• तीन तलाक,समान नागरिक संहिता और मोदी सरकार

    खरी बात

    जावेद अनीस


    समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड) स्वतंत्र भारत के कुछ सबसे विवादित मुद्दों में से एक रहा है। वर्तमान में केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी और उसके पितृ संगठन द्वारा इस मुद्दे को लम्बे समय से उठाया जाता रहा है। यूनिफार्म सिविल कोड को लागू कराना उनके हिन्दुतत्व के एजेंडे का एक प्रमुख हिस्सा है। इसीलिए वर्तमान सरकार जब समान नागरिक संहिता की बात कर रही है तो उसकी नियत पर सवाल उठाये जा रहे हैं। दूसरी तरफ मुस्लिम महिलाओं की तरफ से समान नागरिक संहिता नहीं बल्कि एकतरफा...

  • भाजपा का प्रकाश पर्व और बुंदेलखंड में भूख से मौत

    खरी बात

    धीरज चतुर्वेदी

    शिव सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर मध्यप्रदेश में प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। विडंबना देखे कि दूसरी तरफ बुंदेलखंड में भूख से मौंत हो रही है तो किसान आत्महत्या कर रहा है। तरक्की के दावे और जश्न के माहौल में आत्ममुग्धता के साथ आत्म चितंन करने वाले हालात भी है।
    टीकमगढ जिले के जतारा जनपद के ग्राम पठरा में 26 नबंबर केा वृद्ध लखन दुबे की भूख से मौंत ने हडकंप सा मचा दिया। जानकारी के अनुसार मृतक अविवाहित थे। उनके भाई व परिजन कई वर्षो पूर्व दिल्ली चले गये...

  • काश ! मोदी जी के समाजवाद का सपना सच हो जाए

    खरी बात

    पुण्य प्रसून बाजपेयी

    देश के शहर दर शहर घूम लीजिये बाजारों में चकाचौंध है, दुनिया भर के ब्रांडेड उत्पाद से भरी दुकान\मॉल हैं। देखते देखते बीते 20 बरस में भारत का बाजार इतना ब़डा हो गया कि दुनिया के बाजार में भारत के बाजार की चकाचौंध की धूम तले हिन्दुस्तान का वह अंधेरा ही छुप गया जो बाजार में बदलते भारत से कई गुना ज्यादा बड़ा था। लेकिन सच यही है हिन्दुस्तान के अंधेरे की तस्वीर कभी संसद को डरा नहीं सकी। नेताओं के ऐश में खलल डाल नहीं सकी। अंधेरे में समाया हिन्दुस्तान अपनी...

  • आम आदमी के भरोसे के शिव "राज" के शानदार 11 साल

    खरी बात

    सुमित कुमार

    शिव"राज" के 29 नवम्बर को 11 साल पुरे हो रहे हैं. जी हाँ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मैं बात कर रहा हूँ। राजनितिक पंडितों के तमाम कयासों, संभावनाओं को झुठलाते हुए शिवराज सिंह चौहान ने अपने 11 साल के शासन में खुद को ना केवल एक बेहतरीन मुख्यमंत्री साबित किया बल्कि प्रदेश की जनता के हर तबके के बीच खुद को उनका होने का अहसास दिलाया। यही वजह रही की शिवराज सिंह चौहान ने तमाम चुनावी सर्वे और विश्लेषणों को गलत साबित करते हुए लगातार चुनाव जीते...

  • नोटबंदी पर नम्मो एप के सर्वे पर भी हैं कई सवाल

    खरी बात

    सुमित कुमार

    नोटबंदी पर मचे घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने नम्मो एप के जरिये जनता से नोटबंदी पर राय मांगी थी। एक सर्वे के अनुसार 90 प्रतिशत लोगों ने इस एप द्वारा नोटबंदी पर सहमति जताई है। तो क्या ये मान लिया जाए की नोटबंदी पर जनता प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक फैसले के साथ है।  जबकि इसी सर्वे के अनुसार मात्र 5 लाख लोगों ने इस ऑनलाइन सर्वे में हिस्सा लिया है,देश की सबसे बड़ी पार्टी होने का दम्भ भरने वाली बीजेपी में भी 5 लाख से ज्यादा कार्यकर्त्ता...

