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2.38 लाख रुपये वाली डैटसन रेडी-गो लांच
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। छोटी कारों का एक नया मानक प्रस्तुत करते हुए निसान मोटर कंपनी ने मंगलवार को नई छोटी कार डैटसन रेडी-गो लांच की, जिसकी दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 2,38,900 रुपये से शुरू होती है। यह जानकारी कंपनी ने एक बयान जारी कर दी।
बयान के मुताबिक, इस कार की पांच किस्में पेश की गई हैं, जिनकी कीमतें 2,38,900 रुपये से 3,34,399 रुपये के बीच है।
इस मौके पर निसान मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक अरुण मल्होत्रा ने कहा, "डैटसन रेडी-गो के साथ हम एक विशिष्ट अर्बन-क्रॉसओवर कार पेश कर रहे हैं, जिसकी स्टाइलिंग जापान में हुई है और जिसका विकास और विनिर्माण भारत में हुआ है। हम भारत में छोटी कारों के साथ जुड़ी पारंपरिक धारणाओं और उम्मीदों को फिर से परिभाषित करने जा रहे हैं और इसे आधुनिक, नया, स्टाइलिश और सर्वसुलभ उत्पादक का रूप दे रहे हैं।"
कार पांच रंगों में पेश की जा रही है -सफेद, सिल्वर, भूरा, रूबी और लाइम। कार का ग्राउंड क्लियरेंस 185 मिलीमीटर है। कार की माइलेज 25.17 किलोमीटर प्रति लीटर है।
बयान के मुताबिक, यह कार शून्य से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार सिर्फ 15.9 सेकेंड में पहुंच सकती है। कार को 140 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलाया जा सकता है।
--आईएएनएस
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सीड ने दिल्ली सोलर रूफटॉप नीति जल्द लागू करने की अपील की
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। सेंटर फॉर एनवॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) और 'हेल्प दिल्ली ब्रीथ' अभियान के साझेदारों ने दिल्ली सरकार द्वारा सोलर रूफटॉप नीति को मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत किया। सोलर रूफटॉप नीति दिल्ली में स्वच्छ ऊर्जा व स्वच्छ पर्यावरण, दोनों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है और यह मुद्दा आम आदमी पार्टी (आप) के 70 सूत्री एजेंडे का हिस्सा था, लेकिन अरसे से अधर में लटका हुआ था।
यहां जारी एक बयान के मुताबिक, सीड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमापति कुमार ने कहा, "हम दिल्ली सरकार द्वारा नई सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी देने का स्वागत करते हैं और इसे सही दिशा में उठाया गया एक बेहद जरूरी कदम मानते हैं। निश्चय ही इस नीति का शहर के पर्यावरण में सुधार पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा और इससे देश में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और विकास को गति भी मिलेगी।"
उन्होंने कहा, "इस निर्णय से दिल्ली प्रदूषणकारी कोयला के इस्तेमाल से दूर हटेगी, जो कि वर्तमान में शहर में बिजली उत्पादन का मुख्य स्रोत है। इस पहल से साल भर में 10 लाख टन कार्बन डाईक्साइड उत्सर्जन कम होगा, जिससे शहर की हवा सांस लेने योग्य हो सकेगी। यकीनन इस तरह के छोटे मगर महत्वपूर्ण कदम दिल्ली की आबोहवा को स्वच्छ व स्वस्थ बनाने में मददगार साबित होंगे।"
गौरतलब है कि 'सीड' अपने सहयोगी संगठनों के साथ अरसे से दिल्ली में सोलर रूफटॉप नीति और इसे लागू करने के लिए समर्थन जुटाने का अभियान चला रहा है। अभियान के क्रियान्वयन में ऑटो व इलेक्ट्रिक रिक्शाचालक संघ भी भागीदार रहे हैं। साथ ही दिल्ली के लोगों ने इस अभियान को लगातार अपार समर्थन और सकारात्मक योगदान दिया है, ताकि शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
--आईएएनएस
