग्राम कोलियारी में खनिज विभाग द्वारा 698, जपं द्वारा 909 पास 6342 घन मीटर के लिए जारी किए गए। इससे 1,26,840 रुपये रॉयल्टी मिली।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि रेत खदानों में रेत खनन के बाद पुन: भराव होने की प्रक्रिया के कारण खदान क्षेत्र से खनित मात्रा का सत्यापन एवं आकलन नहीं किया जाता है।

    उन्होंने कहा कि रेत के अवैध खनन के मामले में 379 प्रकरण बनाए हैं। 14 पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। 600 लाख की राशि वसूली की गई है।

    इस पर धनेंद्र साहू ने पूछा कि क्या आगे भी कार्रवाई की जाएगी? आरंग क्षेत्र में क्या व्यवस्था है, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आरंग में भी ऐसे प्रकरण आने पर सीधे तौर पर कार्रवाई की जाएगी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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