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चीन, मलेशिया को बेल्ट एंड रोड से नए मौके की आस

क्वोलालंपुर, 20 मार्च (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन और मलेशिया के अधिकारियों को उम्मीद है कि बेल्ट एंड रोड पहलों से उनके पहले से प्रगाढ़ आर्थिक और निवेश संबंधों में और मजबूती आएगी।

मलेशिया के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय में द्वितीय मंत्री ओंग का चुआन ने कहा कि 60 देशों की 4.4 अरब आबादी से जुड़ी बेल्ट एंड रोड पहलों से तीन करोड़ की आबादी वाले मलेशिया के लिए निश्चित रूप से लाभ के अवसर पैदा होंगे।

साप्ताहांत के दौरान ओंग ने एक मंच पर कहा कि उनका देश इन पहलों से सक्रिय रूप से जुड़ेगा।

अधिकारियों ने कहा कि इन पहलों से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध और मजबूत होगा। बेल्ट एंड रोड पहलों के अंतर्गत सिल्क रोड इकनॉमिक बेल्ट परियोजना और 21वीं सदी मारिटाइम सिल्क रोड परियोजना आती हैं।

मलेशिया में चीन दूतावास के आर्थिक और वाणिज्यिक सलाहकार ली ना ने कहा कि मलक्का जलडमरूमध्य में रणनीतिक स्थिति के कारण मलेशिया बेल्ट एंड रोड पहलों के तहत चीन से सहयोग करने में रणनीतिक तौर पर लाभ की स्थिति में रहेगा।

ली ने कहा कि 10 सदस्यीय आसियान के एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में मलेशिया चीन की कंपनियों के लिए आसियान बाजार का प्रवेश द्वार और मध्यपूर्व के लिए पारगमन बिंदु साबित हो सकता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • मोदी ने महत्वाकांक्षा की खातिर जीएसपीसी का दोहन किया : कांग्रेस
    विनायक दत्त
    नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन (जीएसपीसी) का बड़े पैमाने पर दोहन अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान दिल्ली के 7, रेसकोर्स रोड तक पहुंचने का खर्च जुटाने के लिए किया।

    कांग्रेस ने सर्वोच्च अदालत की निगरानी में इस मामले की जांच की मांग की। ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) का एक प्रतिनिधिमंडल पार्टी महासचिव और गुजरात के प्रभारी गुरुदास कामत के नेतृत्व में शनिवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलकर इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।

    प्रतिनिधिमंडल में शामिल गुजरात के वरिष्ठ कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने आईएएनएस को बताया, "जीएसपीसी मोदी के पद संभालने के पहले एक मुनाफे में चल रही सरकारी कंपनी थी। उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री बनने के सपने को पूरा करने के लिए इस कंपनी से 20,000 करोड़ रुपये का गबन किया।"

    गोहिल ने मोदी पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा, "2005 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने घोषणा की थी कि जीएससीपी ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन (केजी) 20 ट्रिलियन क्यूबिक फीट गैस रिजर्व की खोज की है, जिसकी अनुमानित कीमत 2.2 लाख करोड़ रुपये है। लेकिन हाइड्रोकार्बन्स के महानिदेशक ने इस क्षेत्र के गैस की कीमत शून्य बताई।"

    कांग्रेस के गुजरात के सचिव अश्विनी सेखरी ने आईएएनएस को बताया, "जीएसपीसी ने बैंकों के समूह से निवेश के लिए 19,576 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन एक भी पैसा लौटाया नहीं गया। और किसी ने कोई पेट्रोलियम गैस भी नहीं पाया।"

    सेखरी ने जोर देकर कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल 'मोदी की राजनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए' किया गया। उन्होंने कहा, "हमने राष्ट्रपति से सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच करवाने की अपील की है, ताकि सच्चाई सामने आए।"

    गोहिल ने जीएसपीसी पर एक संदिग्ध कंपनी जियो ग्लोबल रिसोर्स को गलत तरीके से ठेका देने का आरोप लगाया।

