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गोवा में होगा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन

नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। गोवा में 15-16 अक्टूबर को आठवां ब्रिक्स शिखर सम्मलेन आयोजित किया जाएगा।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को भारत की अध्यक्षता के लिए ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण कोरिया) के लोगो और वेबसाइट का अनावरण करते हुए इसकी जानकारी दी।

भारत 31 दिसंबर, 2016 तक ब्रिक्स का अध्यक्ष है। उसे 15 फरवरी को रूस से इसकी अध्यक्षता मिली थी।

सुषमा स्वराज ने कहा, "ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान मंत्री, आधिकारिक, तकनीकी और ट्रैक-2 स्तर की 50 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएगी।"

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की अध्यक्षता के लिए भारत का विषय 'बिल्डिंग रिस्पांसिव, इन्क्लूसिव एंड कलेक्टिव सॉल्यूशंस (ब्रिक्स) है।'

हम अपनी अध्यक्षता के दौरान पांच आयामी दृष्टिकोण अपनाएंगे। इसमें संस्थागत निर्माण, क्रियान्वयन, समेकरण, नवाचार और निरंतरता के साथ समेकरण शामिल होगा।"

उन्होंने कहा कि भारत का जोर संस्थागत निर्माण, पिछले शिखर सम्मेलनों की प्रतिबद्धताओं का क्रियान्वयन शामिल होगा।

शिखर सम्मेलन के तहत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ब्रिक्स अंडर-17 फुटबॉल टूर्नामेंट, ब्रिक्स फिल्मोत्सव, ब्रिक्स वेलनेस फोरम, ब्रिक्स यूथ फोरम, ब्रिक्स व्यापार मेला, ब्रिक्स फ्रेंडशिप सिटीज कॉन्क्लेव शामिल हैं।

सुषमा स्वराज का कहना है कि ये कार्यक्रम देशभर के विभिन्न राज्यों में आयोजित होंगे।

उन्होंने कहा, "इससे लोगों को ब्रिक्स प्रक्रिया को समृद्ध करने का अवसर मिलेगा। इससे हमारे ब्रिक्स साझेदार देशों को देश के विभिन्न शहरों और राज्यों का दौरा करने का भी अवसर मिलेगा।"

इस साल ब्रिक्स का 'लोगो' सुदीप गांधी ने तैयार किया है। उन्हें इस संबंध में इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 50,000 रुपये की इनामी राशि जीती थी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    यह आरोप पत्र अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह की अदालत में दायर किया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

    दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 'भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा' (एक्यूआईएस) के पांच सदस्यों- शाह, अब्दुल सामी, जफर मसूद, अब्दुल रहमान और मोहम्मद आसिफ के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए हैं।

    पुलिस ने 12 अन्य लोगों के खिलाफ भी आरोप-पत्र दायर किए हैं, जो फरार हैं। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

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    मुंबई, 10 जून (आईएएनएस)| बेबाकी से राय रखने के लिए मशहूर दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने सिनेमा को समाज का आईना बता 'उड़ता पंजाब' के निर्माताओं को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा है कि सारे विवाद में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की भूमिका 'चौंकाने' वाली है। अभिषेक चौबे निर्देशित 'उड़ता पंजाब' नशे की समस्या से जूझ रहे पंजाब का चित्रण है। निर्माता सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलाज निहलानी के इसमें कई कट लगाने के 'बेजा' सुझाव के खिलाफ एकजुट हो गए हैं और मामले ने तूल पकड़ लिया है।

    अनुपम ने गुरुवार रात ट्विटर पर लिखा, "उड़ता पंजाब' विवाद में सीबीएफसी की भूमिका सबसे ज्यादा चौंकाने वाली है। सिनेमा समाज का आईना है। कई बार हालात का चित्रण बदलाव ला सकता है।"

    फिल्म में शाहिद कपूर, करीना कपूर, आलिया भट्ट व दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिका में हैं।

