JS NewsPlus - шаблон joomla Продвижение
BREAKING NEWS
सानिया-मार्टिना की जीत का सिलसिला जारी रहेगा : भूपति
बिहार के राज्यपाल ने दिवाली की शुभकामनाएं दी
उप्र : दीपावली पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
जीसैट-15 उपग्रह छोड़ने को तैयार एरियन5
भाजपा की हार के लिए पार्टी नेतृत्व जिम्मेदार : भाजपा सांसद
बिहार में हार के लिए मोदी जिम्मेदार नहीं : राजनाथ
टीपू सुल्तान के जयंती समारोह में संघर्ष, व्यक्ति की मौत
मलेशिया के लोगों, स्थिति से मिलेगा फायदा : हरेंद्र
कोलकाता, पुणे के फूलों से महकेगी दिवाली
उपराष्ट्रपति ने देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं

LIVE News

सानिया-मार्टिना की जीत का सिलसिला जारी रहेगा : भूपति

बिहार के राज्यपाल ने दिवाली की शुभकामनाएं दी

उप्र : दीपावली पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

जीसैट-15 उपग्रह छोड़ने को तैयार एरियन5

भाजपा की हार के लिए पार्टी नेतृत्व जिम्मेदार : भाजपा सांसद

खूबसूरत अंदाज में रोशन करें घर-आंगन Featured

ममता अग्रवाल

दीपोत्सव का मौका है तो घर-आंगन रोशनी से सराबोर होना ही चाहिए। घर को खूबसूरती से रोशन करने के लिए आजकल बाजार में कई शानदार विकल्प उपलब्ध हैं। ये घर को रोशन तो करते ही हैं, इनका कलात्मक डिजाइन घर को बेहद खूबसूरत लुक भी देता है।

दिल्ली के आजाद मार्केट स्थित डीके इलेक्ट्रॉनिक्स के विजय गुप्ता कहते हैं कि अपने घर को खूबसूरत, झिलमिलाता और दमकता हुआ रूप देने के लिए मिट्टी के परंपरागत दीयों से लेकर, टी लाइट्स, फ्लोटिंग कैंडल्स और फंकी लैम्प्स के जरिए सजाया जा सकता है। इसके अलावा मद्धम रोशनी बिखेरते बेहद छोटे साइज के मिट्टी के दीये भले ही त्योहारों में घर-आंगन को रोशन करने का पांरपरिक तरीका हो, लेकिन आजकल इनमें भी काफी खूबसूरत बदलाव आ गया है।

उन्होंने बताया कि परंपरा निभाने के लिए कांच, झिलमिलाते गोटा और किनारी से सजे डिजाइनर दीये कई खूबसूरत रंगों और अनोखे डिजाइन में मिलते हैं।

डिजाइनर लैम्प्स : छिद्रों वाले सजावटी ब्रास लैम्प्स रोशनी को एक खूबसूरत आयाम देते हैं। इन लैंप्स में सजावटी पैटर्न में बने छिद्रों में से चारों ओर छनकर बिखरती रोशनी पूरे माहौल को चकाचौंध से सराबोर कर देती है। साथ ही इस तरह के कुछ खास लैंप्स की रोशनी से दीवारों पर गणेश, लक्ष्मी, फूलों या अन्य तरह की खूबसूरत आकृतियां बनती हैं, जो घर को उत्सवी आभा देती हैं।

टी लाइट्स : खूबसूरत फूलों और अन्य आकृतियों की 'टी-लाइट्स' भी रोशनी को एक अनूठा अंदाज देती हैं। इन छोटी-छोटी टी लाइट्स से झिलमिलाती रोशनी पूरे घर को खूबसूरत लुक देती है। इन्हें आकर्षक टी लाइट होल्डर्स में रखकर आप घर के हर अंधेरे कोने को खूबसूरती से रोशन कर सकते हैं।

इसके अलावा आजकल बाजारों में एलईडी कैंडल्स भी आ गई हैं। बिना किसी झंझट के त्योहारों में घर को रोशन करने के लिए ये बेहतरीन हैं। इसके अलावा आप पिलर कैंडल्स, अनूठे आकारों की सजावटी कैंडल्स, प्रिंटिड मोटिफ्स वाली कैंडल्स से भी घर को रोशनी से सराबोर कर सकते हैं।

