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Friday, 03 June 2016 16:40
हज घोटाले में पाकिस्तान के पूर्व मंत्री को 16 साल की जेल
इस्लामाबाद, 3 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के पूर्व मंत्री हामिद सईद काजमी को हज भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को 16 साल कैद की सजा सुनाई गई।
डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक निचली अदालत केंद्रीय विशेष अदालत के न्यायाधीश मलिक नजीर अहमद ने हज महानिदेशक (डीजी) राव शकील को 40 साल जेल तथा धार्मिक मामलों के संयुक्त सचिव आफताब असलम को 16 साल जेल की सजा सुनाई।
पिछले सप्ताह अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए 60 गवाहों से जिरह के बाद फैसले की घोषणा की गई।
सजा पाए दोषी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि साल 2010-12 के बीच हुए हज भ्रष्टाचार मामले से राजनीतिक माहौल गर्मा गया था, जिसके परिणामस्वरूप हामिद सईद काजमी तथा आजम स्वाति को संघीय मंत्रिमंडल से बाहर होना पड़ा था।
धार्मिक मामलों के पूर्व मंत्री पर दो साल पहले हज भ्रष्टाचार मामले में शामिल होने का आरोप लगा था, जिसके कारण देश के खजाने को बड़ा नुकसान हुआ। इसके बाद एक मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद 15 मार्च, 2011 को उनकी गिरफ्तारी हुई।
काजमी को 30 मई, 2012 को भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित किया गया, लेकिन उन्होंने आरोपों से इंकार किया।
उन पर मक्का में जायरीनों के रहने के लिए एक घटिया स्तर का मकान किराये पर लेने तथा इस प्रक्रिया में रिश्वत लेने का आरोप है।
किराये के रूप में ज्यादा रकम लेने से पाकिस्तान के कुल 35 हजार जायरीन प्रभावित हुए थे।
--आईएएनएस
डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक निचली अदालत केंद्रीय विशेष अदालत के न्यायाधीश मलिक नजीर अहमद ने हज महानिदेशक (डीजी) राव शकील को 40 साल जेल तथा धार्मिक मामलों के संयुक्त सचिव आफताब असलम को 16 साल जेल की सजा सुनाई।
पिछले सप्ताह अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए 60 गवाहों से जिरह के बाद फैसले की घोषणा की गई।
सजा पाए दोषी इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि साल 2010-12 के बीच हुए हज भ्रष्टाचार मामले से राजनीतिक माहौल गर्मा गया था, जिसके परिणामस्वरूप हामिद सईद काजमी तथा आजम स्वाति को संघीय मंत्रिमंडल से बाहर होना पड़ा था।
धार्मिक मामलों के पूर्व मंत्री पर दो साल पहले हज भ्रष्टाचार मामले में शामिल होने का आरोप लगा था, जिसके कारण देश के खजाने को बड़ा नुकसान हुआ। इसके बाद एक मामला दर्ज किया गया, जिसके बाद 15 मार्च, 2011 को उनकी गिरफ्तारी हुई।
काजमी को 30 मई, 2012 को भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित किया गया, लेकिन उन्होंने आरोपों से इंकार किया।
उन पर मक्का में जायरीनों के रहने के लिए एक घटिया स्तर का मकान किराये पर लेने तथा इस प्रक्रिया में रिश्वत लेने का आरोप है।
किराये के रूप में ज्यादा रकम लेने से पाकिस्तान के कुल 35 हजार जायरीन प्रभावित हुए थे।
--आईएएनएस
Published in अंतर्राष्ट्रीय
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Friday, 03 June 2016 16:10
मथुरा में तनाव बरकरार, सरकार पर उठे सवाल
मथुरा, 3 जून (आईएएनएस)। पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच मथुरा में हुई हिंसक झड़प के एक दिन बाद शहर में शांति है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
गुरुवार को हुई हिंसा में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी और फराह पुलिस थाना प्रभारी संतोष यादव भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोनों अधिकारियों के परिवार वालों को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
मथुरा में स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे।
संभागीय आयुक्त प्रदीप भटनागर ने मथुरा के दौरे के बाद कहा कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी और हिंसा में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
अपने आप को 'सत्याग्रही' कहने वाले अतिक्रमणकारियों से 280 एकड़ में फैले जवाहरबाग को खाली करा लिया गया है। यह अब पुलिस के नियंत्रण में है।
शहर में पीएसी की 12 कंपनियां पहले से तैनात हैं, गुरुवार रात तीन और कंपनियां यहां पहुंच गईं।
सवाल उठ रहे हैं कि पिछले 16 महीनों से अतिक्रमणकारियों को क्यों नहीं हटाया गया। ब्रज बचाओ समिति के सदस्यों ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है ताकि उन साजिशों का पर्दाफाश हो सके जिनकी वजह से नौबत यहां तक पहुंची।
समिति के अध्यक्ष मनोज चौधरी ने आईएएनएस को बताया, "ये बाबा लोग मथुरा-वृंदावन में अपना साम्राज्य खड़ा कर रहे हैं और सभी प्रकार के संदिग्ध भूमि सौदों में शामिल होते हैं। नेताओं से उनकी नजदीकी जगजाहिर है। इनमें से कुछ को राज्य की सत्ताधारी पार्टी का संरक्षण हासिल है।"
