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टी-20 विश्व कप में बुधवार के मुकाबले

नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। टी-20 विश्व कप में बुधवार को खेले जाने वाले महिला और पुरुष टूर्नामेंट के मुकाबले इस प्रकार हैं :

पुरुष टूर्नामेंट :

दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में बुधवार को सुपर-10, ग्रुप-1 का 24वां मुकाबला अफगानिस्तान और इंग्लैंड के बीच अपराह्न् तीन बजे खेला जाएगा। वहीं, दूसरी ओर ग्रुप-2 में 25वां मैच बेंगलुरू के एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच देर शाम 7.30 बजे से खेला जाएगा।

इस मैच का प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स 1, 3 एचडी1 और एचडी3 पर होगा।

महिला टूर्नामेंट :

चेन्नई के एम. चिदम्बरम स्टेडियम में बुधवार को ग्रुप-ए में दक्षिण अफ्रीका का मुकाबला आयरलैंड से होगा। यह मैच देर शाम 7.30 बजे से खेला जाएगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • दिल्ली उच्च न्यायालय में सुशील कुमार की याचिका खारिज (लीड-1-संशोधित)
    नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दो बार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की दोबारा ट्रायल की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। अदालतन ने कहा कि चयन को अंतिम समय पर चुनौती दिए जाने से चयनित खिलाड़ी नरसिंह यादव की मानसिक तैयारी पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

    सुशील कुमार ने याचिका दायर कर रियो ओलंपिक के लिए भारतीय दल में जगह पाने के लिए 74 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती का ट्रायल फिर से कराने की मांग की थी।

    न्यायमूर्ति मनमोहन ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) का निवेदन स्वीकार कर लिया। संघ ने कहा कि नरसिंह यादव का वर्तमान फॉर्म सुशील कुमार से अच्छा है।

    न्यायमूर्ति ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि सुशील कुमार चयन के लिए 2014 और 2015 में हुए ट्रायल में भाग लेने में विफल रहे। साथ ही उन्होंने 31 दिसंबर 2015 और 1 जनवरी 2016 को हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता व फरवरी 2016 में एशियाई चैंपियनशिप में भी भाग नहीं लिया।

    अदालत ने कहा कि सुशील कुमार ने सितम्बर 2014 से अब तक कोई भी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता नहीं जीती है, जबकि नरसिंह यादव ने दिसंबर 2015 में प्रो कुश्ती लीग में मंगोलिया के पहलवान पुरवाज उनुरबात को हराया था और सितंबर 2015 में हुई विश्व चैंपियनशिप प्रतियोगिता में कांस्य पदक विजेता रहे थे।

    सुशील कुमार की ओर से तर्क दिया गया कि प्रशिक्षण के लिए उन्हें 2016 में जॉर्जिया और सोनीपत (हरियाणा) भेजा गया था। इस पर अदालत ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि ट्रायल आज कराना आवश्यक है और वह भी इतनी देर से।

    अदालत ने इस पर भी ध्यान दिया कि डब्ल्यूएफआई ने चयन से पहले निष्पक्ष और पारदर्शी ट्रायल कराया था। साथ ही खेल संहिता के तहत चयन प्रक्रिया और ट्रायल कराने के निर्णय के संबंध में भारतीय कुश्ती संघ को प्रदत्त स्वायत्तता को भी माना।

    अदालत ने कहा, "एक खिलाड़ी की मासूमियत के साथ 'सिर्फ एक ट्रायल' की मांग से हो सकता है कि एक चयनित खिलाड़ी के जीतने की उम्मीद पर पानी फिर रहा हो और राष्ट्रीय हित पर घातक असर पड़ रहा हो। द्वंद्व युद्ध की मांग से देश को घाटा होगा।"

    अदालत ने कहा कि प्रतियोगिता होने और याचिका दायर करने में बहुत कम समय का अंतर है। साथ ही ट्रायल में चोटिल होने की आशंका प्रबल है। इसलिए सुशील कुमार का निवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

