भोपाल: 26 मार्च/ मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा पर्यटन वर्ष 2015-16 में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में मध्यप्रदेश पर्यटन इतिहास व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत शनिवार 26 मार्च को म०प्र० में बाघ संरक्षण का इतिहास विषय पर श्री आर० श्रीनिवास मूर्तिए आईएफएस का व्याख्यान होटल पलाश रेसीडेंसी भोपाल में आयोजित किया गया।
व्याख्यान में श्री मूर्ति ने मध्यप्रदेश के वन्यप्राणी बाघों का संरक्षण एवं संवर्धन आदि के विषय पर श्रोताओं को जानकारी प्रदान की श्री मूर्ति ने बताया कि भारत में मुगलकाल से लेकर अंग्रेजों के समय तक संभ्रांत वर्ग के आखेट के प्रायोजन के लिये बाघों का संरक्षण किया जाता था लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से बाघ का वैज्ञानिक संवर्धन सन् 1963 के बाद ही शुरू हुआ जो अब तक जारी है। व्याख्यान में बाघ संरक्षण एवं प्रजनन की बहुत सी अनजानी जानकारी दी गई । उन्होंने बताया कि बाघों की मुख्या रूप से ८ प्रजातियॉ होती है जिनमें से बेन्गॉल ;रॉयल बेन्गॉल टाईगरद्धए साइबोरियनए साउथ.चायनाए इण्डो.चायनीज और सुमात्रा प्रजाति के बाघ अभी शेष है जबकि बालीए जावा आदि प्रजाति विलुप्त हो चुकी है ।
बाघ मुख्या रूप से भारतए बांग्लादेश और नेपाल में पाया जाता है। श्री मूर्ति पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में सेवारत रहे है और वहॉ बाघ संवर्धन में अहम भूमिका निभाई है । उन्होंने श्रोताओं से पन्ना टाईगर प्रोजेक्ट की सफलता की बातें साझा की ।
श्री मूर्ति पर्यावरण प्रेमीए फोटोग्राफर एवं फिल्मकार है । प्रदेश में घडि़याल की संख्या वृद्धि करवाने में उनका योगदान रहा है । उन्होने प्रकृति पर्यावरणसे जुड़ी पुस्तके लिखी है एवं फिल्म बनाई है । वे 1987 बैच के भारतीय वन सेवा ;के अधिकारी है ।
श्री मूर्ति क्ण्थ्ण्व्ण् के रूप में वन्य प्राणीए सामाजिक वनिकीए प्रोडक्शन एवं टेरिटोरियल में गुनाए पन्नाए कान्हाए सागरए उमरियाए मुरैना एवं ग्वालियर में सेवारत रहे रहे है ।
व्याख्यान माला कार्यक्रम में मध्यप्रदेश पर्यटन के प्रबंध संचालक श्री हरिरंजन राव तथा अपर प्रबंध संचालक श्रीमति तन्वी सुन्द्रियाल सहित निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा भोपाल नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।
मध्यप्रदेश में बाघ संरक्षण के इतिहास पर व्याख्यान
खरी बात
सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत ज्योतिराव गोविंदराव फुले
उपासना बेहार 11 अप्रेल 1827 को महाराष्ट्र के पुणे में माली जाति में ज्योतिराव गोविंदराव फुले का जन्म हुआ था. ज्योतिबा फुले के पिता का नाम गोविन्द राव तथा माता...
आईआईटी की फीस वृद्धि के राजनैतिक निहितार्थ
आधी दुनिया
पुरुषवादी मानसिकता का बर्बर रूप
आरिफा एविस पिछले दिनों महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शनि मंदिर में प्रवेश को लेकर आन्दोलनकारियों और मंदिर समिति की तमाम कार्यवाहियाँ हमारे सामने आ चुकी हैं. इन सबके बावजूद...
जीवनशैली
रसोईघर का रखरखाव करें ऐसे..
नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। रसोई को सुविधाजनक बनाए रखने के लिए उसका सही तरह से प्रबंधन जरूरी है। नियमित सफाई के अलावा रसोई को इस्तेमाल और रोशनी के अनुसार...