एसएचजी को दिए गए ऋणों की निगरानी हो : मोदी
नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। विभिन्न ग्रामीण योजनाओं के विकास का जायता लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आधार योजना के जरिए ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को दिए गए ऋणों की भी निगरानी करें।
राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति) आयोग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत तीन करोड़ परिवारों को अब तक एसएचजी से जोड़ा जा चुका है।
एक अधिकारी ने कहा, "उन्होंने आधार का उपयोग करते हुए एसएचजी को दिए गए ऋणों की भी ठीक तरह से निगरानी करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि योजना की सफलता के लिए ऋण का लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचना जरूरी है।"
नीति आयोग के अधिकारियों ने सोमवार को दीन दयाल अंत्योदय योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर प्रधानमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति दी थी।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2015-16 में औसतन रोजाना 91 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनी, जिसके कारण 30,500 किलोमीटर अतिरिक्त ग्रामीण सड़क का निर्माण हुआ। इसके कारण 6,500 आबादी क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ा गया।
अधिकारी ने कहा, "प्रधानमंत्री पीएमजीएसवाई में अपनाए जा रहे नवाचार के तरीकों की भी जानकारी दी गई, जिसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली और योजना बनाने तथा निगरानी करने के लिए स्पेस इमेजरी और इसके साथ ही 'मेरी सड़क' एप के जरिए नागरिकों की शिकायतों का समाधान शामिल है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति) आयोग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को बताया कि दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत तीन करोड़ परिवारों को अब तक एसएचजी से जोड़ा जा चुका है।
एक अधिकारी ने कहा, "उन्होंने आधार का उपयोग करते हुए एसएचजी को दिए गए ऋणों की भी ठीक तरह से निगरानी करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि योजना की सफलता के लिए ऋण का लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचना जरूरी है।"
नीति आयोग के अधिकारियों ने सोमवार को दीन दयाल अंत्योदय योजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पर प्रधानमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति दी थी।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2015-16 में औसतन रोजाना 91 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनी, जिसके कारण 30,500 किलोमीटर अतिरिक्त ग्रामीण सड़क का निर्माण हुआ। इसके कारण 6,500 आबादी क्षेत्रों को एक दूसरे से जोड़ा गया।
अधिकारी ने कहा, "प्रधानमंत्री पीएमजीएसवाई में अपनाए जा रहे नवाचार के तरीकों की भी जानकारी दी गई, जिसमें भौगोलिक सूचना प्रणाली और योजना बनाने तथा निगरानी करने के लिए स्पेस इमेजरी और इसके साथ ही 'मेरी सड़क' एप के जरिए नागरिकों की शिकायतों का समाधान शामिल है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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