फ्लोटिंग कैंडल्स : त्योहारों के समय फ्लोटिंग कैंडल्स भी एक खास अंदाज में रोशनी के साथ ही घर को खूबसूरत अंदाज भी देती हैं। मिट्टी या मेटल के किसी बड़े बाउल या दीये में पानी भरकर कई सारे छोटे फ्लोटिंग कैंडल्स इसमें रख दें। पानी में तैरते इन खूबसूरत फ्लोटिंग कैंडल्स का समूह बेहद आकर्षक दिखाई देगा। इस पानी में गुलाब के फूलों की पत्तियां डालकर आप इसमें रोशनी के साथ रंग का खूबसूरत तालमेल कर सकते हैं। इसे आप सेंटरपीस के तौर पर सजा सकते हैं।

Related items

  • कोलकाता, पुणे के फूलों से महकेगी दिवाली
    एकान्त प्रिय चौहान
    रायपुर, 10 नवंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में धनतेरस के साथ ही दिवाली की शुरुआत हो गई है। पांच दिनों तक चलने वाले इस त्योहार के लिए बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक, गिफ्ट, मिठाइयों की दुकानें सजी हुई हैं, साथ ही दिवाली पर अपनी-अपनी महक बिखेरने दूसरे राज्यों से भी फूलों का राजा गुलाब सहित गेंदा, सेवंती, रजनीगंधा सहित अन्य प्रजातियों के फूल राजधानी में उपलब्ध हैं।

    राजधानी रायपुर के कई व्यापारी हालांकि कमजोर ग्राहकी से कुछ परेशान लगे, लेकिन त्योहारी शुरुआत के चलते दो दिन देर शाम-रात तक ग्राहकी बढ़ने की उम्मीद जताई गई है।

    राजधानी के बाजार में पिछले वर्ष तो कई विदेशी किस्म के फूलों की बहार थी। इसमें प्रमुख रूप से डचगुलाब, जरवेरा, निलियम, एंथोरियम जैसे फूलों की खासी मांग रही। दिवाली की खूबसूरती में इजाफा करने के लिए इस बार लखनऊ, दिल्ली, नासिक, कोलकाता, बेंगलुरू, मोहाली, नैनीताल, नगालैंड के साथ ही कई पहाड़ी क्षेत्रों से भी फूल मंगवाए जा रहे हैं।

    राजधानी के फूल चौक स्थित दुर्गा फ्लावर के सनत तिवारी ने बताया कि मुख्यत: फूल कोलकाता, पुणे, बेंगलुरू, लखनऊ सहित अन्य राज्यों से मंगाए जाते हैं। इनमें दिवाली पर्व को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग किस्मों का समावेश किया जाता है।

    सूरज फ्लावर के संचालक मनोज सिंह ठाकुर व एक अन्य फूल व्यवसायी विजय कुमार ने बताया कि उनके यहां गुलाब पुणे, बेंगलुरू, हैदराबाद, नागपुर, कोलकाता आदि राज्यों से मंगवाया जाता है।

    विदेशों से फूल मंगवाने की बात पर उनका कहना था, "हमारे देश में ही कई ऐसी प्रजातियों के फूल होते हैं, जिनका उत्पादन विदेशों में भी किया जाता है। फिलहाल तो देश के अन्य राज्यों से फूल मंगवाते हैं।"

    फूलों के थोक व्यापारी कटोरातालाब के देवराम साहू ने बताया कि लक्ष्मी पूजा तक ग्राहकी बढ़ने की संभावना है। उनका कहना है कि फूलों से बाजार तो सज गया है, वह ग्राहकी थोड़ी कमजोर है। अभी त्योहार में दो-तीन दिन और है, तो हो सकता है कारोबार भी अच्छा हो।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • आई दिवाली, 'भगवान' भी हुए महंगे
    कासगंज (उप्र), 10 नवंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। महंगाई की मार आम जन मानस पर ही नहीं, देव प्रतिमाओं पर भी देखने को मिल रही है। दिवाली पर्व में पूजन के लिए गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां बाजारों में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार ज्यादा दामों में मिल रही हैं।

