भोपाल: 15 मार्च/ ‘‘आईसेक्ट विश्वविद्यालय सदैव देश तथा समस्त विश्व में ज्वलंत विषयों के महत्व को रेखांकित करता आ रहा है। निश्चय ही इस बार पर्यावरण, जल स्त्रोत तथा वैकल्पिक ऊर्जा जैसे विषयों को शोध तथा शिक्षा का केन्द्र बिन्दु बना कर समाज के हित में मील का पत्थर साबित होगा।’’ यह बात विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि श्री अखिलेश पांडे, अध्यक्ष म.प्र. निजी वि.वि. आयोग ने कही। इस अवसर पर प्रो. पी के वर्मा, महानिदेशक विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद म.प्र. और श्री संतोष चौबे, कुलाधिपति आईसेक्ट, अमृतलाल वेगड़, पर्यावरणविद, प्रो. वी पी सिंह, प्रोफेसर टेक्सास ए एण्ड एम यूनिवर्सिटी यूएसए, प्रो. वी के वर्मा, कुलपति आईसेक्ट विश्वविद्यालय और डॉ. विजय सिंह, कुलसचिव आईसेक्ट विश्वविद्यालय विशेषरुप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आईसेक्ट के कुलाधिपति संतोष चौबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस संगोष्ठी के माध्यम से देश-दुनिया में क्या शोध चल रहे हैं और कौन से तरीके हैं जिन्हें अपनाकर दिनोंदिन विकराल होती इन जटिल समस्याओं का हल निकाला जा सके, इसी उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु इस संगोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय कर रहा है। टेक्नोलाजी पर आधारित समाधान की रिपोर्ट मध्य प्रदेश सरकार के संबंधित विभागों को सौंपी जाएगी। प्रो. वी पी सिंह जो कि जल इंजीनियरिंग के विश्व के 5 प्रमुख वैज्ञानिकों में शामिल हैं ने इस संगोष्ठी को विश्वभर में व्याप्त जल संकट जैसी विकराल समस्याओं के समाधान हेतु हल तलाशने को प्रेरित बताया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
ज्ञात हो कि इस संगोष्ठी में लगभग 20 देशों के विश्वविद्यालय, शोध संस्थान, वैज्ञानिक तथा हमारे अपने आईआईटी, आईआईएम, राष्ट्रीय शोध केन्द्र, विश्वविद्यालय, उद्योग क्षेत्र से विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। इन चार दिनों में लगभग 20 देश, 32 एक्सपर्ट और 400 से अधिक शोध पत्र, केस स्टडी, प्रयोग निष्कर्ष पढ़े जाएंगे तथा उन पर चर्चा होगी।
विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का एकमात्र लक्ष्य ज्ञान-विज्ञान को एक प्लेटफार्म पर लाना है। क्लाइमेट चेंज, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, पाल्यूशन, वेस्ट मैनेजमेंट, न्यू एण्ड रेन्यूएबल सोर्सेस आॅफ एनर्जी और कम्प्युटेशनल एंड माडलिंग विषय पर छह समानांतर सत्र जो कि छह सभागारों में 40 सत्र, शारदा हाल, पचमढ़ी हाल, भोजपुर हाल, इंद्रसागर हाल, सिंहस्थ हाल, नर्मदा हाल में अगले 4 दिन आयोजित होते रहेंगे।
पर्यावरण, जल स्त्रोत तथा वैकल्पिक ऊर्जा पर देश और दुनियाभर के बुद्धिजीवियों का आईसेक्ट में लगा जमावड़ा
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