ढाका, 28 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश की एक अदालत ने सोमवार को वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें इस्लाम को राष्ट्र धर्म के रूप में मान्यता प्रदान करने वाले एक संविधान संशोधन को चुनौती दी गई थी।
बीडीन्यूज 24 डॉट कॉम की एक रपट के मुताबिक, बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिका खारिज कर दी।
कौमी मदरसा आधारित संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने धमकी दी थी कि अगर बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने राष्ट्र धर्म के रूप में इस्लाम की मान्यता को रद्द किया, तो बांग्लादेश में खून-खराबा शुरू हो जाएगा, वहीं जमात-ए-इस्लामी ने सोमवार को एक राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया था।
सैन्य तानाशाह मुहम्मद इरशाद के शासन के दौरान, संसद ने पांच जून, 1988 को संविधान का आठवां संशोधन पारित किया था।
इसने संविधान में अनुच्छेद 2ए को जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया, जो इस्लाम को राष्ट्र धर्म का दर्जा प्रदान करता है।
उसी साल, संशोधन की चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई थी, जिसके मुताबिक राष्ट्रवाद, समाजवाद, लोकतंत्र तथा धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सन् 1971 में बांग्लादेश एक देश के रूप में अस्तित्व में आया था।
वहीं, उच्च न्यायालय की एक बड़ी पीठ ने संशोधन पर सुनवाई के दौरान याचिका को खारिज कर दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
बांग्लादेश में इस्लाम राष्ट्र धर्म बना रहेगा
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