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श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में पुलिस ने गिनाई 5 बड़ी खामियां
नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने श्री श्री रवि शंकर के 'आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन' द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन दिवसीय 'वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल' की तैयारियों में पांच बड़ी खामियां उजागर की हैं। इसका आयोजन राष्ट्रीय राजधानी में यमुना खादर क्षेत्र में किया जा रहा है। इनमें सबसे बड़ी खामी संरचनात्मक मजबूती का अभाव है।
गृह एवं शहरी विकास मंत्रालय को हाल ही में पुलिस ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें इन खामियों के कारण कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है।
रिपोर्ट से इसका भी खुलासा हुआ है कि इस कार्यक्रम की बुनियादी जरूरत संरचनात्मक मजबूती के बारे में अभी संबंधित प्राधिकरण से स्वीकृति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना है।
दिल्ली पुलिस ने इस आयोजन में शामिल अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ आयोजन स्थल का मुआयना किया है। फाउंडेशन ने इस कार्यक्रम से जुड़ी प्रचार सामग्री में इसमें 35 लाख लोगों के भाग लेने की बात कही है, जबकि बुधवार को हरित न्यायाधिकरण से कहा है कि इस समारोह में केवल तीन लाख के करीब लोग आएंगे। आयोजन स्थल करीब एक हजार एकड़ में फैला है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य महत्वपूर्ण लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। इसलिए जो मंच तैयार किया गया है वह कितना मजबूत है यह महत्वपूर्ण मुद्दा है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "दिल्ली पुलिस पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी के साथ शहर की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की भी जिम्मेदारी है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई गई है। "
कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए जो रास्ते हैं वह भी दिल्ली पुलिस की चिंता के सबब हैं। क्योंकि यमुना नदी पर जितने अस्थाई पुल बनाए गए हैं वे कार्यक्रम के आयोजकों ने जितना वादा किया था उसके आधे हैं। सात की जगह सिर्फ दो पुल बने हैं जबकि कार्यक्रम शुरू होने में मात्र दो दिन शेष हैं। जो बने भी हैं उन पर रेलिंग नहीं है। जो खतरनाक साबित हो सकता है। लोग सीधे नदी में गिर सकते हैं।
इसके अलावा रिपोर्ट में लोगों के बीच आतंकियों के भी घुसपैठ करने की आशंका जताई जा रही है। खुफिया ब्यूरो की जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के गुजरात सीमा के जरिये 10 संदिग्ध आतंकी घुसे हैं।
गाड़ियां खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। आयोजकों का दावा है कि करीब 10-12 हजार कारें आयोजन स्थल पर पहुंचेंगी।
इसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने पुलिस को कार्यक्रम को बहुत सावधानी और पर्याप्त उपाय करते हुए संभालने को कहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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ओला एप पर गुड़गांव, नोएडा में ऑटो-रिक्शा भी उपलब्ध
नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। परिवहन सुविधाएं मुहैया कराने वाली मोबाइल एग्रिगेटर ओला ने बुधवार को गुड़गांव एवं नोएडा में अपने एप पर ऑटो-रिक्शा को उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इन शहरों के उपभोक्ता ओला एप पर कैब के साथ ही अब ऑटो रिक्शा की भी बुकिंग भी कर सकेंगे।
ओला ऑटो इन दो शहरों के अलावा भारत के 12 शहरों यानी बैंगलोर, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, चण्डीगढ़, इन्दौर, जयपुर, गुड़गांव, नोएडा और मैसूर में भी उपलब्ध होंगे। जबकि गुड़गांव, नोएडा और मैसूर में बुधवार को इस सेवा की शुरुआत की गई।
ऑटो रिक्शा की सवारी करने में लोगों को आमतौर पर किराये को लेकर काफी चिकचिक करनी पड़ती है। लेकिन ओला ऑटो पर निर्धारित किरायों के साथ उपभोक्ता एप पर अपनी राइड को ट्रैक भी कर सकते हैं और रियल टाइम में अपनी राइड का विवरण अपने दोस्तों और परिजनों के साथ लाइव मैप पर शेयर भी कर सकते हैं।
ओला ऑटो 5 रुपये प्रति किलोमीटर की दर पर गुड़गांव और नोएडा में चौबीसो घंटे उपलब्ध हैं और 5 मिनट से भी कम समय में ये उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो जाएंगे।
