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मप्र : हायर सेकेंडरी परीक्षा में 410 नकलची पकड़े गए

भोपाल, 16 मार्च (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल (मशिमं) द्वारा आयोजित हायर सेकेंडरी परीक्षा के इतिहास, भौतिक शास्त्र, व्यवसाय अध्ययन आदि के विषय की परीक्षा के दौरान बुधवार को विभिन्न स्थानों पर 410 नकलची पकड़े गए हैं। सबसे ज्यादा नकलची 120 भिंड जिले में पकड़े गए।

शिक्षा मंडल कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बुधवार को परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इस परीक्षा के दौरान मुरैना में 13, भिंड में 120, ग्वालियर में दो, शिवपुरी में छह, टीकमगढ़ में दो, छतरपुर में सात, पन्ना में दो, सतना में दो, उमरिया में दो, सीधी में 10, अनुपपूर में एक नकचली पकड़ा गया।

इसी तरह नीमच में एक, देवास में दो, आगर में एक, खंडवा में एक बुरहानपुर में 10, अलीराजपुर में 33, राजगढ़ में तीन, विदिशा में एक, सीहोर में 26, बैतूल में 13, होशंगाबाद में दो, जबलपुर में चार, कटनी में 22, नरसिंहपुर में पांच, मंडला में दो, डिंडौरी में 112, छिंदवाड़ा में दो, सिवनी में एक, बालाघाट में दो परीक्षार्थी नकल करते पकड़े गए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • टाइगर एक्सप्रेस को प्रभु ने दिखाई हरी झंडी
    नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर रविवार को 'टाइगर ट्रायल सर्किट ट्रेन' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही उन्होंने ऐसी और पहल का वादा किया।

    रेलवे के एक प्रवक्ता ने यहां कहा कि मुंबई दौरे पर गए सुरेश प्रभु ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस ट्रेन को रवाना किया।

    इस अवसर पर रेल मंत्री ने कहा कि भारतीय रेल पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के समाधान के प्रतिबद्ध है और वह हाथी परिपथ, रेगिस्तान परिपथ आदि और पर्यटन सर्किट ट्रेन शुरू करेगी।

    यह ट्रेन पांच दिन और छह रातों के लिए दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होकर कटनी होते हुए जबलपुर, बांधवगढ़ और मध्य प्रदेश के कान्हा जाएगी।

    इस वातानुकूलित सेमी लग्जरी ट्रेन के यात्री विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ जबलपुर के पास भेड़ाघाट में धुआधर जलप्रपात भी देखेंगे।

    इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन, भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी एवं कांग्रेस सांसद जनार्दन द्विवेदी भी स्टेशन पर मौजूद थे।

    प्रवक्ता ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर टाइगर एक्सप्रेस का शुभारंभ हमारे जीवन में पर्यावरण के महत्व का उल्लेख करता है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेन का संचालन भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) करेगा।

    --आईएएनएस
  • जंगली जीवों की रक्षा कर दुनिया को बनाएं बेहतर
    नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। विश्व पर्यावरण दिवस पर इस साल का थीम है 'वन्य प्राणियों का गैरकानूनी व्यपार' जो कि अब चरम सीमा पर पहुंच चुका है। इस वजह से न सिर्फ बाघों, हिरनों और हाथियों को नुकसान हो रहा है बल्कि यह अन्य कई प्रजातियों के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है।

    इस बारे में जागरूकता फैलाते हुए हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल ने कहा कि देश में जैविक-विभिन्नता की बहुतायत को देखते हुए हमें संतुलित जीवन के बारे में सोचना चाहिए। अवांछित गतिविधियां जो कई प्रजातियों के खत्म होने का कारण बन रही हैं, के खिलाफ जागरूकता मुहिम, संरक्षण और नीतियां सफलतापूर्वक बनाई गई हैं। वन्य जीवन को बचाने और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए इन कानूनों को स़ख्ती से लागू करवाना चाहिए क्योंकि पर्यावरण और आम लोगों के लिए यह बेदह जरूरी है। गैरकानूनी वन्यजीव उत्पादों की मांग खत्म करने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि उपकरणों और सुविधाओं की कमी की वजह से जीवों का गैरकानूनी व्यपार फल फूल रहा है। तेजी से खत्म हो रही प्रजातियों को रोकना समय की प्रमुख मांग है। इसलिए जरूरी है कि ग्लोबल स्तर पर पर्यावरण को सुरक्षित रखने के विभिन्न तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाई जाए, ताकि वन्य जनजीवन को बचाया जा सके।