    आगरा से खरीदकर कासगंज में मूर्ति बेच रहे नरेंद्र ने बताया कि वह प्लास्टर ऑफ पेरिस के जरिए देव प्रतिमाएं बनाता है। प्लास्टर ऑफ पेरिस की कीमत बाजार में 90 रुपये प्रति बोरी है। वहीं दिवाली को लेकर ये देव प्रतिमाएं शहर से लेकर कस्बों तक भेजी जाती है। पिछली बार की अपेक्षा इस बार महंगाई को देखते हुए इन मूर्तियों के दाम भी बढ़ गए हैं।

    इस बार बाजार में गणेश लक्ष्मी की छोटी-छोटी मूर्तियां जो पिछली बार 10 से लेकर 15 रुपये जोड़ी तक मिल रही थी, वह अब 15 से लेकर 25 रुपये तक की बिक रही है। वहीं बड़ी-बड़ी मूर्तियां भी महंगी मिल रही हैं। 80 से लेकर 90 रुपये तक की मूर्ति अब 130 से लेकर 150 रुपये में बिक रही हैं।

    मूर्तियां खरीदने आईं सविता भारती ने कहा, "अब आम आदमी के लिए भगवान भी महंगे हो गए हैं।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • गिफ्ट कार्ड : उपहार वही जो सबके मन भाए
    ममता अग्रवाल
    नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। उपहार तब बेहद खास बन जाता है, जब वह देने वाले के साथ ही लेने वाले की पसंद भी बन जाए। आपने सबसे अच्छा उपहार चुनने में अपना कितना भी समय और पैसा क्यों न खर्च किया हो, वह लेने वाले की जरूरत और पसंद का न हो तो आपके बेहद प्यार से दिए कीमती उपहार की कोई कीमत नहीं रह जाती।

    'जर्नल ऑफ एक्सेपेरिमेंटल साइकोलॉजी' में प्रकाशित एक शोध भी इसी ओर इशारा करता है। शोध के मुताबिक, बेहद सोच-समझ कर दिया गया उपहार भी लेने वाले का पसंदीदा निकले यह कोई जरूरी नहीं।

    इसी तरह जर्नल ऑफ एक्सेपेरिमेंटल सोशल साइकोलोजी में प्रकाशित एक अन्य शोध भी यही कहता है। इस शोध के मुताबिक, उपहार के पीछे की सोच उतनी मायने नहीं रखती, बल्कि खुद उपहार ज्यादा मायने रखता है।

    आप भी अपना कीमती समय और पैसा खर्च करके कोई ऐसा उपहार हरगिज नहीं देना चाहेंगे, जो पसंद न आने पर रीपैक करके आगे बढ़ा दिया जाए तो आखिर उपहार में क्या दें?

    परेशान न हों, क्योंकि आज के स्मार्ट दौर में गिफ्टिंग भी स्मार्ट हो गई है। आपकी इस दुविधा का बेहतरीन उपाय है, गिफ्ट कार्ड। ये प्री-पेड कार्ड होते हैं, जो डेबिट कार्ड की तरह काम करते हैं।

    आप अगर उपहार में गिफ्ट कार्ड देते हैं तो लेने वाला इसके जरिए अपने मन मुताबिक किसी भी पसंदीदा चीज की खरीदारी कर सकता है। गिफ्ट कार्ड के कई फायदे हैं। स्टोर वाउचर्स की तुलना में ये ज्यादा फायदेमंद हैं।

    वाउचर को केवल एक बार में ही इस्तेमाल करना जरूरी होता है, जिसमें आपको पूरी राशि खर्च करनी होती है, लेकिन अगर आप गिफ्ट कार्ड उपहार में देते हैं तो इससे मनचाही चीज तो खरीदी जा ही सकती है, साथ ही इसे एक बार में इस्तेमाल न करके चाहें तो कई बार में इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें कि अधिकांश गिफ्ट कार्ड की अवधि एक साल की होती है।

    गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए आपके पास दो विकल्प हैं। आप चाहें तो ओपन लूप कार्ड खरीद सकते हैं जो बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। बैंक करीब सौ रुपये का शुल्क लेकर ये कार्ड जारी करते हैं, जिसे आप ऑनलाइन या सीधे बैंक से खरीद सकते हैं।

    बैंक गिफ्ट कार्ड में आप 500 रुपये से लेकर 50,000 तक जितनी चाहे उतनी राशि डलवा सकते हैं। एचडीएफसी बैंक रोहिणी ब्रांच की मैनेजर पायल अग्रवाल बताती हैं, "बैंक गिफ्ट कार्ड का फायदा यह है कि इन्हें इस्तेमाल करने के लिए किसी खास स्टोर से खरीदारी की बाध्यता नहीं होती। इनसे किसी भी स्टोर पर खरीदारी की जा सकती है।"

