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'तृणमूल के गुंडों ने एलजेपी के किन्नर उम्मीदवारों को धमाकाया'
चीन, जर्मनी शोध व विकास सहयोग बढ़ाने के इच्छुक
चीन, जर्मनी अनुसंधान व विकास सहयोग बढ़ाने के इच्छुक
अब सेहत पर नजर रखेगा नया एप 'अपोलो जियो'
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'तृणमूल के गुंडों ने एलजेपी के किन्नर उम्मीदवारों को धमाकाया'

चीन, जर्मनी शोध व विकास सहयोग बढ़ाने के इच्छुक

चीन, जर्मनी अनुसंधान व विकास सहयोग बढ़ाने के इच्छुक

अब सेहत पर नजर रखेगा नया एप 'अपोलो जियो'

दलितों को सम्मान दिलाने के लिए बाबा साहब ने अपमान तक सहा : मोदी (राउंडअप)

रेलवे कई गाड़ियों में लगाएगा अतिरिक्त कोच

लखनऊ, 9 अप्रैल (आईएएनएस/आईपीएन)। रेलवे ने प्रतीक्षा सूची के यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न एक्सप्रेस गाड़ियों में अतिरिक्त कोच लगाने का निर्णय लिया है। अतिरिक्त कोचों की फीडिंग की व्यवस्था कर ली गई है।

रेलवे की विज्ञप्ति के मुताबिक, 15004 गोरखपुर-कानपुर अनवरगंज चौरीचौरा एक्सप्रेस में 10 अप्रैल को गोरखपुर से शयनयान श्रेणी का एक कोच। 15003 कानपुर अनवरगंज-गोरखपुर चौरीचौरा एक्सप्रेस में 10 एवं 11 अप्रैल को कानपुर अनवरगंज से शयनयान श्रेणी का एक कोच लगेगा।

इसी तरह 15007 वाराणसी सिटी-लखनऊ कृषक एक्सप्रेस में 10 अप्रैल को वाराणसी सिटी से शयनयान श्रेणी का एक कोच लगाया जाएगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • 'तृणमूल के गुंडों ने एलजेपी के किन्नर उम्मीदवारों को धमाकाया'

    कोलकाता, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) की राज्य इकाई ने गुरुवार को कहा कि पार्टी के बॉबी हलदर और संकरी मंडल पश्चिम बंगाल से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पहले किन्नर हो सकते थे, लेकिन 'तृणमूल के गुंडों' ने 'उन्हें अंजाम भुगतने' की धमकी दी है।

    इसके कारण उन्होंने अपना नामांकन दाखिल न करने का फैसला किया है।

    हलदर (39) भवानीपुर से लड़ने वाले थे, जिससे तृणमृल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्विम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ेंगी। मंडल जाधवपुर से खड़े होकर पूर्व मार्क्‍सवादी सांसद सुजान सक्रवर्ती और तृणमूल के राज्य मंत्री मनीष गुप्ता से मुकाबला करने वाले थे।

    लेकिन हलदर और मंडल दोनों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल न करने का फैसला किया है।

    एलजेपी की राज्य अध्यक्ष मीरा चक्रवर्ती ने आईएएनएस से कहा, "किन्नरों को चुनाव में उतारना एलजेपी का एक ऐतिहासिक फैसला था, लेकिन तृणमूल की आतंकी चालों के कारण यह नहीं हो पाया। जब से उन दोनों की उम्मीदवारी की घोषणा की गई थी, तभी से तृणमूल के गुंडों द्वारा उन दोनों को लगातार धमकाया और अपमानित किया जा रहा था।"

    मीरा ने कहा, "उनकी ऐसी दहशत है कि कोई भी उनके नामांकन के प्रस्तावक के तौर पर आने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। हलदर और मंडल दोनों को उनके समुदाय से बाहर कर देने की धमकी दी गई थी। वे इन धमकियों को झेल नहीं पाए और उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है।"

    हलदर ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इंकार करते हुए आईएएनएस से कहा, "मैं चुनाव लड़ना चाहता था।"

    एलजेपी ने कहा है कि वह इस मामले में चुनाव आयोग के पास जाएगी।

    जाधवपुर और भवानीपुर दोनों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल है।

    भारत के पहले किन्नर कॉलेज प्राचार्य मनाबी बंदोपाध्याय से प्रेरित हलदर और मंडल किन्नर समुदाय के कल्याण के लिए काम करना चाहते थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • चीन, जर्मनी शोध व विकास सहयोग बढ़ाने के इच्छुक
    बर्लिन, 14 अप्रैल (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन व जर्मनी के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन व अर्थव्यवस्था का डिजिटल परिवर्तन जैसी कई संयुक्त चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और द्विपक्षीय शोध व विकास सहयोग में असीम क्षमता है।