मथुरा के नागरिक संगठनों का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से खुफिया विभाग की नाकामी है।
सामाजिक कार्यकर्ता गिरधारी लाल ने कहा, "इन लोगों ने किस तरह इतने बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी की, इसकी जांच होनी चाहिए। इनमें से कुछ को गुरिल्ला लड़ाई का प्रशिक्षण हासिल था और उन्होंने पेड़ों के बीच अपना ठिकाना बना रखा था, जहां से उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी की।"
अधिकारियों के मुताबिक 'सत्याग्रहियों' ने 18 अप्रैल 2014 को जवाहरबाग पर कब्जा जमाया था। 30 सितंबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके निष्कासन का आदेश जारी किया। इस साल अप्रैल में एक समूह ने सदर बाजार पुलिस थाने पर हमला किया था। अधिकारियों के मुताबिक, 'इसके बाद से ही जिला प्रशासन ने उन्हें बलपूर्वक हटाने की तैयारियां शुरू की और उन्हें बाहर निकालने की कार्रवाई का 30 मई को पूर्वाभ्यास भी किया था।"
--आईएएनएस
गुरुवार को हुई हिंसा में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी और फराह पुलिस थाना प्रभारी संतोष यादव भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोनों अधिकारियों के परिवार वालों को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
मथुरा में स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे।
संभागीय आयुक्त प्रदीप भटनागर ने मथुरा के दौरे के बाद कहा कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी और हिंसा में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
अपने आप को 'सत्याग्रही' कहने वाले अतिक्रमणकारियों से 280 एकड़ में फैले जवाहरबाग को खाली करा लिया गया है। यह अब पुलिस के नियंत्रण में है।
शहर में पीएसी की 12 कंपनियां पहले से तैनात हैं, गुरुवार रात तीन और कंपनियां यहां पहुंच गईं।
सवाल उठ रहे हैं कि पिछले 16 महीनों से अतिक्रमणकारियों को क्यों नहीं हटाया गया। ब्रज बचाओ समिति के सदस्यों ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है ताकि उन साजिशों का पर्दाफाश हो सके जिनकी वजह से नौबत यहां तक पहुंची।
समिति के अध्यक्ष मनोज चौधरी ने आईएएनएस को बताया, "ये बाबा लोग मथुरा-वृंदावन में अपना साम्राज्य खड़ा कर रहे हैं और सभी प्रकार के संदिग्ध भूमि सौदों में शामिल होते हैं। नेताओं से उनकी नजदीकी जगजाहिर है। इनमें से कुछ को राज्य की सत्ताधारी पार्टी का संरक्षण हासिल है।"
मथुरा के नागरिक संगठनों का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से खुफिया विभाग की नाकामी है।
सामाजिक कार्यकर्ता गिरधारी लाल ने कहा, "इन लोगों ने किस तरह इतने बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी की, इसकी जांच होनी चाहिए। इनमें से कुछ को गुरिल्ला लड़ाई का प्रशिक्षण हासिल था और उन्होंने पेड़ों के बीच अपना ठिकाना बना रखा था, जहां से उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी की।"
अधिकारियों के मुताबिक 'सत्याग्रहियों' ने 18 अप्रैल 2014 को जवाहरबाग पर कब्जा जमाया था। 30 सितंबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके निष्कासन का आदेश जारी किया। इस साल अप्रैल में एक समूह ने सदर बाजार पुलिस थाने पर हमला किया था। अधिकारियों के मुताबिक, 'इसके बाद से ही जिला प्रशासन ने उन्हें बलपूर्वक हटाने की तैयारियां शुरू की और उन्हें बाहर निकालने की कार्रवाई का 30 मई को पूर्वाभ्यास भी किया था।"
--आईएएनएस
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Friday, 03 June 2016 15:30
दिल्ली में सड़क दुर्घटना में 6 लोगों की मौत
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। बाहरी दिल्ली के बादली इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक पर शुक्रवार सुबह एक फोर्ड इकोस्पोर्ट कार एक खड़े ट्रक में घुस गई, जिससे कार में सभी सवार छह युवकों की मौत हो गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "सुबह करीब 4.30 बजे रष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक पर दुर्घटना के बारे में हमें फोन कर बताया गया कि एक फोर्ड इकोस्पोर्ट कार ने एक माल लदे खड़े ट्रक में टक्कर मार दी। पंक्च र होने के कारण ट्रक खड़ा था।"
अधिकारी ने कहा, "अस्पताल ले जाए जाने पर सभी छह लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।"
यह दुर्घटना बाहरी दिल्ली के बादली इलाके में बुधपुर गांव के निकट हुई।
दुर्घटना के बाद सभी पीड़ितों को बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया, जहां सभी को मृत घोषित कर दिया गया।
सभी मृतकों की उम्र 20 से 30 साल के बीच है, जिनकी पहचान विवेकानंद, अमित, निशांत, विकास, अंसार अहमद और दीपक यादव के रूप में हुई है।
अधिकारी ने कहा कि विवेकानंद, अमित और अंसार अहमद पूर्वी दिल्ली में सोनिया विहार के रहने वाले थे। निशांत लोनी के लालबाग और विकास उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर के निवासी थे, जबकि दीपक यादव पश्चिमी दिल्ली के महावीर एंक्लेव के रहने वाले थे।
अधिकारी ने कहा कि अभी तक पता नहीं चला है कि ये सभी लोग कहां जा रहे थे।
