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Saturday, 07 May 2016 00:00

जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों का 'फासीवादी हमले' के खिलाफ विरोध

कोलकाता, 7 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की राजधानी स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय में बॉलीवुड फिल्म 'हेट स्टोरी' के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'बुद्धा इन ट्रैफिक जाम' की स्क्रीनिंग के वक्त छात्रों के दो गुटों में झड़प के एक दिन बाद छात्रों के एक धड़े ने इसे शैक्षणिक संस्थानों में सुनियोजित फासीवादी हमला करार देते हुए इसके विरोध में शनिवार को एक मार्च का आह्वान किया है।

'अदम्य जादवपुर' की वकालत करते हुए आंदोलनकारियों ने प्रदेश के छात्र समुदाय से विश्वविद्यालय परिसर में शाम को विरोध मार्च में हिस्सा लेने का आह्वान किया।

छात्रों द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, "इस देश के छात्रों पर फासीवादी हमले हो रहे हैं और जब उनके विचारों व शिक्षा में उनके हस्तक्षेप का विरोध किया जा रहा है, तो देश में हर जगह छात्रों पर हमले हो रहे हैं, उन्हें पीटा जा रहा है और यहां तक कि उनकी हत्या भी की जा रही है।"

बयान में कहा गया, "आज, जादवपुर विश्वविद्यालय भी इसी तरह के फासीवादी हमलों से गुजर रहा है। इसलिए हम प्रदेश के छात्र समुदाय से अपील करते हैं कि वे शैक्षणिक संस्थानों को फासीवाद स्थल बनाने का विरोध करने के लिए हमारी रैली में हिस्सा लें।"

कलकत्ता विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी आंदोलनकारियों के साथ एकजुटता जताई है।

जादवपुर यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को चार बाहरी लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिनमें तीन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता शामिल हैं। उनपर विश्वविद्यालय परिसर में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'ट्रैफिक जाम' की स्क्रीनिंग के दौरान छात्राओं से कथित तौर पर छेड़खानी का आरोप लगाया गया है।

फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान विश्वविद्यालय में बवाल मच गया। वाम मोर्चे के छात्रों ने इसका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद वामपंथी व दक्षिणपंथी छात्रों के गुटों के बीच झड़प हो गई। विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास ने फिल्म की स्क्रीनिंग के जेयू एलुमनी एसोसिएशन पर त्रिगुणा सेन ऑडिटोरियम का इस्तेमाल करने की मंजूरी प्रदान करने और फिर इसे रद्द करने का आरोप लगाया।

आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया है कि इस फिल्म में राज्य की तरफ से नवउदारवादी हमलों तथा दलितों पर हमलों के खिलाफ जनजाति समुदाय के विरोध को गलत ढंग से दिखाया गया है।

--आईएएनएस

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Saturday, 07 May 2016 00:00

जेएनयू में भूख हड़ताल के समर्थन में बिहार के छात्रों का चक्का जाम

पटना, 7 मई (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेताओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगाए गए जुर्माने और छात्रों के निलंबन के विरोध में शनिवार को बिहार के कई छात्र संगठनों ने चक्का जाम कर विरोध जताया।

छात्र संगठनों ने पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का परिचालन बाधित किया।

पुलिस के अनुसार, दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विभिन्न छात्र संगठनों ने संपर्क क्रांति एक्सप्रेस रोक दी और केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाए।

रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "पुलिस ने छात्रों को रेल ट्रैक से हटाकर रेल परिचालन आरंभ कर दिया।"

पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर भी वामपंथी छात्र संगठनों ने ट्रेन परिचालन बाधित किया।

आरा स्टेशन पर छात्रों ने तूफान एक्सप्रेस को रोक दिया जबकि नवादा में छात्रों ने किउल-गया पैसेंजर ट्रेन को आधे घंटे तक रोके रखा।

