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'कन्हैया कुमार ने कभी राष्ट्र-विरोधी नारे नहीं लगाए'
यूएनएचसीआर ने 8,000 सोमालियाई शरणार्थियों को स्वदेश भेजा
नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
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उप्र : शौचालय घोटाले की जांच शुरू, अभिलेख खंगाले
नदियों की दुर्दशा से शंकराचार्य दुखी, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
असम में हवा कांग्रेस के पक्ष में : गोगोई
नीति आयोग के सीईओ दूरसंचार आयोग के सदस्य होंगे
बिहार : भाजपा उपाध्यक्ष हत्या मामले के आरोपी का समर्पण
पत्रकारों पर हमला करने वालों पर कार्रवाई होगी : रिजिजू

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'कन्हैया कुमार ने कभी राष्ट्र-विरोधी नारे नहीं लगाए'

यूएनएचसीआर ने 8,000 सोमालियाई शरणार्थियों को स्वदेश भेजा

नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में

एचआईएल : दिल्ली ने कलिंगा को 6-0 से हराया

उप्र : शौचालय घोटाले की जांच शुरू, अभिलेख खंगाले

केरल : माकपा नेता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

कोच्ची, 11 फरवरी (आईएएनएस)। केरल उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक हत्याकांड में आरोपी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता पी. जयराजन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता कथिरुर मनोज की हत्या के इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है।

जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब सीबीआई उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है।

इससे पहले माकपा के पूर्व विधायक जयराजन की जमानत याचिका तीन बार निचली अदालत द्वारा खारिज की जा चुकी है, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

सीबीआई ने जयराजन को जमानत देने का पुरजोर विरोध किया और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के. टी. शंकरन ने सीबीआई का तर्क स्वीकार कर लिया।

सीबीआई के वकील ने गुरुवार को कहा कि चूंकि जयराजन के खिलाफ मामला गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है, इसलिए उन्हें जमानत बिल्कुल नहीं दी सकती।

उल्लेखनीय है कि जयराजन पर 1999 में हुए प्राणघातक हमले के आरोपियों में मनोज भी शामिल था।

इसके बाद एक सितंबर, 2014 को कन्नूर के निकट मनोज पर सात लोगों ने हमला किया। हमलावरों ने पहले मनोज के वाहन पर बम फेंका और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।

सूत्रों के अनुसार जमानत याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई जल्द ही जयराजन को गिरफ्तार कर सकती है। पिछले महीने निचली अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर होने के बाद जयराजन को कन्नूर के एक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

सीबीआई अब तक इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और जयराजन से पिछले वर्ष पूछताछ भी कर चुकी है। हालांकि तब पूछताछ के बाद जयराजन को छोड़ दिया गया था।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • 'कन्हैया कुमार ने कभी राष्ट्र-विरोधी नारे नहीं लगाए'
    प्रियंका
    नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के शोध मार्गदर्शक और साथी विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने कभी भी राष्ट्र-विरोधी नारा लगाया ही नहीं, बल्कि वह हर तरह के चरमपंथ के विरोधी ही रहे हैं।

    विश्वविद्यालय में उन्हें जानने वाले और यहां तक कि उनके गृह राज्य बिहार में उनके निकटवर्ती लोगों का कहना है कि कन्हैया वामपंथी विचार के और गरीबों के हित वाली राजनीति के समर्थक हैं, लेकिन राष्ट्र-विरोधी तो वह कभी नहीं रहे।

    विश्वविद्यालय परिसर में नौ फरवरी को हुई विवादित सभा में मौजूद लोगों का भी कहना है कि कन्हैया ने कोई राष्ट्र-विरोधी नारा नहीं लगाया और इसके लिए छात्रों का एक विशेष दल और बाहरी लोग जिम्मेदार हैं।

    कन्हैया की साथी शोधछात्र अमृता ने आईएएनएस से कहा, "वह (कन्हैया) कभी भारत के खिलाफ किसी चीज के बारे में सोच भी नहीं सकता, क्योंकि यह उसकी राजनीति और समाज की समझ के खिलाफ है।"

    नौ फरवरी की उस विवादित सभा में मौजूद रहे शोधछात्र राहिला परवीन और एमफिल के छात्र पीयूष रंजन झा ने आईएएनएस को बताया कि 'कन्हैया ने कोई राष्ट्र-विरोधी' नारा नहीं लगाया था।

    भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के अनुषंगी संगठन एआईएसएफ से जेएनयू छात्रसंघ के पहले अध्यक्ष चुने गए कन्हैया पर राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने के लिए राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। कन्हैया ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है।

    अमृता ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, "वह (कन्हैया) वस्तुपरक, विश्लेषक, सामाजिक मुद्दों के प्रति सजग और हर तरह के चरमपंथ के खिलाफ विचार रखता है।"

    बुधवार को कन्हैया को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें दो मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पेश करने के दौरान कन्हैया के साथ विरोधी विचारधारा के वकीलों ने मारपीट भी की।

    अमृता ने कहा, "उसमें गजब की सांगठनिक योग्यता है। वह राजनीति की गहरी समझ रखता है और इस तरह का छात्र और नागरिक है जिस पर किसी को भी गर्व हो सकता है।"