अधिकारी ने कहा, "हमने ट्रक के ड्राइवर शंभु तुरी (35) को गिरफ्तार कर लिया है। वह दुर्घटना स्थल से वाहन को लेकर भाग रहा था, जिसे अलीपुर इलाके के बकौली गांव के पास पकड़ लिया गया।"
बादली पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए(लापरवाही के कारण मौत) के तहत एक मामला दर्ज कर लिया गया।
मृतकों के शवों को अंत्यपरीक्षण के लिए भेज दिया गया और परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
--आईएएनएस
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "सुबह करीब 4.30 बजे रष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक पर दुर्घटना के बारे में हमें फोन कर बताया गया कि एक फोर्ड इकोस्पोर्ट कार ने एक माल लदे खड़े ट्रक में टक्कर मार दी। पंक्च र होने के कारण ट्रक खड़ा था।"
अधिकारी ने कहा, "अस्पताल ले जाए जाने पर सभी छह लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।"
यह दुर्घटना बाहरी दिल्ली के बादली इलाके में बुधपुर गांव के निकट हुई।
दुर्घटना के बाद सभी पीड़ितों को बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले जाया गया, जहां सभी को मृत घोषित कर दिया गया।
सभी मृतकों की उम्र 20 से 30 साल के बीच है, जिनकी पहचान विवेकानंद, अमित, निशांत, विकास, अंसार अहमद और दीपक यादव के रूप में हुई है।
अधिकारी ने कहा कि विवेकानंद, अमित और अंसार अहमद पूर्वी दिल्ली में सोनिया विहार के रहने वाले थे। निशांत लोनी के लालबाग और विकास उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर के निवासी थे, जबकि दीपक यादव पश्चिमी दिल्ली के महावीर एंक्लेव के रहने वाले थे।
अधिकारी ने कहा कि अभी तक पता नहीं चला है कि ये सभी लोग कहां जा रहे थे।
अधिकारी ने कहा, "हमने ट्रक के ड्राइवर शंभु तुरी (35) को गिरफ्तार कर लिया है। वह दुर्घटना स्थल से वाहन को लेकर भाग रहा था, जिसे अलीपुर इलाके के बकौली गांव के पास पकड़ लिया गया।"
बादली पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए(लापरवाही के कारण मौत) के तहत एक मामला दर्ज कर लिया गया।
मृतकों के शवों को अंत्यपरीक्षण के लिए भेज दिया गया और परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
--आईएएनएस
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Friday, 03 June 2016 15:20
मथुरा हिंसा : मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हुई, 23 पुलिसकर्मी घायल (लीड-1)
मथुरा, 3 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मथुरा में गुरुवार शाम को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। इसमें 22 उपद्रवी और दो पुलिसकर्मी हैं।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जावीद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि 23 पुलिसकर्मी घायल हैं, जिसमें से कुछ की हालत गंभीर है।
अहमद ने संवाददाताओं को बताया, "अभी तक 22 उपद्रवियों की मौत हो गई है। इनमें एक महिला भी शामिल है। इनमें से 11 की मौत जलने से हुई है, जबकि बाकियों ने घायल होने बाद दम तोड़ दिया।"
अहमद ने संवाददाताओं को बताया, "हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी संतोष यादव शहीद हो गए। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारी के निर्वाह के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।"
डीजीपी ने कहा, "अभी तक 23 पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें कुछ गंभीर रूप से घायल हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया कि पुलिसकर्मियों को बुरी तरह पीटा गया।"
पुलिस ने जवाहरबाग से 47 देसी पिस्तौल, छह रायफल और 178 जिंदा कारतूस भी बरामद किए।
अहमद ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पुलिस सरकारी जमीन के एक बड़े भूभाग पर कब्जा हटाने के लिए पहुंची, लेकिन प्रतिक्रियास्वरूप भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया और पुलिस पर हमला किया।
उन्होंने कहा, "पुलिस पर बिना किसी उकसावे के हमला किया गया, पथराव किया गया। इस हिंसा में दो पुलिस अधिकारी- द्विवेदी और संतोष गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी बाद में जान चली गई।"
उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने कुछ झोपड़ियों में आग लगा दी। इन झोपड़ियों में गैस सिलेंडर और गोला बारूद रखे हुए थे, जिस वजह से स्थिति गंभीर हो गई।
उन्होंने कहा, "हमें यह भी बताया गया कि पिछले दो वर्षो से प्रदर्शनकारी पड़ोस में समस्याएं उत्पन्न कर रहे थे।"
इससे पहले, डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने मथुरा के पुलिस लाइन्स जाकर शहीद पुलिस अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी।
डीजीपी ने कहा कि शहीद पुलिस अधिकारियों के परिवार वालों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
--आईएएनएस
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जावीद अहमद ने शुक्रवार को कहा कि 23 पुलिसकर्मी घायल हैं, जिसमें से कुछ की हालत गंभीर है।