विरोध कर रहे छात्रों ने सरकार पर जेएनयू की प्रतिष्ठा धूमिल करने का आरोप लगाया।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि छात्र संगठनों ने विरोधास्वरूप कई रेलवे स्टेशनों पर चक्का जाम किया लेकिन अब राज्यभर में रेलों का परिचालन सामान्य है।

-आईएएनएस
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Friday, 06 May 2016 23:00

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी आयोजित करेगा रूरलमैट

जयपुर, 6 मई (आईएएनएस)। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी अपने स्कूल ऑफ रूरल मैनेजमेंट के लिए ऑनलाइन/ऑफ लाइन रूरलमैट आयोजित करने की घोषणा की है।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ रूरल मैनेजमेंट अपने फ्लैगशिप कार्यक्रम एमबीए रूरल मैनेजमेंट आयोजित करता है और इसके छात्रों ने पूरे देश में ख्यात संस्थानों में रोजगार हासिल किया है जिनमें गुजरात स्टेट वाटरशेड मैनेजमेंट एसोसिएशन (जीएसडब्ल्यूएमए), राजस्थान रूरल लाइवलीहुड मिशन, राजीव गांधी फाउण्डेशन, ग्लोबल एलाएंस फॉर इम्परूव्ड न्यूट्रेशन (जीएआइएन), सेव द चिल्ड्रन, ग्रामीण आजीविका विकास ट्रस्ट, रिलायन्स फाउण्डेशन और अन्य कई संस्थानों के नाम इसमें शामिल हैं।

इस अवसर पर आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डॉ. एस.डी. गुप्ता ने कहा, "एमबीए रूरल मैनेजमेंट कार्यक्रम का लक्ष्य आधुनिक प्रबंधन की तकनीक और उनके विनियोगों की परिकल्पनाओं को ग्रामीण प्रबंधन के परिप्रेक्ष्य में समझना, निदान और समाधान प्रबंधन का कौशल विकसित करना, ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याएं, प्लानिंग, बिल्डिंग तथा ग्रामीण इलाकों में चल रही संस्थानों के प्रबन्धन में कौशल विकास करना, ग्रामीण प्रबन्धन में परामर्श कौशल विकसित करना और बड़ी प्रष्ठभूमि के प्रतिभागियों की तरह अपने दृष्टिकोण को विशालता प्रदान करते हुए विकसित करना है।"

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने ऐसे विद्यर्थियों के लिए रूरलमैट प्लेटफॉर्म तैयार किया है जो पात्र आवेदक तो हैं लेकिन उन्हें मैट/सीमैट/कैट/एटीएमए/एक्सएटी में स्थान नहीं मिला हो और जिन्होंने अप्लाई नहीं किया हो।

-- आईएएनएस
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Friday, 06 May 2016 19:50

मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्यस्तरीय परीक्षा की अनुमति संभव : अदालत

नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) जारी रहेगी, साथ ही मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की इजाजत दी जा सकती है।

यह हालांकि सोमवार को केद्र सरकार की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले पक्ष पर निर्भर करेगा।

न्यायमूर्ति ए.आर. दवे के नेतृत्व में सर्वोच्च न्ययालय की पीठ ने स्पष्ट कर दिया कि निजी मेडिकल कॉलेजों को एनईईटी से मुक्ति नहीं मिलेगी।

सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने अदालत से कहा कि इस मुद्दे के हल के लिए राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की केंद्रीय प्राधिकारियों के साथ बैठक होने वाली है। इस पर पीठ ने संकेत दिया कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा की अनुमति दी जा सकती है।

इस मामले की सुनवाई सोमवार को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। क्योंकि राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ बैठक के नतीजों से केंद्र सरकार सोमवार को अदालत को अवगत कराएगी।

अदालत ने इस पर भी जवाब मांगा कि जो छात्र 1 मई को हुई प्रथम चरण की परीक्षा में सम्मलित हुए थे उन्हें 24 जुलाई को होने वाली एनईईटी की दूसरे चरण की परीक्षा में पुन: शामिल होने दिया जा सकता है।

