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उप्र में मंदी झेल रहे 'पापुलर' उगाने वाले

विद्या शंकर राय
बागपत (उत्तर प्रदेश), 9 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों बरेली में आयोजित एक रैली में एग्रो फार्मिग (वृक्ष सहफसली खेती) का फार्मूला सुझाया था, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को यह रास नहीं आ रहा है। बाजार में मंदी की वजह से उप्र के लगभग एक दर्जन जिलों में पापुलर व सफेदा की खेती से जुड़े किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं।

दरअसल, ज्यादा पैसा कमाने की चाहत में पापुलर व सफेदा की बुआई करके किसान अब अपनी किस्मत पर रो रहे हैं। पिछले दो वर्षो से पापुलर की खेती में लगातार गिरावट आ रही है और इसके खरीदार भी नहीं मिल रहे हैं। इससे किसान दोहरे संकट में फंसा हुआ है।

पश्चिमी उप्र के किसानों की मानें तो तीन वर्ष पहले 1,500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही पापुलर की लकड़ी का अब 500 रुपये प्रति क्विंटल में भी खरीदार नहीं मिल रहा है।

बागपत में पापुलर की खेती से जुड़े एक बड़े किसान महेंद्र तोमर ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने लगभग 7 बीघे में पापुलर व सफेदा की खेती की है। इसमें करीब 10 हजार पेड़ खड़े हैं, लेकिन इनका कोई खरीदार नहीं मिल रहा है।

उन्होंने बताया, "एक पेड़ तैयार होने में पांच से सात वर्ष लग जाते हैं। पड़ोसी राज्य हरियाणा में इसकी एक मंडी है, जो मंदी की शिकार है। यहां प्लाइवुड की सैकड़ों फैक्ट्रियों के बंद होने से ही यह संकट पैदा हुआ है।"

किसान बताते हैं कि उप्र में प्लाइवुड की फैक्ट्रियों का अभाव है, इसीलिए किसान हरियाणा से आने वाले व्यापारियों पर निर्भर हैं। लेकिन वहां भी अब मंदी की वजह से व्यापारी नहीं आ रहे हैं, लिहाजा पेड़ों के खरीदार नहीं मिल रहे हैं।

किसान यह भी आरोप लगाते हैं कि उप्र सरकार एग्रो फार्मिग की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। यह सरकार की उदासीनता ही है कि पश्चिमी उप्र में एग्रो फर्मिग की खेती बढ़ने के बावजूद वह फैक्ट्रियां लगाने की तरफ ध्यान नहीं दे रही है।

गौरतलब है कि उप्र के सहारनपुर, गाजियाबाद, बागपत, शामली, हापुड़, मेरठ, रामपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, शाहजहांपुर और बरेली में पापुलर खेती बड़े पैमाने पर हो रही है।

हरियाणा एशिया में पापुलर का सबसे बड़ा खरीदार है। दूसरा नंबर उत्तराखंड का है। पापुलर का प्रयोग रियल एस्टेट और भवन निर्माण क्षेत्र के अलावा प्लाइवुड के काम में होता है।

कृषि वैज्ञानिक आर. के. चौधरी के मुताबिक, मांग में कमी के चलते अच्छी क्वालिटी वाली पापुलर पौध का रेट 25 रुपये से घटकर आठ से 10 रुपये प्रति पौध रह गया है। पिछले कुछ वर्षो में बाजार में मंदी की वजह से इस खेती से जुड़े किसानों के लिये संकट पैदा हो गया है।

इधर, सरकार एग्रो फार्मिग के तहत पापुलर की खेती को बढ़ावा देने की बात कह रही है।

कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार कहते हैं कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की समीक्षा होगी। एग्रो फार्मिग व सहफसली खेती को प्रोत्साहित करने के लिये जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पिछले एक वर्ष में एक लाख से अधिक दिव्यांगों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।

    सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत काम करने वाले कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) ने सहायता एवं सहायक उपकरणों के वितरण के लिए बरेली में मंगलवार को एक विशाल शिविर का आयोजन किया।

    केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की अध्यक्षता और केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा बरेली के सांसद संतोष कुमार गंगवार की उपस्थिति में 1578 लाभार्थियों को अत्याधुनिक उच्च तकनीक वाले सहायता एवं सहायक उपकरण प्रदान किए गए।

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    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • भारत-दक्षिण कोरिया के बीच बंदरगाह विकास समझौता
    नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी एवं दक्षिण कोरिया के महासागर एवं मत्स्य मंत्री किम यंग सुक ने मुंबई में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

    दक्षिण कोरिया के मंत्री किम के नेतृत्व में एक दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल सामुद्रिक भारत सम्मेलन, 2016 (एमआईएस, 2016) में भाग लेने के लिए मुंबई में है।