अहमद ने संवाददाताओं को बताया, "अभी तक 22 उपद्रवियों की मौत हो गई है। इनमें एक महिला भी शामिल है। इनमें से 11 की मौत जलने से हुई है, जबकि बाकियों ने घायल होने बाद दम तोड़ दिया।"
अहमद ने संवाददाताओं को बताया, "हमें यह बताते हुए दुख हो रहा है कि पुलिस अधीक्षक मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी संतोष यादव शहीद हो गए। उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपनी जिम्मेदारी के निर्वाह के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।"
डीजीपी ने कहा, "अभी तक 23 पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसमें कुछ गंभीर रूप से घायल हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया कि पुलिसकर्मियों को बुरी तरह पीटा गया।"
पुलिस ने जवाहरबाग से 47 देसी पिस्तौल, छह रायफल और 178 जिंदा कारतूस भी बरामद किए।
अहमद ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पुलिस सरकारी जमीन के एक बड़े भूभाग पर कब्जा हटाने के लिए पहुंची, लेकिन प्रतिक्रियास्वरूप भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया और पुलिस पर हमला किया।
उन्होंने कहा, "पुलिस पर बिना किसी उकसावे के हमला किया गया, पथराव किया गया। इस हिंसा में दो पुलिस अधिकारी- द्विवेदी और संतोष गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी बाद में जान चली गई।"
उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने कुछ झोपड़ियों में आग लगा दी। इन झोपड़ियों में गैस सिलेंडर और गोला बारूद रखे हुए थे, जिस वजह से स्थिति गंभीर हो गई।
उन्होंने कहा, "हमें यह भी बताया गया कि पिछले दो वर्षो से प्रदर्शनकारी पड़ोस में समस्याएं उत्पन्न कर रहे थे।"
इससे पहले, डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने मथुरा के पुलिस लाइन्स जाकर शहीद पुलिस अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी।
डीजीपी ने कहा कि शहीद पुलिस अधिकारियों के परिवार वालों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
--आईएएनएस
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Friday, 03 June 2016 15:20
मथुरा में हिंसा, सांसद हेमामालिनी ने फिल्म के बारे में किया ट्वीट
मुंबई, 3 जून (आईएएनएस)। ऐसे समय में जब मथुरा हिंसा की आग में सुलग रहा है और पुलिसवालों और अतिक्रमणकारियों के बीच हिंसक झड़प में कई पुलिसवाले मारे गए हैं, क्षेत्र की सांसद हेमामालिनी अपनी फिल्म की शूटिग के बारे में ट्वीट कर रही हैं।
लेकिन, बाद में उन्होंने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया और अपने लोकसभा क्षेत्र के पीड़ितों के साथ सहानुभूति व्यक्त की।
जिस ट्वीट को उन्होंने डिलीट किया, उसमें उन्होंने शूटिंग के लिए मुंबई से मडलैंड की अपनी यात्रा का वर्णन किया था और लिखा था कि वहां जाना कितना आसान है। उन्होंने मोटरबोट पर सवार अपनी तस्वीरें भी साझा की थीं और अपनी आने वाली फिल्म 'एक थी रानी' के जल्दी रिलीज होने की कामना की थी।
जब लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी मथुरा की स्थिति के प्रति लापरवाही पर टिप्पणी करनी शुरू की तो उन्होंने उस ट्वीट को डिलिट कर दिया और अपने नए ट्वीट में लिखा, "मैं अभी हाल ही में मथुरा से लौटी हूं और वहां हिंसा के बारे में सूचना मिली, जिसमें कई पुलिसवाले मारे गए।"
उन्होंने लिखा, "बहुत-बहुत ज्यादा परेशान हूं यह खबर सुनकर, उस जगह के बारे में जो मुझे काफी प्रिय है। अगर मेरी उपस्थिति की जरूरत होगी तो दोबारा वहां जाऊंगी। काफी दुखी हूं।"
हेमा ने इसके अलावा जिन्हें ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।
मथुरा जिले के जवाहर बाग से गुरुवार को अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी और बमबारी में पुलिस अधीक्षक (शहर) मुकुल द्विवेदी सहित 24 लोगों की मौत हो गई। हमले में बुरी तरह घायल एसपी की गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई। इस हिंसा में फरह थाना प्रभारी संतोष यादव की भी जान चली गई।
पुलिस ने गुरुवार शाम जवाहर बाग को खाली कराने के लिए अभियान शुरू किया। इस दौरान कब्जाधारियों की भीड़ में शामिल युवकों ने पेड़ों पर चढ़कर पुलिस पर बम फेंकने शुरू कर दिए और गोलियां चलाईं। एक गोली थाना प्रभारी संतोष के सीने में लगी। संतोष पर बम भी फेंके गए।
उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। वहीं, सिर में गोली लगने से एसपी (शहर) मुकुल द्विवेदी की भी गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई।
पुलिस ने 250 से ज्यादा कब्जाधारियों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन शहर में अभी भी तनाव बरकरार है।
--आईएएनएस
लेकिन, बाद में उन्होंने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया और अपने लोकसभा क्षेत्र के पीड़ितों के साथ सहानुभूति व्यक्त की।
जिस ट्वीट को उन्होंने डिलीट किया, उसमें उन्होंने शूटिंग के लिए मुंबई से मडलैंड की अपनी यात्रा का वर्णन किया था और लिखा था कि वहां जाना कितना आसान है। उन्होंने मोटरबोट पर सवार अपनी तस्वीरें भी साझा की थीं और अपनी आने वाली फिल्म 'एक थी रानी' के जल्दी रिलीज होने की कामना की थी।