इस बीच भारतीय चिकित्सा परिषद(एमसीआई) ने अदालत से कहा कि वह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए एनईईटी से छूट और राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा के पक्ष में है। लेकिन केवल उन छात्रों के लिए जो किसी कारण से 1 मई को हुई एनईईटी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए थे।

--आईएएनएस
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Friday, 06 May 2016 13:50

टैगोर स्कूल में नाभिकीय ऊर्जा पर नारा लेखन प्रतियोगिता

नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। न्यूक्लियर पॉवर कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया की ओर से नाभिकीय ऊर्जा संबंधी गलत धारणाओं को दूर करने के उद्देश्य से टैगोर सीनियर सेकेंडरी स्कूल परिसर में नारा (स्लोगन) लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई।

स्कूल प्रधानाचार्य मोहित कुमार ने एक बयान में कहा, "बेहद खुशी की बात है की नाभिकीय ऊर्जा पर स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में छात्रों ने काफी दिलचस्पी दिखाई। इतना ही नहीं बच्चों ने बड़े ही सृजनात्मक तरीके से स्लोगन लिखे।"

प्रतियोगिता में 150 से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया। प्रधानाचार्य ने विजेता छात्रों को पुरस्कार से सम्मानित किया।

इस अवसर पर परिसर में मौजूद लोगों के बीच नाभिकीय ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला सामग्री वितरित की गई। प्रतियोगिता में प्रथम आए नौवीं कक्षा के छात्र अश्विन और द्वितीय आए राहुल कश्यप ने चहरे पर खुशी के भाव के साथ बताया की वह विज्ञान और उर्जा में काफी रुचि रखते हैं।

स्कूल परीक्षकों के मुताबिक प्रतियोगिता आयोजन का मकसद नाभिकीय ऊर्जा संबंधी गलतफहमियां दूर करना था। कई राज्यों में देशव्यापी अभियान के तहत इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि स्वचछ ऊर्जा के प्रति जागरुकता फैले।

--आईएएनएस
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Friday, 06 May 2016 13:30

चीन में गणित की परीक्षा देगा रोबोट

चेंगदू, 6 मई (आईएएनएस/सिन्हुआ)। चीन में अगले साल यानी 2017 में राष्ट्रीय कॉलेज प्रवेश परीक्षा (गाओकाओ) की गणित परीक्षा में रोबोट बैठ सकता है।

प्रौद्योगिकी कंपनी चेंगदू झुन सिंग युन शू टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि इस रोबोट को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की परियोजना के तहत बनाया गया है।

योजना के अनुसार, यह रोबोट अगले साल होने वाली गाओकाओ गणित की परीक्षा में भाग लेगा, जो आम तौर पर सात जून को होती है। इस परीक्षा में लाखों चीनी छात्रों के साथ यह रोबोट भी शामिल होगा। अन्य इंसान परीक्षार्थियों की तरह ही रोबोट को भी इंटरनेट का इस्तेमाल किए बगैर दो घंटे में गणित के सवालों को हल करना होगा।

रोबोट का निर्माण करने वाली टीम के नेतृत्वकर्ता फू होंगगुआंग ने कहा कि इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए भाषा की समझ और तार्किक ज्ञान भी आवश्यक है। सवालों को समझने के लिए रोबोट में ज्ञान का विशाल डेटाबेस बनाया गया है।

इस परियोजना की शुरुआत साल 2015 में हुई थी। इसलिए रोबोट निर्माण टीम को केवल दो वर्ष का समय मिला, पर वे आश्वस्त हैं।

कंपनी ने बताया कि इस परियोजना से शिक्षा के क्षेत्र में नई जानकारियां सामने आएंगी, जिसमें उत्तर पुस्तिका एवं गृहकार्य की जांच एवं मूल्यांकन भी शामिल है, ताकि शिक्षकों पर पड़ने वाले काम के बोझ को हल्का करने में मदद मिल सके।