    बैंक गिफ्ट कार्ड में पिन नंबर होता है, जिसका इस्तेमाल करके विभिन्न आउटलेट से या ऑनलाइन सुरक्षित खरीदारी की जा सकती है। इस पिन नंबर के जरिए कार्ड का बैलेंस और ट्रांसेक्शन विवरण भी पता किया जा सकता है।

    दूसरा विकल्प हैं ऐसे कार्ड जो आप किसी विशिष्ट आउटलेट से खरीद सकते हैं। इनसे किसी खास ब्रांड या रिटेल चेन से ही खरीदारी की जा सकती है। जैसे कि टाइटन, तनिश्क, लाइफस्टाइल, कैफे कॉफी डे, क्रोमा, वेस्टसाइड या फास्ट ट्रैक जैसी कंपनियों द्वारा जारी किया गया कार्ड। यह गिफ्ट कार्ड आपको इन्हीं स्टोर से ही खरीदारी का विकल्प देगा।

    इस तरह के गिफ्ट कार्ड से खरीदारी करने पर कई आउटलेट सामान पर पांच से 10 प्रतिशत की छूट भी देते हैं। साथ ही इनसे खरीदारी करने पर उपभोक्ता को रिवॉर्ड प्वॉइंट भी मिलते हैं। निश्चित संख्या में इन प्वॉइटं्स को इकटठा करने पर आपको खरीदारी में रिटेल कंपनी की तरफ से छूट भी मिलती है।

    गिफ्ट कार्ड की बढ़ती लेकप्रियता को देखते हुए अब कई वेबसाइट भी इस मैदान में उतर आई हैं। इनसे कई तरह के गिफ्ट कार्ड खरीदे जा सकते हैं। इनसे आप होम डेकोर, कपड़े, घड़ियां व अन्य एक्सेसरीज आदि के गिफ्ट कार्ड भी खरीद सकते हैं। ऐसी कुछ बेवसाइट हैं : गिफ्टकार्डसइंडिया डॉट इन, गिफ्टकार्डबिग डॉट कॉम और इंडियाप्लाजा डॉट कॉम।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उत्सवी मौज-मस्ती में न लगे सेहत को नजर
    ममता अग्रवाल
    नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। हर संस्कृति में त्योहारों का संबंध खाने-पीने से जुड़ा है और भारतीय त्योहार तो खासतौर पर स्वादिष्ट पकवानों के बिना अधूरे हैं। दिवाली की बात हो तो हम सभी के जहन में तुरंत स्वादिष्ट मिठाइयांे और इस मौके के लिए बनने वाले खास पकवानों का ख्याल आ जाता है।

    त्योहारों के मस्ती भरे माहौल और दोस्तों और रिश्तेदारों के मान-मनुहारों के बीच हम अपने आप को जरूरत से ज्यादा और हाई कैलोरी वाला खाना खाने से रोक नहीं पाते। लेकिन कहीं न कहीं वजन बढ़ने और सेहत चौपट होने की फिक्र भी साथ ही होती है, लेकिन कुछ बातों का ख्याल रखकर आप भी त्योहारों का मजा बेफिक्र उठा सकते हैं।

    दिल्ली के डाइट एंड क्योर क्लीनिक की प्रमुख डाइटिशयन और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. दिव्या गांधी और एससीआई इंटरनेशनल अस्पताल की न्यूट्रिशनिस्ट डॉ पारुल खन्ना के मुताबिक, कुछ खास बातों का ख्याल रखकर हम त्योहारों के उत्सवी माहौल का मजा बिना किसी फिक्र उठा सकते हैं।

    बनाएं दिन भर की योजना : त्योहारों के समय दोस्तों-रिश्तेदारों के घर आने-जाने के बीच काफी कैलोरीयुक्त व्यंजन खा लिए जाते हैं। इससे बचने के लिए बेहतर है कि पूरे दिन की योजना पहले ही बना लें। अगर रात को दिवाली की पार्टी में जाना हो तो अपने ब्रेकफास्ट और लंच को पहले से ही हल्का रखें और पार्टी में जाने से पहले कुछ हेल्दी स्नैक खा कर जाएं, ताकि पेट भरा रहे और हैवी, रिच खाने पर आप ज्यादा जोर न दें।