  • राजनीतिक दोषारोपण के खेल में असल मुद्दा खोया : अनुराग

    मुंबई, 10 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को अपनी फिल्म 'उड़ता पंजाब' पर 'बेजा' कट लगाने से रोकने के लिए टक्कर दे रहे फिल्मकार अनुराग कश्यप ने कहा है कि उन पर आम आदमी पार्टी (आप) से पैसा खाने का आरोप न केवल सीबीएफसी का कोरा झूठ है, बल्कि असल मुद्दे से भटकाने और उसे राजनीतिक लड़ाई में तब्दील करने की चाल भी है। 'उड़ता पंजाब' में सीबीएफसी के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने 89 कट लगाने का सुझाव दिया है। निहलानी का आरोप है कि 'उड़ता पंजाब' के सह-निर्माता अनुराग कश्यप ने आप से पैसे खाने के बाद यह फिल्म बनाई। उनके इस आरोप पर बॉलीवुड व आप समन्वयक अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

    अनुराग ने इस सारे विवाद व उन पर लगे आरोप को लेकर एक फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी राय रखी।

    उन्होंने पोस्ट में लिखा, "मेरे सेंसरशिप के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद आलोचनाएं करने वाले कोरे झूठ व आरोपों से मामले को अलग दिशा में ले जे रहे हैं। मेरा सेंसर बोर्ड से कई बार सामना हुआ है। पहली बार 'पांच' फिल्म को लेकर हुआ था, जिसे लेकर हर कोई अब भी यही मानता है कि इस पर सेंसर बोर्ड ने रोक लगाई थी। सच्चाई यह है कि पुनरीक्षण समिति ने कुछ कट लगाने व दो डिस्क्लैमर के बाद फिल्म को हरी झंडी दे दी थी और फिल्म का यही प्रारूप इंटरनेट पर उपलब्ध है।"

    अनुराग ने यह भी कहा कि 'वह (निहलानी) हम पर फिल्म रिलीज की तारीख आगे बढ़ाने, कट का सुझाव व उनकी बात मान लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उन्होंने मुझ पर आप से पैसे खाने का आरोप लगाया, जो न केवल झूठ बल्कि एक फिल्मकार के अधिकार की लड़ाई के असल मुद्दे को मार्ग से भटकाने व राजनीतिक लड़ाई में तब्दील करने की कोशिश है।"

  • सीबीआई के समक्ष बचाव में सबूत पेश करने में नाकाम रहे वीरभद्र

    नई दिल्ली, 9 जून (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से आय से अधिक संपत्ति के मामले में गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ की। इस दौरान वह अपने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों के बचाव में सबूतों का विवरण पेश करने में नाकाम रहे। अधिकारियों ने बताया कि उनसे शुक्रवार को दूसरे दौर की पूछताछ की जाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व हिमाचल के मुख्यमंत्री 81 वर्षीय वीरभद्र सिंह गुरुवार सुबह 11 बजे सीबीआई मुख्यालय में करीब पांच घंटे तक पूछताछ हुई। आय के ज्ञात स्रोत से छह करोड़ 30 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति से जुड़े विभिन्न साक्ष्यों से उनका सामना कराया गया।

    एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि वीरभद्र सिंह से उनकी विभिन्न संपत्तियों के बारे में सवाल किए गए। जब उनके सामने सबूत पेश किए गए तो उसका उनके पास कोई स्पष्टीकरण नहीं था।

    अधिकारी ने कहा कि सीबीआई के पास सिंह के खिलाफ पुख्ता सबूत है। हालांकि उस अधिकारी ने सिंह की जब्त संपत्तियों के खिलाफ सबूतों को साझा करने से इनकार किया।

    अधिकारी ने कहा, "सीबीआई के पास वीरभद्र के खिलाफ अपने बच्चों और पत्नी के नाम पर उन संपत्तियों की खरीद की आपराधिक साजिश में जुड़े होने के पक्के सबूत हैं।"