जब लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी मथुरा की स्थिति के प्रति लापरवाही पर टिप्पणी करनी शुरू की तो उन्होंने उस ट्वीट को डिलिट कर दिया और अपने नए ट्वीट में लिखा, "मैं अभी हाल ही में मथुरा से लौटी हूं और वहां हिंसा के बारे में सूचना मिली, जिसमें कई पुलिसवाले मारे गए।"
उन्होंने लिखा, "बहुत-बहुत ज्यादा परेशान हूं यह खबर सुनकर, उस जगह के बारे में जो मुझे काफी प्रिय है। अगर मेरी उपस्थिति की जरूरत होगी तो दोबारा वहां जाऊंगी। काफी दुखी हूं।"
हेमा ने इसके अलावा जिन्हें ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी, उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।
मथुरा जिले के जवाहर बाग से गुरुवार को अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी और बमबारी में पुलिस अधीक्षक (शहर) मुकुल द्विवेदी सहित 24 लोगों की मौत हो गई। हमले में बुरी तरह घायल एसपी की गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई। इस हिंसा में फरह थाना प्रभारी संतोष यादव की भी जान चली गई।
पुलिस ने गुरुवार शाम जवाहर बाग को खाली कराने के लिए अभियान शुरू किया। इस दौरान कब्जाधारियों की भीड़ में शामिल युवकों ने पेड़ों पर चढ़कर पुलिस पर बम फेंकने शुरू कर दिए और गोलियां चलाईं। एक गोली थाना प्रभारी संतोष के सीने में लगी। संतोष पर बम भी फेंके गए।
उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। वहीं, सिर में गोली लगने से एसपी (शहर) मुकुल द्विवेदी की भी गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई।
पुलिस ने 250 से ज्यादा कब्जाधारियों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन शहर में अभी भी तनाव बरकरार है।
--आईएएनएस
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Friday, 03 June 2016 14:20
भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी गिरफ्तार
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार किया है और उनके घर से पांच लाख रुपये नकद बरामद किए हैं।
अधिकारी ने कहा कि सरस्वती विहार के अनुमंडल मजिस्ट्रेट राहुल अग्रवाल को गुरुवार को तीन लोगों के साथ 50 हजार रुपये के रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया।
--आईएएनएस
अधिकारी ने कहा कि सरस्वती विहार के अनुमंडल मजिस्ट्रेट राहुल अग्रवाल को गुरुवार को तीन लोगों के साथ 50 हजार रुपये के रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया।
--आईएएनएस
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Friday, 03 June 2016 11:30
मथुरा हिसा : राजनाथ ने हालात का जायजा लिया, मदद का वादा
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में हिसा की स्थिति की समीक्षा की।
यहां एक सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के अभियान में पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपनिरीक्षक सहित करीब 20 लोगों की मौत हो गई।
राजनाथ ने ट्वीट कर कहा, "सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की और मथुरा स्थिति की समीक्षा की। मैंने उन्हें केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।"
उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा, "मथुरा हिंसा में लोगों की मौत से दुखी हूं। भगवान शोक संतप्त परिवारों को दुख की इस घड़ी से बाहर निकलने की शक्ति दें।"
मथुरा में गुरुवार को सरकारी जमीन के एक बड़े भूभाग पर कब्जा जमाए लोगों को हटाने के लिए शुरू किए गए पुलिस अभियान में भीड़ उग्र हो गई और हमले शुरू कर दिए।
--आईएएनएस
यहां एक सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के अभियान में पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपनिरीक्षक सहित करीब 20 लोगों की मौत हो गई।
राजनाथ ने ट्वीट कर कहा, "सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की और मथुरा स्थिति की समीक्षा की। मैंने उन्हें केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।"
उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा, "मथुरा हिंसा में लोगों की मौत से दुखी हूं। भगवान शोक संतप्त परिवारों को दुख की इस घड़ी से बाहर निकलने की शक्ति दें।"
मथुरा में गुरुवार को सरकारी जमीन के एक बड़े भूभाग पर कब्जा जमाए लोगों को हटाने के लिए शुरू किए गए पुलिस अभियान में भीड़ उग्र हो गई और हमले शुरू कर दिए।
--आईएएनएस
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Friday, 03 June 2016 11:10
मथुरा हिंसा में एसपी सहित 18 की मौत
लखनऊ/मथुरा, 3 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के जवाहर बाग से गुरुवार को अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी और बमबारी में पुलिस अधीक्षक (शहर) मुकुल द्विवेदी सहित 18 लोगों की मौत हो गई।
हमले में बुरी तरह घायल एसपी की गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई। इस हिंसा में फरह थाना प्रभारी संतोष यादव की भी जान चली गई।