    घर में बनी मिठाइयां : बाजार में बनी मिठाइयों में काफी ज्यादा कैलोरी होती है। इसके अतिरिक्त इनमें कृत्रिम रंग और मेटानिल येलो, लेड नाइट्रेट, म्यूरिएरिक एसिड जैसे हानिकारक रसायन भी मिले हो सकते हैं जो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। उत्सवी मौसम में आपूर्ति पूरी करने के लिए बाजार में दूध की जगह कॉर्न स्टार्च से भी पनीर बना लिया जाता है। बाजार की बनी मिठाइयों में आप सेहत के लिहाज से कुछ तब्दीली नहीं कर सकते। लेकिन घर में बनी मिठाइयों को आप स्वास्थ्य के अनुकूल बना सकते हैं।

    डॉ. दिव्या गांधी सलाह देती हैं कि घर में मिठाइयां बनाते समय सफेद चीनी या अप्राकृतिक मिठास डालने से बचें। इसमें आप खजूर, गुड़, शहद और अंजीर जैसी मिठास बढ़ाने वाली प्राकृतिक चीजों का प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही इन्हें बनाने के लिए स्किम्ड दूध का प्रयोग करें।

    स्वास्थ्यवर्धक स्नैकिंग : न्यूट्रिशनिस्ट पारुल कहती हैं, दिवाली जैसे त्योहारों के समय केवल मीठा ही ज्यादा नहीं खाया जाता बल्कि नमक और वसायुक्त चीजें भी काफी खायी जाती हैं। इन्हें एक स्वास्थ्यवर्धक ट्विस्ट देने के लिए पकाने के तरीके में बदलाव लाना भी एक अच्छा उपाय है। जैसे कि तलने कि जगह बेक करें। बेक की हुई चकली और पूड़ियां, कम वसा वाले खाखरा और भुना हुआ चिवड़ा जैसे विकल्प स्वादिष्ट होने के साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भी हैं।

    भरपूर पानी : त्योहारों की भागदौड़ के बीच हम अकसर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भूल जाते हैं। कम पानी के कारण थकान और कमजोरी महसूस होती है क्योंकि यह शरीर में अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित करता है। लेकिन पानी की भरपाई मीठे शर्बत और एरियेटिड ड्रिंक्स से न करें। ये तेजी से वजन बढ़ाते हैं और सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट सलाह देती हैं कि भागदौड़ के बीच प्यास लगने पर या उत्सवी पार्टी में शामिल होने पर इनकी जगह नींबू पानी, आइस्ड ग्रीन टी, टोमेटो जूस, जूस के साथ नारियल पानी या बिना क्रीम वाला सूप जैसे पेय लें।

    मात्रा पर नियंत्रण : खास व्यंजन खासतौर पर त्योहारों के मौके के लिए ही बनाए जाते हैं, इसलिए खुशियों के मौके पर आपको इनसे पूरा परहेज करना जरूरी नहीं है। आप इन स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं, बस इतना ध्यान रखें कि इन्हें बहुत ज्यादा मात्रा में न खाएं। अगर डिनर बुफे शैली का हो तो सबसे छोटी प्लेट ही चुनें और अपनी प्लेट को ज्यादा न भरें। कैलोरी युक्त व्यंजनों को केवल चखने तक ही सीमित रखें और ताजे फलों या मेवों से बने खाद्य पदार्थो का चुनाव करें तथा डिप्स व सॉस का प्राथमिकता दें।

    चुनें सेहतमंद विकल्प : उन मिठाइयों को उठाएं जो आपका मुंह मीठा करने के साथ ही आपकी सेहत के लिहाज से भी मीठी हों। मावे की मिठाइयों की जगह थोड़ी मात्रा में सूजी, गाजर, लौकी या फिर मेवों की मिठाई चुनें। इन मिठाइयों में गुलाब जामुन या खोए की अन्य मिठाइयों की तुलना में कैलोरी कम होती है और पोषक तत्व ज्यादा होते हैं। साथ ही चांदी की बर्क लगी मिठाइयों से भी परहेज करें। अल्यूमिनियम की मिलावट के कारण ये आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

