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जीएसटी पर जेटली आशावान, कांग्रेस ने कहा-मुद्दे सुलझे नहीं

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को पारित करने में अब ज्यादा देर नहीं होगी। यह बस समय की बात है। लेकिन, विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इस बात को यह कहते हुए दरकिनार कर दिया कि अभी विधेयक से संबंधित कई मुख्य मुद्दे सुलझे नहीं हैं।

जेटली ने विश्व आर्थिक मंच और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम 'नेशनल स्ट्रेटजी डे आन इंडिया' में कहा, " मुझे लगता है कि यह अब बस समय की बात है। बाधाएं अनिश्चितकाल तक जारी नहीं रह सकतीं। विधेयक को मतदान के लिए रखे जाने के मौके पर मैं इसे आगे बढ़ते देख रहा हूं।"

उन्होंने ब्लूमबर्ग चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "हम तो उनके (कांग्रेस के) किसी भी नेता से बात करने के लिए तैयार हैं।" जेटली से पूछा गया था कि क्या वह जीएसटी पास कराने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे।

उन्होंने कहा, "क्या मैं कांग्रेस से विचार विमर्श के लिए तैयार हूं? मैं कई बार कह चुका हूं कि हां तैयार हूं। मैं अभी तक इस पर उनके नेताओं से बात करता रहा हूं। मैंने इसकी मूल अवधारणा के प्रति कोई विरोध नहीं पाया है। मैं उनसे फिर बात करूंगा और उन्हें मनाने की कोशिश करूंगा।"

लेकिन, कांग्रेस ने एक बार फिर इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, "पहली बात तो यह कि एक ऐसा माहौल बनना चाहिए जिसमें सरकार और विपक्ष बात कर सकें। संसदीय जनतंत्र को महज एक विधेयक तक सीमित नहीं किया जा सकता।"

उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों का टकराववादी पूर्वाग्रह बरकरार रहा तो फिर एक बेहतर माहौल बनाने में मुश्किल होगी।"

कांग्रेस की मांग है कि सरकार जीएसटी में एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाने का विचार छोड़ दे और इसे विधेयक में ही अधिसूचित किया जाए।

जबकि, भाजपा का कहना है कि पूरे देश में एक कर व्यवस्था के दायरे में आने के बाद राज्यों को दिए जाने वाले मुआवजे के लिए एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाना जरूरी है।

जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार जीएसटी विधेयक को पारित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

जेटली ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में सुधार की दिशा में अब तक हुई प्रगति पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि कर मामलों में उन्हें विरासत में मिले कई मसले सुलझा लिए गए हैं।

जीएसटी पर उन्होंने कहा कि इससे संबंधित विधायी कार्यो को पूरा कर लिया गया है। इसके मूल विचार के खिलाफ किसी को कोई विरोध भी नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में ऐसे लोगों की संख्या अब पहले से कहीं अधिक हो गई है जो इस विधेयक के प्रावधानों पर अमल होते देखना चाहते हैं।

निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि मौजूदा हालात में सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश पर जोर देना होगा। सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। निजी क्षेत्र जल्द ही निवेश के इस चक्र का हिस्सा बन जाएगा।

उन्होंने कहा कि राजमार्ग और रेलवे जैसे क्षेत्रों को संसाधन उपलब्ध कराने पर सरकार का जोर है क्योंकि इन क्षेत्रों में सुधार का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर अच्छा पड़ता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    केंद्र सरकार ने देश भर में जीएसटी को अगले साल अप्रैल से लागू करने की तैयारी कर रखी है, लेकिन वर्तमान में यह संसद में फंसी है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • भारत पेट्रोलियम के शुद्ध लाभ में 119 प्रतिशत वृद्धि

    मुंबई, 9 नवंबर (आईएएनएस)। सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने सोमवार को कहा कि 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में प्रभावी सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) की मदद से कंपनी के शुद्ध लाभ में 119 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    बीपीसीएल ने दूसरी तिमाही में 1,018 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 464 करोड़ रुपये था।

    बीपीसीएल को प्रति बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 6.2 डॉलर की आमदनी हुई, जबकि पिछले वित्तवर्ष की समान तिमाही में यह आय 2.36 डॉलर थी।

    दूसरी तिमाही के दौरान राजस्व 25 प्रतिशत कम होकर 46,423 करोड़ रुपये रहा।

    कंपनी की कुल आय दूसरी तिमाही में 32 प्रतिशत बढ़कर 62,280.3 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी की कुल आय 47,160.1 करोड़ रुपये थी।

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    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • धनतेरस पर जौहरियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद
    नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)। सोने की कम कीमत के कारण इस धनतेरस पर यानी सोमवार को जौहरियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है।

    पीसी ज्वेलर्स के प्रबंध निदेशक बलराम गर्ग ने आईएएनएएस को बताया, "इस वर्ष काफी अच्छे कारोबार की उम्मीद है। पहली बार धनतेरस के मौके पर सोने की कीमत कम है। इस वर्ष लोग आभूषण खरीद रहे हैं।"

    गर्ग के मुताबिक, "मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष बिक्री 40-50 प्रतिशत बढ़ेगी। इस वर्ष लोग विवाह के लिए भी आभूषण खरीद रहे हैं।"

    धनतेरस के अवसर पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है।

    इस वर्ष धनतेरस पर 10 ग्राम सोने की कीमत 25,000 रुपये के आसपास है, जबकि पिछले वर्ष धनतेरस के मौके पर सोने की कीमत लगभग 27,600 प्रति 10 ग्राम थी।

    दिल्ली की तरह ही चेन्नई के जौहरियों की उम्मीदें भी कुछ ऐसी ही हैं।

    मद्रास ज्वेलर्स एंड डायमंड मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जयन्तीलाल चालानी ने आईएएनएस को बताया, "सोने की कम कीमत के कारण हमें इस वर्ष अच्छे व्यापार की उम्मीद है। पिछले 10 दिनों में बिक्री अच्छी रही। आज सोने के सिक्कों की अच्छी बिक्री होगी।"

    हालांकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत कम हो गई है, भारतीय रुपया कमजोर होने के कारण कम कीमत का लाभ कम हो जाएगा।

    फॉरएवर मार्क इंडिया के अध्यक्ष सचिन जैन के मुताबिक, "त्योहारी मौसम आभूषण उद्योग के पक्ष में लग रहा है। हमें इस बार अंगूठियों, कान की बालियों और चूड़ियों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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