पुलिस की कार्रवाई में 16 कब्जाधारी भी मारे गए।
पुलिस ने गुरुवार शाम जवाहर बाग को खाली कराने के लिए अभियान शुरू किया। इस दौरान कब्जाधारियों की भीड़ में शामिल युवकों ने पेड़ों पर चढ़कर पुलिस पर बम फेंकने शुरू कर दिए और गोलियां चलाईं। एक गोली थाना प्रभारी संतोष के सीने में लगी। संतोष पर बम भी फेंके गए।
उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। वहीं, सिर में गोली लगने से एसपी (शहर) मुकुल द्विवेदी की भी गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, इनमें से आठ शव रात करीब डेढ़ बजे शुरू किए गए तलाशी अभियान के दौरान मिले। मृतकों में तीन महिलाएं भी हैं, जिनकी जलने से मौत हुई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लगभग 300 एकड़ में फैले जवाहर बाग में कई और शव होने की आशंका है। तलाशी अभियान रात दो बजे तक जारी रहा। गोलीबारी और पथराव में लगभग 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 30 कब्जाधारियों के भी घायल होने की सूचना है, जिनमें तीन की हालत गंभीर है।
सत्याग्रह के नाम पर जवाहर बाग पर ये लोग ढाई साल से कब्जा जमाए हुए हैं। पुलिस ने 200 से ज्यादा कब्जाधारियों को गिरफ्तार भी किया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मारे गए थाना प्रभारी संतोष के परिवार वालों को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने मथुरा में हुई घटना की जांच के लिए आगरा के मंडलायुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने कड़े शब्दों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने कहा कि उपद्रवियों के पीछे शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी को मौके पर भेजा गया है।
गौरतलब है कि मार्च 2014 को खुद को सत्याग्रही बताने वाले लोगों ने मथुरा स्थित जवाहर बाग में डेरा डाला था। लगभग 1,000 लोग पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे थे।
--आईएएनएस
हमले में बुरी तरह घायल एसपी की गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई। इस हिंसा में फरह थाना प्रभारी संतोष यादव की भी जान चली गई।
पुलिस की कार्रवाई में 16 कब्जाधारी भी मारे गए।
पुलिस ने गुरुवार शाम जवाहर बाग को खाली कराने के लिए अभियान शुरू किया। इस दौरान कब्जाधारियों की भीड़ में शामिल युवकों ने पेड़ों पर चढ़कर पुलिस पर बम फेंकने शुरू कर दिए और गोलियां चलाईं। एक गोली थाना प्रभारी संतोष के सीने में लगी। संतोष पर बम भी फेंके गए।
उन्हें तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। वहीं, सिर में गोली लगने से एसपी (शहर) मुकुल द्विवेदी की भी गुरुवार देर रात अस्पताल में मौत हो गई।
पुलिस के मुताबिक, इनमें से आठ शव रात करीब डेढ़ बजे शुरू किए गए तलाशी अभियान के दौरान मिले। मृतकों में तीन महिलाएं भी हैं, जिनकी जलने से मौत हुई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लगभग 300 एकड़ में फैले जवाहर बाग में कई और शव होने की आशंका है। तलाशी अभियान रात दो बजे तक जारी रहा। गोलीबारी और पथराव में लगभग 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 30 कब्जाधारियों के भी घायल होने की सूचना है, जिनमें तीन की हालत गंभीर है।
सत्याग्रह के नाम पर जवाहर बाग पर ये लोग ढाई साल से कब्जा जमाए हुए हैं। पुलिस ने 200 से ज्यादा कब्जाधारियों को गिरफ्तार भी किया है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मारे गए थाना प्रभारी संतोष के परिवार वालों को 20 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने मथुरा में हुई घटना की जांच के लिए आगरा के मंडलायुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है। उन्होंने कड़े शब्दों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने कहा कि उपद्रवियों के पीछे शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी को मौके पर भेजा गया है।
गौरतलब है कि मार्च 2014 को खुद को सत्याग्रही बताने वाले लोगों ने मथुरा स्थित जवाहर बाग में डेरा डाला था। लगभग 1,000 लोग पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे थे।
--आईएएनएस
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Friday, 03 June 2016 10:40
साइबर अपराध में 10 साल में 19 गुना इजाफा
चैतन्य मल्लापुर
भारत में पिछले 10 सालों में (2005-14) साइबर अपराध के मामलों में 19 गुना बढ़ोतरी हुई है। इंटरनेट पर 'दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों' के मामले में भारत का अमेरिका और चीन के बाद तीसरा स्थान है।
वहीं, दुर्भावनापूर्ण कोड के निर्माण में भारत का स्थान दूसरा और वेब हमले और नेटवर्क हमले के मामले में क्रमश: चौथा और आठवां स्थान है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में 9 गुना बढ़ोतरी हुई है। साल 2005 में जहां 569 साइबर अपराधी पकड़े गए थे, वहीं 2014 में इनकी संख्या 5,752 हो गई।
वहीं, इस दौरान भारत में इंटरनेट प्रयोक्ताओं का आंकड़ा बढ़कर 40 करोड़ हो गया, जिसके जून 2016 तक 46.2 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
