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स्तन कैंसर की पूर्व सूचना देगा नया मॉलीकुलर मार्कर

न्यूयार्क, 8 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिकी शोधार्थियों ने एक नए मॉलीकुलर मार्कर की खोज की है, जो सामान्य स्तन के ऊतकों में तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं और स्तन कैंसर के विकास के जोखिम की पहचान कर सकता है।

स्तन कैंसर पूरे विश्व में महिलाओं की मृत्यु का प्रमुख कारण है।

मॉलीकुलर (आणविक) मार्कर एक अणु है, जिसमें एक जीव (जैविक मार्कर) का नमूना होता है। यह संबंधित स्रोत के बारे में कुछ विशेषताओं को प्रकट करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

इस शोध के लिए स्तन रोग से पीड़ित 302 महिलाओं का बायोप्सी द्वारा परीक्षण किया गया था।

शोध के दौरान पता चला कि जिन महिलाओं में केआई67 मॉलीकुलर मार्कर का उच्च प्रतिशत होता है, उन्हें स्तन कैंसर होने का पांच गुना अधिक खतरा होता है।

हावर्ड युनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर रूला तामिमी ने बताया, "महिलाओं में स्तन कैंसर के उच्च जोखिम का पता लगाने के बाद हम उनका बेहतर इलाज कर सकते हैं।"

यह शोध 'कैंसर रिसर्च' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    प्रोहेल्थ एक्युमुलेट अपने किस्म का पहला स्वास्थ्य प्लान है जो ग्राहकों को स्वास्थ्य सुरक्षा, कल्याण तथा स्वास्थ्य आरक्षित निधि के संयोजन का विशिष्ट लाभ प्रदान करता है। यह प्लान आरक्षित निधि बनाने की विशिष्ट विशेषता प्रदान करता है जो एक पर्सनल स्वास्थ्य वालेट की तरह काम करता है।

    इस प्लान के तहत गारंटीयुक्त वर्ष दर वर्ष पांच फीसदी के संचयी बोनस के साथ बढ़ती हुई स्वास्थ्य देखभाल की लागतों के लिए जुड़े हुए सुरक्षा के लाभ के साथ आता है। ग्राहक आउट-पेशेंट खर्च जैसे डॉक्टर का परामर्श, दवाइयों का खर्च, रोग की पहचान के लिए परीक्षण, दवाइयों के वैकल्पिक रूप (आयुष) तथा और भी बहुत से कवर ले सकते हैं। साथ ही इसमें ओपीडी दांतों के उपचार, चश्मे, लैंस तथा श्रवण उपकरणों की लागत भी शामिल है।

    सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने कहा, "प्रोहेल्थ एक्युमुलेट हमने भारतीय ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनाया है। यहां स्वास्थ्य बीमा को कभी-कभी धन की बर्बादी माना जाता है विशेषकर बिना दावे के वर्ष में। इसके अलावा ग्राहक गैर-अस्पताल में भर्ती के खर्चो समेत बीमा में समग्र रूप से कवरेज चाहते हैं। इसलिए हमने व्यापक रूप से अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के साथ ही गैर-अस्पताल में भर्ती का भी कवरेज प्रदान करके चिकित्सीय खर्चो के लिए ग्राहकों की बचत करने में मदद करने के लिए इस बीमा को डिजाइन किया है।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नॉर्वे में 12 लोगों के जीका विषाणु से संक्रमित होने की पुष्टि
    ओस्लो, 13 अप्रैल (आईएएनएस/सिन्हुआ)। नॉर्वे इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (एनआईपीएच) ने बुधवार को कहा कि फरवरी में जांच शुरू होने के बाद से लेकर अब तक पांच गर्भवती महिलाओं सहित 12 लोगों के जीका के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

    नॉर्वे के समाचार पत्र वीजी ने कहा कि इस साल 25 फरवरी से लेकर 11 अप्रैल तक कुल 222 लोगों को जीका से संक्रमित पाया गया है, जिनमें 142 महिलाएं व 80 पुरुष हैं।

    कुल 222 लोगों में से दो के जीका से गंभीर रूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

    एनआईपीएच के मुताबिक, पांच गर्भवती महिलाओं सहित 10 अन्य लोगों के रक्त में जीका के एंटीबॉडी मिले हैं।

    एनआईपीच ने गर्भवती महिलाओं को जीका विषाणु से प्रभावित इलाकों की यात्रा न करने की सलाह दी है।

    मध्य व दक्षिणी अमेरिका में जीका के प्रकोप को लेकर फरवरी के शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • जीका वायरस को रोकेंगे प्रयोगशाला में बनें मच्छर

    रियो डी जेनेरियो, 13 अप्रैल (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ब्राजील ने अनुवांशिक रूप से संशोधित मच्छरों को जीका वायरस के लिए जिम्मेदार एडीस एजिप्टी की जनसंख्या को कम करने लिए वातावरण में छोड़ने की अनुमति दे दी है। ब्राजील के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

    इन विशिष्ट मच्छरों का निर्माण प्रयोगशाला में हुआ है।

    नेशनल हेल्थ सर्विलांस एजेंसी (एनविसा) ने मंगलवार को घोषणा कर कहा है कि उन्होंने ब्रिटिश जैव प्रौद्योगिकी कंपनी 'ऑक्सीटेक' को ट्रांसजेनिक मच्छरों को मुक्त करने की विशेष अनुमति दे दी है।

