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साथी को तलाशने के लिए शरीर की गंध का इस्तेमाल

बीजिंग, 20 फरवरी (आईएएनएस/सिन्हुआ)। पिछले वेलेंटाइन डे पर शुरू हुई स्मेल डेटिंग वेबसाइट के निमार्ताओं का कहना है कि लोग अपने साथी को नए तरीके से तलाशने के लिए शरीर की गंध का इस्तेमाल कर रहे हैं। एबीसी न्यूज ने इसकी जानकारी दी।

स्मेल डेटिंग वेबसाइट 25 डॉलर में पुरुष और महिलाओं को 'फर्स्ट मेल ऑडर डेटिंग सर्विस' से जुड़ने का मौका देती है। एक बार जब उपभोक्ता इससे जुड़ जाते हैं तो उन्हें एक सफेद रंग की टीशर्ट मिलती है। बिना किसी डियोडोरेंट और सेंट के इस्तेमाल के उन्हें यह शर्ट तीन दिन पहनकर वापस करनी पड़ती है।

इसके वेबसाइट के सह-निर्माता सैम लेविंग कहते हैं, "वापस आई टीशर्ट को टुकड़ों में काट दिया जाता है और आपको जो वापस मिलती है वह किसी दूसरे व्यक्ति की टीशर्ट होती है।"

उन्होंने बताया, "हम प्रत्येक प्रतिभागी को इन टुकड़ों की एक श्रंखला भेजते हैं, आपको इनमें सभी टुकड़ों को सूंघ कर बताना होता है कि आपको कौन सी टीशर्ट की महक पसंद है। अगर दो लोग एक ही टीशर्ट को पसंद करते हैं तो हम फोन नंबर के द्वारा आप लोगों के लिए जानकारी का आदान-प्रदान कर देते हैं।"

अभी न्यूयार्क शहर में उपयोगकर्ता 100 लोगों तक ही सीमित है। स्मेल डेटिंग ऑनलाइन डेटिंग का एक नया प्रयोग है जो शरीर की गंध से जोड़ियों को मिलवाता है।

लेविंग कहते हैं, "यह एक इंटरनेट प्रयोग है। मुझे लगता है कि भविष्य में इसका प्रसार दूसरे शहरों में भी होगा।"

उन्होंने कहा, "मैं इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि यह वेबसाइट प्यार की सटीक भविष्यवक्ता है, लेकिन रोमांचक बात यह है कि इसके जरिए हमें अपने प्यार को ढूंढ़ने में मदद मिल सकती है।

इंडो एशियन न्यूज सर्विस।

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  • गूगल ने खास अंदाज में कहा, हैप्पी मदर्स डे
    नई दिल्ली, 8 मई (आईएएनएस)। खास मौकों को डूडल पर उकेर उन्हें और खास बनाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल का होमपेज 'डूडल' रविवार को भी एक विशेष अवसर पर सजा-संवरा नजर आया। यह खास मौका है-मदर्स डे।

    दुनियाभर में मदर्स डे हर साल मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। आज वही खास दिन है और इसे और अलग बनाया है, गूगल ने। उसका होमपेज डूडल आज पूरी तरह मां को समर्पित नजर आ रहा है। इसमें बनाई गई बेली(जूती) मां और एक जोड़ी छोटी सी चप्पलें उसकी संतान का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

    गूगल के छह वर्ण मसलन जी, ओ, ओ, जी, एल, ई में ओ, ओ की जगह मां की बेली को दी गई है, जिनके अंदर दो छोटे-छोटे दिल भी धड़क रहे हैं। ये दिल जाहिर तौर पर अपने बच्चे से बेपनाह निश्छल प्यार करने वाली एक मां के प्रतीक हैं।

    --आईएएनएस
  • हल्के भूकंप से भी आ सकती है सुनामी


    न्यूयॉर्क, 8 मई (आईएएनएस)। धीमी गति के भूकंप या धीमी रफ्तार से प्लेटों के खिसकने की घटना भी किसी बड़े भूकंप और सुनामी का कारण बन सकती हैं।

    धरती के नीचे प्लेटों की धीमी गति से खिसकने की घटना का परिणाम भी भूकंप के समान होता है, लेकिन धरती की दो प्लेटों के बीच तनाव पैदा करने की घटना कुछ सेकंड से लेकर दिन या सप्ताह तक चल सकती है, जिसके कारण प्लेटों के बीच एक सेंटीमीटर तक का खिसाव हो जाता है।