    गोहिल ने कहा, "अभी तक यह नहीं बताया गया है कि महज छह दिन पहले बनी कंपनी जियो ग्लोबल को जीएसपीसी ने क्यों ठेका दे दिया और केवल छह दिनों में कंपनी का कारोबार 3,200 रुपये से 10,000 करोड़ रुपये का हो गया।"

    गुजरात विधानसभा में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जियो ग्लोबल रिसोर्स (इंडिया) इंक की स्थापना कनाडा के कैलगरी शहर में जीन पाल राय ने की थी। इसमें कहा गया है कि जीएसपीसी ने सार्वजनिक धन से 1,734 करोड़ रुपये का निवेश जियो ग्लोबल की तरफ से किया और एक भी रुपया लौटाया नहीं गया।

    --आईएएनएस
  • अमेरिका के लोग भी चखेंगे बिहार की लीची
    मनोज पाठक
    मुजफ्फरपुर, 7 मई (आईएएनएस)। लीची के लिए मशहूर बिहार के मुजफ्फरपुर की लीची का स्वाद अब सात समंदर पार अमेरिका के लोग भी चखेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की पहल पर बिहार की लीची को अमेरिका भेजने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

    राष्ट्रीय शोध संस्थान के निदेशक डॉ. विशालनाथ ने आईएएनएस को बताया, "केंद्रीय कृषि मंत्री की निगरानी में बिहार की लीची के विकास के लिए लगातार पहल चल रही है। एनआरसी, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, कृषि मंत्रालय और कृषि एंव प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) लीची को बाजार देने के लिए एक साथ किसानों और व्यापारियों को प्रात्साहित कर रहे हैं।"

    उन्होंने बताया कि बाग से लीची तोड़कर सीधे अमेरिका के बाजार में भेजने की योजना बनाई गई है। विशालनाथ के मुताबिक, इस योजना में पहले प्रशिक्षण और उसके बाद संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुजफ्फरपुर से लीची कोलकता के बंदरगाह पहुंचेगा, जहां से यह अमेरिका भेजा जाएगा।

    राज्य में लीची की उत्पादकता को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने वर्ष 2001 में मुजफ्फरपुर में लीची के लिए एक राष्ट्रीय शोध संस्थान (एनआरसी) की स्थापना की राज्य में वैसे तो कई जिलों में लीची की खेती की जाती है, लेकिन मुजफ्फरपुर लीची उत्पादन का मुख्य केंद्र है।

    लीची के किसान रामाशंकर ने कहा कि बिहार की लीची खासकर मुजफ्फरपुर की लीची की अपनी खास पहचान है। देशभर में सर्वाधिक लीची की उपज बिहार में होती है, लेकिन आज तक सही बाजार उपलब्ध कराने के लिए कोई खास पहल नहीं की गई।

    उन्होंने कहा कि पहली बार बिहार की लीची को बाजार उपलब्ध कराने की पहल से निर्यात करने के रास्ते भी खुलेंगे।

    बिहार में वैसे तो शाही, चाइना, लौंगिया, बेखना सहित कई प्रकार की लीची का उत्पादन किया जाता है, लेकिन मुजफ्फरपुर में शाही और चाइना लीची का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है।

    --आईएएनएस
  • सौर ऊर्जा क्षेत्र में 40 लाख रोजगार पैदा कर सकता है ब्राजील
    ब्रासिलिया, 7 मई (आईएएनएस/सिन्हुआ)। ग्रीनपीस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यदि सरकार सहयोगात्मक उपाय अपनाए तो ब्राजील का सौर ऊर्जा क्षेत्र 40 लाख रोजगार पैदा कर सकता है और कर के रूप मे 3.2 अरब डॉलर की कमाई कर सकता है।

    अगर सरकार सौर ऊर्जा की कच्ची सामग्रियों पर कर कम करे और उन परियोजनाओं तक मजदूरों की पहुंच को आसान बनाए, तो साल 2030 तक अपनी छतों पर सौर पैनल लगाकर ब्राजील के लगभग 88 लाख घर व दुकान अपने लिए ऊर्जा का उत्पादन खुद कर सकते हैं।