    दुर्लभ जीवों के अंगों की मांग और आपूर्ति की वजह से जंगलों में आवाजाही बढ़ रही है। स़ख्त कानूनों के बावजूद बाहरी ताकतें गैरकानूनी तरीके से लाए गए जंगली जीवों को कानूनी बाजार में दाखिल करवा रही हैं।

    कुछ सुझाव

    -जिन देशों ने वन्यजीव प्रजातियों के संरक्षण का प्रण लिया है उनकी सहायता करना।
    -वन्यजीव अपराधों को रोकने में मदद करने के लिए आर्थिक सहायता करना।
    -कानूनों को लागू करवाने के प्रयासों और तकनीक के प्रयोग के साझे उपक्रम के साथ जंगली जीव व्यापार के खिलाफ पहल।
    -जीवों के बॉय प्रॉडक्ट की मांग को कम करने के लिए पहल पर आधारित योजना बनानी चाहिए।
    -जंगली जीवन को खतरा बन रही गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए जोरदार मुहिम चलानी चाहिए।

    --आईएएनएस
  • दुनिया में लोकप्रियता हासिल कर रही है मोदी की विदेश नीति : भाजपा
    नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजे जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि मोदी की विदेश नीति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जा रही है और इसकी सराहना की जा रही है।

    अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान-भारत दोस्ती बांध के उद्घाटन के बाद मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'अमीर अमानुल्ला खान सम्मान' से नवाजा। हेरात प्रांत में स्थित इस बांध को सलमा बांध के नाम से भी जाना जाता है।

    भाजपा प्रवक्ता एम. जे. अकबर ने यहां कहा, "हाल के हफ्तों में प्रधानमंत्री को इस तरह का मिला यह दूसरा ऐसा सम्मान है। यह एक अनोखी उपलब्धि है। किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को यह सम्मान नहीं मिले हैं।"

    हाल में सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सउद ने मोदी को अपने यहां के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'शाह अब्दुलअजीज सम्मान' से नवाजा था।

    अकबर ने कहा है कि यह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई विदेश नीति की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता और बढ़ती सराहना को दर्शाता है। प्रधानमंत्री भारत की समृद्धि के लिए भारत को एक प्रधान केंद्र के रूप में रख कर गठबंधन कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि ये सम्मान प्रधानमंत्री की विदेश नीति को अस्थिरता से भरे इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के बल के रूप में मान्यता प्रदान करते हैं।

    मोदी इन दिनों पांच देशों के दौरे पर हैं। इस दौरे के में उन्हें अफगानिस्तान और कतर के बाद अब स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मैक्सिको जाना है।

    --आईएएनएस
  • पर्यावरण दिवस पर 'अन्न से जीवन' अभियान की शुरुआत
    नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। भारतीय कृषि की बदहाली का जमीनी स्तर पर समाधान पेश करने और खाद्य प्रणाली को बेहतर बनार रखने के लिए ग्रीनपीस ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर रविवार को एक नया अभियान 'अन्न से जीवन' (फूड फॉर लाइफ) शुरू किया है। इस अभियान में 'इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर रिवोल्युशन' (पारिस्थिकीय कृषि क्रांति) पर जोर दिया गया है, जो कमजोर हो चुकी हमारी खाद्य प्रणाली को दुरुस्त करने में मददगार साबित होगा।

    ग्रीनपीस इंडिया ने बिहार के जमुई जिले में स्थित, केड़िया गांव के किसानों के द्वारा जारी 'खाद्य क्रांति' की प्रेरणास्पद कहानी को आज एक फिल्म स्क्रीनिंग के जरिए तीन शहरों में लोगों के साथ साझा किया। केड़िया में पर्यावरण और पारिस्थितिकी की सेहत के अनुरूप खेती-किसानी के भारतीय पारंपरिक ज्ञान, आधुनिक विज्ञान व कृषि संबंधी अभिनव प्रयोगों के साथ समुचित जैवविविधता की रक्षा की जा रही है।

    इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए ग्रीनपीस के कैंपेनर इश्तियाक अहमद ने कहा, "आज हमारी खेती-किसानी संकट में है, क्योंकि वर्तमान समय में खेती पद्धति कुदरत के साथ मिल कर नहीं, बल्कि उसके शोषण पर आधारित है। हम केड़िया में कुदरत, किसान और सरकारी मशीनरी के बीच समायोजन और सम्मान का रिश्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वर्ष 2014 में शुरू इस अभियान से किसानों के बीच कृषि जैवविविधता और जैवईंधन को लेकर चेतना बढ़ी है और कुदरती ढंग से खेती करने के तरीके पर भरोसा भी बढ़ा है।"

    इश्तियाक ने कहा, "दरअसल इस मॉडल में किसानों व उपभोक्ताओं के बीच की दूरी को पाटा जा रहा है। ऐसे में गांव में सहकारित विकास को भी बढ़ावा दिया गया है। इसका मकसद खेती की प्रक्रिया में मध्यस्थों को निकाल बाहर करना है और सततशील आजीविका की ओर प्रयास करते किसानों के लिए मुनाफे के अवसर पैदा करना है।"

    इस मौके पर विविधरा और बीज बचाओ आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता अजय महाजन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "कुदरती खेती की बुनियादी जरूरत है कि भोजन व्यवस्था पर किसान और उपभोक्ता का सही नियंत्रण हो। फिलहाल किसानों और उपभोक्ताओं के बीच कोई तालमेल नहीं है जिसका सीधा और प्रतिकूल असर खाद्य सुरक्षा सुरक्षित भोजन प्रणाली पर पड़ रहा है। इस खाई को पाटना हम सब की एक बड़ी जि़म्मेदारी है।"

    इंडिया इंटनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया, जिसमें कुदरती खेती के फायदे के बारे में बात की गई। इस अभियान से जुड़ने के लिए आम लोगों को भी कई अनूठे कार्यक्रमों के जरिये भी प्रेरित किया गया। इसके अलावा एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें केड़िया की सफलगाथा को जमीन पर उतारने में साझेदार रहे ग्रीनपीस के कैंपेनर इश्तयाक के अनुभवों से भी लोग रूबरू हुए।

    केड़िया के एक किसान राजकुमार यादव ने एक संदेश भेज कहा, "हम अपनी खेती के लिए खाद और कीट नियंत्रक दवाइयां अपने पास मौजूद जैविक संसाधनों से ही बना रहे हैं - इस से हमारी लागत भी घटी है और हम रसायनों के दुष्प्रभाव से भी बच रहे हैं।"

    केड़िया बिहार राज्य के एक पिछड़े जिले जमुई के बरहट प्रखंड/तहसील में स्थित एक छोटा सा गांव है, जहां बिना किसी रासायनिक खाद व कीटनाशकों के जैविक कृषि के तहत 'जीवित माटी' का प्रयोग सफल हुआ है। कुदरती खेती का केड़िया मॉडल देश की बदतर होती कृषि प्रणाली की कई विभिन्न समस्याओं को एक व्यापक व वैकल्पिक नजरिये से हल करने की कोशिश करता है।

    --आईएएनएस
  • न्यायालय के निर्देश के बावजूद बुंदेलखंड में वसूली जारी : योगेंद्र
    भोपाल, 5 जून (आईएएनएस)। स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने मध्य प्रदेश सरकार पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए कहा है कि बुंदेलखंड में किसान सूखे की मार झेल रहे हैं और किसानों को राहत देने के बजाय कर्ज वसूली के नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

    मध्य प्रदेश की राजधानी में सूखा, खेती और आजीविका संघर्ष मोर्चा द्वारा पर्यावरण दिवस पर आयोजित जनसंवाद में योगेंद्र ने कहा, "देश के कई जिले सूखे से प्रभावित हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, किसान बैंकों और निजी साहूकारों से लिए गए ऋण की भरपाई न करने की स्थिति में खेती छोड़ने को मजबूर हैं। मनरेगा का काम नहीं मिल रहा है।"