ओला के वरिष्ठ निदेशक (ऑपरेशन्स) नीतेश प्रकाश ने कहा, "हमें खुशी है कि दिल्ली के उपभोक्ताओं और चालकों से शानदार प्रतिक्रिया मिलने के बाद अब हम गुड़गांव और नोएडा में भी ओला ऑटो सेवाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं। इन शहरों के उपभोक्ता अब बड़ी आसानी से ओला ऐप पर मात्र एक टैप के द्वारा अपने लिए ऑटो की बुकिंग कर सकते हैं।"
ओला प्लेटफॉर्म पर मौजूद हर ऑटो जीपीएस इनेबल्ड स्मार्टफोन द्वारा पावर्ड है और देश के 12 शहरों में ओला प्लेटफॉर्म पर 80,000 से ज्यादा ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ रुपये जुर्माना, समारोह रोकने से इंकार
नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने बुधवार को श्री श्री रविशंकर के नेतृत्व वाले आर्ट ऑफ लिविंग के यमुना खादर इलाके में होनेवाले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, लेकिन संस्था पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही न्यायाधिकरण ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि अधिकारी अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम रहे हैं।
न्यायाधिकरण ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पर पांच लाख रुपये तथा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाले एनजीटी ने डीपीसीसी को अक्षम करार देते हुए कहा कि वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम रहा।
एनजीटी ने समारोह के बाद यमुना खादर क्षेत्र को हुए नुकसान का आकलन करने का आदेश देते हुए कहा कि जुर्माना कई गुना बढ़ाया जा सकता है। न्यायमूर्ति ने कहा, "पर्यावरण के उद्धार के लिए आपको कीमत चुकानी पड़ेगी। नदी को हुए किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए जुर्माना अदा करना होगा।"
एनजीटी की चार सदस्यों वाली खंडपीठ ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग को इलाके में जैव विविधता पार्क स्थापित करने के लिए कहा जा सकता है।
न्यायाधिकरण ने पर्यावरण मंत्रालय की खिंचाई करते हुए कहा, "आपका प्राथमिक कर्तव्य क्या है? आपको विश्वास है कि आर्ट ऑफ लिविंग ने पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया है?"
पर्यावरण मंत्रालय के वकील ने कहा, "हम इस बारे में अध्ययन के बाद ही कुछ कह सकते हैं।"
इसके बाद न्यायाधिकरण ने कहा कि आप मजाक कर रहे हैं क्या। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के बाद आप अध्ययन करेंगे?
न्यायाधिकरण ने कहा कि सभी सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम रहे हैं।
एनजीटी का यह कदम 11 मार्च से 13 मार्च तक आर्ट ऑफ लिविंग के एक कार्यक्रम के मद्देनजर, कथित तौर पर पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन व यमुना नदी के प्रदूषण को लेकर सामने आया है। आर्ट ऑफ लिविंग ने ट्रिब्यूनल से कहा कि 155 देशों के लगभग तीन लाख लोग समारोह में शिरकत करेंगे। प्रचार में हालांकि दावा किया गया है कि समारोह में 35 लाख लोग शिरकत करेंगे।
कार्यक्रम के खिलाफ याचिका दायर करने वाले पर्यावरणविद् कार्यकर्ता मनोज मिश्रा ने जोर दिया था कि न केवल समारोह को रोका जाए, बल्कि इसके आयोजकों पर जुर्माना भी लगाया जाए।
फैसले के बाद मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, "अदालत ने हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया है। हम अपनी प्राथमिक चिंता को सामने लाने में सफल रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग पर किया गया जुर्माना केवल प्रारंभिक कदम है।
वहीं, आर्ट ऑफ लिविंग ने अदालत में यह स्वीकार किया कि उसने समारोह के लिए 25.63 करोड़ रुपये खर्च किए, जिनमें से 15.63 करोड़ रुपये मंच व शामियाने के निर्माण में, जबकि 10 करोड़ रुपये सजावट व प्रकाश के मद में खर्च किए गए हैं।
समारोह में कई केंद्रीय मंत्रियों के शिरकत करने की संभावना है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि समारोह में प्रधानमंत्री शामिल होंगे या नहीं। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सोमवार को ही साफ कर दिया था कि इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिरकत नहीं कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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दिल्ली में एम्स विनिर्माण स्थल पर जमीन धंसने से 2 की मौत
नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। यहां एम्स परिसर के पास चल रहे निर्माण कार्य के दौरान जमीन धंसने से बुधवार को दो मजदूरों की मौत हो गई जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए।
अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की विस्तार योजना, नई इमारतों के निर्माण के तहत खुदाई का काम चल रहा था, तभी जमीन धंसने से छह मजदूर फंस गए।
अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने बताया, "हादसा अपराह्न 12.15 के आसपास हुआ। इसके पास हाल ही में एम्स प्रसूति और बच्चे के वार्ड का निर्माण किया गया था। दो मजदूर अंदर धंस गए। चार की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।"
अग्निशमन विभाग ने बताया कि बचाव कार्यकर्ताओं की तीन टीम तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना की गईं और बचाव और खोज अभियान शाम 6 बजे तक जारी रहा।
एक अधिकारी ने बताया, "अभियान लगभग पूरा हो गया, लेकिन हमारे कर्मचारी अभी भी घटनास्थल पर हैं। हमने छह लोगों को बाहर निकाला, जिनमें दो मृत पाए गए।"
पीड़ित को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने पहले मरीज को मृत घोषित कर दिया, जबकि दूसरे की गंभीर स्थिति के कारण मौत हो गई।
सफदरजंग अस्पताल की प्रवक्ता पूनम ढांडा ने कहा, "दो मजदूरों की मौत हो गई और अन्य मजदूरों का इलाज चल रहा है।"
संस्थान के प्रवक्ता अमित गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "निर्माण कार्य एक निजी निर्माण कंपनी द्वारा किया जा रहा था। घायलों को एम्स लाया गया है हमारे ट्रॉमा सेंटर में उनके लिए सब तैयारी है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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ओडिशा नौका दुर्घटना : 6 शव बरामद
भुवनेश्वर, 9 मार्च (आईएएनएस)। ओडिशा के ढेंकनाल जिले में एक नौका पलटने के बाद से लापता लोगों में से छह के शव बुधवार को बरामद किए गए।
एक अधिकारी ने बताया कि ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स और फायर ब्रिगेड ने बुधवार को दो शव बाहर निकाले, जबकि चार अन्य लोगों के शव मंगलवार अपराह्न् बरामद किए गए।
पुलिस ने नौका चालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है, जो हादसे के बाद फरार हो गया था।
कामख्यानगर उप प्रभागीय पुलिस अधिकारी अब्दुल रहीम ने कहा, "हमने नौका चालक और उसके एक सहायक के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। हम उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी कर रहे हैं।"
इस बीच, जिला कलेक्टर ने विशेष राहत आयुक्त को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है, उन्होंने रिपोर्ट पेश कर जांच के आदेश दिए हैं।
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों के लिए चार लाख रुपये का भुगतान करने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर सुराप्रतापपुर के 30 से 35 ग्रामीणों को लेकर जा रही नौका देर शाम पलट गई थी। नौका गोंदिया ब्लॉक में भगवान दौदेश्वर मंदिर की ओर जा रही थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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चीन के कॉलेज छात्र गैप ईयर का उपयोग उद्यमिता में कर सकेंगे
बीजिंग, 9 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन कॉलेज के छात्रों को गैप ईयर का उपयोग अपना कारोबार शुरू करने के लिए उत्साहित करेगा। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में दी। मंत्रालय ने हालांकि गैप ईयर की अवधि और शर्ते सुनिश्चित कर दी हैं।
उप शिक्षा मंत्री लिन हुइकिंग ने ऑनलाइन माध्यम में कहा कि 2015 में यह प्रस्ताव रखा गया था कि कॉलेज छात्र गैर ईयर का उपयोग नया कारोबार शुरू करने में कर सकते हैं और बाद में डिप्लोमा हासिल करने के लिए वापस कॉलेज आ सकते हैं।
कुछ क्षेत्रों और विश्वविद्यालयों ने कुछ शर्ते जैसे परीक्षा या थीसिस पूरी करने के लिए आठ साल की सीमा तय की है।
लिन ने कहा कि इस साल शर्तो की एक देशव्यापी सूची तय की जाएगी, ताकि छात्रों को उद्यमिता के लिए बढ़ावा दिया जा सके।
उनके मुताबिक विश्वविद्यालयों को नवाचार और उद्यमिता पर भाषण देने के लिए वैज्ञानिकों, उद्यमियों और वेंचर कैपिटलिस्टों को बुलाना चाहिए।
मानव संसाधन और सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय ने एक रोजगार सेवा अभियान भी शुरू किया है, जो जुलाई तक चलेगा।
2016 में स्नातकों की संख्या 76.5 लाख हो जाने की उम्मीद है, जो एक साल पहले के मुकाबले 1,60,000 अधिक होगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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