    चीन के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री वांग गांग ने बर्लिन में कहा, "चीन व जर्मनी के बीच विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग का ठोस आधार है और भविष्य में असीम क्षमता छिपी है।"

    चौथे चीन-जर्मनी नवाचार सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि नवाचार ने दोनों देशों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जर्मनी का एशिया में चीन सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि चीन ने जर्मनी की आधी से अधिक शोध व विकास कंपनियों को अपने क्षेत्र में शोध व विकास केंद्र की स्थापना के लिए आकर्षित किया है।

    दोनों देशों के वैज्ञानिक व शोधकर्ता स्वच्छ ऊर्जा, ई-मोबिलिटी, स्मार्ट विनिर्माण तथा भविष्य विज्ञान की परियोजनाओं में एक दूसरे को सहयोग कर रहे हैं।

    वान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सहयोग में इजाफा होगा। दोनों सरकारों को द्विपक्षीय संचार व संयुक्त शोध में कंपनियों व संस्थानों का समर्थन करना जारी रखना चाहिए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • चीन, जर्मनी अनुसंधान व विकास सहयोग बढ़ाने के इच्छुक
    बर्लिन, 14 अप्रैल (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन और जर्मनी जलवायु परिवर्तन और अर्थव्यवस्था के डिजिटल बदलाव सहित कई समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच अनुसंधार एवं विकास (आरएंडडी) सहयोग की व्यापक संभावनाएं हैं। यह बात दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कही।

    बर्लिन में बुधवार को चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री वान गैंग ने कहा, "चीन और जर्मनी के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग का मजबूत आधार है और भविष्य में इसकी विशाल संभावना है।"

    चौथे साइनो-जर्मन नवाचार सम्मेलन में उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में नवाचार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एशिया में जर्मनी के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के तौर पर आधे से अधिक जर्मन कंपनियों को चीन अपनी भूमि में आरएंडडी केंद्र स्थापित करने के लिए आकर्षित करने में सफल रहा है।

    जर्मनी में शिक्षा और अनुसंधान मंत्रालय के उप मंत्री जॉर्ज स्कूट ने कहा, "चीन और जर्मनी नवाचार के प्रमुख गढ़ हैं। उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में हम एक-दूसरे की नवाचार क्षमता की तारीफ करते हैं।"

    उन्होंने कहा कि दोनों देशों को नवाचार अनुकूल नीति बनानी चाहिए और स्मार्ट विनिर्माण, पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी तथा बुनियादी वैज्ञानिक अनुसंधान क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहिए।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • अब सेहत पर नजर रखेगा नया एप 'अपोलो जियो'
    नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। रोजाना के जीवन में अपनी सेहत की खबर न रखने वालों के लिए जियो ने 'अपोलो लाइफ' के साथ मिलकर यहां 'अपोलो जियो' लांच किया। इस एप की मदद से लोग विश्व भर के विशेषज्ञों, चिकित्सकों से अपनी सेहत से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।

    विश्वविख्यात चिकित्सक, लेखक और उद्यमी तथा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ पूनाचा मकैयाह द्वारा स्थापित कंपनी जियो का यह एप अपने कार्य में व्यस्त रहने वाले लोगों को मोबाइल पर उनकी जीवनशैली और व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने वाली सामग्री मुहैया कराता है, ताकि वह किसी भी परिस्थिति में अपनी सेहत का ध्यान रखने में सक्षम हो सकें।

    'अपोलो जियो' के ब्रांड एम्बेसेडर और दक्षिण भारतीय फिल्म जगत के लोकप्रिय अभिनेता राम चरण ने कहा, "आज के प्रतिस्पर्धी दौर में सेहत का ध्यान रखना और स्वस्थ रहना बहुत महžवपूर्ण है। हम अक्सर खुद को तनावग्रस्त और थका हुआ महसूस करते हैं और यह एप तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहे इन मुद्दों को हल करने में सहायता करेगा।"

    'चोपड़ा फाउंडेशन' के चेयरमैन और जियो के प्रबंधन निदेशक तथा सह-संस्थापक डॉ. दीपक चोपड़ा ने कहा, "अच्छे स्वास्थ्य का भविष्य इस बात से जुड़ा हुआ है कि हर दिन का अनुभव कैसे हमारे जीवविज्ञान को प्रभावित करता है। 'अपोलो जियो' के साथ हम एक ऐसा तंत्र तैयार करेंगे, जो लोगों को आसानी से पुरानी बीमारी के उपचार और रोकथाम में भाग लेने में सहायता करेगा। यह निजी बदलाव और स्वस्थ रहने की कुंजी है।"

