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'भारत माता की जय' बोलना थोपा न जाए : संघ प्रमुख

लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस)। देश में 'भारत माता की जय' बोलने और बुलवाने से उठे विवादों के बीच यहां सोमवार को पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने अचानक यू-टर्न ले लिया।

भागवत ने कहा, "भारत माता की जय बोलना किसी पर थोपें नहीं, बल्कि कार्यकर्ता ऐसे आर्दश कार्य करें कि उन्हें देखकर लोग खुद भारत माता की जय बोलें।"

कयास लगाया जा रहा है कि संघ प्रमुख के बयान में यह बदलाव तब आया है, जब सहयोगी पार्टी शिवसेना ने सवाल उठा दिया कि भाजपा जम्मू एवं कश्मीर में पीडीपी से गठबंधन कर सरकार बनाने जा रही है, लेकिन क्या महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले क्या 'भारत माता की जय बोलेंगी?'

लखनऊ में भागवत ने रज्जू भैय्या स्मृति भवन के उद्घाटन के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हालांकि कल ही उन्होंने कोलकाता में कहा था कि वह चाहते हैं कि पूरा विश्व भारत माता की जय बोले, लेकिन अब उन्हें लगता है कि यह किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए।

भागवत ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आरएसएस के पूर्व प्रमुख रज्जू भैया अपने भाषणों से ही श्रेष्ठ नहीं थे, बल्कि अच्छे विचारों को भी उन्होंने अपने जीवन में उतारा था ।

उन्होंने कहा, "राष्ट्रवाद के विचार के प्रसार के लिए कार्यालय के नए भवन का लोकार्पण हुआ है। अटलजी और रज्जू भैया ने आदर्श प्रस्तुत किया। हमें उनके आदर्श के अनुसार ही काम करना होगा।"

भागवत ने कहा कि रज्जू भैया स्मृति भवन महापुरुषों की स्मृतियों से जुड़ा है, लेकिन इस भवन को केवल स्मृतियों तक ही सीमित न रखें, बल्कि इससे जुड़े महापुरुषों के आदर्शो को भी आगे बढ़ाएं।

सरसंघचालक ने कहा, "जिस विचार के आधार पर हम काम करते हैं उसी विचार की अभिव्यक्ति के लिए नया भवन बना है। कार्यालय के वातावरण से कार्यकर्ताओं को कार्य करने की ऊर्जा मिलनी चाहिए।"

संघ प्रमुख ने कहा कि कोई भी 'भवन' अपने कार्य के विस्तार का हिस्सा होता है। ऐसा भवन बनने के बाद काम पूरा नहीं हो जाता, यह तो एक पड़ाव है। जिस विचार के लिए यह भवन बना है, उस विचार की अभिव्यक्ति भी होनी चाहिए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • कोलकाता हादसा : राहत-बचाव में हर संभव सहायता : रिजिजू
    नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि कोलकाता में फ्लाईओवर हादसा स्थल पर राहत और बचाव अभियानों में पश्चिम बंगाल सरकार को हर संभव सहायता दी जा रही है।

    रिजिजू ने कहा, "राहत और बचाव अभियानों के लिए केंद्रीय बल वहां पहले से ही मौजूद हैं। यह एक संयुक्त प्रयास है और आगे भी जिस प्रकार की भी मदद की जरूरत होगी, वह मुहैया कराई जाएगी।"

    उन्होंने कहा कि दुर्घटना में बचे लोगों को राहत पहुंचाना प्राथमिकता है।

    रिजिजू ने कहा, "राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें घटनास्थल पर पहले से ही मौजूद हैं। जरूरत पड़ी तो और टीमें भेजी जाएंगी। दुखद है कि काफी बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं। हमें घायलों की देखभाल करनी है।"

    रिजिजू ने कहा है कि आर्थिक सहायता सहित हर प्रकार की जरूरी सहायता तत्काल प्रदान की जाएगी।

    कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाके में कई वाहनों पर एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का हिस्सा गिर जाने के कारण कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक घायल हो गए हैं।

    मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मरने वालों के परिजनों के लिए पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लोकतंत्र पर हमला: माकपा
    नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाना और हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करना लोकतंत्र पर खुल्लमखुल्ला हमला है।

    माकपा के मुखपत्र 'पीपुल्स डेमोक्रेसी' के संपादकीय में कहा गया है, "अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने यह दिखा दिया है कि वह किसी भी उपलब्ध मौके का इस्तेमाल कर गैर भाजपाई राज्य सरकार को गिरा देगी।"

    माकपा ने कहा है कि संविधान का अनुच्छेद 356 केंद्र सरकार के हाथ में ऐसा हथियार है, जिसका इस्तेमाल कर वह किसी भी निर्वाचित सरकार को मनमाने ढंग से गिरा सके और केंद्र में सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक हितों को सुगम बना सके।