    अदालत ने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा कि क्यों सुशील कुमार ने नरसिंह यादव को मई, 2016 में द्वंद्व युद्ध के लिए चुनौती दी है जबकि ओलंपिक के आयोजन में सिर्फ ढाई महीने बचे हैं।

    अदालत ने फर्जी हलफनामा दायर करने के लिए डब्ल्यूएफआई के उपाध्यक्ष राज सिंह के खिलाफ नोटिस भी जारी किया और पूछा कि झूठी गवाही देने के लिए क्यों नहीं उनके के खिलाफ कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए।

    सुशील कुमार को 66 किलोग्राम श्रेणी में 2008 में बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 में लंदन ओलंपिक में रजत पदक मिला था। लेकिन, अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती संघ ने 2014 में इस श्रेणी को समाप्त कर दिया।

    इसी वजह से कुमार 74 किलोग्राम श्रेणी में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए। इस श्रेणी में वह नरसिंह यादव के प्रतिद्वंद्वी बन गए। यादव तब तक इस श्रेणी के शीर्ष भारतीय पहलवान थे।

    चोटिल होने के कारण सुशील कुमार (32) ने रियो ओलंपिक के लिए ट्रायल का अवसर खो दिया और देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए नरसिंह यादव को दल में जगह मिल गई।

    कुश्ती ट्रायल फिर से कराने के लिए भारतीय कुश्ती संघ से बार-बार निवेदन करने के बाद कुमार ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी।

    --आईएएनएस
  • हॉकी चैम्पियनशिप ट्रॉफी को मिला हीरो मोटोकॉर्प्स का साथ
    नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प्स ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के साथ 10 जून से लंदन में होने वाली पुरुष चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए मुख्य प्रयोजक के तौर पर हाथ मिलाया।

    पुरुष चैम्पियंस ट्रॉफी के साथ ही हीरो मोटोकॉर्प्स 18 जून से होने वाली महिला चैम्पियंस ट्रॉफी की भी मुख्य प्रायोजक होगी।

    इस साझेदारी पर हीरो मोटोकॉर्प के चैयरमैन पवन मुंजल ने कहा, "हॉकी विश्व के कई हिस्से में लोकप्रियों खेलों में से एक है और हीरो एफआईएच के साथ कई बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी में साथ रहा है।"

    दोनों के बीच करार की पुष्टि करते हुए एफआईएच के अध्यक्ष लेआंद्रो निग्रे ने कहा, "हम हीरो के साथ अपनी लंबी साझेदारी और सकारात्मक संबंधों को बढ़ाकर काफी खुश हैं। हम इस बात की कोशिश करेंगे कि उनके निवेश का उपयोग खेल को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने के लिए किया जाए।"

    --आईएएनएस
  • दिल्ली उच्च न्यायालय में सुशील कुमार की याचिका खारिज (लीड-1)
    नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दो बार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की दोबारा ट्रायल की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। अदालतन ने कहा कि चयन को अंतिम समय पर चुनौती दिए जाने से चयनित खिलाड़ी नरसिंह यादव की मानसिक तैयारी पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

    सुशील कुमार ने याचिका दायर कर रियो ओलंपिक के लिए भारतीय दल में जगह पाने के लिए 74 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती का ट्रायल फिर से कराने की मांग की थी।

    न्यायमूर्ति मनमोहन ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) का निवेदन स्वीकार कर लिया। संघ ने कहा कि नरसिंह यादव का वर्तमान फॉर्म सुशील कुमार से अच्छा है।

    न्यायमूर्ति ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि सुशील कुमार चयन के लिए 2014 और 2015 में हुए ट्रायल में भाग लेने में विफल रहे। साथ ही उन्होंने 31 दिसंबर 2015 और 1 जनवरी 2016 को हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता व फरवरी 2016 में एशियाई चैंपियनशिप में भी भाग नहीं लिया।