    सीबीआई ने मुख्यमंत्री को शुक्रवार को पूछताछ के लिए फिर पेश होने को कहा है।

    अधिकारी ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान पत्नी और बच्चों के नाम से खरीदी गई संपत्ति के बारे में बताने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री सिंह पर ही डाल दी गई। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की प्रारंभिक जांच में वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य ने अपनी संपत्तियों के बारे में कहा था कि उसकी कुछ संपत्तियां पिता के दिए पैसे से खरीदी गई हैं।

    इस मामले को पिछले साल 23 सितंबर को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान और उसके सहयोगी चुन्नी लाख के खिलाफ दर्ज किया गया था। वीरभद्र बुधवार को दिल्ली पहुंचे थे।

    हिमाचल के मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच उनके केंद्रीय इस्पात मंत्री (2009-2011) रहते हुए उन पर लगे आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के संदर्भ में हो रही है।

    सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "यह एफआईआर प्राथमिक जांच का परिणाम है, जिसमें यह सामने आया है कि वीरभद्र ने केंद्रीय इस्पात मंत्री के रूप में 2009 से 2012 के दौरान अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की थी। इस संपत्ति को उनकी आय से अधिक पाया गया।"

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने पांच अप्रैल को वीरभद्र से सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर मामले में पूछताछ में शामिल न होने का कारण पूछा था।

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के तहत वीरभद्र किसी भी प्रकार की पूछताछ और गिरफ्तारी से बचे हुए हैं। सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय से हिमाचल उच्च न्यायालय के इस आदेश को रद्द करने का आग्रह किया हुआ है।

    उच्च न्यायालय में वीरभद्र सिंह ने याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर एफआईआर को खारिज करने की मांग की है जिसकी सुनवाई की जा रही थी।

    अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.एस. पटवालिया ने अदालत को बताया था कि इस मामले में गंभीर रूप से रुकावट पैदा हो गई है। उन्होंने कहा था कि सीबीआई ने इस पर एक दस्तावेज पूर्ण रूप से तैयार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि 'जो तथ्य इस दस्तावेज से निकलकर सामने आए हैं, वे बेहद-बेहद गंभीर हैं।'

    सिंह को हिमाचल उच्च न्यायालय ने पहले ही एक अक्टूबर 2015 को इस मामले से गिरफ्तारी से सुरक्षा दे दे रखी थी। सीबीआई को उन्हें गिरफ्तार करने, उनसे पूछताछ करने और उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने से रोक दिया गया।

    सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश की अदालत के आदेश को निरस्त कराने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय से निर्देश मांगा है और दलील दी कि मामले की जांच प्रभावित हो रही है।

    सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल नबंवर में सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को हिमाचल उच्च न्यायालय से दिल्ली उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया था और कहा था कि यह 'संस्थान को शर्मिदगी से बचाने' और 'आगे किसी विवाद से बचने के लिए' किया जा रहा है।

    शीर्ष अदालत ने हालांकि हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेश में कोई बदलाव नहीं किया जिसने सीबीआई को इस मामले से सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया था।

    वीरभद्र इस मामले को हिमाचल उच्च न्यायालय में तब ले गए थे जब पिछले साल 26 सितंबर को सीबीआई ने उनके दिल्ली और शिमला स्थित घरों की तलाशी की थी और उन पर आय से अधिक छह करोड़ रुपये की संपत्ति का मामला दर्ज किया था।

  • मोदी 5 देशों के दौरे के बाद भारत के लिए रवाना

    मेक्सिको सिटी, 9 जून (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच देशों के आधिकारिक दौरे के बाद गुरुवार को भारत के लिए रवाना हो गए हैं। मोदी अफगानिस्तान, कतर, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और मेक्सिको के दौरे पर थे।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, "पांच दिन, पांच देश! पांच दिनों की यात्रा के आखिरी चरण में मेक्सिको की लाभप्रद यात्रा के बाद मोदी भारत के लिए रवाना।"

    मोदी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण के लिए चार जून को अफगानिस्तान के लिए रवाना हुए थे।

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