    मिठाइयों की अवधि का रखें ध्यान : त्योहारों के समय में खुशियां मनाते हुए खाने-पीने में थोड़ी सी छूट जायज है, लेकिन उसके बाद आपको खुद अपने लिए कुछ सख्त नियम बनाने जरूरी हैं। ज्यादातर मिठाइयां खोए, दूध और क्रीम से बनी होती हैं। एक या दो दिन तक ही इनका स्वाद उठाया जा सकता है। इसके बाद इन्हें खाना सेहत के लिए खतरे को न्योता देने के बराबर है, क्योंकि दूध के उत्पादों से बनी होने के कारण इनमें फफूंद पैदा हो जाती है। इसलिए समय रहते ही अतिरिक्त मिठाइयां बांट दें और अपनी खुशियां दूसरों के साथ बांट कर खुशियों का मजा दुगना करें।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • महिलाओं की जादू-टोने के शक में हत्याएं रोकने में कानून नाकाम

    नित्यानंद शुक्ला
    रांची, 9 नवंबर (आईएएनएस)। डायन बताकर महिलाओं की हत्या कर देने का सदियों पुराना अपराध झारखंड में आज भी जारी है। इसकी जड़ में कानून पर अमल में कोताही, ऐसे अंधविश्वास जिन्हें चुनौती नहीं दी जाती और भूमि विवाद हैं।

    बीते रविवार सरायकेला-खारसवान में सोसोकादा टोला में श्यामलाल मुंडा और उसके भाई राम सिंह मुंडा ने एक घर में घुसकर चार लोगों की हत्या कर दी। इनमें दो बुजुर्ग महिलाएं थीं।

    पुलिस के मुताबिक कुछ दिन पहले श्यामलाल के एक साल के बेटे की मौत हो गई थी। उसका कहना था कि जिन लोगों की उसने हत्या की है, उन्होंने काला जादू कर दिया था जिसकी वजह से उसका बेटा मर गया।

    हत्या के बाद दोनों भाई बुजुर्ग महिला का कटा हुआ सिर लेकर खुद थाने गए और अपना जुर्म कबूल लिया।

    ऐसी हत्याएं सामान्य बात हैं। 8 अगस्त को मंदर में पांच महिलाओं की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मामले में 30 लोगों को पकड़ा जिनमें कुछ छात्र भी हैं। उनका कहना है कि हत्याओं का उन्हें कोई अफसोस नहीं है क्योंकि वे महिलाएं 'डायन' थीं।

    झारखंड सरकार ने 2001 में ऐसी हत्याओं को रोकने के लिए कानून बनाया था और विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। इसके बावजूद राज्य में हर साल 30 से 50 महिलाओं की जादू-टोना करने के नाम पर मार डाला जा रहा है।

    झारखंड महिला आयोग की पूर्व सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता वासवी ने आईएएनएस से कहा, "इन हत्याओं की कई वजहें होती हैं। 2001 का कानून कमजोर है। इस सबके साथ भूमि विवाद के मामले अलग से हैं।"

    उन्होंने कहा कि कड़ी सजा के लिए कानून में संशोधन होना चाहिए। उन्होंने कहा, "महिलाओं की हत्या के लिए उकसाने वाले ओझाओं के लिए किसी दंड का प्रावधान नहीं है। हर जिले में एक जादू-टोना निषेध केंद्र होना चाहिए। जादू-टोने के मामलों को थानों में अलग से दर्ज किया जाना चाहिए और इनकी सुनवाई विशेष रूप से बनाई गईं त्वरित अदालतों में की जानी चाहिए। "

    कानून में प्रावधान है कि अगर किसी महिला को डायन कहा जाता है या जादू-टोने के नाम पर उत्पीड़ित किया जाता है तो आरोपी को तीन से छह महीने की सजा हो सकती है। राज्य महिला आयोग ने इस कानून को सख्त बनाने के लिए कई सिफारिशें की हैं लेकिन सरकार ने अभी इन पर कोई फैसला नहीं लिया है।

    आयोग की अध्यक्ष महुआ मांझी ने कहा, "हमें शिक्षा का स्तर सुधारना होगा। यहां तक कि कुछ डिग्रीधारी छात्र भी ऐसी घटनाओं में शामिल पाए गए हैं। यह शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है।"

    आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2014 में 44 महिलाओं को डायन बताकर मार डाला गया था। इस साल अब तक 46 महिलाओं को डायन बताकर मारा जा चुका है। 2001 का कानून बनने के बाद से 500 से अधिक महिलाओं को डायन बताकर मारा जा चुका है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मनाएं सुरक्षित दिल वाली दिवाली!
    नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। हम सभी को हर साल बेसब्री से रोशनी के त्यौहार दीपावली का इंतजार रहता है, लेकिन शायद ही हम कभी इसके कारण हमारे स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में सोचते हैं।

    पर्व-त्यौहारों के इन दिनों में ज्यादा मिठाईयां और तले हुए पकवान खाना, देर रात तक परिवार और दोस्तों के साथ त्यौहार मनाना और पटाखों से फैलने वाला प्रदूषण और शोर हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसलिए जरूरी है कि जागरूकता फैलाई जाए और सावधानियां अपनाई जाएं ताकि दीवाली खुशियां और हर्ष फैला कर जाए।

    त्यौहारों पर हम शराब का सेवन भी अधिक कर लेते हैं, जो सीधे-सीधे तो हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता ही है और शराब पीकर वाहन चलाना तो मौत को दावत देने के ही समान है।

    दिवाली के दौरान अस्वास्थ्यकर भोजन को लेकर नोएडा के कैलाश अस्पताल एवं हृदय संस्थान वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार अग्रवाल का कहना है, "दिवाली के दौरान जिन मिठाईयों का सेवन किया जाता है वह आम तौर पर वनस्पति घी से बनी होती हैं जिनमें काफी मात्रा में ट्रांस फैट होता जो अच्छे कालेस्ट्रॉल को कम और बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इसमें मौजूद चीनी की अत्यधिक मात्रा से मोटापा बढ़ता है और डॉयबीटीज के मरीजों के लिए थोड़ी सी भी मिठाई जानलेवा हो सकती है।"

    डॉ. संतोष कहते हैं, "लोग अक्सर बाहर खाने जाते हैं और वह पकवान चुनते हैं जो तले हुए और अत्यधिक सोडियम वाले होते हैं। इससे रक्तचाप बढ़ सकता है और दिल पर दबाव पड़ता है। जिन लोगों को पहले से दिल के रोग और ब्लॉकेज जैसी समस्याएं हैं उन्हें दिल का दौरा पड़ने या आक्समाक कार्डियक अरेस्ट का खतरा हो सकता है।"

    इस बारे में और अधिक जानकारी देते हुए पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपरस्पैशलिटी अस्पताल और कार्डियक कैथलैब के सहायक निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने बताया, "पटाखों से न सिर्फ प्रदूषण फैलता है बल्कि कई एलर्जीस और श्वास से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। दिल के मरीजों को चाहिए कि वह शाम के वक्त घर के अंदर ही रहें क्योंकि उस वक्त सबसे ज्यादा पटाखे चलाए जाते हैं। बचाव से ही सेहतमंद व खुशियों भरी दीवाली हो सकती है।"

    दीपावली पर सीमित मात्रा में ही पटाखे चलाने चाहिए और ज्यादा शोर करने वाले पटाखों से बचना चाहिए, गैसों के जहरीले धुएं से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए, पटाखों के शोर से बचने के लिए दिल और हाईपरटैंशन के मरीज कानों में ईयर प्लग लगाएं। उच्च कैलरी वाली मिठाईयों से बचें और शराब कम पीएं।

    हम सभी को दीवाली मनानी चाहिए लेकिन स्वस्थ रहने की कोशिश करनी चाहिए और अपने शरीर को खतरे में नहीं डालना चाहिए, खास कर दिल के रोग, अस्थमा, हाईपरटेंशन, मोटापे और डॉयबिटीज वालों को सावधान रहना चाहिए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

खरी बात

बिहार की जीत पर कुछ सवाल ?

धीरज चतुर्वेदी् रस्सी जल गयी पर ऐठन नही गई। कुछ यही हाल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का हो चुका है। अब हार का ठीकरा किस पर फोडे शायद संसदीय दल...

आधी दुनिया

महिलाओं ने बदल दी एक गांव को पहचान

असम में नलबाड़ी जिले से 20 किलोमीटर दूर स्थित चतरा गांव की पहचान को यहां की महिलाओं ने अपनी एकजुटता और मेहनत से बदल दिया है। बोडो समुदाय बहुल यह...