    यहां जारी एक बयान के अनुसार, यह एमओयू बंदरगाह संबंधित मामलों में भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सहयोग एवं आपसी सहायता से संबंधित है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छह अप्रैल को इस एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए जहाजरानी मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

    एमआईएस, 2016 भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जो भारत के सामुद्रिक क्षेत्र में संभावित व्यवसाय अवसरों की खोज करने के लिए भागीदारों को एक अनूठा मंच मुहैया कराती है। एमआईएस, 2016 का आयोजन मुंबई में 14 अप्रैल से किया जा रहा है और इसमें सम्मेलन, प्रदर्शनी एवं डेमो सत्रों का आयोजन किया जाएगा।

    दक्षिण कोरिया एमआईएस, 2016 का साझेदार देश है। दक्षिण कोरिया के 100 से अधिक भागीदारों का एक शिष्टमंडल सम्मेलन में भाग ले रहा है।

    बयान के अनुसार, इस समझौते से बंदरगाहों के विकास, बंदरगाह संबंधित उद्योग, सामुद्रिक संबंधों एवं प्रौद्योगिकी को साझा करने के दायित्वों में सहयोग प्राप्त होने, बंदरगाह विकास एवं संचालन के क्षेत्रों में अनुभव, बंदरगाह विकास के क्षेत्र में निर्माण, इंजीनियरिंग एवं संबंधित पहलुओं पर जानकारियों के आदान-प्रदान, बंदरगाह संबंधित निर्माण एवं इंजीनियरिंग परियोजनाओं में संयुक्त भागीदारी, बंदरगाह एवं संबंधित शिक्षा एवं प्रशिक्षण, तथा सहयोग के अन्य प्रकारों जिन पर दोनों देशों के बीच आपसी रूप से सहमति हो सकती है, के क्षेत्र में प्रत्येक देश के संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों समेत विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ईरान, इटली ने विभिन्न क्षेत्रों में 12 समझौते किए
    तेहरान, 13 अप्रैल (आईएएनएस/सिन्हुआ)। इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेंजी के ईरान दौरे के दौरान ईरान व इटली की कंपनियों ने अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में 12 समझौते किए।

    प्रेस टेलीविजन की एक रपट के मुताबिक, ईरान के उद्योग, खनन व व्यापार मंत्री मोहम्मद-रेजा नेमतजादेह व इटली के प्रधानमंत्री मातेओ रेंजी की उपस्थिति में ऊर्जा, निर्माण, विद्युत उत्पादन, सूचना व संचार प्रौद्योगिकी, इस्पात व वस्त्र क्षेत्र में समझौते हुए।

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    ईरान में एक इस्पात कंपनी के निर्माण में औद्योगिक उपकरण व सेवाओं के स्थानांतरण के लिए ईरान की कंपनी ने इटली के डेनिएली ग्रुप के साथ 35 करोड़ यूरो (लगभग 39.5 करोड़ डॉलर) का समझौता किया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • हीरो समूह के संस्थापक का स्मारक
    गुड़गांव, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। हीरो समूह के संस्थापक चेयरमैन डॉ. बृजमोहन लाल मुंजाल की याद सहेजने के लिए बृजमोहन लाल मुंजाल युनिवर्सिटी (बीएमयू) के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में एक स्मारक की स्थापना की है।

    इस स्मारक का उद्घाटन बुधवार को संतोष मुंजाल ने किया। इस मौके पर मुंजाल परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रॉकमैन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुमनकांत मुंजाल, हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पवनकांत मुंजाल और हीरो कॉरपोरेट सर्विसिस के चेयरमैन और हीरो मोटोकॉर्प के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुनील कांत मुंजाल भी मौजूद रहे।

    इस बारे में बीएमएल मुंजाल युनिवर्सिटी के अध्यक्ष अक्षय मुंजाल ने कहा, "मेरे दादा जी का रुझान शिक्षा की ओर था। वह अक्सर कहा करते थे कि शिक्षा में किए गए निवेश से बेहतर निवेश और इससे बेहतर प्रतिफल कुछ भी नहीं हो सकता है। इससे सिर्फ व्यक्ति विशेष को नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर समाज को लाभ होता है।"

    हीरो समूह आज पांच अरब डॉलर का कारोबारी समूह है और यह दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन निर्माता समूह भी है। डॉ. मुंजाल को 2005 में पद्मभूषण सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ँपश्चिमी तट के 10 हजार फिलिस्तीनियों को वर्किं ग परमिट देगा इजरायल
    रामल्ला, 13 अप्रैल (आईएएनएस/सिन्हुआ)। फिलिस्तीन जनरल फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियंस के प्रमुख शहेर साद ने बुधवार को कहा कि इजरायल ने उन्हें सूचना दी है कि वह पश्चिमी तट के 10 हजार फिलिस्तीनी श्रमिकों को इजरायल में काम करने के लिए वर्किं ग परमिट देगा।

