मप्र में सरकार 64 मंडियों में खरीदेगी प्याज
भोपाल, 2 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर प्याज उत्पादक किसानों से परेशान न होने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य में प्याज की सरकारी खरीदी के लिए 64 मंडियां तय कर दी गई हैं।
चौहान ने गुरुवार को एक बार फिर कहा है कि किसानों से सरकार छह रुपये किलो की दर से प्याज खरीदेगी। संकट में सरकार हमेशा किसानों के साथ है। खरीदी केन्द्रों में प्याज लाएं, एक-एक प्याज खरीदा जाएगा। परेशान होने की जरूरत नहीं है।
चौहान ने कहा कि इस साल प्याज का अत्यधिक उत्पादन हुआ है जिसके कारण प्याज के दाम गिर गए और अप्रिय परिस्थितियां बनीं। राज्य में ऐसी स्थिति नहीं आने दी जाएगी। प्याज की सरकारी खरीदी के लिए 64 मंडियां तय कर ही गई हैं। मार्कफेड को खरीदी की जिम्मेदारी दी गई है।
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'मध्य प्रदेश के कृषि एटलस' पुस्तक कृषि विकास का दस्तावेज
नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सभी पहलुओं को अच्छी तरह दर्शाने वाले सचित्र संग्रह 'मध्य प्रदेश के कृषि एटलस' में राज्य के भूगोल, नदियों, मिट्टी, जलवायु, जनसांख्यिकी, पशुधन, फसल चक्र और विभिन्न फसलों के उत्पादन को शामिल किया गया है। नवीनतम नक्शे और जानकारियों के साथ यह पुस्तक रोमांचक झलक प्रदान करती है।
नीति अध्ययन केंद्र और मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (एमपीसीएसटी) के सुंयक्त प्रयास से हिंदी और अंग्रेजी दो भाषाओं में तैयार 300 पन्नों की द्विभाषी पुस्तक का राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महासचिव भैयाजी जोशी द्वारा बुधवार को लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी और इस ऐतिहासिक परियोजना से संबद्ध कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। कुल मिलाकर, यह पुस्तक वैसे कारकों पर प्रकाश डालती है, जिसने मध्य प्रदेश को कृषि के क्षेत्र में देश का सबसे तेजी से बढ़ता राज्य बना दिया है।
यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) में बुधवार शाम आयोजित समारोह में मध्य प्रदेश के दो जिलों-दतिया और टीकमगढ़ के संसाधनों पर भी दो एटलस का विमोचन किया गया।
नीति अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ.जे.के. बजाज द्वारा संपादित अनुसंधान और अध्ययन पर आधारित इस पुस्तक का उद्देश्य भारत की समृद्ध सभ्यता से संबंधित प्रतिभाओं को समझना और संजोना है। मध्य प्रदेश की कृषि के सभी पहलुओं में असाधारण वृद्धि को दर्शाने वाली तस्वीरों से भरी यह हार्ड बाउंड एटलस पिछले करीब डेढ़ दशकों की यात्रा को बयां करती है। डॉ.बजाज ने समारोह के दौरान उस पर विस्तृत विवरण पेश किया। समारोह को भारतीय किसान संघ आयोजन सचिव दिनेश दत्तात्रेय कुलकर्णी, आईजीएनसीए अध्यक्ष राम बहादुर राय और एमपीसीएसटी महानिदेशक प्रमोद के.वर्मा ने भी संबोधित किया।
भैयाजी जोशी ने इस अवसर पर कहा कि इस समय देश खेती से संबंधित प्रथाओं में आजादी के बाद की 'गलतियों' से सीख ले रहा है और उनमें इस तरह से सुधार कर रहा है, जिससे पृथ्वी की सुरक्षा हो और खेती के बारे में 'नीरस मानसिकता' से लोग बाहर आ सकें।
उन्होंने कहा, "यहां तक कि किसान खुद को बेरोजगार मानते हैं। इस मानसिकता में परिवर्तन लाना होगा।"
भौतिकी में पीएचडी की डिग्री रखने वाले और पूर्ववर्ती राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने बड़े पैमाने पर कृषि, अर्थव्यवस्था और समाज के बीच संबंधों पर बल दिया। उन्होंने कहा, "खेती के पैटर्न में बदलाव ने यहां के लोगों को किस प्रकार प्रभावित किया, हमेशा एक दिलचस्प विषय होगा। यह एटलस देश के सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रमुख उपलब्धि है।"
पुस्तक में नक्शे के भूगोल को समाहित किया गया है, जो राज्य की स्थलाकृति, नदियों, जलीय निकायों, मिट्टी और जलवायु पर प्रकाश डालती है। यह 1901 के आसपास से मध्य प्रदेश के जिलों में ग्रामीण-शहरी वितरण और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सहित जनसांख्यिकी पर ताजा प्रकाश डालती है।