    अपोलो अस्पताल समूह के चेयरमैन डा. प्रताप सी. रेड्डी ने कहा, "हम स्वास्थ्य को समय पर पहुंच मुहैया कराने और लोगों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा के मामले में जानकार विकल्प का चुनाव करना संभव बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • दलितों को सम्मान दिलाने के लिए बाबा साहब ने अपमान तक सहा : मोदी (राउंडअप)
    इंदौर, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के महू में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली से 'ग्रामोदय से भारत उदय अभियान' की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने वंचित, दलितों व शोषितों को हक तथा सम्मान दिलाने के लिए अपमान तक सहा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने महू स्थित अंबेडकर स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद सैनिक मैदान में आयोजित सभा में कहा कि बाबा साहब अपने मान-सम्मान के लिए नहीं, बल्कि समाज की बुराइयों के खिलाफ जंग छेड़ने वाले नायक थे। समाज के आखिरी छोर पर बैठे दलित, शोषित को बराबरी का हक और सम्मान दिलाने के इसके लिए उन्हें अपमानित भी होना पड़ा, मगर वे अपने मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए।

    डॉ. अंबेडकर की शिक्षा और योग्यता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस महापुरुष के पास इतनी बड़ी ज्ञान संपदा हो, विश्व की गणमान्य विश्वविद्यालय की डिग्री हो, उसने अपने लिए कुछ नहीं लिया। उस कालखंड में अपने लिए लेने-पाने के अवसर भरे पड़े, मगर उन्होंने गरीबों, शोषितों के हक के लिए सारे अवसरों को छोड़कर अपने को इस देश की मिट्टी में खपा दिया।

    मोदी ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब द्वारा देश को सुदृढ़ बनाने के लिए संविधान में की गई अपेक्षाओं और महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को साकार करने का काम अधूरा है। इसे पूरा करने के लिए विकास के सभी स्रोतों और संसाधनों को गांव की ओर मोड़ने की जरूरत है, क्योंकि विकास के लिए टुकड़ों में काम करने से बात नहीं बनेगी।

    उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना बड़ा हमला बोला और कहा कि बीते छह दशक से अपने को गरीबों का मसीहा प्रस्तुत करने वालों का हिसाब चौंकाने वाला है।

    उन्होंने कहा किकुछ लोग बीते छह दशकों से अपने को गरीबों का मसीहा प्रस्तुत करते आ रहे हैं, उनकी जुबां पर हर समय गरीब ही गरीब होता है। जब उनका हिसाब देखा जाए तो वह चौंका देता है।

    प्रधानमंत्री ने बीते छह दशकों के शासन पर कटाक्ष किया और कहा कि गरीबों की बात करने वालों के काल में लगभग 18 हजार गांव ऐसे थे, जहां न तो बिजली का खंभा लगा था और न ही तार बिछे थे। उन्होंने आगामी एक हजार दिनों में इन सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह झुग्गी और कच्चे मकानों में रहने वालों को गैस कनेक्शन देने की मुहिम चलाई है।

    उन्होंने बताया कि बीते दिनों 90 लाख परिवारों ने गैस पर से सब्सिडी लेना बंद कर दिया है, वहीं एक करोड़ परिवारों को नए कनेक्शन दिए गए हैं। आगामी वर्षो में पांच करोड़ परिवारों को नए कनेक्शन देने की योजना है।

    उन्होंने आगे कहा कि बहुत कम लोगों केा अंबेडकर साहब को पूरी तरह समझने का मौका मिला है, ज्यादातर लोगों को लगता है कि डॉ. अंबेडकर दलितों के देवता हैं, मगर बहुत कम लोग जानते हैं कि डॉ. अंबेडकर दिव्यद्रष्टा थे। उनके पास भारत कैसा बने इसकी दृष्टि थी।

    प्रधानमंत्री ने पंचतीर्थ का जिक्र करते हुए कहा, "कुछ लोग इसलिए परेशान है कि मोदी ऐसा क्यों कर रहे हैं, यह हमारी श्रद्धा का विषय है, हम मानते हैं कि बाबा साहब ने सामाजिक एकता के लिए उच्च मूल्यों का प्रस्थापन किया। सामाजिक एकता, सामाजिक न्याय, सामाजिक समरसता के लिए उन्होंने जो रास्ता दिखाया है, उसी पर चलकर प्राप्त किया जा सकता है, इसीलिए हम उनके चरणों में बैठ करके काम करने में गर्व अनुभव करते हैं।"

