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नेपाल के प्रधानमंत्री चीन रवाना

काठमांडू, 20 मार्च (आईएएनएस)। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली रविवार को चीन की सप्ताह भर लंबी आधिकारिक यात्रा के लिए रवाना हो गए।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अक्टूबर 2015 में प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद ओली की पहली आधिकारिक चीन यात्रा है।

ओली के साथ उनकी पत्नी राधिका शाक्य भी हैं।

चीन दौरे पर गए प्रधानमंत्री के प्रतिनिधिमंडल में देश के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री कमल थापा, वित्त मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल, वाणिज्य मंत्री दीपक बोहरा और मुख्य सचिव सोम लाल सुबेदी भी शामिल हैं।

ओली का चीन दौरा 27 मार्च को समाप्त होगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • भाजपा ने आहलुवालिया को पीएसी से हटाया, कांग्रेस अल्पमत में
    नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। संसदीय लोक लेखा समिति (पीएसी) की पुनर्गठित समिति में विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मुद्दे लाने के लिए मंच तैयार हो गया है। भाजपा ने एस. एस.आहलुवालिया व रमेश पोखरियाल निशंक जैसे वरिष्ठ सदस्यों को इस महत्वपूर्ण संसदीय समिति से हटाकर उनकी जगह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के मुखर आलोचकों को शामिल किया है।

    इस 22 सदस्यीय समिति में कांग्रेस अल्पमत में होगी। इस समिति के 15 सदस्य लोकसभा के और 7 राज्यसभा के हैं। इस समिति का स्वरूप दोनों सदनों में दलों की सदस्य संख्या देखकर तय होता है। अध्यक्ष के.वी. थॉमस सहित कांग्रेस के केवल चार सदस्य रह गए हैं, जबकि भाजपा के नौ सदस्य होंगे।

    राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल अकाली दल और शिवसेना के एक-एक सदस्य हैं जबकि नगालैंड के एममात्र सांसद नाइफियू रियो भी इसके सदस्य हैं। रियो की पार्टी नगालैंड पीपुल्स फंट्र भी राजग का हिस्सा है। वर्ष 2016-17 के लिए एंग्लो-इंडियन समुदाय के एक मनोनीत सदस्य को भी इस कमेटी में शामिल किया गया है।

    तृणमूल कांग्रेस के दो सदस्य हैं, जबकि बीजू जनता दल, समाजवादी पार्टी और अन्नाद्रमुक के एक-एक सदस्य हैं।

    थॉमस के अलावा कांग्रेस के अन्य सदस्य हैं शांताराम नाईक, सत्यव्रत चतुर्वेदी और भुवनेश्वर कलिता। ये सभी राज्यसभा से हैं।

    एक मई, 2016 से बहाल हो चुकी पुनर्गठित पीएसी से दार्जिलिंग से सांसद आहलुवालिया और हरिद्वार से सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे निशंक हैं। प्रत्यक्ष तौर पर निशंक को अगले साल उत्तराखंड में होने वाले चुनाव को देखते हुए भाजपा ने यह कदम उठाया है।

    भाजपा के जिन लोगों को समिति में बनाए रखा गया है, उनमें किरीट सोमैया और अनुराग ठाकुर हैं इसके अलावा जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, अभिषेक सिंह, निशिकांत दुबे और विजय गोयल (राज्यसभा) हैं।

    लोकसभा से दो अन्य भाजपा सदस्य जो इस समिति में हैं, वे हैं शिवकुमार चनाबासप्पा उदासी और रीति पाठक जबकि उच्च सदन से अजय संचेती ने अनिल माधव देव का स्थान लिया है जिनका कार्यकाल 13 मई को समाप्त हुआ।

    शिवसेना ने पश्चिमोत्तर मुंबई से सांसद गजानन कीर्तिकर को बनाए रखा है जिन्हें कांग्रेस के घोर आलोचक के रूप में जाना जाता है।

    एंग्लो-इंडियन सदस्य रिचर्ड हे को इसमें जगह मिली है। हे भाजपा समर्थक माने जाते हैं।

    राज्यसभा के जो पांच सदस्य हैं उनमें समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल समिति में नए आए हैं।

    अन्य सदस्य हैं तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और सुखेंदु शेखर राय, अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीजद के भतृहरि महताब और अन्नाद्रमुक के पी. वेणुगोपाल।

    --आईएएनएस
  • उप्र : आईपीएस अमिताभ बहाल, डीजीपी से मिले
    लखनऊ, 12 मई (आईएएनएस/आईपीएन)। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने गुरुवार दोपहर डीजीपी ऑफिस में जाकर अपना कार्यभार संभाल लिया। उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 माह के निलंबन के बाद 11 अक्टूबर, 2015 से पूरे वेतन के साथ बहाल किया है।

    अमिताभ ने डीजीपी जावीद अहमद से मुलाकात की और उनसे जिम्मेदारी वाले पद पर तैनात करने की बात कही, ताकि वे अच्छे प्रकार से अपनी सेवाएं दे सकें।

    उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें राजनैतिक कारणों से निलंबित किया गया था और कैट और भारत सरकार के आदेश के बाद भी अकारण लंबे समय तक निलंबित रखा गया।

    आईपीएस अमिताभ ने कहा कि जिन्होंने भी उनके साथ अन्याय किया है, वे उनकी जिम्मेदारी नियत कराएंगे। साथ ही उन्हें जो तैनाती दी जाएगी उसका पूरी तन्मयता से पालन करेंगे।

    उल्लेखनीय है कि आईपीएस अमिताभ ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर फोन पर धमकाने का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्हें सपा सरकार ने निलंबित कर दिया था। अमिताभ ने मुलायम की बात मोबाइल में रिकार्ड कर लिया था और इस बिनाह पर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मुलायम ने एक कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा था, "ये मोबाइल भी बहुत खतरनाक चीज है।"

    --आईएएनएस
  • उप्र : मोदी की उज्ज्वला योजना बनी मुसीबत
    लखनऊ, 12 मई (आईएएनएस/आईपीएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्ज्वला योजना पर उत्तर प्रदेश में शुरुआती दौर में ही संकट के बादल छा गए हैं। इस योजना को अमल में लाने के लिए गैस कंपनियों के पास बीपीएल कार्डधारकों की कोई ऐसी सूची नहीं है, जिसमें यह लिखा हो कि किसके पास गैस कनेक्शन नहीं है।

    अब यह निर्णय हुआ है कि गैस कंपनियों को बीपीएल की सूची उपलब्ध करा दी जाएगी और कंपनियां जाकर गैस कनेक्शन न रखने वालांे को चिह्न्ति करेंगी।

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई को बलिया में उज्‍जवला योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत देश की पांच करोड़ महिलाओं को गैस सिलेंडर दिए जाएंगे। योजना का लाभ बीपीएल श्रेणी के उन लोगों को मिलना है, जिनके पास पहले से गैस कनेक्शन नहीं है।

    वहीं राजधानी में सरकारी महकमें उज्‍जवला योजना को लेकर पसोपेश में हैं। दरअसल, राजधानी में अफसरों को कोई ऐसा आंकड़ा नहीं मिल रहा है, जिसमें यह स्पष्ट हो कि ऐसे कितने बीपीएल कार्ड धारक हैं, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं है। तेल कंपनियों के पास भी इस तरह का कोई आंकड़ा नहीं है।

    एडीएम (आपूर्ति) अनिल कुमार सिंह का कहना है कि उज्‍जवला योजना का लाभ सही पात्रों को ही मिले, इसके लिए जरूरी है कि सूची पूरी तरह संशोधित हो। तेल कंपनियां अब इसके लिए सर्वे कराने जा रही हैं।

    बीपीएल राशन कार्ड धारकों की सूची ग्राम पंचायतों में वितरित की जाएगी, जिसके बाद तेल कंपनियों के प्रतिनिधि घर-घर जाकर मिलान कर उन लोगों को चिह्न्ति करेंगे, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं हैं। जाहिर है, पूरी प्रक्रिया में अभी वक्त लगेगा।

    --आईएएनएस
  • 24 साल बाद लोकसभा व्यवधान के कारण स्थगित नहीं हुई
    नई दिल्ली, 12 मई (आईएएनएस)। सोलहवीं लोकसभा का आठवां सत्र बुधवार को समाप्त हो गया और संसद के निचले सदन में बिना बाधा के काम का एक इतिहास भी बना गया। इस सत्र के दौरान व्यवधानों की वजह से कभी भी सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं हुई।

    लोकसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यहां आईएएनएस को बताया कि लोकसभा की कार्यवाही का इस तरह का सुचारू ढंग से चलना केवल 1990 और 1992 में ही देखा गया था।

    उसने कहा, "यह एक इतिहास बन गया है।"

    25 अप्रैल को शुरू हुए आठवें सत्र के दौरान लोकसभा की 13वीं बैठक के दौरान कुल 92 घंटे और 21 मिनट काम हुआ जो 120 फीसदी है।

    अधिकारी ने बताया कि 1992 में 10वीं लोकसभा के तीसरे सत्र के दौरान शिवराज पाटील लोकसभा अध्यक्ष थे। तब लोकसभा की 49 बैठकें हुई थीं। उस दौरान भी व्यवधानों की वजह से बैठक स्थगित नहीं हुई थी।

    1990 में भी नौवीं लोकसभा के दौरान जब रबि राय लोकसभा अध्यक्ष थे, तो ऐसा ही हुआ था।

    लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को सत्र के समापन संबोधन में कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि लोकसभा का निचला सदन आठवें सत्र के दौरान व्यवधानों के कारण एक बार भी स्थगित नहीं हुआ।

    महाजन ने लोकसभा की कार्यवाही के संचालन में सहयोग के लिए सदस्यों की सराहना की और धन्यवाद दिया।