2014 में कुल 9,622 साइबर मामले दर्ज किए गए जो कि साल 2013 से 69 फीसदी अधिक है।
इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक पेरिस की गैर सरकारी संस्था द्वारा जारी साल 2015 की प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत का स्थान 136वां है, तुर्की का 149वां और रूस का 152वां है।
भारत में साइबर अपराधों में मुख्यत: अश्लीलता, धोखाधड़ी और यौन शोषण शामिल है। आई एक्ट के तहत अश्लीलता के कुल 758 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, धोखाधड़ी के 1,115 मामले दर्ज किए गए।
2014 में वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े कुल 1,736 साइबर मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में सबसे अधिक साइबर मामले साल 2014 में 1,879 दर्ज किए गए, जबकि इससे पिछले साल कुल 907 मामले दर्ज किए गए थे।
उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है जहां 1,737 मामले दर्ज हुए। इनके बाद कर्नाटक (1,020), तेलंगाना (703) और राजस्थान (697) का नंबर है।
देश में साइबर अपराध के मामलों में कुल 5,752 लोगों की गिरफ्तारी की गई जिनमें से 8 विदेशी थे। इनमें से 95 फीसदी आरोपियों पर आरोप साबित हुआ, जबकि 276 आरोपी बरी हो गए।
साइबर अपराध के आरोप में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा कुल 1,223 गिरफ्तारियां की गई, जिसके बाद महाराष्ट्र (942), तेलंगाना (429), मध्य प्रदेश (386) और कर्नाटक (372) का नंबर है।
2016 के पहले तीन महीनों में 8,000 से ज्यादा वेबसाइटों को हैक किया गया तथा 13,851 स्पैम उल्लंघन की जानकारी मिली है। राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी गई है।
पिछले पांच सालों में फिशिंग, स्कैनिंग, दूर्भावनपूर्ण कोड का निर्माण जैसे साइबर सुरक्षा अपराधों में 76 फीसदी वृद्धि हुई है। साल 2011 में 28,127 से बढ़कर यह 2015 में 49,455 हो गया।
राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी गई जानकारी के मुताबिक एटीएम, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग संबंधित धोखाधड़ी के 2014-15 में 13,083 मामले और 2015-16 (दिसंबर तक) में 11,997 मामले दर्ज किए गए।
पिछले तीन वित्त वर्ष, 2012-13 से 2014-15 तक एटीएम, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग से कुल 226 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
दिल्ली उच्च न्यायालय की एक समिति की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2013 मेंकुल 24,630 करोड़ रुपये के साइबर अपराध दर्ज किए गए। जबकि विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कुल 25,12,500 करोड़ रुपये के साइबर अपराध के मामले सामने आए।
(गैर लाभकारी पत्रकारिता मंच इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत)
--आईएएनएस
भारत में पिछले 10 सालों में (2005-14) साइबर अपराध के मामलों में 19 गुना बढ़ोतरी हुई है। इंटरनेट पर 'दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों' के मामले में भारत का अमेरिका और चीन के बाद तीसरा स्थान है।
वहीं, दुर्भावनापूर्ण कोड के निर्माण में भारत का स्थान दूसरा और वेब हमले और नेटवर्क हमले के मामले में क्रमश: चौथा और आठवां स्थान है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में 9 गुना बढ़ोतरी हुई है। साल 2005 में जहां 569 साइबर अपराधी पकड़े गए थे, वहीं 2014 में इनकी संख्या 5,752 हो गई।
वहीं, इस दौरान भारत में इंटरनेट प्रयोक्ताओं का आंकड़ा बढ़कर 40 करोड़ हो गया, जिसके जून 2016 तक 46.2 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
2014 में कुल 9,622 साइबर मामले दर्ज किए गए जो कि साल 2013 से 69 फीसदी अधिक है।
इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक पेरिस की गैर सरकारी संस्था द्वारा जारी साल 2015 की प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत का स्थान 136वां है, तुर्की का 149वां और रूस का 152वां है।
भारत में साइबर अपराधों में मुख्यत: अश्लीलता, धोखाधड़ी और यौन शोषण शामिल है। आई एक्ट के तहत अश्लीलता के कुल 758 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, धोखाधड़ी के 1,115 मामले दर्ज किए गए।
2014 में वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े कुल 1,736 साइबर मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में सबसे अधिक साइबर मामले साल 2014 में 1,879 दर्ज किए गए, जबकि इससे पिछले साल कुल 907 मामले दर्ज किए गए थे।
उसके बाद उत्तर प्रदेश का स्थान है जहां 1,737 मामले दर्ज हुए। इनके बाद कर्नाटक (1,020), तेलंगाना (703) और राजस्थान (697) का नंबर है।
देश में साइबर अपराध के मामलों में कुल 5,752 लोगों की गिरफ्तारी की गई जिनमें से 8 विदेशी थे। इनमें से 95 फीसदी आरोपियों पर आरोप साबित हुआ, जबकि 276 आरोपी बरी हो गए।
साइबर अपराध के आरोप में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा कुल 1,223 गिरफ्तारियां की गई, जिसके बाद महाराष्ट्र (942), तेलंगाना (429), मध्य प्रदेश (386) और कर्नाटक (372) का नंबर है।