    ग्रीनपीस अभियान की नेता बारबरा रूदीम ने कहा, "सभी उपायों का अध्ययन किया गया, जो दर्शाता है कि यह हासिल योग्य है और यह नगरपालिका, क्षेत्रीय व संघीय सरकार की जिम्मेदारी पर आधारित है। सार्वजनिक अधिकारियों के हाथ में यह शक्ति है कि आबादी के लिए सौर ऊर्जा प्रणाली को मंजूरी प्रदान करे, जो उनके लिए लाभदायक साबित होगा।"

    अध्ययन के मुताबिक, अगर कच्ची सामग्रियों पर करों को कम किया जाता है, तो तत्काल सरकार को भले ही थोड़ा नुकसान होगा, लेकिन दीर्घकालिक तौर पर देखा जाए तो यह रोजगारों का सृजन, आर्थिक विकास करेगा, जिससे स्वाभाविक तौर पर कर में वृद्धि होगी।

    --आईएएनएस
  • पाकिस्तान ने एफ-16 के लिए अमेरिकी शर्त खारिज की

    इस्लामाबाद, 7 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ लड़ाई के लिए आधुनिक एफ-16 विमानों की जरूरत है, लेकिन उसने विमान के लिए अमेरिका की लगाई गई शर्ते ठुकरा दी हैं।

    'डॉन ऑनलाइन' के अनुसार, विदेश सचिव एजाज चौधरी ने शनिवार को कहा कि एफ-16 बेचने के लिए कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान ने उन विमानों को केवल आतंकियों से लड़ने के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।

    अमेरिकी विदेश विभाग ने इसी हफ्ते कहा था कि पाकिस्तान यदि एफ-16 विमान खरीदना चाहता है तो उसे इसके लिए अपने पास से पूरी रकम देनी होगी। इसके पहले पिछले माह अमेरिकी संसद ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने को इस सौदे के लिए अनुदान राशि नहीं देने का निर्णय लिया था।

    चौधरी ने कहा कि इन विमानों को अनुदानित मूल्य पर उपलब्ध कराने को अमेरिकी संसद को समझाने के लिए कूटनीतिक प्रयास जारी हैं।

    पाकिस्तान की अमेरिका के साथ आठ एफ-16 विमान खरीदने को लेकर सहमति बनी थी।

    इस समझौते के तहत पाकिस्तान को अपनी राष्ट्रीय निधि से 27 करोड़ डॉलर भुगतान करने थे। माना जा रहा था कि इन विमानों की शेष राशि अमेरिका अपनी फॉरेन मिलिट्री फाइनांसिंग (एफएमएफ) निधि से देगा।

    पाकिस्तान ने अमेरिका को बता दिया है कि उसके पास अपने संसाधनों से एफ-16 विमानों को खरीदने के लिए पैसा नहीं है। साथ ही चेताया था कि यदि पैसे को लेकर मामला नहीं सुलझा तो वह अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए कोई अन्य लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार करेगा।

    कांग्रेस की ओर से निधि उपलब्ध नहीं कराने के पीछे जो महत्वपूर्ण कारण हैं, उनमें पहला यह है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की। दूसरा, ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मददगार चिकित्सक शकील आफरीदी को जेल में डाला और तीसरा पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका को डर है।

    --आईएएनएस
  • सूखे से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत : मोदी
    नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि केंद्र, राज्य, स्थानीय निकायों, गैर सरकारी संस्थाओं और नागरिकों को देश के विभिन्न हिस्सों में व्याप्त सूखे की समस्या से निपटने के लिए मिल कर काम करने की जरूरत है।

    महाराष्ट्र के कई इलाकों में सूखा और पानी की समस्या पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने कहा कि सूखे से निपटने के लिए अधिकारियों को मध्यकालिक और दीर्घकालिक उपायों पर ध्यान देना चाहिए।

    उन्होंने जोर दिया कि ड्रिप सिंचाई तकनीक का खेती में प्रयोग शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गन्ने की खेती में इस तकनीक के प्रयोग से चीनी की गुणवत्ता बेहतर होती है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां जल संचय व भंडारण के आधुनिक और पारंपरिक दोनों तकनीकों को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा छत्रपति शिवाजी के द्वारा अपनाए गए जल प्रबंधन की तकनीकों से काफी कुछ सीखा जा सकता है।

    मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार महाराष्ट्र के समूचे गन्ना उत्पादन पट्टी को अगले तीन सालों में ड्रिप सिंचाई तकनीक के दायरे में लाने की एक योजना पर काम कर रही है।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह प्रदेश के जल जलसंरचनाओं को फिर से जीवंत करने पर काम कर रहे हैं।

    --आईएएनएस
  • अखिलेश ने सूखे पर प्रधानमंत्री से मांगे 10600 करोड़ (लीड-2)
    नई दिल्ली/लखनऊ, 7 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी द्वारा केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी के बगैर खाली ट्रेन भेजने का आरोप लगाए जाने के एक दिन बाद उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पानी संकट पर चर्चा के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और बुंदेलखंड में सूखे से निपटने के लिए 10600 करोड़ रुपये की मांग रखी।

    मुख्यमंत्री यादव ने उनकी सरकार द्वारा किसानों और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए किए गए कार्यो से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। उत्तर प्रदेश के करीब 50 जिले सूखे की चपेट में हैं जो गंभीर जलसंकट से जूझ रहे हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया, "उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में सूखे की स्थिति पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ प्रधानमंत्री की फलदायक चर्चा हुई। राज्य में सूखे से निपटने के लिए उठाए गए कई कदमों के बारे में बैठक में विस्तृत चर्चा हुई।"

    एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "जलपुनर्भरन और संरक्षण के लिए मानसून शुरू होने से पहले की अवधि का प्रभावी इस्तेमाल करने के बारे में भी अखिलेश और मैंने चर्चा की। नवीन प्रौद्योगिकी और समुदायिक भागीदारी खास तौर से नारी शक्ति सूखा प्रबंधन में प्रभावी भूमिका निभा सकती है।"

    यादव की समाजवादी पार्टी ने गत शुक्रवार को राज्यसभा में बुंदेलखंड में खाली ट्रेन पहुंचने का मुद्दा उठाया था। बाद में सपा के सदस्योंे ने विरोध में सदन से बाहर चले गए थे।

    पार्टी ने केंद्र पर सूखे पर राजनीति करने आरोप भी लगाया था।

    हालांकि संसदीय कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि केंद्र हर सहायता करने को तैयार है और इस मुद्दे का राजनीतिककरण नहीं होना चाहिए।

    बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने कहा था कि केंद्र और राज्य को समन्वय स्थापित करना चाहिए और बुंदेलखंड के लोगों की सहायता करनी चाहिए।

    उप्र सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड को कैसे राहत दी जाए, इस संबंध में मुख्यमंत्री अखिलेश ने शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ विचार-विमर्श किया।

    अखिलेश ने बुंदेलखंड के सूखे के बारे में प्रधानमंत्री को विस्तार से जानकारी दी साथ ही राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे राहत के प्रयासों की भी जानकारी दी।

    उन्होंने पेयजल सहित दूसरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र से सहायता मांगी। साथ ही महोबा में जल संकट से निपटने के लिए 10 हजार टैंकर के लिए केंद्र से धनराशि अवमुक्त करने का आग्रह किया।

    अखिलेश ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि 2015 में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान हुआ था। इसके बाद सूखे ने उनकी स्थिति और बिगाड़ दी है।

    मुख्यमंत्री ने मोदी से कहा कि राज्य सरकार अपनी ओर किसानों की पूरी मदद कर रही है, लेकिन वित्तीय संसाधन सीमित होने के चलते केंद्र से सहयोग और मदद की दरकार है।

    उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में 7543.14 करोड़ रुपये की धनराशि मांगी थी, जिसमें 2801.59 करोड़ रुपये राज्य सरकार को मिले थे। उन्होंने किसानों कृषि निवेश अनुदान देने के लिये बाकी 4741.55 करोड़ रुपये स्वीकृत करने का अनुरोध किया।

    अखिलेश ने 2015 में पड़े सूखे के लिए मांगी गई 2057.79 करोड़ रुपये की मदद का भी जिक्र किया, जिसमें उप्र को केंद्र से सिर्फ 934.32 करोड़ रुपये मिले थे। उन्होंने किसानों की मदद के लिए बची हुई धनराशि देने की बात भी रखी।

    --आईएएनएस

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