  • भ्रष्ट सिस्टम और ब्लैक मनी पर टिकी राजनीति से सफाई कैसे होगी ?

    खरी बात

    पुण्य प्रसून बाजपेयी


    पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार के दिन राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी को नोटबंदी पर चेतावनी दी। और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी गंभीर हुये कभी मुस्कुराये। और भोजनावकाश के बाद विधान पर टिके राज्यसभा का ही डिब्बा गोल हो गया क्योंकि सदन में पीएम नहीं पहुंचे। तो ऐसे में पूर्व पीएम ने भी नहीं सोचा कि सदन में अलथी पलथी मारकर तब तक बैठ जाये जब तक संकट में आये देश के निकलने का रास्ता पीएम मोदी आकर ना बताये। एक ने कहा। दूसरे ने सुना। और संसद ठप हो...

  • गरीबों पर कहा सबने लेकिन गरीबों की सुनी किसने ?

    खरी बात, फीचर

    पुण्य प्रसून बाजपेयी

    तो सत्ता संभालते ही गरीबो का दर्द जिस प्रधानमंत्री की जुबां पर हो। उस प्रधानमंत्री की हर निर्णय गरीबों के हित या फिर गरीबों की फ्रिक से जुड़ा क्यों ना होगा। ये अलग बात है कि सरकार का नजरिया गरीबों और ग्रामीणों से ज्यादा कारपोरेट हित को साधने में लगा है और वजह यही है कि कारपोरेट को तमाम तरह के टैक्स में हर बरस छूट औसतन 5 लाख करोड़ की मिलती रही है, लेकिन दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र के बुनियादी ढांचे, रोजगार, हेल्थ, शिक्षा, खेती सभी को लेकर भी बजट...

  • बस्तर : संघी जनतंत्र में आदिवासी-दमन की व्यथा-कथा

    छत्तीसगढ़, खरी बात

    संजय पराते

    आदिवासियों पर यह कोई छोटा-मोटा हमला नहीं है. पिछले दस सालों में बस्तर में 3500 से ज्यादा आदिवासियों की हत्या हुई है -- लगभग रोजाना एक हत्या. ये हत्या या तो पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने की है उन्हें नक्सली/माओवादी करार देकर, या फिर माओवादियों ने की है उन्हें 'पुलिस मुखबिर' बताकर. गोली इधर से चली हो या फिर उधर से, उसका शिकार एक सामान्य आदिवासी ही हुआ है, जिसे इसका तक ज्ञान नहीं है कि ये गोलियां चल क्यों रही हैं? उसके नसीब में केवल विस्थापन है....

  • क्या इस तरह खत्म होगा बस्तर में माओवाद ?

    छत्तीसगढ़, खरी बात

    अरुण कान्त शुक्ला

    अभी कुछ दिनों पूर्व ही राज्योत्सव के शुभारंभ के लिए आये प्रधानमंत्री से मुलाक़ात करते हुए आई जी बस्तर, एसआरपी कल्लूरी ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे चुनाव के पहले तक बस्तर में माओवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे| इस, अब विवादग्रस्त, मुलाक़ात में कही गई यह दंभोक्ति पुलिस सेवा में रत आईजी की कम तथा किसी सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के छुटभैय्या नेता की अधिक लगती है| आईजी बस्तर की इस दंभोक्ति ने अगले दिन अखबारों में मुख्य पेज पर हेडलाईन बनाई थी| बावजूद इसके कि...

  • “मामा राज” में कुपोषण का काल

    मध्यप्रदेश, खरी बात

    जावेद अनीस

    ज्यादा दिन नहीं हुए जब म.प्र. में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 'आनंद मंत्रालय' खोलने की घोषणा की थी, मंत्रालय खुल भी गया. लेकिन अब इसी मध्यप्रदेश सरकार को “कुपोषण की स्थिति” को लेकर श्वेत पत्र लाने को मजबूर होना पड़ा है. करीब एक दशक बाद जब प्रदेश में कुपोषण की भयावह स्थिति एक बार फिर सुर्खियाँ बनने लगीं तो “विकास” के तथाकथित मध्यप्रदेश माडल के दावे खोखले साबित होने लगे. जमीनी हालात बता रहे हैं कि तमाम आंकड़ेबाजी और दावों के बावजूद मध्यप्रदेश “बीमारु प्रदेश” के...

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