    उन्होंने कहा, "देश की आजादी के बाद सरकारें बहुत आईं, डॉ. अंबेडकर के निधन के साठ साल बाद उनका स्मारक बनाने का सौभाग्य हमें मिला, उन्हें स्मारक बनाने से किसी ने रोका था क्या। आज हम कर रहे हैं तो आपको परेशानी हो रही है, आपको तो पश्चताप होना चाहिए कि हमने किया क्यों नहीं, परेशान होने की जरुरत नहीं है।"

    उन्होंने आगे कहा कि डॉ. अंबेडकर एक व्यक्ति नहीं, बल्कि संकल्प का दूसरा नाम थे। बाबा साहब जीवन जीते नहीं थे, वे जीवन को संघर्ष में जोड़ और जोत देते थे।

    उन्होंने कहा कि देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत करना जरुरी है। सिर्फ पांच-पचास शहरों और पांच-पचास उद्योगों से देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूती नहीं दी जा सकती है।

    इस सभा को केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने संबोधित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को एक ध्वज सौंपा जो गांव-गांव तक अभियान का संदेश लेकर जाएगा।

    इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने अंबेडकर स्मारक स्थल पर पहुंचकर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प की माला अर्पित कर याद किया। उसके बाद वह उस कमरे में भी गए, जहां एक पालना रखा हुआ है। परंपरा के मुताबिक, मोदी ने इस पालना को हिलाया। इसके अलावा डॉ. अंबेडकर के जीवन पर आधारित चित्रों को भी उन्होंने देखा।

    प्रधानमंत्री मोदी अपने तय कार्यक्रम के मुताबिक मुंबई से वायुसेना के विशेष विमान से इंदौर पहुंचे। इंदौर हवाईअड्डे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य अधिकारियों के साथ उनकी अगवानी की। उसके बाद प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से महू पहुंचे। कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री महू से हेलीकॉप्टर से इंदौर और इंदौर से वायुसेना के विमान से दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गए।

    डॉ. अंबेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली महू में बने स्मारक पर गुरुवार की सुबह से ही बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया, यहां पहुंचे रहे लोग डॉ. अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद कर रहे हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • रोहित वेमुला की मां, भाई ने बौद्ध धर्म अपनाया
    मुंबई, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रताड़ना और निष्कासन के कारण खुदकुशी कर चुके हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित शोधछात्र रोहित वेमुला की मां और भाई ने गुरुवार को बौद्ध धर्म अपना लिया। उनका कहना है कि अब 'वे सचमुच शर्म से मुक्त हो गए हैं।'

    वेमुला परिवार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के मौके पर हिंदू धर्म छोड़ दिया। डॉ. अंबेडकर ने भी वर्ष 1956 में हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया था, क्यों? इसका जवाब हिंदू धर्म की राजनीति करने वाले और धर्म को सीढ़ी बनाकर सत्ता तक पहुंचने वालों के पास कोई जवाब नहीं है। वे तो अंबेडकर के प्रति अपनी श्रद्धा जताकर दलित वोट पाने के जुगाड़ में हैं।

    रोहित के छोटे भाई राजा वेमुला ने एक संक्षिप्त समारोह के बाद कहा, "अगर मेरा भाई आज जीवित होता तो उसे हम पर गर्व होता।"

    राजा ने कहा, "आज से मैं और मेरी मां वैसी जिंदगी जीएंगे, जिसकी कल्पना रोहित ने की थी। आज से मैं और मेरी मां सचमुच शर्म से मुक्त हो गए हैं।"

    राजा वेमुला ने इस मौके पर अपने भाई की आत्महत्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर भी निशाना साधा।

    रोहित के भाई ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पा राव का जिक्र करते हुए कहा, "मोदी उसकी (रोहित वेमुला) मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर कुछ भी नहीं कहते। वह मेरे भाई की मौत पर आंसू बहाते हैं, लेकिन उन्होंने अप्पा राव के बारे में कुछ नहीं कहा।"

    ज्ञात हो कि रोहित वेमुला ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

    राजा वेमुला ने कहा कि दलित नेता बी.आर. अंबेडकर की जयंती के अवसर पर हिंदू धर्म को अस्वीकार करके उन्होंने हिंदू जाति प्रथा को अस्वीकार कर दिया है। राजा ने आरोप लगाया कि हिंदू धर्म दलितों के उत्पीड़न की अनुमति देता है और केंद्र की सत्ता में बैठे लोग इसी धर्म की राजनीति करने में मशगूल हैं।

    विश्वविद्यालय के छात्र रोहित की आत्महत्या के मामले में कुलपति अप्पा राव के निलंबन और केंद्रीय मंत्रियों बंडारू दत्तात्रेय और स्मृति ईरानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जो लगातार अनसुनी की जा रही है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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