शेयर बाजारों में गिरावट, सेंसेक्स 66 अंक नीचे
मुंबई, 6 जून (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट रही। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 65.58 अंकों की गिरावट के साथ 26,777.45 पर और निफ्टी 19.75 अंकों की गिरावट के साथ 8,201.05 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 54.81 अंकों की तेजी के साथ 26,897.84 पर खुला और 65.58 अंकों या 0.24 फीसदी गिरावट के साथ 26,777.45 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 26,901.42 के ऊपरी और 26,729.54 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से नौ शेयरों में तेजी रही। टाटा मोटर्स (1.51 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (1.30 फीसदी), गेल (1.24 फीसदी), एमएंडएम (1.19 फीसदी) और सिप्ला (0.55 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (2.62 फीसदी), ल्यूपिन (2.08 फीसदी), मारुति (2.01 फीसदी), सन फार्मा (1.67 फीसदी) और एक्सिस बैंक (1.60 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 7.95 अंकों की तेजी के साथ 8,228.75 पर खुला और 19.75 अंक या 0.24 फीसदी गिरावट के साथ 8,201.05 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,234.70 के ऊपरी और 8,186.05 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला-जुला रुख रहा। मिडकैप 10.50 अंकों की गिरावट के साथ 11,384.14 पर और स्मॉलकैप 24.21 अंकों की तेजी के साथ 11,172.92 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से सात सेक्टरों में तेजी रही। रियल्टी (0.80 फीसदी), आधारभूत सामग्री (0.55 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.47 फीसदी), औद्योगिक (0.29 फीसदी) और उपभोक्ता सेवा (0.22 फीसदी) सेक्टरों में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे दूरसंचार (1.97 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.39 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (0.97 फीसदी), ऊर्जा (0.54 फीसदी) और तेल एवं गैस (0.54 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1,178 शेयरों में तेजी और 1,460 में गिरावट रही, जबकि 133 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
--आईएएनएस
भारत, कतर ने 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए
दोहा, 5 जून (आईएएनएस)। भारत और कतर ने रविवार को सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें निवेश और पर्यटन संवर्धन से संबंधित समझौते भी शामिल हैं। इसके अलावा दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को मौजूदा कारोबारी रिश्ते से आगे ले जाने के उपायों पर चर्चा की।
दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत में वैश्विक आतंकवाद की समस्या से मुकाबला करने के लिए एक व्यापक योजना पर काम करने का फैसला किया गया है, जिसमें विदेशी आतंकवादियों की आवाजाही रोकना, आतंकवादी ढांचे को तोड़ना और इंटरनेट के जरिए आतंकवादी दुष्प्रचार को खत्म करने जैसे उपाय शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यहां हुई कई उच्चस्तरीय बैठकों के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, "दोनों पक्षों ने माना है कि वैश्विक आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक योजना अपनाया जाना चाहिए, जिसमें अन्य उपायों के अलावा अति चरमपंथ से मुकाबला करना, कट्टरता खत्म करना, आतंकवादियों की आवाजाही रोकना, आतंकवादियों के सभी वित्तीय स्रोतों को रोकना, विदेशी आतंकवादी लड़ाकों को रोकना, आतंकी ढांचों को तोड़ना और इंटरनेट के जरिए आतंकवादियों के दुष्प्रचार को खत्म करना शामिल है।"
विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) अमर सिन्हा ने आधिकारिक आदान-प्रदान के बाद यहां एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "भारतीय समुदाय का कल्याण चर्चा का पहला मुद्दा था। प्रधानमंत्री ने कतर नेतृत्व को भारतीय समुदाय की देखभाल करने और उनकी सुरक्षा के लिए धन्यवाद दिया।"