    संपादकीय में कहा गया है कि अनुच्छेद 356 स्पष्ट तौर पर एक गैरलोकतांत्रिक एवं सत्तावादी प्रावधान है। इसमें केवल राज्यपाल की एक ऐसी रिपोर्ट की जरूरत होती है जिसमें कहा गया हो कि राज्य में संवैधानिक तंत्र ध्वस्त हो गया है।

    संपादकीय में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने ऐसी रिपोर्ट पाने और उस पर कार्रवाई के लिए आसानी से वश में किए जा सकने वाले राज्यपालों को नियुक्त किया है और इनका इस्तेमाल किया है।

    माकपा ने संविधान के अनुच्छेद 356 को खत्म करने और उसकी जगह कोई ऐसा प्रावधान करने करने की मांग की है जिसमें केंद्र सरकार को मनमानी करने की आजादी नहीं हो।

    माकपा ने उल्लेख किया है कि उत्तराखंड में जिस दिन मुख्यमंत्री को सदन में अपना बहुमत साबित करना था उसके एक दिन पहले वहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया।

    कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे दिया था।

    संपादकीय में कहा गया है कि जब यह स्पष्ट हो गया कि विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद मुख्यमंत्री सदन में बहुमत हासिल कर लेंगे तो केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जल्दबाजी में सदन में होने वाले शक्ति परीक्षण के एक दिन पहले राष्ट्रपति शासन लगाने की संस्तुति कर दी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • प्रधानमंत्री ने कोलकाता फ्लाईओवर हादसे पर दुख जताया
    वॉशिंगटन, 31 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में हुए फ्लाईओवर हादसे पर गुरुवार को गहरा दुख जताया। हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है।

    प्रधानमंत्री इस समय वॉशिंगटन में हैं। उन्होंने बचाव अभियान की जानकारी ली है।

    मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा, "कोलकाता में निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरने से दुखी और अचंभित हूं। स्थिति और बचाव अभियानों का जायजा लिया है।"

    उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "कोलकाता में अपनी जिंदगी गंवा देने वालों के परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। घायल शीघ्र स्वस्थ हों।"

    कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाके में कई वाहनों पर एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का हिस्सा गिर जाने के कारण कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक घायल हो गए हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • परमाणु सम्मेलन : भारत को परमाणु आतंकवाद मुद्दे के समाधान की उम्मीद
    नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। वाशिंगटन में आयोजित चौथे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के दौरान भारत परमाणु आतंकवाद के खतरे के समाधान पर जोर देगा। साथ ही नई दिल्ली को उम्मीद है कि सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देश परमाणु शक्ति के सुरक्षित प्रसार के प्रति भरोसे को बरकरार रखेंगे।

    सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "परमाणु आतंकवाद के कारण पैदा हुए परमाणु सुरक्षा के खतरे के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श होगा।"

    उन्होंने कहा, "नेता उन उपायों व तरीकों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिनके माध्यम से वैश्विक परमाणु सुरक्षा संरचना को मजबूत किया जा सकेगा, ताकि परमाणु सामग्रियों तक गैर सरकारी तत्व की पहुंच नहीं हो सके।"

    अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा, "परमाणु सुरक्षा के मामले में भारत की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है और परमाणु हथियारों व परमाणु सामग्री के मामले में उसे एक प्रबंधक के रूप में जिम्मेदार भूमिका निभानी है।"

    अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा गुरुवार को 'परमाणु सुरक्षा के लिए खतरों की अवधारणा' विषय पर भोजन के दौरान एक चर्चा के बाद 53 देशों व चार अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के नेता शुक्रवार को तीन सत्रों में बैठक में शामिल होंगे, जिस दौरान परमाणु सुरक्षा व इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

    विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (निरस्त्रीकरण व अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामले) अमनदीप सिंह गिल ने सम्मेलन को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, "भारत उम्मीद करता है कि यह सम्मेलन परमाणु आतंकवाद के प्रति उच्च-स्तरीय जागरूकता बढ़ाने तथा आतंकवादियों एवं परमाणु तस्करों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की जरूरत को लेकर योगदान में इजाफा करेगा।"

    गिल ने कहा कि भारत यह भी उम्मीद करता है कि यह सम्मेलन परमाणु शक्ति के सुरक्षित प्रसार के प्रति दृढ़ विश्वास बनाए रखेगा, जो गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय लक्ष्यों तक पहुंचने में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता होगी।

    उन्होंने कहा, "इस बिंदू को रेखांकित करने के लिए मैं इस बात का उल्लेख करना चाहता हूं कि परमाणु आतंकवाद के रूप में समस्या परमाणु सामग्री, सुविधा या प्रौद्योगिकी नहीं है, बल्कि समस्या आतंकवाद से जुड़े पहलुओं से है, जिस पर हमें ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।"

    भारत यह भी उम्मीद करता है कि जिन्होंने सुरक्षित परमाणु प्रसार को लेकर कुछ नहीं किया है, वे ऐसा करें और परमाणु सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों के कायदे-कानून पर गौर करें।