    यादव ने पिछले दिनों तीन अन्य संगठनों के साथ मिलकर मराठवाड़ा व बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों की पदयात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों से अवगत कराया था और उनकी स्थिति को करीब से जाना था।

    इस मौके पर मध्य प्रदेश आपदा निवारण मंच द्वारा किए गए सर्वे व अध्ययन पर 'बिन पानी सून' नामक पुस्तिका का विमोचन किया गया।

    पुस्तिका के अनुसार, अध्ययन क्षेत्र 66 ग्रामों से 19000 लोगों ने आजीविका के लिए पलायन किया है, और इनमें से अधिकतर दलित व आदिवासी समाज के लोग हैं, जो मुख्यत: खेतिहर और छोटे व सीमांत किसान हैं।

    पुस्तिका में राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो, मध्य प्रदेश के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि पिछले पांच सालों (2010-2015) में 6586 किसानों ने आत्महत्या की है, जिसमें बुदेलखंड के 570 (8़ 6 प्रतिशत) किसान शामिल हैं। बुंदेलखंड में सूखे के चलते किसान अपनी खेती को न केवल छोड़ रहे हैं, बल्कि आजीविका के संकट के चलते पलायन कर रहे हैं।

    इस मौके पर जनपहल की सारिका सिन्हा ने कहा कि पानी के निजीकरण और औद्योगिकीकरण के चलते परंपरागत जल व्यवस्था नष्ट हो रही है, और गिरते पर्यावरण ने सूखे को जन्म दिया है।

    जनसंवाद में खाद्य सुरक्षा, जल संकट और पशु पेयजल संकट, मनरेगा, कृषि ऋण, फसल क्षति और मुआवजा, किसान आत्महत्या, पलायन, बंधुआ मजदूरी, मध्यान्ह भोजन, विकलांगों पर सूखे का प्रभाव, ग्राम सभा और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य आदि मुद्दों पर विभिन्न अंचलों से आए पीड़ितों द्वारा विभिन्न प्रकरण प्रस्तुत किए गए।

    --आईएएनएस
  • छग : अंतरराज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश, 5 गिरफ्तार
    रायपुर, 5 जून (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में राजधानी के सीमावर्तीय थाना क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही चोरी की घटनाओं को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की और रविवार सुबह पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पुछताछ के दौरान रायपुर में कई हाई प्रोफाइल चोरी की घटनाओं का खुलासा किया है।

    रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि जिले में लगातार बढ़ते चोरी के मामलों और हाल ही में धमतरी जिले में हुई डकैती की घटना को रेज आईजी जी.पी. सिंह ने गंभीरता से लिया और रायपुर के पुलिस अधीक्षक बद्रीनारायण मीणा, एएसपी विजय अग्रवाल सहित शहर के सभी सीएसपी के सहयोग से टीम बनाकर चारों ओर पताशाजी की, और जांच के दौरान पुलिस को इस गिरोह के बारे में जानकारी मिली।

    अग्रवाल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने इस गिरोह का पीछा करते हुए रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र से गिरोह के पांच सदस्यों को धर दबोचा और आरोपियों के कब्जे से हथियार बरामद किए, जो आरोपी वारदात के दौरान उपयोग में लाते थे। आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी रायपुर के अग्रसेन धाम के पास एक खाली सूनसान घर में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले थे।

    पुलिस ने बताया कि मामले को अंजाम देने का मुख्य आरोपी ग्राम पीपरानी, पोस्ट नरवली, तहसील कुक्षी, थाना टाण्डा, जिला धार का निवासी बन सिंह, पिता गणपत सिंह है। इसके साथ डुंगरु लावा, कुंदु सिंह, नूर सिंह और सुनील अनारे भी थे।

    अग्रवाल ने बताया कि उपरोक्त आरोपी घटना को अंजाम देने से पहले घटना स्थल की रेकी करते और घटना को अंजाम देने के बाद पुलिस को चकमा देने के लिए सामान को आपस में बांट कर अलग-अलग क्षेत्रों में बिखर जाते थे।

    --आईएएनएस

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