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भुगतान बैंक लाइसेंस लौटाए जाने से चिंतित नहीं : राजन
मुंबई, 7 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कहा कि वह कुछ कंपनियों द्वारा भुगतान बैंक लाइसेंस लौटाए जाने से चिंतित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि एक व्यवस्था बनाकर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लाइसेंस के लिए आवेदन करने से पहले कंपनियां पूरी जांच-पड़ताल कर लें, क्योंकि आवेदनों की जांच-परख करने में काफी खर्च आता है।
उन्होंने वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "हम इस बात को लेकर अधिक चिंतित नहीं हैं कि कुछ लोगों ने विश्लेषण करने के बाद यह फैसला किया है कि वह आगे नहीं बढ़ेंगे। वस्तुत: इस बात से यही पता चलता है कि लाइसेंस समुचित रूप से उदार था और कई तरह के खिलाड़ी सामने आ रहे हैं।"
राजन ने कहा, "हमने उन सभी को लाइसेंस दिया, जिसके बारे में हमें लगा कि उनके पास भुगतान बैंक चलाने के लिए समुचित योग्यता है। हमारा मानना था कि उन्होंने भी व्यापार की संभावना पर तहकीकात कर ली है, और विश्लेषण करने और नए खिलाड़ियों को सामने आते देखने के बाद उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया।"
आरबीआई ने पिछले साल 11 आवेदकों को भुगतान बैंक स्थापित करने की सैद्धांतिक अनुमति दी थी। इनमें डाक विभाग, आदित्य बिड़ला नूवो, एयरटेल एम कॉमर्स सर्विसिस, फिनो पेटेक, नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और वोडाफोन एम-पैसा शामिल हैं।
इनमें से टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इनवेस्टमेंट फाइनेंस कंपनी और दिलीप शांघवी, आईडीएफसी बैंक और टेलीनॉर फाइनेंशियल सर्विसिस के कंशोर्टियम ने अपने लाइसेंस वापस करने का फैसला किया है।
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आरबीआई की पिछली दर कटौतियां आगे बढ़ाई जाएं : उद्योग
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जहां मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दरों को जस-का-तस छोड़ दिया, वहीं उद्योग जगत ने कहा कि आरबीआई का फैसला उनकी उम्मीदों के अनुरूप है और उन्होंने उम्मीद जताई कि आरबीआई द्वारा पहले की गई कटौतियों का लाभ आगे बढ़ाया जाए।
उद्योग संघ एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने यहां एक बयान में कहा, "मुख्य नीतिगत दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखने का फैसला कर आरबीआई ने उद्योग को कोई झटका नहीं दिया है, क्योंकि आरबीआई महंगाई दर पर मानसून और बढ़ते कमोडिटी मूल्यों जैसे कुछ खास वैश्विक पहलुओं के प्रभावों को देखना चाहता है।"
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के निदेशक मिहिर वोरा ने एक बयान में कहा, "उम्मीद के मुताबिक आरबीआई ने दरों को जस-का-तस छोड़ दिया। इसने उदारवादी रुख भी कायम रखा है और मुख्य ध्यान पिछली दर कटौतियों को आगे बढ़ाने पर टिका रखा है।"
भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि आरबीआई को दर कटौती चक्र को जारी रखने पर जोर देना चाहिए था।
उन्होंने कहा, "इसके बदले आरबीआई ने बैंकों द्वारा दर कटौतियों को लाभ कर्ज लेने वालों को प्रदान करने पर भरोसा करने का चुनाव किया। अभी जबकि ऋण की मांग कम है और उद्योग के सामने मांग की कमी का संकट है, दर कटौती से निवेश का चक्र फिर से स्थापित हो सकता था।"
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मौद्रिक नीति को आगे पहुंचाने से विकास को बढ़ावा मिलेगा : मूडीज