    इस कंपनी ने एडीस एजिप्टी मच्छरों की जनसंख्या के नियंत्रण के लिए कुछ विशिष्ट ट्रांसजेनिक मच्छरों को बाहरी वातावरण में छोड़ा है। वैज्ञानिकों ने इन ट्रांसजेनिक मच्छरों का समागम डेंगू, चिकनगुनिया और जीका वायरस के लिए जिम्मेदार मादा एडीस एजिप्टी से होने की उम्मीद जताई है, क्योंकि शोधार्थियों के अनुसार इनके समागम से पैदा होने वाला मच्छर वयस्क होने के पहले ही मर जाएगा। इस प्रक्रिया से जीका संक्रमण के खिलाफ एडीस के प्रसार पर रोक लगाई जा सकती है।

    इस परीक्षण ने जीका के खिलाफ कुछ इलाकों में संतोषजनक परिणाम दिए हैं।

    अनविसा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि वह एक ऐसा नियामक ढांचा बनाएंगे, जो इस प्रकार के विकासशील और विकसित उत्पादों का मूल्यांकन करने में सक्षम हो।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • 5-6 कप कॉफी रोजाना पीने से फैटी लीवर रोग से बचाव
    लंदन, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। अगर आप 5-6 कप कॉफी रोजाना पीते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ज्यादा कॉफी पीने से नान अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) से सुरक्षा मिलती है।

    रोजाना कॉफी पीने से लीवर में सुधार होता है। यह प्रयोग चूहों पर किया गया जो मनुष्यों को रोजाना 6 कप एक्सप्रेसो कॉफी के बराबर है।

    इटली के नापोली विश्वविद्यालय के विनसेंजो लेंबो ने बताया, "पिछले शोधों से भी एनएएफएलडी से हुए नुकसान की कॉफी से भरपाई की पुष्टि की है। लेकिन यह पहली बार पता चला है कि यह आंत की पारगम्यता को प्रभावित कर सकता है।"

    इस शोध से पता चला है कि कॉफी एनएएफएलडी संबंधी समस्याओं जैसे लीवर कोशिका के खराब होने को ठीक कर सकता है।

    एनएएफएलडी से पीड़ित लोगों में लीवर पर घाव हो जाता है जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन ज्यादा कॉफी पीने से इससे भी बचा जा सकता है।

    यूरोपियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लीवर (ईएएसएल) के महासचिव प्रोफेसर लैरेंट केसटेरा का कहना है, "इस शोध से आंतों की आंतरिक कार्यप्रणाली पर कॉफी के असर को समझने में मदद मिलती है। इससे भविष्य में भी एनएएफएलडी से मुकाबला करने में कॉफी की भूमिका पर भविष्य के अनुसंधानों में मदद मिलेगी।"

    यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • अवसाद से बढ़ता है टाइप 2 मधुमेह का जोखिम
    टोरंटो, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं और अधिक अवसाद में हैं तो संभल जाइए। क्योंकि यह रोग आपको कई रोगों का शिकार बना सकता है। एक हालिया अध्ययन में पता चला है कि अवसाद, मोटापा, उच्च रक्तचाप और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर एक साथ मिलकर टाइप 2 मधुमेह के जोखिम बढ़ा सकते हैं।

    निष्कर्ष बताते हैं कि जो लोग अवसाद और चयापचय जोखिम कारकों जैसे मोटापा, उच्च रक्तचाप और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर से ग्रसित होते हैं, ऐसे लोगों को टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा छह गुना अधिक होता है।

    केवल अवसाद की अवस्था टाइप 2 मधुमेह का महत्वपूर्ण जोखिम कारक नहीं है। लेकिन अवसाद रहित मोटापे, उच्च रक्तचाप और अस्वस्थ कोलेस्ट्रॉल के स्तर से ग्रसित लोगों में मधुमेह होने की चार गुना अधिक संभावना होती है।

    कनाडा की मैकगिल युनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक नोबर्ट स्किमिट्ज ने बताया, "ये निष्कर्ष बताते हैं कि केवल अवसाद तो नहीं, लेकिन अवसाद के साथ जुड़े हुए अन्य चयापचय विकार टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग के जोखिमों को बढ़ाने में जिम्मेदार हो सकते हैं।"

    इस शोध के लिए 40 से 69 साल के 2,525 प्रतिभागियों पर अध्ययन किया गया था।

    यह शोध 'जर्नल मॉलीकुलर साइकियाट्री' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • टाइप 2 मधुमेह रोगियों को लीवर रोगों का खतरा
    लंदन, 13 अप्रैल (आईएएनएस)। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों को सामान्य लोगों की तुलना में लीवर के गंभीर रोग होने की अधिक संभावना होती है।

    ब्रिटेन की युनिवर्सिटी ऑफ साउथहैंप्टन के प्रोफेसर क्रिस बायर्न ने कहा, "हमें पहली बार पता चला है कि टाइप 2 मधुमेह एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, जो पुराने लीवर रोगों से संबंधित है।"

    उन्होंने बताया, "इस अनुसंधान में हालांकि अभी आगे यह निर्धारित करने की जरूरत है कि क्या सभी टाइप 2 मधुमेह रोगियों को लीवर के रोगों की जांच कराने की जरूरत है।"

    इस शोध में साउथहैंप्टन के साथ ही एडिनबर्ग युनिवर्सिटी के शोधार्थी भी शामिल रहे। इन्होंने 10 सालों के अध्ययन के दौरान स्कॉटलैंड के विभिन्न अस्पतालों से लीवर संबंधी रोगों और उससे जुड़े कारकों का आकलन किया।

    शोधार्थियों ने पाया कि इनमें से अधिकतर मामलों में लीवर रोग और टाइप 2 मधुमेह ग्रसित लोगों के रोग का कारण अल्कोहल नहीं रहा। इसकी असल वजह लीवर की कोशिकाओं में वसा का निर्माण रहा है, जिसे नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लीवर डिसीस (एनएएफएलडी) कहा जाता है।

    यह शोध 'जर्नल ऑफ हेप्टोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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