2016 के पहले तीन महीनों में 8,000 से ज्यादा वेबसाइटों को हैक किया गया तथा 13,851 स्पैम उल्लंघन की जानकारी मिली है। राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी गई है।
पिछले पांच सालों में फिशिंग, स्कैनिंग, दूर्भावनपूर्ण कोड का निर्माण जैसे साइबर सुरक्षा अपराधों में 76 फीसदी वृद्धि हुई है। साल 2011 में 28,127 से बढ़कर यह 2015 में 49,455 हो गया।
राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में दी गई जानकारी के मुताबिक एटीएम, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग संबंधित धोखाधड़ी के 2014-15 में 13,083 मामले और 2015-16 (दिसंबर तक) में 11,997 मामले दर्ज किए गए।
पिछले तीन वित्त वर्ष, 2012-13 से 2014-15 तक एटीएम, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग से कुल 226 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई।
दिल्ली उच्च न्यायालय की एक समिति की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2013 मेंकुल 24,630 करोड़ रुपये के साइबर अपराध दर्ज किए गए। जबकि विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में कुल 25,12,500 करोड़ रुपये के साइबर अपराध के मामले सामने आए।
(गैर लाभकारी पत्रकारिता मंच इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत)
--आईएएनएस
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Thursday, 02 June 2016 22:50
फेसबुक पर मोदी व रामदेव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी, मामला दर्ज
लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। सोशल नेटवर्किं ग साइट फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव पर आपत्तिजनक व भद्दी टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए हजरतगंज कोतवाली में तीन युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोप है जब इस टिप्पणी का विरोध किया गया तो जान से मारने की धमकी दी गई है।
इस मामले में हजरतगंज कोतवाली प्रभारी विजय मल यादव ने बताया तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
चौक थाना क्षेत्र के हजरत मखदूम शाहमीना शाह खानकाहे दानिशी मजार के कारी इस्लाम अहमद आरिफी ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि जीशान खान, मो. रियाज और अफजल खान ने अपनी फेसबुक वॉल पर प्रधानमंत्री और बाबा रामदेव के खिलाफ दुष्प्रचार कर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीनों युवकों ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए तीनों युवकों को जेहादी बताया और कहा कि जब इस टिप्पणी का उनके पीरो मुर्शीद सैय्यद मो. आरिफ अली शाह के भतीजे सैय्यद मो. आरिफ अली शाह ने विरोध किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। कारी इस्लाम अहमद ने पीरो मुर्शीद के भतीजे की सुरक्षा की मांग की है। धमकी के बाद से वह भी डरे हुए हैं। इस मामले में साइबर एक्ट की धाराएं जोड़ी गईं है। पुलिस मामले की पड़ताल करने में जुट गई है।
-- आईएएनएस
इस मामले में हजरतगंज कोतवाली प्रभारी विजय मल यादव ने बताया तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
चौक थाना क्षेत्र के हजरत मखदूम शाहमीना शाह खानकाहे दानिशी मजार के कारी इस्लाम अहमद आरिफी ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि जीशान खान, मो. रियाज और अफजल खान ने अपनी फेसबुक वॉल पर प्रधानमंत्री और बाबा रामदेव के खिलाफ दुष्प्रचार कर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि इन तीनों युवकों ने देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए तीनों युवकों को जेहादी बताया और कहा कि जब इस टिप्पणी का उनके पीरो मुर्शीद सैय्यद मो. आरिफ अली शाह के भतीजे सैय्यद मो. आरिफ अली शाह ने विरोध किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। कारी इस्लाम अहमद ने पीरो मुर्शीद के भतीजे की सुरक्षा की मांग की है। धमकी के बाद से वह भी डरे हुए हैं। इस मामले में साइबर एक्ट की धाराएं जोड़ी गईं है। पुलिस मामले की पड़ताल करने में जुट गई है।
-- आईएएनएस
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खरी बात
भाजपा राज्यसभा में जीतना चाहती है अतिरिक्त सीटें
ब्रजेंद्र नाथ सिंह नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। राज्यसभा के दो वर्ष पर होने वाले चुनाव में इस साल 57 सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें 17 पर भाजपा...
आधी दुनिया
14 फीसदी भारतीय कारोबार की लगाम महिलाओं के हाथ
ऋचा दूबे एक ऑनलाइन खुदरा कारोबार चलाती हैं, जो कारीगरों को उपभोक्ताओं से जोड़ता है। यह आधुनिक भारतीय महिला के लिए कोई अनोखी बात नहीं है। लेकिन हाल के आंकड़ों...
जीवनशैली
पोर्नोग्राफी से बढ़ता है धर्म के प्रति झुकाव : अध्ययन
न्यूयॉर्क, 30 मई (आईएएनएस)। आप इसे विचित्र कह सकते हैं, लेकिन ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि जो लोग हफ्ते में एक बार से अधिक अश्लील फिल्म...