    समुद्र के नीचे की सतह के दबाव को रिकॉर्ड करने वाले उच्च संवेदनशील रिकॉर्डर का इस्तेमाल कर अमेरिका, जापान और न्यूजीलैंड के शोधकर्ताओं के एक अंतर्राष्ट्रीय दल ने न्यूजीलैंड के पूर्वी तट से दूर एक मामूली खिसाव का पता लगाया।

    जापान के क्योटो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह लेखक योशिहिरो इतो ने कहा, "हमारे परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि जहां प्लेटें खिसकती हैं वहां यह घटना भूकंप लाने या सुनामी पैदा करने में सक्षम हैं।"

    इतो ने कहा, "इसने कम गहरे पानी और समुद्र तट से दूर समुद्र में चट्टानों के खिसकने की घटनाओं पर लगातार नजर रखने की हमारी जरूरत को बढ़ा दिया है। जैसा जापान के समुद्र तट से दूर निगरानी के लिए स्थाई नेटवर्क स्थापित किया गया है, उसी तरह जिन क्षेत्रों में धरती के नीचे की प्लेटें खिसक रही हैं, वहां नेटवर्क बनाने की जरूरी है।

    दो हफ्तों के अंदर न्यूजीलैंड और प्रशांत महासागर से लगी प्लेटें 15-20 सेंटीमीटर खिसकीं। यह दूरी प्लेटों के तीन से चार साल के अंदर तय गई दूरी के बराबर है।

    यदि यह खिसकाव धीरे-धीरे नहीं होकर अचानक हुआ, होता तो इसकी वजह से 6.8 की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता था।

    इस दल ने धीमी खिसकाव की घटना का जहां अध्ययन किया है, वहां 1947 में 7.2 की तीव्रता वाला भूकंप आया था और उसकी वजह से एक बड़ी सुनामी आई थी।

    इस अध्ययन का निष्कर्ष धरती की प्लेटों के खिसकाव और सामान्य भूकंप के बीच संबंध की समझ को बढ़ाता है। यह दिखाता है कि दो तरह की भूकंपीय घटनाएं किसी एक ही प्लेट की सीमा क्षेत्र में हो सकती हैं।

    कुछ मामलों में तो इन हल्के खिसकावों का भी संबंध विनाशकारी भूकंप को उभारने से रहा है। जैसे वर्ष 2011 में जापान में आए 9 की तीव्रता वाले तोहोकु-ओकी भूकंप ने सुनामी पैदा की, जिसकी वजह से फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में तबाही हुई।

    इस अध्ययन के सह लेखक कोलंबिया विश्वविद्यालय के लैमोंट-दोहटी अर्थ ऑबजर्वेटरी के स्पार वेब कहते हैं, "हमारे न्यूजीलैंड के प्रयोग का परिणाम दर्शाता है कि सुनामी और भूकंप की पहले चेतावनी देने के लिए प्रशांत महासागर के पश्चिमोत्तर में जहां समुद्र तट से दूर पृथ्वी के नीचे की प्लेटें टकराती हैं, वहां निगरानी प्रणाली के इस्तेमाल करने की बहुत संभावना है।"

    --आईएएनएस

  • स्मार्टफोन एप के आंकड़ों से पता चला दुनिया कैसे सोती है
    न्यूयॉर्क, 7 मई (आईएएनएस)। दुनिया भर में 30 से 60 साल उम्र के बीच की महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा सोती हैं, जबकि मध्य आयु के पुरुष कम सोते हैं। यहां तक कि वे जरूरी सात घंटों से कम नींद लेते हैं। एक स्मार्टफोन एप के माध्यम से 100 देशों में किए गए अध्ययन से यह जानकारी मिली है।

    मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जो लोग सूरज की रोशनी में कुछ समय रोजाना रहते हैं, वे बिस्तर में जल्दी जाते हैं और उनके मुकाबले ज्यादा नींद लेते हैं, जो सूरज की रोशनी में कम वक्त बिताते हैं।

    इस दल ने एक मुफ्त एप की मदद से 100 देशों के हजारों लोगों की नींद के पैटर्न का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि सांस्कृतिक दवाब लोगों के शरीर की प्राकृतिक घड़ी को प्रभावित करता है, जिसका नतीजा सबसे ज्यादा बिस्तर पर नजर आता है।

    सुबह के काम जैसे कार्यालय, घर, बच्चे, स्कूल आदि लोगों के जगने के समय पर गहरा असर डालते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि नींद पर असर डालने के इनके अलावा कई अन्य कारण भी हैं।