--आईएएनएस
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Thursday, 05 May 2016 00:00

दिल्ली विश्वविद्यालय मोदी की डिग्री सार्वजनिक करे : केजरीवाल

नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए की डिग्री सार्वजनिक करे।

कुलपति योगेश त्यागी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने मोदी के चुनावी हलफनामे का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की डिग्री है।

केजरीवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री की डिग्री से संबंधित सभी दस्तावेजों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डालना बेहतर होगा।"

उन्होंने कहा, "देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके प्रधानमंत्री कितने शिक्षित हैं।"

एक दिन पहले आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने आरोप लगाया था कि मोदी के पास दिल्ली विश्वविद्यालय की स्नातक डिग्री नही हैं।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पास मोदी की स्नातक डिग्री का कोई रिकॉर्ड नहीं है और कुछ समाचार पत्रों में जो डिग्री प्रकाशित की गई है, वह फर्जी है।

मोदी ने 2014 के चुनावी हलफनामे में कहा था कि उनके पास स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों डिग्री हैं।

हलफनामे के मुताबिक, उन्होंने 1978 में राजनीतिक विज्ञान में दिल्ली विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा का पाठ्यक्रम पूरा किया था।

केजरीवाल ने त्यागी को लिखे पत्र में लिखा है कि गुजरात विश्वविद्यालय के मुताबिक मोदी ने वहां से एमए की डिग्री हासिल की, लेकिन सवाल है कि अगर उन्होंने बीए ही नहीं किया तो उन्हें एमए में दाखिला कैसे मिल गया। ऐसे में एमए की डिग्री भी फर्जी होगी, इसलिए उनकी डिग्री से जुड़े सभी दस्तावेज तुरंत वेबसाइट पर डाले जाने चाहिए।

गुजरात विश्वविद्यालय ने हाल ही में बताया था कि मोदी ने एमए की डिग्री उसके यहां से हासिल की थी।

केजरीवाल ने त्यागी को लिखे अपने पत्र में कहा कि मोदी के पास बीए की डिग्री नहीं है, तो उनके पास एमए की डिग्री भी नहीं होगी।

बुधवार को तीन आप नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने मोदी की बीए की डिग्री के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया और उनके बजाए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क करने के लिए कहा।

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने 29 अप्रैल को दिल्ली और गुजरात यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षिक योग्यता के बारे में सूचना मांगने वाले आरटीआई आवेदनों पर उचित जवाब दें।

इससे पहले, दिल्ली विश्वविद्यालय ने आरटीआई अनुरोध के बावजूद मोदी की बीए की डिग्री से संबंधित जानकारी देने से मना कर दिया था।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने दावा किया था कि जब तक किसी छात्र का अनुक्रमांक मुहैया नहीं कराया जाए, तब तक रिकॉर्ड की तलाश करना मुश्किल होगा।

--आईएएनएस

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Thursday, 05 May 2016 18:30

मणिपुर विश्वविद्यालय में आरक्षण को लेकर तनाव

इंफाल, 5 मई (आईएएनएस)। मणिपुर विश्वविद्यालय में लगता है कि आरक्षण मुद्दे ने छात्रों का ध्रुवीकरण कर दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षिक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति एवं जनजातीय छात्रों के दाखिले के कोटे में कटौती कर दी है।

मणिपुर यूनिवर्सिटी ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एमयूटीएसयू) ने दो दिवसीय आंदोलन शुरू किया है। वे यूजीसी की नीति को लागू होने देना नहीं चाहते हैं। उधर मणिपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ ने कहा है कि इस तरह से उपद्रव वाले प्रदर्शन की जगह लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन चलाना चाहिए।

एमयूटीएसयू के सदस्यों ने अपनी मांग के समर्थन में दबाव बनाने के लिए विश्वविद्यालय के गेट को बंद कर दिया और कक्षाओं को बाधित किया। इस दौरान उन्हें दूसरे समुदाय के छात्रों के समूह के विरोध का सामना करना पड़ा। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस बारे में यूजीसी की नीति का पालन करे।

