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बंगाल : सोशल मीडिया से प्रभावित होंगे 70 सीटों के परिणाम


कोलकाता, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के 294 विधानसभा क्षेत्रों में से 70 के चुनाव परिणाम को संभवत: सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले प्रभावित करेंगे। एक रिपोर्ट में शनिवार को यह बात कही गई।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के अध्ययन के अनुसार, "पश्चिम बंगाल में 70 उच्च प्रभाव वाले विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनके परिणाम संभवत: सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों से प्रभावित होंगे। "

रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 फीसदी या कहें कि हर चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक को उच्च प्रभाव वाले (हाई इम्पैक्ट) क्षेत्र के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये राज्य का संभावित विजेता तय कर सकता है।

राज्य में छह चरणों वाले चुनाव की शुरुआत चार अप्रैल को हुई है और यह पांच मई को संपन्न होगा। 'सोशल मीडिया का चुनाव पर प्रभाव' (इंपैक्ट ऑफ सोशल मीडिया ऑन इलेक्शंस) विधानसभा चुनाव की रिपोर्ट की कड़ी में पहली रिपोर्ट है। इसमें फेसबुक इंडिया और कंपेन 360 ने भी सहायता की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले 250 प्रतिनिधियों के वेब सर्वेक्षण के सैंपल में भी पाया गया है कि चुनाव से संबंधित सामग्री के लिए टीवी और प्रिंट अभी भी सबसे विश्वसनीय स्रोत हैं। जबकि 41 फीसदी सोशल मीडिया पर भरोसा करते हैं और 21 फीसदी डिजिटल खबरें देखते हैं।

इसके अलावा सर्वेक्षण में यह भी खुलासा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में पांच में से दो सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले भी मानते हैं कि चुनाव से जुड़ी सूचनाओं के लिए सोशल मीडिया सबसे विश्वसनीय स्रोत है।

इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के सबसे अधिक 90 फीसदी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले बंगाल चुनाव को सोशल मीडिया पर ही फॉलो करते हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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  • भाजपा सांसद को तीन साल कैद की सजा

    अहमदाबाद, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। गुजरात के अमरेली जिले की एक सत्र अदालत ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अमरेली के सांसद नारन कछाड़िया को तीन साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। कछाड़िया को तीन साल पहले सरकारी ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक भीमजी दाभी से मारपीट करने के मामले में यह सजा सुनाई गई है।

    अदालत ने इस मामले में भाजपा की एक स्थानीय महिला नेता सहित चार अन्य लोगों को भी दोषी करार दिया है। सभी दोषियों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

    अदालत ने इन सभी को राहत देते हुए गिरफ्तारी से बचने के लिए इस फैसले के खिलाफ 11 मई तक उच्च न्यायालय जाने के लिए समय दिया है।

    इस फैसले पर नारन कछाड़िया (58) ने संवाददाताओं से कहा, "मैं निर्दोष हूं और फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाऊंगा।"

    अमरेली की सिविल अस्पताल की डॉक्टर भीमजी दाभी की जनवरी, 2013 में तब पिटाई कर दी गई थी जब उन्होंने कथित रूप से भाजपा की महिला नेता मधुबेन जोशी के 23 वर्षीय बेटे रवि जोशी का इलाज करने से इनकार कर दिया था।

    जब डॉक्टर दाभी ने कथित रूप से जोशी और उनके बेटे को अस्पताल से बाहर जाने के लिए कह दिया तो बात बढ़ गई और उन्होंने कछाड़िया को बुला लिया। बताया जाता है कि कछाड़िया अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर दाभी पर हमला कर दिया। इसके विरोध में अस्पताल के कर्मचारी तत्काल हड़ताल पर चले गए थे। बाद में सांसद समेत 15 लोगों के खिलाफ पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • सोनिया ने ममता-मोदी के बीच गठजोड़ का लगाया आरोप
    सुजापुर (पश्चिम बंगाल), 13 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच गठजोड़ का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख भी उसी जनताविरोधी नीतियों का पालन कर रही है जो केंद्र में मोदी सरकार कर रही है।

    उन्होंने यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपको चेताना चाहती हूं कि जो व्यक्ति अपने आप को दीदी कहती हैं, और जो नमो-नमो का नारा लगवाता है, दोनों मिले हुए हैं।"

    "जब भी प्रधानमंत्री को संसद में समस्या होती है, तो तृणमूल उसे बचाने आ जाती है। बदले में प्रधानमंत्री तृणमूल की जनता विरोधी नीतियों पर आंखें मूंद लेते हैं।"

    सोनिया ने कहा कि क्या मोदी और बनर्जी ने चिटफंट कंपनियों पर कोई कार्रवाई की जिसमें बंगाल के गरीबों से करोड़ों रुपये लूट लिए। "उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि दोनों एक ही थाली में खाना खाते हैं।"

    उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा ने लोगों को घोखा दिया और बंगाल में तृणमूल ने बहुमत मिलने के बाद लोगों को धोखा दिया।

    "जिस तरीके से दीदी पैसा, सत्ता और बल का प्रयोग अपने विरोधियों को चुप कराने के लिए करती हैं। मोदी भी वही तरीका विभिन्न राज्यों में कांग्रेसी सरकारों को गिराने के लिए अपनाते हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ने उन लोगों को जेल नहीं भेजा जिन्होंने गरीबों का पैसा लूटा। इसी प्रकार मोदी ने उन लोगों के आसानी से देश छोड़कर जाने दिया जिन्होंने बैंकों का पैसा लूटा।"

    उन्होंने 2001 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल के साथ कांग्रेस के गठजोड़ को याद करते हुए कहा कि तब हमने बनर्जी का समर्थन किया था। क्योंकि उन्होंने गरीबों, महिलाओं और हाशिये पर पड़े लोगों की भलाई करने की बात कही थी। लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने अपने सारे वादे भुला दिए।

    उन्होंने कहा कि बंगाल में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिलाओं पर अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • परमाणु सक्षम के-4 मिसाइल का अरिहंत पनडुब्बी से सफल परीक्षण
    नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम के-4 मिसाइल का बुधवार को अरिहंत पनडुब्बी से लांच कर परीक्षण किया गया। के-4 मिसाइल और अरिहंत पनडुब्बी दोनों को स्वदेश में ही विकसित किया गया है।

    पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश (सेवानिवृत्त) ने इसे एक बड़ा कदम करार दिया है। लेकिन उनके मुताबिक अरिहंत को अंतर प्राद्वीपीय मिसाइल से लैस करने की जरूरत है। इन मिसाइलों की रेंज 5,000 किलोमीटर से ज्यादा होती है।

    के-4 का रेंज 3,500 किलोमीटर है। इस परीक्षण को पिछले महीने गुप्त रूप से किया गया और रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आधिकारिक रूप से इस बारे में किसी टिप्पणी से इनकार किया है।

    इसके बारे में एडमिरल अरुण प्रकाश ने आईएएनएस को बताया, "अरिहंत का पूर्ण इस्तेमाल करने के लिए उसमें अंतरप्राद्विपीय मिसाइल सक्षम बनाने की जरूरत है। हमें 5,500 किलोमीटर रेंज के मिसाइलों की जरूरत है ताकि यह पनडुब्बी भारतीय समुद्र के किसी भी हिस्से में अपने लक्ष्य के खतरा साबित हो सके।"

    जानकार सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इस मिसाइल का परीक्षण बंगाल की खाड़ी में किया गया। इसे पानी के 20 मीटर अंदर छोड़ा गया और इसने लक्ष्य को दागने से पहले 700 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान 7 मार्च को इसकी एक डमी का भी नकली परीक्षण किया गया।

    इस मिसाइल और पनडुब्बी दोनों को डीआरडीओ ने विकसित किया है। के-4 का नाम मिसाइल मैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है।

    इस मिसाइल को खासतौर से अरिहंत के लिए ही विकसित किया गया है, क्योंकि दूसरा परमाणु सक्षम मिसाइल अग्नि-3 इस पनडुब्बी के लिए मुफीद नहीं है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नमामि गंगे के लिए भारत, जर्मनी के बीच समझौते
    नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय और जर्मनी के जर्मन इंटरनेशनल कोआपरेशन (जीआईजेड) के बीच बुधवार को नई दिल्ली में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा नदी के संरक्षण के लिए एक क्रियान्वयन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

    मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस समझौते का उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण के लिए उत्तरदायी राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय हितधारकों को एकीकृत नदी बेसिन प्रबंधन दृष्टिकोण के लिए सक्षम बनाना है। यह भारत और जर्मनी के बीच जानकारी के आदान-प्रदान और सामरिक नदी बेसिन प्रबंधन मामलों के व्यावहारिक अनुभव, प्रभावी डाटा प्रबंधन प्रणाली तथा जन भागीदारी पर आधारित होगा।

    बयान के अनुसार, यह परियोजना अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहलों के साथ मिलकर काम करेगी। इसमें भारत और जर्मनी की 'राष्ट्रीय शहरी नीति को समर्थन' यानी एसएनयूएसपी और पर्यावरण अनुकूल सतत औद्योगिक उत्पादन (एसईआईपी) जैसी द्विपक्षीय परियोजनाएं शामिल हैं। इस परियोजना की अवधि तीन साल यानी 2016 से 2018 तक होगी।