सिन्हा ने कहा, "दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा यह था कि हम निवेश में कैसे साझेदार बन सकते हैं और इस कारोबारी रिश्ते को इससे आगे ले जा सकते हैं।"
यद्यपि कतर भारत के लिए एलएनजी का सबसे बड़ा स्रोत है, फिर भी दोनों पक्ष महसूस करते हैं कि इस कारोबारी रिश्ते से आगे बढ़ने का समय आ गया है और अब रणनीतिक निवेश में साझेदारी की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "इसलिए ढेर सारे क्षेत्रों पर चर्चा हुई, जिनमें रेलवे, कृषि-प्रसंस्करण, सौर ऊर्जा, और रक्षा विनिर्माण शामिल थे।"
सिन्हा ने कहा, "दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की, जिसमें आतंकवाद, कट्टरता और सामाजिक समरसता बिगाड़ने के लिए इंटरनेट के उपयोग को रोकना भी शामिल है।"
दोनों पक्षों के नेताओं ने दोनों तरफ के विद्वानों की वार्ता और शांति, सहिष्णुता, समावेशीकरण तथा कल्याण जैसे मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सम्मेलनों के आयोजन का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने आतंकवाद निरोधी अभियानों, खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान, सर्वोत्तम तरीकों और प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाने और कानून लागू करने में सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई।
सिन्हा ने कहा कि कतर ने मेक इन इंडिया पहल के तहत उपलब्ध अवसरों के तहत भारत में रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास में रुचि जाहिर की है।
दोनों पक्षों ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया, जिसके अनुसार, मोदी और कतर के अमीर दोनों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में इस बात को रेखांकित किया कि आतंकवाद को रोकने के लिए वैश्विक समुदाय के सम्मिलित प्रयास की जरूरत है।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के व्यापार मेलों और प्रदर्शनियों में नियमित रूप से भाग लेने को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई।
संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने अपने यहां की कंपनियों के एक-दूसरे देशों में उपस्थिति पर संतोष जताया और ऐसी सहभागिता को और बढ़ाने पर सहमति जताई।
मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के आमंत्रण पर कतर की यात्रा की और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, जिनमें अमीर और कतर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्ला बिन नासेर बिन खलीफा अल-थानी भी शामिल हैं।
सिन्हा ने कहा कि भारतीय श्रमिकों के कल्याण और उनके सामने मौजूद समस्याओं पर चर्चा हुई।
उल्लेखनीय है कि कतर में 630,000 भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिनमें से अधिकांश श्रमिक हैं, जो इस खाड़ी देश के निर्माण क्षेत्र में लगे हुए हैं।
इसके पूर्व मोदी ने कतर के शीर्ष व्यापारियों से मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
कतर में भारतीय राजदूत संजीव अरोड़ा ने कहा कि बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के 20 शीर्ष निवेशक उपस्थित थे। इन क्षेत्रों में निर्माण, रियल एस्टेट, अवसंरचना, वित्तीय सेवा, और आतिथ्य के क्षेत्र शामिल थे।
प्रधानमंत्री यहां शनिवार को अफगानिस्तान से पहुंचे थे। वह रविवार को स्विटजरलैंड के लिए रवाना हो गए। इस दौरान वह अमेरिका और मेक्सिको भी जाएंगे।
--आईएएनएस
मप्र में पर्यटकों को लुभाने के लिए वाटर स्पोर्ट्स पर विशेष जोर
भोपाल, 5 जून (आईएएनएस)। पर्यटकों को लुभाने के लिए मध्य प्रदेश में के वाटर स्पोर्ट्स से जुड़ी गतिविधियां बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य पर्यटन विकास निगम ने प्रयास भी तेज कर दिए हैं।
राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में बताया गया कि वाटर स्पोर्ट्स के प्रमुख केन्द्र हनुवंतिया में हाउस बोट चलाने की योजना है। तवा से मढ़ई के बीच हाउस बोट उपलब्ध कराई जाएगी। बाण सागर और ओंकारेश्वर में वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास जारी है। बड़वानी से सरदार सरोवर तक 'मिनी क्रूज लाइनर' की योजना का सर्वे किया गया है। इसके जरिए मध्य प्रदेश से गुजरात तक जल आधारित संपर्क कायम करना प्रस्तावित है।