    उन्होंने कहा, "मैं आपको यह सूचित करके खुश हूं कि हाल के वर्षो में यह पहला ऐसा सत्र है जिसमें एक मिनट के लिए भी सदन की कार्यवाही व्यवधानों की वजह से स्थगित नहीं हुई। मैं पूरे सदन को आसन को दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद देती हूं।"

    उन्होंने कहा कि लोकसभा ने 10 विधेयक पारित किए। इनमें कालेधन का पता लगाने वाला कानून 'इनसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड' भी शामिल है।

    --आईएएनएस
  • ब्रसेल्स हवाईअड्डे पर यात्री यातायात में 30 फीसदी कमी
    ब्रसेल्स, 12 मई (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ब्रसेल्स में 22 मार्च को हुए आतंकवादी हमलों के बाद ब्रसेल्स हवाईअड्डे पर मार्च में यात्रियों की संख्या में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 29.1 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। ब्रसेल्स के एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) यूरोप ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

    ब्रसेल्स का जवेंतेम हवाईअड्डा 22 मार्च को सुबह आठ बजे दोहरे विस्फोट से दहल गया था। इसके एक घंटे के बाद यूरोपीय आयोग के मुख्यालय के पास ब्रसेल्स मेट्रो स्टेशन पर एक फिदायीन हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। हमलों में 32 लोग मारे गए थे, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

    ब्रसेल्स हवाईअड्डे पर हमलों के कारण उसे 12 दिनों के लिए बंद करने पर मजबूर होना पड़ा था। तीन अप्रैल से हवाईअड्डे पर दोबारा संचालन शुरू हो सका था, जबकि डिपार्चर हॉल आंशिक तौर पर एक मई से खुला।

    बयान के मुताबिक, पहली तिमाही में ब्रसेल्स हवाईअड्डे पर यात्री यातायात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.3 फीसदी की कमी दर्ज की गई।

    --आईएएनएस
  • 'हत्या के पहले बेनजीर ने जिनके नाम लिए, उनकी कभी जांच नहीं हुई'

    इस्लामाबाद, 12 मई (आईएएनएस)। बेनजीर भुट्टो की हत्या की जांच कर रही पाकिस्तानी संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के प्रमुख ने कहा है कि जांच दल ने तीन लोगों की जांच नहीं की है। बेनजीर ने अपनी हत्या के कुछ माह पहले लिखे एक पत्र में तीनों का के नाम का जिक्र करते हुए कहा था कि वे उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं।

    जिरह के दौरान बुधवार को संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक खालिद कुरैशी ने कहा कि जेआईटी ने इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हामिद गुल (सेवानिवृत्त), खुफिया ब्यूरो के पूर्व महानिदेशक ब्रिगेडियर एजाज शाह (सेवानिवृत्त) और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज इलाही के खिलाफ जांच नहीं की गई है।

    डॉन ऑनलाइन की खबर के अनुसार, इन सभी लोगों के नाम पाकिस्तान की दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के उस पत्र में हैं, जिसे उन्होंने अमेरिकी लॉबिस्ट मार्क सेगेल को वर्ष 2007 में अपनी हत्या के कुछ माह पहले लिखा था।

    भुट्टो 1988 से 90 तक और 1993 से 96 तक प्रधानमंत्री रहीं। उनकी हत्या वर्ष 2007 में उस समय कर दी गई, जब वह रावलपिंडी में चुनावी रैली के बाद अपने बुलेटप्रूफ वाहन से लौटने की तैयारी में थीं।

    जब रावलपिंडी की एक आतंक-रोधी अदालत ने पूछा कि भुट्टो ने जिनके नाम लिए थे, क्या कुरैशी ने उनकी जांच की है तो जेआईटी प्रमुख ने नकारात्मक जवाब दिया।

    यह भी खुलासा हुआ कि कुरैशी पंजाब पुलिस की जेआईटी के एक सदस्य थे जिसने शुरुआती जांच की थी।

    हत्या की जांच दो चरणों में विभाजित है। भुट्टो की हत्या के तुरंत बाद तत्कालीन पाकिस्तान मुस्लिम लीग की सरकार ने एक जांच टीम बनाई थी, जिसके कुरैशी एक सदस्य थे।

    इस टीम ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।

    आतंकी संगठन अलकायदा ने हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को बाद में भुट्टो को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया कराने का दोषी ठहराया गया था।

    वर्ष 2008 में जांच एफआईए को सौंप दी गई और कुरैशी को जेआईटी का प्रमुख बनाया गया।

    जेआईटी ने एक और जांच की और मुशर्रफ, पुलिस उपमहानिरीक्षक साउद अजीज और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शाहजाद को इस आरोप में फंसाया कि सबूत मिटाने के लिए घटनास्थल को धो दिया गया और बेनजीर को पर्याप्त सुरक्षा नहीं मुहैया कराई गई।

    जेआईटी ने बेनजीर के शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने के लिए भी अजीज को जिम्मेदार माना।

    --आईएएनएस

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