    इस परियोजना में जर्मनी का अंशदान 22.5 करोड़ रुपये का होगा। शुरुआत में उत्तराखंड पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और गंगा से जुड़े दूसरे राज्यों तक इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य राइन और दान्यूब नदी के लिए इस्तेमाल की गई सफल नदी बेसिन प्रबंधन नीति को अपनाना है। इसके अतिरिक्त जहां तक संभव हो सके गंगा नदी का प्राचीन वैभव लौटाने के लिए इस नीति को यहां दोहराना है।

    इस समझौते पर भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ. मार्टिन ने और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय में सचिव शशि शेखर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

    इस अवसर पर जर्मन राजदूत ने कहा कि उनका देश गंगा नदी के प्रति आस्था और उसके सांस्कृतिक महत्व को समझता है तथा मां गंगा को उसका प्राचीन वैभव वापस लौटाने के लिए अपना श्रेष्ठ प्रयास करेगा।

    जर्मन सरकार का आभार प्रकट करते हुए शेखर ने कहा कि जर्मनी से मिलने वाला तकनीकी सहयोग गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने में अत्यंत फलदायी साबित होगा। उन्होंने कहा, "इस क्षण से ही हम गंगा नदी को निर्मल बनाने के लिए और तेज गति से आगे बढ़ेंगे।"

    'नमामि गंगे' भारत सरकार का एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य नए वेग से गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करना और पावन गंगा का संरक्षण करना है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • एक लाख से अधिक दिव्यांगों को कौशल प्रशिक्षण
    नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पिछले एक वर्ष में एक लाख से अधिक दिव्यांगों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।

    सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत काम करने वाले कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) ने सहायता एवं सहायक उपकरणों के वितरण के लिए बरेली में मंगलवार को एक विशाल शिविर का आयोजन किया।

    केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की अध्यक्षता और केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा बरेली के सांसद संतोष कुमार गंगवार की उपस्थिति में 1578 लाभार्थियों को अत्याधुनिक उच्च तकनीक वाले सहायता एवं सहायक उपकरण प्रदान किए गए।

    बरेली में शिविर के सफल संचालन के लिए विकलांगजन सशक्तीकरण विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए संतोष कुमार गंगवार ने अपने लोकसभा क्षेत्र की ओर से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह शिविर कई दिव्यांगों के लिए लाभदायक होगा और उन्हें रोजमर्रा के जीवन में पेश आने वाली चुनौतियों से पार पाने के लिए मददगार साबित होगा।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • भारत-दक्षिण कोरिया के बीच बंदरगाह विकास समझौता
    नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी एवं दक्षिण कोरिया के महासागर एवं मत्स्य मंत्री किम यंग सुक ने मुंबई में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

    दक्षिण कोरिया के मंत्री किम के नेतृत्व में एक दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल सामुद्रिक भारत सम्मेलन, 2016 (एमआईएस, 2016) में भाग लेने के लिए मुंबई में है।

    यहां जारी एक बयान के अनुसार, यह एमओयू बंदरगाह संबंधित मामलों में भारत और दक्षिण कोरिया के बीच सहयोग एवं आपसी सहायता से संबंधित है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छह अप्रैल को इस एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए जहाजरानी मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

    एमआईएस, 2016 भारत सरकार के जहाजरानी मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है, जो भारत के सामुद्रिक क्षेत्र में संभावित व्यवसाय अवसरों की खोज करने के लिए भागीदारों को एक अनूठा मंच मुहैया कराती है। एमआईएस, 2016 का आयोजन मुंबई में 14 अप्रैल से किया जा रहा है और इसमें सम्मेलन, प्रदर्शनी एवं डेमो सत्रों का आयोजन किया जाएगा।

    दक्षिण कोरिया एमआईएस, 2016 का साझेदार देश है। दक्षिण कोरिया के 100 से अधिक भागीदारों का एक शिष्टमंडल सम्मेलन में भाग ले रहा है।

    बयान के अनुसार, इस समझौते से बंदरगाहों के विकास, बंदरगाह संबंधित उद्योग, सामुद्रिक संबंधों एवं प्रौद्योगिकी को साझा करने के दायित्वों में सहयोग प्राप्त होने, बंदरगाह विकास एवं संचालन के क्षेत्रों में अनुभव, बंदरगाह विकास के क्षेत्र में निर्माण, इंजीनियरिंग एवं संबंधित पहलुओं पर जानकारियों के आदान-प्रदान, बंदरगाह संबंधित निर्माण एवं इंजीनियरिंग परियोजनाओं में संयुक्त भागीदारी, बंदरगाह एवं संबंधित शिक्षा एवं प्रशिक्षण, तथा सहयोग के अन्य प्रकारों जिन पर दोनों देशों के बीच आपसी रूप से सहमति हो सकती है, के क्षेत्र में प्रत्येक देश के संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों समेत विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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