भौमिक ने लक्ष्य निर्धारित कर काम करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हनुवंतिया में इस वर्ष भी जल महोत्सव आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के सचिव एवं निगम के महानिदेशक हरिरंजन राव एवं अपर प्रबंध संचालक तन्वी सुन्द्रियाल और अन्य अधिकारियों ने निगम की गतिविाियों एवं भावी योजनाओं से अवगत कराए। बताया गया कि निगम द्वारा इंदौर में लगभग 50 करोड़ की लागत से एक बड़े होटल बनाने के साथ भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर के होटलों का विस्तार किया जाएगा।
बताया गया कि भोपाल-इंदौर मार्ग पर बने हाईवे-ट्रीट डोडी की तर्ज पर प्रदेश में लगभग 300 मार्गो पर सुविधा केन्द्र बनाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की जा रही है। एक सुनियोजित नीति के जरिये हरेक 40 से 50 किलोमीटर पर ये सुविधा केन्द्र विकसित होंगे। अभी तक 46 केंद्रों के काम पूरे होने वाले हैं और 15 केन्द्रों के निर्माण कार्य चल रहे हैं।
--आईएएनएस
कौशल विकास के लिए शैक्षिक संस्थान और उद्योग एक मंच पर
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। अखिल भारतीय तकनीकी एवं प्रबंधन परिषद (एआईटीएमसी) ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद (ईएसएससीआई) के सहयोग से यहां शनिवार को एक कॉर्पोरेट सम्मेलन का आयोजन किया। इसका उद्देश्य संस्थानों और उद्योगों को एक मंच मुहैया कर छात्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा इस सम्मेलन का उद्देश्य उन संस्थानों की मदद करना था जो दाखिला, प्लेसमेंट और सुविधाओं को लेकर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। अखिल भारतीय तकनीकी एवं प्रबंधन परिषद भारत की सर्वोपरि सलाहकार निकायों में से एक है। यह एक सदस्या आधारित प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन है, जो उद्योगों, उद्यमियों, शिक्षण संस्थानों और भारत के युवाओं को जोड़ने का काम करती है।
इस सम्मेलन के आयोजन में राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) भी भागीदार था, जिसमें में इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में वर्तमान नवाचार पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें लगभग 70-80 इंजीनियरिंग संस्थानों ने भाग लिया।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने राष्ट्र निर्माण के लिए ग्रामीण जिलों में कौशल विकास के महत्व के बारे में बात की तथा राष्ट्र उत्थान के लिए सरकार की मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और डिजिटल इंडिया पहल का समर्थन करने की अपील की।
ईएसएससीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन. के. मोहापात्रा ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से शिक्षण संस्थानों को सरकारी पहल में भाग लेने का अवसर मिला है। इससे युवाओं को भी अपना कैरियर बनाने और आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
-- आईएएनएस
शेयर बाजारों में मिलाजुला रूख, सेंसेक्स 0.11 अंक नीचे
मुंबई, 3 जून (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में शुक्रवार को मिलाजुला रुख देखा गया। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 0.11 अंक की मामूली गिरावट के साथ 26,843.03 पर और निफ्टी 1.85 अंक की बढ़ोतरी के साथ 8,220.80 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 76.09 अंकों की तेजी के साथ 26,919.23 पर खुला और 0.11 अंक या शून्य फीसदी गिरावट के साथ 26,843.03 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 27,008.14 के ऊपरी और 26,792.07 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 14 शेयरों में तेजी रही। एक्सिस बैंक (3.52 फीसदी), एनटीपीसी (2.04 फीसदी), हिन्दुस्तान यूनिलीवर (1.86 फीसदी), एम एंड एम (1.56 फीसदी) और बजाज ऑटो (1.55 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (2.12 फीसदी), एसबीआई (2.02 फीसदी), ल्यूपिन (1.82 फीसदी), भेल (1.67 फीसदी) और गेल (1.46 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 27.25 अंकों की तेजी के साथ 8,246.20 पर खुला और 1.85 अंक या 0.02 फीसदी तेजी के साथ 8,220.80 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,262.00 के ऊपरी और 8,209.85 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में भी गिरावट देखी गई। मिडकैप 12.08 अंकों की गिरावट के साथ 11,394.64 पर और स्मॉलकैप 46.95 अंकों की गिरावट के साथ 11,148.71 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 10 सेक्टरों में तेजी रही। बैंकिंग (0.82 फीसदी), वाहन (0.45 फीसदी), बिजली (0.44 फीसदी), वित्त (0.43 फीसदी) और ऊर्जा (0.38 फीसदी) सेक्टरों में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे दूरसंचार (2.64 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.75 फीसदी), रियल्टी (1.14 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.90 फीसदी) और स्वास्थ्य (0.73 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1,078 शेयरों में तेजी और 1,554 में गिरावट रही, जबकि 168 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
--आईएएनएस
भारत अब विश्व बैंक की नजर में "विकासशील देश' नहीं 'निम्न-मध्य-आय' अर्थव्यवस्था
मेघना मित्तल
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। विश्व बैंक ने अपनी विशिष्ट रिपोर्ट में भारत के लिए 'विकासशील देश' शब्द का उपयोग करना बंद कर दिया है और इसे 'निम्न-मध्य-आय' अर्थव्यवस्था की श्रेणी में रखा है। यह बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
विश्व बैंक के डाटा वैज्ञानिक तारीक खोखर ने आईएएनएस से कहा, "अपनी 'विश्व विकास संकेतक' रिपोर्ट में हमने निम्न और मध्य-आय देशों को 'विकासशील देश' समूह में रखना बंद कर दिया है। विश्लेषण के मकसद से भारत को निम्न-मध्य-आय अर्थव्यवस्था श्रेणी में रखा जाता रहेगा।"
खोखर ने एक ई-मेल साक्षात्कार में कहा, "अपने सामान्य कार्यो में हम विकासशील देश या विकासशील विश्व शब्दों को नहीं बदल रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञता युक्त आंकड़ों में हम देशों के लिए अधिक सटीक समूह का उपयोग करेंगे।"
इसके मुताबिक साधारण संचार सामग्रियों में भारत को विकासशील देश कहा जाता रहेगा, लेकिन विशेषज्ञतायुक्त आंकड़ों में इसे निम्न-मध्य-आय अर्थव्यवस्था कहा जाएगा।
उन्होंने कहा कि विकासशील देश शब्द का उपयोग बंद करने का फैसला इसलिए किया गया, क्योंकि इस शब्द की कोई स्पष्ट सर्वमान्य परिभाषा नहीं है, जिसके कारण मलेशिया और मालावी दोनों को विकासशील देश माना जाता है।
2014 में मलेशिया का सकल घरेलू उत्पाद 338.1 अरब डॉलर था, जबकि मालावी का 4.258 अरब डॉलर था। अब मलेशिया को उच्च-मध्य-आय अर्थव्यवस्था और मालावी को निम्न-आय अर्थव्यवस्था कहा जा रहा है।
अफगानिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल निम्न-आय अर्थव्यवस्था हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका निम्न-मध्य-आय आय अर्थव्यवस्था हैं। ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और चीन उच्च-मध्य-आय आय अर्थव्यवस्था हैं। रूस और सिंगापुर उच्च-आय-गैर-ओईसीडी आय अर्थव्यवस्था हैं। अमेरिका उच्च-आय-ओईसीडी आय अर्थव्यवस्था है।
--आईएएनएस
शेयर बाजारों में तेजी, सेंसेक्स 129 अंक ऊपर
मुंबई, 2 जून (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में गुरुवार को तेजी देखी गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 129.21 अंकों की तेजी के साथ 26,843.14 पर और निफ्टी 39.00 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 8,218.95 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 19.65 अंकों की गिरावट के साथ 26,694.28 पर खुला और 129.21 अंकों या 0.48 फीसदी तेजी के साथ 26,843.14 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 26,885.16 के ऊपरी और 26,641.02 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 23 शेयरों में तेजी