विश्वविद्यालय की डीन कमेटी ने 4 अप्रैल को यूजीसी की नीति का अनुमोदन किया।

यूजीसी की अधिसूचना के मुताबिक, अनुसूचित जाति के लिए शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति एवं छात्रों के दाखिले के लिए 15 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी का आरक्षण कोटा निर्धारित है।

मणिपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा है कि केंद्र सरकार से पैसा पाने वाले सभी विश्वविद्यालय यूजीसी की नीति का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

आरक्षण मुद्दा लेकर विश्वविद्याल परिसर में हलचल है, वहीं ज्वायंट स्टूडेंट्स को-आर्डिनेशन कमेटी(जेएससीसी) ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि विश्वविद्यालय में स्थिति सामान्य बनाने के लिए कदम उठाए।

जेएससीसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करने के लिए कदम नहीं उठाता और शैक्षिक माहौल नहीं सुधरा तो छात्र संगठन खुद अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे।

दूसरे शब्दों में कहें तो विश्वविद्यालय में परेशानी और बढ़ सकती है।

--आईएएनएस
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Thursday, 05 May 2016 14:00

दिल्ली विश्वविद्यालय मोदी की डिग्री सार्वजनिक करे : केजरीवाल


नई दिल्ली, 5 मई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए की डिग्री सार्वजनिक करे।

कुलपति योगेश त्यागी को लिखे पत्र में केजरीवाल ने मोदी के चुनावी हलफनामे का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की डिग्री का दावा किया है।

केजरीवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री की डिग्री से संबंधित सभी दस्तावेजों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डालना बेहतर होगा।"

उन्होंने कहा, "देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि उनके प्रधानमंत्री कितने शिक्षित हैं।"

--आईएएनएस
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Thursday, 05 May 2016 10:20

देसंविवि में स्टार्ट-अप इंडिया दल ने विशेष प्रशिक्षण लिया

हरिद्वार, 4 मई (आईएएनएस)। स्टार्टअप इंडिया परियोजना के तहत चल रहे कार्यक्रम में प्रशिक्षण ले रहे 40 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के एक दल ने देसंविवि में हस्तकरघा, कागज, जूट व हस्तकला से संबंधित चल रहे लघु उद्योग का अध्ययन एवं प्रशिक्षण प्राप्त किया। दल में कई राज्यों के विद्यार्थी एवं शिक्षक शामिल थे।

देसंविवि की ओर से जारी बयान के अनुसार, विवि के स्वावलंबन विभाग में उद्यमिता विकास को लेकर विभिन्न कुटीर उद्योगों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां दिन-प्रतिदिन नए लोगों को भी प्रशिक्षण देने का क्रम चल रहा है। इसी कड़ी में देश के सिक्किम, दिल्ली, मप्र, उप्र, मेघालय गुजरात आदि राज्यों में स्टार्ट-अप इंडिया परियोजना से जुड़े 40 विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का एक दल यहां पहुंचा, और दल ने हस्तकरघा, कागज, हस्तकला एवं जूट से बनाए जाने वाली विभिन्न वस्तुओं का अध्ययन किया।

देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने इस अवसर पर कहा कि भारत में छोटे-छोटे उद्योगों में कौशल विकास के जरिए लोगों को जागरूक कर उन्हें प्रशिक्षित करने से देश प्रगतिशीलता की ओर अग्रसर होगा।

उन्होंने कहा, "आज बड़े उद्योगों की नहीं, कुशल लोगों की आवश्यकता है, जिससे समाज को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।"

कार्यक्रम की संयोजक संस्था इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड और ड्रग मेनिफेक्च रिंग एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने उद्यमिता विकास एवं कौशल विकास के अंतर्गत चलाए जा रहे कार्यक्रम की सराहना की।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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खरी बात

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