    अदालत ने कहा कि सुशील कुमार ने सितम्बर 2014 से अब तक कोई भी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता नहीं जीती है, जबकि नरसिंह यादव ने दिसंबर 2015 में प्रो कुश्ती लीग में मंगोलिया के पहलवान पुरवाज उनुरबात को हराया था और सितंबर 2015 में हुई विश्व चैंपियनशिप प्रतियोगिता में रजत पदक विजेता रहे थे।

    सुशील कुमार की ओर से तर्क दिया गया कि प्रशिक्षण के लिए उन्हें 2016 में जॉर्जिया और सोनीपत (हरियाणा) भेजा गया था। इस पर अदालत ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि ट्रायल आज कराना आवश्यक है और वह भी इतनी देर से।

    अदालत ने इस पर भी ध्यान दिया कि डब्ल्यूएफआई ने चयन से पहले निष्पक्ष और पारदर्शी ट्रायल कराया था। साथ ही खेल संहिता के तहत चयन प्रक्रिया और ट्रायल कराने के निर्णय के संबंध में भारतीय कुश्ती संघ को प्रदत्त स्वायत्तता को भी माना।

    अदालत ने कहा, "एक खिलाड़ी की मासूमियत के साथ 'सिर्फ एक ट्रायल' की मांग से हो सकता है कि एक चयनित खिलाड़ी के जीतने की उम्मीद पर पानी फिर रहा हो और राष्ट्रीय हित पर घातक असर पड़ रहा हो। द्वंद्व युद्ध की मांग से देश को घाटा होगा।"

    अदालत ने कहा कि प्रतियोगिता होने और याचिका दायर करने में बहुत कम समय का अंतर है। साथ ही ट्रायल में चोटिल होने की आशंका प्रबल है। इसलिए सुशील कुमार का निवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

    अदालत ने कहा कि यह समझ में नहीं आ रहा कि क्यों सुशील कुमार ने नरसिंह यादव को मई, 2016 में द्वंद्व युद्ध के लिए चुनौती दी है जबकि ओलंपिक के आयोजन में सिर्फ ढाई महीने बचे हैं।

    अदालत ने फर्जी हलफनामा दायर करने के लिए डब्ल्यूएफआई के उपाध्यक्ष राज सिंह के खिलाफ नोटिस भी जारी किया और पूछा कि झूठी गवाही देने के लिए क्यों नहीं उनके के खिलाफ कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए।

    सुशील कुमार को 66 किलोग्राम श्रेणी में 2008 में बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और 2012 में लंदन ओलंपिक में रजत पदक मिला था। लेकिन, अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती संघ ने 2014 में इस श्रेणी को समाप्त कर दिया।

    इसी वजह से कुमार 74 किलोग्राम श्रेणी में शामिल होने के लिए प्रेरित हुए। इस श्रेणी में वह नरसिंह यादव के प्रतिद्वंद्वी बन गए। यादव तब तक इस श्रेणी के शीर्ष भारतीय पहलवान थे।

    चोटिल होने के कारण सुशील कुमार (32) ने रियो ओलंपिक के लिए ट्रायल का अवसर खो दिया और देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए नरसिंह यादव को दल में जगह मिल गई।

    कुश्ती ट्रायल फिर से कराने के लिए भारतीय कुश्ती संघ से बार-बार निवेदन करने के बाद कुमार ने उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी।

    --आईएएनएस
  • एशियन जूनियर एथलीट चैम्पियनशिप में भारत तीसरे स्थान पर
    हो चि मिन्ह सिटी (वियतनाम), 6 जून (आईएएनएस)। अपने पिछले प्रदर्शन को सुधारते हुए भारत 17वें एशिया जूनियर एथलेटिक चैम्पियनशिप में सोमवार को 17 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

    भारत को यहां सात स्वर्ण, चार रजत और छह कांस्य पदक के साथ कुल 17 पदक मिले। जापान 14 स्वर्ण पदकों के साथ पहले और चीन 11 स्वर्ण पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।

    भारत को अंतिम दिन तीन स्वर्ण और तीन रजत पदक मिले। भारत की लिली दास और जिसना मैथ्यू ने दो-दो स्वर्ण पदक हासिल किए।

