नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। पिछले एक दशक में भारतीय महिलाओं के लिए हृदयरोग मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण बन कर उभरा है। यह एक आम भ्रांति है कि हृदयरोग केवल पुरुषों को होते हैं, जबकि जमीनी हकीकत है कि हृदय रोग से होने वाली मौत में महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा है।
महिलाओं में हृदय रोग की समस्याएं 10 साल देरी से शुरू होती हैं, लेकिन उनमें दिल का दौरा ज्यादा तीव्र होता है।
पटपड़गंज के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से डॉ. मनोज कुमार बताते हैं कि अधिक तनाव, सुस्त जीवनशैली, खराब खुराक और धूम्रपान व शराब का सेवन 21वीं सदी की महिलाओं में हृदयरोग के जोखिम का प्रमुख कारण है।
ध्रूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में भारत का स्थान दूसरे नंबर पर है। ध्रूम्रपान और गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने वाली महिलाओं में हृदयरोग होने की संभावना अन्य महिलाओं से 20 प्रतिशत ज्यादा होती है। इसलिए महिला दिवस से बेहतर कोई मौका नहीं है, जब महिलाएं बेहतर जीवनशैली अपनाने के लिए खुद को प्रेरित कर सकती हैं।
गुड़गांव के आर्टेमिस हॉस्पिटल से कार्डियॉलॉजिस्ट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अमित भूषण शर्मा कहते हैं कि महिलाएं घरेलू कामकाज और परिवार की देखभाल के लिए जानी जाती हैं। लेकिन इन सब की वजह से उन्हें बेहद तनाव झेलना पड़ता है, जो महिलाएं धूम्रपान और शराब का सेवन करती हैं, अस्वस्थ आहार लेती हैं और व्यायाम नहीं करती हैं, उनमें हृदय रोग, हाइपरटेंशन और डाइबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। गहरी सांस क्रियाएं, ध्यान और योग तनाव को कम करने में मदद करता है।
55 साल से अधिक उम्र की महिलाएं जिनमें एलडीएल का स्तर ज्यादा है। हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं या परिवार में किसी को दिल की समस्या रही है, ऐसी महिलाओं को हृदयघात होने का ज्यादा खतरा है। इन्हें एस्प्रिन की नियमित खुराक लेनी चाहिए।
महिला दिवस के मौके पर यह जागरूकता फैलाई जानी चाहिए कि आहार में बदलाव, नियमित व्यायाम और धूम्रपान छोड़ने से 80 प्रतिशत तक दिल के रोग कम किए जा सकते हैं।
नोएडा स्थित कैलाश हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट से डॉ. संतोष कुमार अग्रवाल कहते हैं कि एक अध्ययन के मुताबिक भारत की करीब 23 प्रतिशत महिलाएं अधिक वजनी हैं। मोटापा हृदय रोग का प्रमुख कारण है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पेट का मोटापा अधिक होता है। मोटापे की वजह से रक्त धमनियों में मोम जैसा तत्व जिसे प्लाक कहा जाता है, वह जमा हो जाता है।
यह प्लाक हृदय तक ऑक्सीजन और रक्त पहुंचाने में बाझा उत्पन्न करता है। संतुलित और सेहतमंद आहार, उचित नींद, धूम्रपान का त्याग और प्रतिदिन 30 मिनट का व्यायाम हृदय रोग से बचाव में बेहद कारगर साबित हो सकता है।
महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण मेनोपॉज (रजनोवृत्ति) के बाद से ही नजर आने लगते हैं। इसलिए इसके बाद महिलाओं को अत्यंत सावधान हो जाना चाहिए और नियमित जांच करवाते रहना चाहिए।
हृदय रोग से बचने के लिए कुछ सुझाव महिलाओं के लिए कारगर हैं :
-व्यायाम, तैराकी, नृत्य और योग करें। शारीरिक गतिविधियों से महिलाओं में हृदय रोग 45 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
-धूम्रपान और तंबाकू का सेवन त्याग दें, इससे दिल के रोग का खतरा दोगुना हो जाता है।
-हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजा फल, अनाज, बींस, डाइटरी फाइबर, सूखे मेवे और मछली का सेवन करें। ट्रांस फैटी एसिड, डाईट्री कोलेस्ट्रॉल और सेचुरेटेड फैट से बचें।
-तनाव से बचाव करें। ध्यान, योग, और सांस क्रियाओं के द्वारा हृदय रोग से बचाव किया जा सकता है।
-पर्याप्त नींद लें। हृदय रोग और रक्तचाप से सुरक्षा के लिए प्रतिदिन 6 से 8 घंटे सोना जरूरी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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