    मिशिगन विश्वविद्यालय की कॉलेज ऑफ लिटरेचर, साइंस एंड आर्ट्स के डेनियल फोर्जर का कहना है, "सभी देशों में यह देखा गया कि समाज ही हमारी नींद को निर्धारित करता है और देर से बिस्तर में जाने का नतीजा नींद में कमी के रूप में सामने आता है।"

    गणित विभाग की डॉक्टोरल छात्रा ओलिविया वाल्स कहती हैं, "ज्यादातर लोग जितना समझते हैं, नींद उससे कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर आप रात में छह घंटे भी नींद लेते हैं तो आप नींद की कमी से जूझ रहे हैं।"

    हमारे शरीर के अंदर जैविक घड़ी होती है, जो हमारे सोने और जगने के समय को निर्धारित करती है। यह घड़ी चावल के दाने के आकार की होती है, जो आंखों के पीछे 20,000 न्यूरॉन्स का समूह होता है। यह प्रकाश के प्रति संवेदनशील होता है और खासतौर से यह सूरज की रोशनी के प्रति संवेदनशील होता है, जो हम अपनी आंखों से देखते हैं।

    कुछ साल पहले इन्हीं शोधकर्ताओं ने एक एप जारी किया था, जिसका नाम 'एनट्रेन' था। यह मुसाफिरों को नए टाइम जोन में जाने पर उन्हें समायोजित करता था।

    इस एप से मिले आकंड़ों से शोधकर्ताओं ने पाया कि सिंगापुर और जापान के लोगों के सोने का राष्ट्रीय औसतन सात घंटे 24 मिनट के आसपास है, जबकि नीदरलैंड के लोगों की नींद का औसत आठ घंटे 12 मिनट है।

    शोधकर्ताओं का कहना है कि हरेक आधे घंटे की नींद हमारे शरीर की प्रणाली और दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है।

    वाल्स कहती हैं, "अगर आप लगातार ज्यादा दिनों तक नींद की कमी से जुझते हैं तो यह आपके शरीर पर गहरा असर डालता है।"

    उनका कहना है कि लोग सोचते हैं कि कम नींद से उनकी कार्यक्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता, जबकि यह गलत है। वे जोर देकर कहती हैं, "आपकी कार्यक्षमता कम हो जाती है, लेकिन आपको उसका अहसास नहीं होता।"

    --आईएएनएस
  • लंबे समय तक जीना चाहते हैं तो छरहरा बनें
    न्यूयार्क, 7 मई (आईएएनएस)। अगर आप अपने शरीर को हमेशा छरहरा बनाए रखते हैं तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि उन लोगों की तुलना में आप ज्यादा समय तक जिंदा रहेंगे, जो बचपन से ही भारी शरीर वाले होते हैं और मध्य आयु में और ज्यादा भारी हो जाते हैं।

    एक नए शोध में इसका खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि जिनका शरीर बचपन से ही भारी होता है वे मध्य आयु में और ज्यादा वजनी हो जाते हैं। उनके 15 साल कम जीने का खतरा होता है और ऐसा पुरुषों में 24.1 फीसदी और महिलाओं में 19.7 फीसदी होता है।

    वहीं, जो लोग हमेशा छरहरे बने रहते हैं उनकी 15 साल पहले मरने की संभावना कम होती है। यह पुरुषों में 20.3 फीसदी और महिलाओं में 11.8 फीसदी देखी गई।

    अमेरिका की हार्वर्ड विश्वविद्यालय की डॉक्टोरल छात्र मिंगयांग सोंग बताते हैं, "हमारे निष्कर्षो से वजन को काबू में रखने की सलाह को वैज्ञानिक औचित्य मिलता है। खासकर मध्य आयु में वजन को काबू में रखना चाहिए ताकि आप लंबे समय तक स्वस्थ रह सकें।"

    इसके अलावा ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) भी मरने की संभावना को बढ़ा देता है।

    शोधकर्ताओं का कहना है कि मोटापा दुनियाभर में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। इन निष्कर्षो से पता चलता है कि जीवन भर अपने वजन को काबू में रखने का महत्व पता चलता है।

    यह शोध बीएमजे में प्रकाशित किया गया है। इस शोध में शामिल कोई भी प्रतिभागी धूम्रपान नहीं करता था।

    --आईएएनएस
  • 'मदर्स डे' पर फेसबुक पर मां को भेजें फूल
    नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। सोशल नेटवर्किं ग साइट फेसबुक इस बार 'मदर्स डे' के मौके पर अपने उपभोक्ताओं को मैसेंजर के जरिए मां को फूलों से सजी शुभकामनाएं भेजने का मौका देगा। फेसबुक ने हाल में इसकी घोषणा की है।