    17 वर्षीय लिली ने महिला 800 मीटर रेस को 2:06.64 सेंकेड में पूरा कर चैम्पियनशिप में अपना दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया।

    इससे पहले उन्होंने 1500 मीटर दौड़ स्पर्धा में भी स्वर्ण हासिल किया था। रविवार को हुई 1500 मीटर की पुरुष और महिला दोनों स्पर्धाओं में भारत को स्वर्ण हासिल हुआ। पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में अमोज जैकब ने स्वर्ण पदक हासिल किया।

    महिलाओं की 400 मीटर रिले रेस में भारत को स्वर्ण मिला।

    नीरज चोपड़ा को भालाफेंक में रजत पदक मिला। उन्होंने 77.60 की दूरी तय की।

    400 मीटर रिले पुरुष टीम स्पर्धा में भारत के किरण मुरुगान, पंकज मलिक, हर्ष कुमार और अमोज जैकब की टीम ने रजत पदक हासिल किया। भारतीय टीम ने 3:12.12 में यह दूरी पूरी की। 3:11.59. की समय सीमा के साथ थाईलैंड की टीम ने इस स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया।

    इससे पहले पुरुष 10,000 मीटर स्पर्धा में अभिषेक पाल ने रजत पदक हासिल किया। भारत के ही किशेन नार्सी टाडवी को कांस्य पदक मिला।

    सोनू कुमार ने पुरुष ट्रिपल जम्प स्पर्धा में भारत को कांस्य पदक दिलाया।

    2015 में एशिया यूथ चैम्पियनशिप में स्वर्ण अपने नाम करने वाले बेअंत सिंह ने 800 मीटर पुरुष रेस में चौथा स्थान हासिल किया।

    --आईएएनएस
  • ऊषा जूनियर गोल्फ प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

    नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। दूसरा ऊषा जूनियर गोल्फ प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को दिल्ली गोल्फ क्लब में समापन किया गया। इस प्रशिक्षण में जुबिन मेहरा, निखिल कुमार, वेदान्त सिरोही और लवन्या ने अलग-अलग श्रेणियों में कई पुरस्कर अपने नाम किए।

    इस प्रशिक्षण शिविर के कोच अजय गुप्ता थे। उनके साथ अंजली चोपड़ा ने भी शिविर में बच्चों को गोल्फ के गुर सिखाए। इस शिविर में आठ साल से 15 साल के बच्चों ने हिस्सा लिया था।

    बिजली उत्पात बनाने वाली कंपनी ऊषा इस जूनियर प्रशिक्षण कार्यक्रम से 2006 से जुड़ी हुई है। कंपनी का मकसद देश में गोल्फ के विकास और खेल की प्रतिभा को निखारना है।

    --आईएएनएस
  • रूस के 6 भरोत्तोलक डोपिंग के कारण प्रतिबंधित
    मास्को, 6 जून (आईएएनएस)। रूस भरोत्तोलक महासंघ ने डोपिंग रोधी समिति के फैसले के आधार पर छह खिलाड़ियों को दो से आठ साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। रूस की डोपिंग रोधी एजेंसी (आरयूएसएडीए) ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी।

    समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, जिन खिलाड़ियों को आठ साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है, उनमें येगोर इवानोव और एमिनात माश्खाडोवा हैं। इवानोव को 2014 की यूरोपियन जूनियर चैम्पियनशिप में रजत पदक मिला था जबकि एमिनात रूस के पांच बार के विजेता हैं।

    2014 में यूरोपीय जूनियर भारोत्तोलन चैम्पियन नदेझ्दा ओवचिननिकोवा पर दो साल का प्रतिंबध लगाया गया है। 2014 में विश्व जूनियर चैम्पियनशिप जीतने वाली लारिका कोवेयेवला के अलावा सेनिया कोलोमियेट्स और एंटोन कोटलायरोव को चार साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है।

    रूस के जूडो संघ ने भी 2015 के देश के विजेता प्योट्र खाचिरोव को डोपिंग रोधी नियम तोड़ने के कारण चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

    --आईएएनएस

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