रही। कोल इंडिया (3.20 फीसदी), टाटा स्टील (2.56 फीसदी), एक्सिस बैंक (2.14 फीसदी), हिन्दुस्तान यूनिलीवर (1.62 फीसदी) और हीरो मोटोकॉर्प (1.62 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे विप्रो (2.35 फीसदी), सन फार्मा (1.13 फीसदी), ल्यूपिन (0.88 फीसदी), आईटीसी (0.82 फीसदी) और बजाज ऑटो (0.30 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 23.05 अंकों की गिरावट के साथ 8,156.90 पर खुला और 39.00 अंकों या 0.48 फीसदी तेजी के साथ 8,218.95 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,229.50 के ऊपरी और 8,154.75 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी तेजी देखी गई। मिडकैप 74.40 अंकों की तेजी के साथ 11,406.72 पर और स्मॉलकैप 32.67 अंकों की तेजी के साथ 11,195.66 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 17 सेक्टरों में तेजी रही। धातु (1.99 फीसदी), वित्त (0.93 फीसदी), बैंकिंग (0.92 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.80 फीसदी) और आधारभूत वस्तु (0.78 फीसदी) सेक्टरों में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के दो सेक्टरों उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (0.66 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.42 फीसदी) में गिरावट रही।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1,230 शेयरों में तेजी और 1,401 में गिरावट रही, जबकि 156 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
--आईएएनएस
देश के वाहन बाजार में मई में तेजी
चेन्नई/कोलकाता/नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। वाहन उद्योग के जानकार जहां वाहन उद्योग में लगातार तेजी रहने की भविष्यवाणी कर रहे हैं, वहीं वाहन कंपनियों ने बुधवार को मई में लगातार दूसरे महीने बेहतर बिक्री दर्ज की।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने मई महीने में 1,23,034 वाहन (घरेलू बिक्री 1,13,162 और निर्यात 9,872) बेचे, जबकि एक साल पहले समान अवधि में कंपनी ने 1,14,825 वाहन (घरेलू बिक्री 1,02,359 और निर्यात 12,466) बेचे थे।
कंपनी ने कहा कि गत महीने मिनि (अल्टो, वैगरआर) और सुपर कंपैक्ट (डिजायर टुअर) कारों की घरेलू बिक्री कम रही। वहीं, कंपैक्ट (स्सिफ्ट, रिट्ज, सिलेरियो, बलेनो, डिजायर), मिड साइज (सियाज), उपयोगिता वाहन (जिप्सी, एर्टिगा, एस-क्रॉस, विटारा ब्रेजा) और वैन (ओम्नी, ईको) की बिक्री बढ़ी।
ह्युंडई मोटर इंडिया की घरेलू बिक्री 10.4 फीसदी बढ़ी। कंपनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक मई में उसने 41,351 कारें बेची, जो एक साल पहले समान अवधि में 37,450 थी।
कंपनी के बिक्री और विपणन उपाध्यक्ष राकेश श्रीवास्तव ने कहा, "तीन इंडियन कार ऑफ द ईयर ब्रांडों क्रेटा, एलाइट आई20 और ग्रैंड आई10 के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण ह्युंडई की बिक्री 10.4 फीसदी बढ़कर 41,351 वाहनों की रही।"
उन्होंने कहा कि बेहतर मानसून की भविष्यवाणी के कारण बिक्री बढ़ने की संभावनाओं के कारण भी बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई।
फिच रेटिंग्स की कारपोरेट निदेशक नंदिनी विजयराघवन ने आईएएनएस से कहा, "भारतीय वाहन उद्योग के लिए फिच रेटिंग्स का 2016-17 का परिदृश्य स्थिर है। इसका मुख्य कारण वाहन मूल्य घटना और ईंधन मूल्य कम होना है।"
महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री 11 फीसदी बढ़ी। मई में उसने 40,656 वाहन बेचे। यह संख्या एक साल पहले समान अवधि में 36,706 थी।
मई महीने में कंपनी के स्पोर्ट्स युटिलिटी व्हिकल, कारों और वैन की बिक्री आठ फीसदी बढ़कर 19,635 रही, जो एक साल पहले 18,135 थी।
कंपनी की घरेलू बिक्री 10 फीसदी बढ़कर 36,316 वाहनों की रही, जो एक साल पहले 33,369 थी।
मध्य और भारी वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में कंपनी ने आलोच्य महीने में 501 वाहन बेचे। निर्यात इस दौरान 21 फीसदी अधिक 4,043 वाहनों का हुआ।
कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (वाहन) प्रवीण शाह ने कहा, "अनुकूल मानसून भविष्यवाणी से निश्चित रूप से खरीदारों का उत्साह बढ़ेगा, जिससे वाहन उद्योग के हर क्षेत्र में विकास होगा।"
वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी, अशोक लेलैंड की बिक्री छह फीसदी बढ़ी। मई में उसने 9,875 वाहन बेचे। यह संख्या एक साल पहले समान अवधि में 9,290 थी।
दुनिया की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड (एलएमसीएल) ने 5,83,117 वाहन बेचे, जबकि एक साल पहले समान अवधि में 5,69,876 वाहन बिके थे।
कंपनी ने एक बयान में कहा, "अप्रैल में लग्न और देश के विभिन्न हिस्से में क्षेत्रीय त्योहारों के कारण काफी अधिक बिक्री होने के कारण बाजार में मई महीने में उम्मीदतन मांग कम थी।"
दोपहिया और तिपहिया वाहन कंपनी टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड की बिक्री 11 फीसदी बढ़कर 2,43,783 रही,ं जो एक साल पहले समान अवधि में 2,20,079 थी।
आयशर मोटर्स लिमिटेड ने 37 फीसदी अधिक 48,604 वाहन बेचे, जबकि एक साल पहले कंपनी ने 35,354 वाहन बेचे थे।
--आईएएनएस
शेयर बाजारों में तेजी, सेंसेक्स 46 अंक ऊपर
मुंबई, 1 जून (आईएएनएस)। देश के शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी देखी गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 45.97 अंकों की तेजी के साथ 26,713.93 पर और निफ्टी 19.85 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 8,179.95 पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 16.50 अंकों की तेजी के साथ 26,684.46 पर खुला और 45.97 अंकों या 0.17 फीसदी तेजी के साथ 26,713.93 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 26,857.25 के ऊपरी और 26,671.86 के निचले स्तर को छुआ।
सेंसेक्स के 30 में से 14 शेयरों में तेजी रही। अडाणी पोर्ट्स (4.98 फीसदी), एशियन पेंट्स (3.54 फीसदी), भारती एयरटेल (3.17 फीसदी), आईटीसी (2.60 फीसदी) और टीसीएस (2.20 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारतीय स्टेट बैंक (3.39 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.08 फीसदी), भेल (2.03 फीसदी), टाटा मोटर्स (1.96 फीसदी) और सिप्ला (1.49 फीसदी)।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी सुबह 19.10 अंकों की तेजी के साथ 8,179.20 पर खुला और 19.85 अंकों या 0.24 फीसदी तेजी के साथ 8,179.95 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में निफ्टी ने 8,215.35 के ऊपरी और 8,171.05 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों का मिला-जुला रुख रहा। मिडकैप 33.72 अंकों की गिरावट के साथ 11,332.32 पर और स्मॉलकैप 20.57 अंकों की तेजी के साथ 11,162.99 पर बंद हुआ।
बीएसई के 19 में से 6 सेक्टरों में तेजी रही। दूरसंचार (2.83 फीसदी), तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (1.60 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.13 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (0.83 फीसदी) और गैर-अनिवार्य वस्तु एवं सेवाएं (0.52 फीसदी) सेक्टरों में सर्वाधिक तेजी रही।
बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे बैंकिंग (1.19 फीसदी), वित्त (0.70 फीसदी), औद्योगिक (0.67 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (0.61 फीसदी) और वाहन (0.60 फीसदी)।
बीएसई में कारोबार का रुझान नकारात्मक रहा। कुल 1,313 शेयरों में तेजी और 1,327 में गिरावट रही, जबकि 152 शेयरों के भाव में बदलाव नहीं हुआ।
--आईएएनएस
विकास दर 7.6 फीसदी, 5 वर्षो में सर्वाधिक
नई दिल्ली, 31 मई (आईएएनएस)। देश की विकास दर 2015-16 में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक 7.6 फीसदी रही। भारत ने जहां चीन को पीछे छोड़ दिया, वहीं देश के लिए भी यह दर पिछले पांच सालों में सर्वाधिक है। बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में विकास दर 7.9 फीसदी रही। आधिकारिक आंकड़ों से मंगलवार को यह जानकारी मिली।
इस आंकड़ों पर प्रतिक्रिता व्यक्त करते कॉरपोरेट जगत ने कहा है कि यह तेजी का संकेत है। समीक्षाधीन वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 7.9 फीसदी रहा है, जो सभी अनुमानों से अधिक है।