    सोशल नेटवर्किं ग साइट के बयान के मुताबिक, "थोड़े समय (सात-नौ मई) के लिए आपको मैसेंजर में बैंगनी रंग के फूल का एक नया आइकन दिखाई देगा। अपने टेक्स्ट, फोटो, जीआईएफ समेत किसी भी संदेश को खिले हुए रंगीन फूलों से सजाने के लिए इस फूल पर टैप करें। आप जिसे यह संदेश भेजेंगे, उन्हें आपका फूलों से सजा संदेश मिलेगा।"

    मदर्स डे आठ मई को मनाया जाता है।

    फेसबुक ने इसके अलावा खासतौर पर मदर्स डे के लिए नए स्टिकर्स 'मदर्स लव' भी पेश किए हैं।

    यह फीचर भारत सहित 82 देशों के फेसबुक उपभोक्ताओं के लिए नौ मई तक उपलब्ध रहेगा।

    --आईएएनएस
  • ब्राजील : रौसेफ के खिलाफ महाभियोग की सिफारिश

    ब्रासीलिया, 7 मई (आईएएनएस)। ब्राजील की सीनेट की एक विशेष समिति ने राजकोषीय गड़बड़ी के आरोप का सामना कर रहीं राष्ट्रपति डिल्मा रौसेफ के खिलाफ महाभियोग चलाने की सिफारिश कर दी है।

    इसके साथ ही उनके निलंबन और लैटिन अमेरिका की इस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नए नेतृत्व के आने की संभावना प्रबल हो गई है।

    समिति ने शुक्रवार को एक रपट को पांच वोट के मुकाबले 15 वोटों से मंजूरी दे दी, जिसमें कहा गया है कि कथित राजकोषीय गड़बड़ी को लेकर रौसेफ के खिलाफ सीनेट में महाभियोग चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

    रौसेफ ने हालांकि इन आरोपों का खंडन किया है।

    वॉल स्ट्रीट जर्नल की रपट के मुताबिक, उन्होंने कहा, "मैं इस बात की एक जिंदा सबूत हूं कि पिछले 13 वर्षो के दौरान की गई सभी प्रगति के खिलाफ एक तख्तापलट की साजिश रची जा रही है।"

    रौसेफ ने चैंबर ऑफ डिपुटीज के अध्यक्ष एडुआडरे कुन्हा को बर्खास्त करने के निर्णय पर भी अपनी बात रखी, जिन्होंने दिसंबर में उनके खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया शुरू की थी।

    रौसेफ ने कहा, "इस तख्तापलट की साजिश ऐसे व्यक्ति ने रची है, जिसके पास न कोई नैतिकता है और न कोई नैतिक सिद्धांत। वह मनी लॉन्ड्रिंग (काले धन को सफेद करने) और गुप्त खाते रखने का आरोपी भी है।"

    ब्राजील की तेल कंपनी पेट्रोब्रास में भ्रष्टाचार को लेकर चल रही जांच के मामले में कुन्हा पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।

    रौसेफ के सत्ता से बेदखल होने की स्थिति में उनकी वामपंथी वर्कर्स पार्टी का 13 साल पुराना शासन समाप्त हो जाएगा।

    अगर 81 सदस्यों वाले सीनेट में रौसेफ पर महाभियोग चलाने के पक्ष में बहुमत में मतदान हो जाता है तो उन पर मुकदमा चलाया जाएगा और इस स्थिति में उन्हें तत्काल पद छोड़ना होगा।

    रौसेफ पर मुकदमा चलाए जाने के दौरान उप राष्ट्रपति मिशेल टेमर कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। मुकदमे की कार्यवाही ज्यादा से ज्यादा छह महीने में पूरी हो जाएगी।

    अगर रौसेफ को सजा होगी, तो टेमर उनका कार्यकाल पूरा करेंगे, जो एक जनवरी, 2019 तक चलेगा।

    सूत्रों के मुताबिक, सीनेट में रौसेफ की बर्खास्तगी के पक्ष में फैसला होने की प्रबल संभावना है।

    कई विश्लेषकों का कहना है कि उनके महाभियोग से बचने की संभावना काफी कम है।

    हालांकि अगर रौसेफ पर महाभियोग चलाया जाता है तो काफी कुछ उनके सहयोगी से दुश्मन बने टेमर पर निर्भर करेगा, जिन पर यह साबित करने का दबाव होगा कि वह ब्राजील को गहरे आर्थिक संकट से बाहर निकालने में सक्षम हैं।

    --आईएएनएस

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