    इनमें इंटरनेशनल कन्वेंशन ऑन द सप्रेशन ऑफ एक्ट्स ऑफ न्यूक्लियर टेररिज्म, कन्वेंशन ऑन द फिजिकल प्रोटेक्शन ऑफ न्यूक्लियर मेटेरियल (2005 में संशोधित), संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1540 (साल 2004 में स्वीकृत) शामिल हैं, जो परमाणु सामग्रियों व हथियारों को गैर सरकारी तत्वों के हाथ पड़ने और उसके निर्यात से रोकते हैं।

    गिल के मुताबिक, दूसरे मुद्दे के तहत भारत यह उम्मीद करता है कि सक्षम संस्थानों- खासकर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए)- को पर्याप्त संसाधनों -मानवीय व वित्तीय दोनों से पूरी तरह लैस होना चाहिए, ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को सुनिश्चित कर सकें और हमारी परमाणु सुरक्षा को मजबूत करने के राष्ट्रीय प्रयास की जरूरत का समर्थन कर सकें।

    शुक्रवार को होने वाले सत्र के दौरान भारत अपना राष्ट्रीय प्रगति रिपोर्ट भी सौंपेगा।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक, साल 2014-16 के दौरान सम्मेलन की तैयारी की बैठकों के दौरान भारत ने रचनात्मक योगदान दिया।

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन में परमाणु सुरक्षा को लेकर अपने भाषण के दौरान कुछ विशेष घोषणाएं व प्रस्ताव पेश करेंगे।

    दूसरे सत्र के दौरान, चर्चा परमाणु सुरक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के योगदान पर केंद्रित होगा।

    सम्मेलन का तीसरा और अंतिम सत्र काल्पनिक परिदृश्य के आधार पर परमाणु आतंकवाद को लेकर नीति पर नेता चर्चा करेंगे।

    संयुक्त विज्ञप्ति को स्वीकार करने के साथ ही सम्मेलन का समापन हो जाएगा।

    इस तरह का पहला सम्मेलन अप्रैल 2010 में वाशिंगटन में हुआ था, जबकि दूसरा मार्च 2012 में सियोल में और तीसरा हेग में मार्च 2014 में हुआ था।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • राजनाथ ने कोलकाता फ्लाईओवर हादसे पर शोक जताया
    नई दिल्ली, 31 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कोलकाता फ्लाईओवर हादसे में हुई मौतों पर शोक जताया।

    राजनाथ ने ट़्िवटर पर लिखा, "यह जानकर गहरा दुख हुआ कि कोलकाता हादसे में कई अमूल्य जिंदगियां समाप्त हो गईं। मृतकों के परिवारों के साथ मेरी दिली संवेदनाएं हैं।"

    गृह मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम को दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।

    उन्होंने कहा, "टीम निश्चित ही वहां पहुंच गई होगी। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं अपनी दिली संवेदना प्रकट करता हूं।"

    कोलकाता में एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का हिस्सा गिर जाने के कारण कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है और 100 से अधिक घायल हो गए हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • रमन सिंह ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
    रायपुर, 31 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गुरुवार सुबह राजधानी के माना स्थित छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की चौथी बटालियन परिसर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के छह शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी।

    अश्रुपूरित माहौल में इन शहीदों को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई और उनके पार्थिव शरीरों को उनके घरों के लिए रवाना किया गया। ये पुलिस जवान बस्तर संभाग के ग्राम मेलावाड़ा (जिला दंतेवाड़ा) के पास बुधवार को नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए थे।

    चौथी बटालियन परिसर में विधायक द्वय देवती कर्मा और मोहन मरकाम, प्रदेश सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव बी.वी.आर. सुब्रमण्यम, केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रवीण वशिष्ठ, छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक ए.एन. उपाध्याय, विशेष पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक दुर्गा प्रसाद और वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के. विजयकुमार ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

    नक्सली वारदात में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हुए थे। इनमें से एक शहीद सहायक उप निरीक्षक (रेडियो) डी. विजयराज तमिलनाडु के निवासी थे, जिनका पार्थिव शरीर संभागीय मुख्यालय जगदलपुर (बस्तर) से हेलीकाप्टर द्वारा हैदराबाद भेजा गया, जहां से उनके गृह राज्य भेजा जाएगा। जगदलपुर में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

    अन्य छह जवानों के पार्थिव शरीर हेलीकाप्टर द्वारा रायपुर लाए गए और राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। इनमें प्रधान आरक्षक प्रदीप तिर्की ग्राम रायकेरा, जिला गुमला (झारखंड), प्रधान आरक्षक रूपनारायण दास, ग्राम करंजी, जिला पूर्व मैदनीपुर (पश्चिम बंगाल), आरक्षक (आरमोर) देवेंद्र चौरसिया, ग्राम जिगानीबाजार, तहसील एवं जिला देवरिया (उत्तर प्रदेश), आरक्षक मृत्युंजय मुखर्जी, ग्राम पुराथनहाट, जिला बर्दमान (पश्चिम बंगाल) और आरक्षक (चालक) सैन्दाने नाना उदेसिंह, ग्राम नागलवाड़ी, जिला जलगांव (महाराष्ट्र) के निवासी थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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