मुंबई, 7 जून (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जहां मंगलवार को मौद्रिक नीति को जस का तस रखा, वहीं वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने कहा कि मौद्रिक नीति को आगे बढ़ाने से ही आर्थिक विकास और साख प्रोफाइल पर प्रभाव पड़ेगा।
मूडीज ने एक बयान में कहा कि मौद्रिक नीति को आगे पहुंचाया जाना कई कारकों पर निर्भर करेगा, जैसे कि महंगाई दर को कम रखने में मौद्रिक नीति ढांचे की प्रभावोत्पादकता की इस साल परीक्षा होगी।
संप्रभु जोखिम समूह की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मारी डायरॉन ने कहा, "आरबीआई ने आज कहा कि महंगाई दर का परिदृश्य अनिश्चित है। खासकर अनुकूल मौसम अनुमान के बावजूद भारत खाद्य कीमतों में वृद्धि की जोखिम से अप्रभावित नहीं रह सकता। लगातार तीसरे साल प्रतिकूल मौसम से महंगाई काफी बढ़ सकती है।"
उनके मुताबिक, रुपये में हाल में हुए भारी अवमूल्यन से भी महंगाई का दबाव बढ़ सकता है।
यहीं नहीं, वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने से संबंधित ब्योरे अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का परिदृश्य स्पष्ट नहीं है और इसके ऊपर की तरफ बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। मूडीज ने यह भी कहा कि मौद्रिक नीति को आगे बढ़ाया जाना बैंकों खातों को साफ सुथरा बनाने के काम में होने वाली प्रगति पर निर्भर करेगा।
उन्होंने कहा, "प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन हमें नहीं लगता है कि बैंकों की कर्ज देने की इच्छा और कंपनियों की कर्ज लेने की इच्छा में विशेष बदलाव आएगा। आरबीआई की उदार नीति बनाए रखने से निकट भविष्य में विकास दर और ऋण विस्तार में तेजी आने की निकट भविष्य में संभावना नहीं दिखती।"
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अधिक पूंजी बाहर जाने पर डॉलर आपूर्ति बढ़ाएगा आरबीआई
मुंबई, 7 जून (आईएएनएस)। विदेशी मुद्रा अप्रवासी (एफसीएनआर) जमा खातों से निकासी के कारण करीब 20 अरब डॉलर पूंजी के देश से बाहर चले जाने पर बाजार में पैदा होने वाली अफरातफरी से निपटने के लिए यदि जरूरत हुई तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डॉलर और रुपये की तरलता बढ़ा सकता है। यह बात आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कही।
राजन ने यहां आरबीआई की वर्तमान वित्त वर्ष के लिए दूसरी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, "एफसीएनआर जमा खाता में निवेश करने के लिए लोगों ने जितनी राशि का ऋण लिया है, उसका नवीनीकरण नहीं भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में देश से करीब 20 अरब डॉलर राशि बाहर निकल सकती है।"
मौद्रिक नीति समीक्षा में राजन ने प्रमुख दरों को पुराने स्तर पर बरकरार रखा।
उन्होंने कहा, "हम इस पर नजर रखेंगे। अत्यधिक उतार-चढ़ाव की स्थिति में हम डॉलर की आपूर्ति करेंगे। हमारे पास प्रचुर डॉलर है, जिसकी आपूर्ति हम जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं।"
राजन ने जब पदभार संभाला था, तब रुपया काफी दबाव में था। उस वक्त बैंकों ने एफसीएनआर जमा खातों के जरिए 25 अरब डॉलर और विदेशी मुद्रा उधारी के जरिए नौ अरब डॉलर जुटाए थे और इस राशि की आरबीआई के साथ अदला-बदली कर ली थी। एफसीएनआर जमा खातों के निवेश से सितंबर और नवंबर में निकासी होने वाली है।
देश के करीब 360 अरब डॉलर विदेशी पूंजी भंडार का हवाला देते हुए गवर्नर ने कहा कि विदेशी मुद्रा की कमी दूर करने के लिए आरबीआई डॉलर की आपूर्ति कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इससे हालांकि रुपये की कमी पैदा होगी, जिसे दूर करने के लिए आरबीआई जरूरत पड़ने पर रुपये की भी तरलता बढ़ा सकता है।
--आईएएनएस
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