    उल्लेखनीय है कि कन्हैया जेएनयू से प्रोफेसर एस. एन. मालाकर के मार्गदर्शन में अफ्रीकी अध्ययन में शोधकार्य कर रहे हैं।

    मालाकर ने आईएएनएस से कहा, "लोगों को एआईएसएफ का इतिहास जानना चाहिए, तब जाकर आपको समझ आएगा कि कन्हैया कभी राष्ट्र-विरोधी नारे नहीं लगा सकता।"

    कन्हैया को 13-14 वर्षो से जानने वाली राहिला परवीन भी नौ फरवरी को उस सभा में मौजूद थीं।

    परवीन ने आईएएनएस को बताया, "उसने राष्ट्र-विरोधी नारे लगाए ही नहीं। हम भिन्न-भिन्न मुद्दे उठाने में हमेशा से आगे रहे हैं। हमें इसीलिए निशाना बनाया जा रहा है।"

    पीयूष रंजन झा ने बताया कि कन्हैया नौ फरवरी को समारोह में छात्रों के गुटों के बीच झड़प को रोकने के लिए आए थे।

    झा ने बताया, "उस दिन समारोह में कुछ ऐसे लोग भी मौजूद थे जो विश्वविद्यालय के छात्र नहीं थे। कन्हैया वहां सिर्फ छात्रों को शांत कराने के लिए आया था। उसने कोई भी राष्ट्र-विरोधी नारा नहीं लगाया।"

    एआईएसएफ के महासचिव बिश्वजीत ने बताया कि बिहार के बिहट गांव के रहने वाले कन्हैया के पिता पेशे से किसान हैं और मां बेगूसराय जिले में आंगनवाड़ी संचालिका हैं।

    कन्हैया के बड़े भाई एक निजी क्षेत्र की कंपनी में नौकरी करते हैं, जबकि छोटे भाई ने वाणिज्य से स्नातक की शिक्षा पूरी की है। कन्हैया की एक बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और बिहार में ही अपने ससुराल में रहती हैं।

    कन्हैया सितंबर, 2015 में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए।

    बिश्वजीत ने जोर देकर कहा कि कन्हैया एक देशभक्त है।

    उन्होंने कहा, "भारत सरकार ने जब 1857 के विद्रोह में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए समारोह का आयोजन किया था, तो कन्हैया ने उस समारोह में अपने महाविद्यालय की ओर से हिस्सा लिया था और अवार्ड भी जीता था। ऐसा हो ही नहीं सकता कि वह कोई राष्ट्र-विरोधी बात कहे।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
    गाजियाबाद, 17 फरवरी (आईएएनएस)। यहां एक विशेष अदालत ने बुधवार को नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

    विशेष न्यायाधीश जी.श्रीदेवी की अदालत तीन बार यादव सिंह की सीबीआई हिरासत बढ़ा चुकी है। बुधवार को 13 दिन की सीबीआई हिरासत खत्म होने के बाद उसे अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

    सीबीआई ने यादव को 3 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उस पर ठेकों के आवंटन में अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : शौचालय घोटाले की जांच शुरू, अभिलेख खंगाले
    हरदोई, 17 फरवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद में शौचालय निर्माण में हुई अनियमितताओं के मामले में दर्ज कराई गईं एफआइआर की पड़ताल तेज होती जा रही है। अलग-अलग थानों में दर्ज हुई एफआइआर से जुड़ी जानकारियां हासिल करने के लिए संबंधित थानों से विवेचना अधिकारियों का पंचायत राज विभाग कार्यालय पहुंचने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में बुधवार को हरपालपुर थाने के उप निरीक्षक ने पंचायत राज कार्यालय पहुंच कर अभिलेख खंगाले।

    वित्तीय वर्ष 2012-13 और 2013-14 में शौचालय निर्माण के लिए जारी किए गए बजट के दुरुपयोग का मामला जिले में सामने आया था। उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में दायर की गई जनहित याचिका के बाद प्रमुख सचिव पंचायतीराज ने इस मामले पर सख्त रुख अपना लिया था।

    इस मामले में 24 तत्कालीन ग्राम सचिवों और 33 तत्कालीन ग्राम प्रधानों के विरुद्ध जनपद के 14 थानों में एफआइआर दर्ज करा दी गई थी। इसके बाद सभी ग्राम सचिवों को निलंबित कर दिया गया था। इससे इतर तीन एडीओ पंचायत भी निलंबित कर दिए गए थे।

    अब इस मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर की पड़ताल की जा रही है। अलग-अलग थानों में तैनात किए गए विवेचना अधिकारियों को जांच के लिए अभिलेखों की आवश्यकता पड़ रही है। इसी क्रम में बुधवार को हरपालपुर थाने में तैनात उप निरीक्षक कृष्ण पाल सिंह जांच के लिए पंचायत राज विभाग के कार्यालय पहुंचे। शौचालय निर्माण से जुड़ी नियमावली आदि अन्य अभिलेख भी उन्होंने मांगे।