इसके अलावा, एटलस पूरे राज्य के लिए और अलग-अलग जिलों के लिए राज्य के 1964 से 2012 तक के कृषि के विभिन्न मापदंडों के विकास का रेखांकन दस्तावेज उपलब्ध कराता है। इसमें सांख्यिकीय तालिका भी है, जिसमें सभी राज्य की सारणी और जिला स्तर के आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें नक्शे और रेखांकन में इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा, इसमें पूरे मध्य प्रदेश के भूगोल और कृषि के विभिन्न पहलुओं पर तस्वीरें पर भी उपलब्ध हैं।
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मप्र : नि:शक्तजनों को नौकरी में साइकिल-चालन से छूट
भोपाल, 29 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश सरकार ने चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए निर्धारित साइकिल-चालन की अनिवार्य योग्यता से नि:शक्तजनों को रियायत देने का फैसला किया है।
आधिकारिक तौर पर शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि नि:शक्तजन आवेदनकर्ताओं को छूट का लाभ शासकीय कार्यालयों के अलावा विभिन्न विभागों के अंतर्गत आने वाले निगमों, मण्डलों, सार्वजनिक उपक्रमों, आयोगों, विश्वविद्यालयों, शासकीय स्वायत्त संस्थाओं और राज्य शासन की अनुदान प्राप्त संस्थाओं में होने वाली भर्ती प्रक्रिया में भी मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों के अंतर्गत चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता के साथ साइकिल-चालन भी अनिवार्य है। इन शर्तो में राज्य सरकार ने नि:शक्त आवेदनकर्ताओं के लिए विशेष रियायत देने का फैसला किया है। अब नि:शक्तजनों के लिए साइकिल-चालन की अनिवार्यता नहीं होगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संदर्भ में परिपत्र जारी कर दिया है।
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मोदी के भरोसे व शाह के नेतृत्व की जीत : शिवराज
भोपाल, 19 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली बढ़त व अन्य राज्यों में बढ़े जनाधार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति बढ़ता भरोसा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व की जीत करार दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के हर वर्ग व हिस्से में भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ रही है। इस बात का प्रमाण असम, तामिलनाडु केरल और पश्चिम बंगाल के चुनावों के नतीजे हैं। असम में भाजपा सत्ता हासिल करने जा रही है, जबकि तीन अन्य राज्यों में भाजपा का जनाधार बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को मिली सफलता बताती है कि देश की जनता का प्रधानमंत्री मोदी के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह जीत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह के नेतृत्व की जीत है।
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मोदी देश के लिए भगवान का उपहार : शिवराज
भोपाल, 18 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल की बुधवार को दिल खोलकर सराहना की और मोदी को देश के लिए ईश्वर का उपहार बताया।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारी, निर्वाचित प्रतिनिधियों की कार्यशाला समापन करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले दो वर्षो में हर वर्ग की प्रगति के लिए योजनाएं क्रियान्वित की गईं, जिनका सुफल देखने को मिल रहा है और उससे जहां समाज में नया उत्साह दिखाई देती है। वहीं दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व और कृतित्व की सम्मान के साथ चर्चा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी वास्तव में भारत के लिए भगवान का उपहार हैं, जिन्होंने दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाया है। महंगाई को नियंत्रित करने के साथ देश की विकास की दर को शीर्ष पर पहुंचा दिया है और चीन भी भारत की विकास दर की बराबरी नहीं कर पाया।
उन्होंने कहा कि मोदी को विरासत में महंगाई, असुरक्षा और अनिर्णय के कारण लकवाग्रस्त व्यवस्था मिली थी, लेकिन उन्होंने दो वर्ष के अल्पकाल में 8़ 3 प्रतिशत महंगाई को पांच प्रतिशत पर ला दिया है और विकास दर को पांच प्रतिशत से 7़ 3 प्रतिशत के ऊपर पहुंचा दिया है।