    साद ने कहा कि इजरायल के इस कदम से बेरोजगारी की दर घटेगी और मजदूरों की संख्या बढ़कर 30 हजार तक पहुंचने की संभावना है।

    उन्होंने कहा कि ये 10 हजार मजदूर इजरायल में काम करेंगे न कि यहूदी आबादकारों के इलाके में, जहां लगभग 35 हजार फिलिस्तीनी काम कर रहे हैं।

    वर्तमान में, लगभग 48 हजार फिलिस्तीनियों को इजरायल के अंदर काम करने के लिए विशेष परमिट दिया गया है, जबकि बिना परमिट के काम करने वाले मजदूरों की संख्या अनुमानित तौर पर 50 हजार है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ग्रामोदय से भारत उदय : गांवों में पकड़ बनाने की जुगत?
    संदीप पौराणिक
    भोपाल, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली मध्य प्रदेश के महू से उनकी 125वीं जयंती पर केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे 'ग्रामोदय से भारत उदय अभियान' को राजनीतिक पंडित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ग्रामीण इलाकों में पकड़ मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। इस 10 दिवसीय देशव्यापी अभियान को गांवों तक ही सीमित रखा गया है।

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आईएएनएस से कहा, "केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा अभियान ग्रामोदय और भारत उदय नहीं, बल्कि 'ग्राम अस्त और भारत अस्त अभियान' है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार ने पंचायतों से अधिकार छीन कर उसे अधिकार विहीन कर दिया है।"

    उन्होंने कहा, "मौजूदा केंद्र सरकार हिटलरशाही की तर्ज पर काम कर रही है। इस अभियान के जरिए भाजपा राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है, जो कामयाब नहीं होने वाली है। क्योंकि देश और प्रदेश की जनता उन्हें जान गई है।"

    जनता दल (युनाइटेड) के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद यादव ने केंद्र सरकार के 'ग्रामोदय से भारत उदय अभियान' को देश में कंपनी राज से बढ़ते असंतोष को दबाने वाला सेफ्टीबाल्व करार दिया है।

    यादव ने आईएएनएस से कहा, "मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, अच्छे दिन, स्वच्छ भारत अभियान के लोकलुभावन नारों को जनता समझ चुकी है। गांव का जल, जंगल और जमीन कंपनियों को सौंप रहे हैं, जिसके चलते गांव में नाराजगी चरम पर है। इन हालातों में दूसरी क्रांति जन्म न ले सके, इस मकसद से यह अभियान शुरू किया जा रहा है। दूसरी ओर गांव और दलितों में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने की जुगत भी है।"

    विपक्षी दल भले ही इस अभियान को राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं, मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे गांवों के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का सम्पूर्ण अभियान बताया है। उन्होंने कहा है कि इस अभियान में सभी के सहयोग और सहभागिता से ग्रामीण मध्य प्रदेश और देश का कायापलट हो जाएगा। राज्य में यह अभियान 45 दिन का होगा।

    मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की मध्य प्रदेश इकाई के सचिव बादल सरोज इस अभियान को सिर्फ आम लोगों को गुमराह करने की कोशिश बताते हैं।

    उन्होंने आईएएनएस से कहा, "बात ग्रामोदय की हो रही है, मगर किसानों की आत्महत्या बढ़ गई है, सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं, ग्रामीणों का पोषण स्तर लगातार गिर रहा है।"

    सरोज ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक जो नारे दिए और जो किए, उसमें कोई सामंजस्य नहीं रहा है। लिहाजा अपनी झेंप मिटाने वह इस तरह का अभियान शुरू करने जा रहे हैं। भले ही उनकी मंशा राजनीतिक लाभ की हो, मगर इससे होने वाला कुछ नहीं है, क्योंकि जनता अब उन्हें समझ चुकी है।"

    लेकिन भाजपा प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी कहते हैं कि दूसरे राजनीतिक दलों का काम ही हर अच्छे काम और प्रयास को राजनीतिक चश्मे से देखना है।

    उन्होंने कहा, "भाजपा हर वर्ग के लिए काम कर रही है, महिलाओं के लिए अभियान चले या युवाओं के लिए, विरोधी हमेशा यही कहते हैं कि यह वोट बैंक बढ़ाने के लिए संबंधित वर्ग में पैठ बनाने की कोशिश है।"

    बहरहाल, हो न हो लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद के राजनीतिक परिदृश्य में पहले दिल्ली और फिर बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार ने भाजपा को इस बात का एहसास करा दिया है कि ग्रामीण इलाकों और दलितों में पकड़ बनाए बगैर वह अपने जनाधार का विस्तार नहीं कर सकती है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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