वास्तविक प्रति व्यक्ति आय भी 6.2 फीसदी बढ़कर 77,435 रुपये हो गई।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा राष्ट्रीय आय पर जारी आंकड़े के मुताबिक, 2015-16 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 113.50 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 105.52 लाख करोड़ रुपये था। यह 7.6 फीसदी की वृद्धि है।
भारतीय रिजर्व बैंक के मंगलवार के संदर्भ मूल्य 67.20 रुपये प्रति डॉलर के मुताबिक, जीडीपी का मूल्य 1,690 अरब डॉलर है।
आंकड़े के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष में प्रथम तिमाही की विकास दर 7.5 फीसदी, दूसरी तिमाही की 7.6 फीसदी, तीसरी तिमाही की 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही की 7.9 फीसदी रही।
2014-15 में देश की विकास दर 7.2 फीसदी रही थी और 2013-14 में यह 6.6 फीसदी थी और 2012-13 में यह दर 5.6 फीसदी थी।
क्षेत्रवार देखा जाए, तो सात फीसदी से अधिक विकास दर वाले क्षेत्रों में रहे वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाएं (10.3 फीसदी), विनिर्माण (9.3 फीसदी), व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण संबंधी सेवाएं (नौ फीसदी) और खनन (7.4 फीसदी)।
सीएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जहां कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियां में एक फीसदी की गिरावट आई थी, वहीं चौथी तिमाही में इसमें 1.2 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि विकास दर 1.1 फीसदी रही है।
इसमें बताया गया कि "कृषि मंत्रालयों ने इन आंकडों के बाद खाद्यान्न उत्पादन के पूर्वानुमान में बदलाव किया है।"
वहीं, ताजा विकास दर चीन की दर से अधिक है। चीन की विकास दर कैलेंडर वर्ष 2015 की आखिरी तिमाही में 6.8 फीसदी और 2016 की प्रथम तिमाही में 6.7 फीसदी दर्ज की गई, जो 2009 के बाद सबसे कम है।
वर्ष 2015-16 के आर्थिक सर्वेक्षण में देश की विकास दर 2015-16 में 7.6 फीसदी रहने का अनुमान दिया गया था।
इस साल की शुरुआत में भारत को लेकर अपने पूर्वानुमानों में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक ने साल 2015-16 में चीन को पीछे छोड़ने का अनुमान लगाया था और वर्तमान वित्त वर्ष में इसके और तेजी से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने विकास दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान दिया था।
आईएमएफ ने मई में कहा था कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी और जीडीपी साल 2015-16 के लिए 7.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। वहीं, विश्व बैंक ने जीडीपी की दर 7.3 फीसदी का अनुमान लगाया था।
जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा, "इससे भी ज्यादा उत्साहजनक बात यह है कि साल 2015-16 की चौथी तिमाही में वृद्धि दर 7.9 रहने के बाद अर्थव्यस्था में आगे तेजी का संकेत मिल रहा है।"
उद्योग मंडल एसोचैम ने जीडीपी आंकड़ों को उत्साहजनक बताया है। एसौचैम के अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने कहा, "जीडीपी के आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत तस्वीर दिखाते हैं। लेकिन कुछ अन्य सूक्ष्म संकेतक इसे बढ़ावा देते प्रतीत नहीं हो रहे हैं जैसे बैंक के ऋणों की मांग, ग्रामीण मांग और कारखानों में उत्पादन आदि।"
कोटक महिंद्रा बैंक ने जीडीपी के आंकड़ों को उम्मीद के अनुरूप बताते हुए कहा है कि निजी उपभोग को रफ्तार मिलने का मुख्य कारण निवेश से होने वाले खर्चो में बढ़ोतरी की बजाए कॉरपोरेट कंपनियों द्वारा भारी लाभांश भुगतान है।
कोटक महिंद्रा की अर्थशाी उपासना भारद्वाज ने कहा, "कुल मिलाकर पूंजीगत माल के उत्पाद में कमजोरी और क्षमता विस्तार में कमी अर्थव्यवस्था को पीछे खींचते रहेगी। अगले कुछ तिमाहियों तक निजी पूंजी का निवेश कम ही होगा और अर्थव्यवस्था पूरी तरह से सरकार के निवेश और खर्च पर निर्भर करेगी।"
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