प्रादेशिक कार्यशाला को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि इतिहास गवाह है कि आजादी के बाद जब-जब भाजपा को जनता ने जनादेश के रूप में सत्ता सूत्र सौंपे हैं, तब-तब देश में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल हुई। अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में तत्कालीन एनडीए सरकार ने सुदुर गांवों को जिला और मंडी मुख्यालयों से जोड़कर ग्रामीण अंचल की प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया। भारत को परमाणु शक्ति बनाकर विकसित देशों के समूह में लाकर खड़ा कर दिया।
कार्यशाला में 26 मई से लेकर दो जून तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई और केंद्र तथा राज्य की जनोन्मुखी योजनाओं में कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय बनाने का आह्वान किया गया। हितग्राही सम्मेलन आयोजित करने और एक जून को प्रदेश की सभी 23 हजार ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं के आयोजन के साथ मुख्यमंत्री के संदेश के अवसर पर अधिक से अधिक लोगों को पार्टी व सरकार की सर्वस्पर्शी, सर्वग्राही योजनाओं की जानकारी देने का निश्चय किया गया।
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मध्य प्रदेश में संतों के सहयोग से बनेगा पाठ्यक्रम : शिवराज
उज्जैन, 18 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव करने का ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश में विज्ञान, इतिहास व संस्कृति के साथ-साथ नैतिक शिक्षा पर केंद्रित ऐसी शिक्षा पद्धति अपनाएंगे, जिससे चरित्रवान पीढ़ी तैयार हो सके।
मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को सिंहस्थ कुंभ के दौरान स्वामी अवधेशानंद गिरी के शिविर में भागवत कथा सुनने पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि नया शिक्षा पाठ्यक्रम सभी धर्मो एवं मतों के संत समुदाय के सहयोग से तैयार किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने आनंद मंत्रालय के गठन की बात भी दोहराई, साथ ही नर्मदा-क्षिप्रा किनारे वृहद वृक्षारोपण और ऋषि खेती को बढ़ावा देने की घोषणाएं भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से भारत में संतों द्वारा शिक्षा दी जाती रही है। हम उसी प्रकार की शिक्षा पद्धति अपनाना चाहते हैं, जिससे इंसान को इंसान बनाया जा सके। अगले साल यह पाठ्यक्रम अमल में लाया जाएगा। नए शिक्षा पाठ्यक्रम में उपनिषद्, गीता तथा अन्य सभी धर्मो के ग्रंथों की खूबियां समाहित की जाएंगी।
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मप्र में सूखा प्रभावित किसानों को 4664 करोड़ की राहत वितरित : शिवराज
भोपाल, 10 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य में सूखे की स्थिति और उससे निपटने के लिए किए गए प्रयासों से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में 61 लाख सूखा प्रभावित किसानों को 4,664 करोड़ की राहत वितरित की गई है।
राज्य के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सूखा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के क्रम में मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री के साथ बैठक हुई।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री को बताया कि बीते 10 वर्ष में राज्य सरकार द्वारा जो ठोस कदम उठाए गए हैं, उसके कारण प्रदेश में सूखा की स्थिति से निपटने में बेहद मदद मिली है। राज्य शासन द्वारा किए गए प्रयासों में जल-भंडारण संरचनाओं का निर्माण विशेष रूप से शामिल है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष से लगातार कम वर्षा होने के बावजूद प्रदेश में फिलहाल 50 हजार गांव में से सिर्फ 113 गांव में पानी के परिवहन की आवश्यकता हो रही है। अगर जून के अंत तक भी पानी नहीं गिरता, तब भी सिर्फ 400 गांव में जल-परिवहन की स्थिति बनेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने सूखा प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की तैयारी कर ली गयी है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री चौहान ने सूक्ष्म सिंचाई, द्रव्य, खाद, स्पेस टेक्नालॉजी के उपयोग तथा खेत-तालाबों पर ध्यान केन्द्रित करने के संबंध में चर्चा की। उन्होंने जल-संरक्षण और भंडारण तथा एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस और स्काउट एण्ड गाइड्स जैसे युवाओं के संगठनों को इन गतिविधियों से जोड़ने की रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री चौहान ने नर्मदा नदी के जल-ग्रहण क्षेत्र में वृक्षारोपण और वृक्षों के संरक्षण पर भी चर्चा की।
बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश को एनडीआरएफ के अंतर्गत 1875़80 करोड़ की राशि जारी कर दी गयी है। यह एसडीआरएफ के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में जारी 657़75 करोड़ की केन्द्रीय सहायता के अतिरिक्त है। वर्ष 2016-17 के लिए एसडीआरएफ के अंतर्गत पहली किस्त के रूप में 345़375 करोड़ की राशि जारी की गयी है।
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सूखा प्रभावित क्षेत्र में संवेदनशीलता से काम करें : शिवराज
भोपाल, 8 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासनिक अधिकारियों से राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्र में संवेदनशीलता के साथ कार्य करने को कहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार को यहां अधिकारियों के साथ सूखा राहत कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार संवेदनशील सरकार है। इसी भावना के साथ कार्य किए जाएं। पेयजल आपूर्ति का प्रोजेक्शन मानसून आगमन की विभिन्न संभावनाओं के आधार पर तैयार किया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य में सूखे के संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक प्रयासों की अलग-अलग रणनीति बनाएं। इसके अलावा ग्रामीण अंचल के हर घर में नल-जल उपलब्ध करवाने का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम बनाया जाए। नल-जल आपूर्ति के लिए बड़े जलस्रोत, उद्वहन और सतही जल संग्रहण आधारित योजनाएं तैयार की जाएं।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के साथ समन्वय कर पाइप लाइन बिछवाएं, ताकि ग्रामीण सड़कों के निर्माण के साथ ही पाइप बिछाए जा सकें।
आधिकारिक तौर पर दावा किया जा रहा है कि राज्य में जल प्रबंधन का बेहतर काम हुआ है। सूखे की स्थिति में भी हर बसाहट में पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है।
सरकार का दावा है कि रबी फसल अच्छी हुई है। खरीफ में सोयाबीन, उड़द, मूंग की फसलें और सूखा प्रभावित होने के बावजूद अरहर, कपास और सिंचित धान की फसलों का अच्छा उत्पादन हुआ है।
बैठक में वित्त, राजस्व, जल संसाधन, कृषि, ग्रामीण विकास, उद्यानिकी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव उपस्थित थे।
--आईएएनएस
मधोक के निधन पर शिवराज ने शोक जताया
भोपाल, 2 मई (आईएएनएस)। जनसंघ के संस्थापक बलराज मधोक के निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि राष्ट्रवादी मूल्यों को स्थापित करने वाले मधोक का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
चौहान ने कहा कि मधोक ने युवा पीढ़ी को राष्ट्रवादी चिंतन, संस्कार और विचारों से दीक्षित किया। उनकी चिंतन प्रक्रिया समाज को आलोकित करती रहेगी।
उन्होंने परमपिता परमात्मा से उनकी आत्मा को शांति और परिजनों को गहन दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
मप्र : शर्ते पूरी करने पर ही निजी कॉलेज की अनुमति
भोपाल, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में निजी कॉलेज खोलने की अनुमति भवन की उपलब्धता और अन्य शर्ते पूरी करने पर ही दी जाए। यह निर्देश राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सोमवार को विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिया।
उमाशंकर ने अधिकारियों से कहा कि पहले से चल रहे निजी कॉलेज छूट देने के बाद भी अगर भवन नहीं बनवाते हैं, तो उन्हें अनापत्ति प्रमाणपत्र(एनओसी) जारी न किया जाए। इसके अलावा नए निजी कॉलेज शुरू करने की अनुमति उन्हें ही दी जाए, जिनके पास भवन है और जो अन्य शर्ते पूरी करते हैं।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने सरकारी इंजीनियरिग कॉलेजों के रिक्त पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन शीघ्र देने का निर्देश दिया। उन्होंने न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा के भी निर्देश दिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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