    सिंह ने बताया कि सेमरिया के तत्कालीन ग्राम प्रधान और सचिव के विरुद्ध दर्ज कराई गई एफआइआर से जुड़े अभिलेख जुटाने के लिए वे पंचायत राज कार्यालय गए थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नदियों की दुर्दशा से शंकराचार्य दुखी, प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
    लखनऊ, 17 फरवरी (आईएएनएस)। गंगा, यमुना, गोमती और क्षिप्रा समेत देश की अन्य नदियों की दुर्दशा से पुरी पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद दुखी हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है।

    स्वामी अधोक्षजानंद बुधवार को कुछ समय के लिए राजधानी लखनऊ में थे। इस दौरान पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने गंगा की स्वच्छता की खूब कसमें खाईं लेकिन सरकार बनने के बाद अभी तक इस दिशा में कोई सार्थक प्रयास नहीं दिख रहा है।

    एक सवाल के जवाब में जगद्गुरु शंकराचार्य ने यमुना और गोमती नदी में भी बढ़ रहे प्रदूषण पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नदियों की सफाई के लिए केंद्र सरकार को ठोस कार्ययोजना बनानी पड़ेगी।

    उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में चल रहे माघ मेले के दौरान अस्थाई रूप से गंगा में पानी की मात्रा बढ़ा दी जाती है, लेकिन यह नाकाफी है। गंगा की स्वच्छता के लिए उसी धारा को अविरल बनाना होगा और यह कार्य केंद्र सरकार ही कर सकती है।

    शंकराचार्य ने बताया कि अभी हाल में वह उज्जैन गए थे। वहां अप्रैल-मई में महाकुंभ का आयोजन होना है। लेकिन, वहां भी क्षिप्रा की हालत बड़ी ही खराब है।

    उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है कि महाकुंभ के पहले क्षिप्रा की स्वच्छता सुनिश्चित की जाए ताकि वहां पहुंचने वाले लाखों लोगों की आस्था को और मजबूती मिल सके।

    उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा है कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को निर्देश दें कि उज्जैन महाकुंभ के दौरान साधु, संतों व अन्य श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधाएं प्रदान करें।

    स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ बुधवार को राजधानी स्थित जल निगम के अतिथि गृह में थोड़ी देर के लिए रुके थे। इस दौरान प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री मो. आजम खान भी वहां पहुंचे और शंकराचार्य से लगभग आधे घंटे एकांत में गुफ्तगू किया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • असम में हवा कांग्रेस के पक्ष में : गोगोई

    गुवाहाटी, 17 फरवरी (आईएएनएस)। असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बुधवार को कहा कि असम की जनता ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के राज्य के दौरे पर स्वस्फूर्त और उत्साहजनक प्रतिक्रिया दी है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व हवा कांग्रेस के पक्ष में चल रही है।

    गोगोई ने कहा कि गोहपुर, बिहपुरिया, तीताबोर और शिवसागर में हुई राहुल गांधी की जनसभाओं और पदयात्रा में उमड़ी भीड़ यह दर्शाता है कि लोग कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी द्वारा आम चुनाव के दौरान किए गए अच्छे दिन लाने के झूठे वादे और राज्य से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर पलट जाने के कारण जनता कांग्रेस के साथ हो गई है, क्योंकि जनता जानती है कि यह पार्टी धर्मनिरपेक्ष, गरीबों की हिमायती और विकास केंद्रित है।"

    गोगोई ने कहा कि मोदी सरकार ने विशेष श्रेणी का दर्जा वापस लेकर धन का प्रवाह रोक दिया, केंद्र प्रयोजित योजनाओं और बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के वित्तीयन तरीके बदल दिए, पूर्वोत्तर औद्योगिक एवं निवेश संवर्धन नीति को निलंबित कर दिया, मनरेगा और अन्य गरीब समर्थक योजनाओं के बजट घटा दिए।

    उन्होंने कहा कि मोदी सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर पलट गए हैं, जैसे विदेशियों को वापस भेजने, और बांग्लादेश के साथ भूमि की अदला-बदली समझौता। उन्होंने कहा कि यह सब इस बात को साबित करता है कि केंद्र सरकार का दोहरा मापदंड सामने आ गया है।

    गोगोई ने कहा, "असम के लोगों ने महसूस किया कि वे प्रधानमंत्री के इस झांसे में आ गए कि वह उनके लिए कुछ करेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया। यह दोहरी नीति आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ जाएगी।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नीति आयोग के सीईओ दूरसंचार आयोग के सदस्य होंगे
    नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति) आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दूरसंचार आयोग के अंशकालिक सदस्य होंगे।

    इससे पहले यह सदस्यता योजना आयोग के सचिव को दी गई थी, जिसका अब कोई अस्तित्व नहीं है।

    सरकार का मानना है कि नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की दूरसंचार आयोग की बैठक में उपस्थिति से आयोग के विचार-विमर्श में मूल्यवान योगदान मिलेगा, क्योंकि नीति आयोग की स्थापना सरकार के थिंक टैंक के रूप में की गई है।

    दूरसंचार आयोग की स्थापना 1989 में की गई थी। इसे दूरसंचार क्षेत्र में तेज विकास के लिए जरूरी प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां दी गई हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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