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Saturday, 07 May 2016 15:50
बिहार : छात्र के अपहरण, हत्या में युवक को फांसी
मुंगेर, 7 मई (आईएएनएस)। बिहार में मुंगेर की एक अदालत ने चार साल पहले एक छात्र के अपहरण के बाद हत्या करने के मामले में शनिवार को एक युवक को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई।
मुंगेर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 10 वर्षीय छात्र आदित्य राज की अपहरण के बाद हत्या करने के आरोप में जमालपुर थाना क्षेत्र के केसोपुर नक्की नगर निवासी मनीष मंडल उर्फ नेपाली मंडल को दोषी करार देते हुए फांसी और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अपर लोक अभियोजक सुशील कुमार सिन्हा ने बताया कि नौ अप्रैल, 2012 को तीन युवकों ने नक्की नगर मुहल्ला निवासी छात्र आदित्य राज का अपहरण कर लिया था और उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार कर उसकी दोनों आंखें फोड़ दी थीं। इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। अपहर्ताओं ने छात्र के पिता से 50 हजार रुपये फिरौती की भी मांग की थी।
सिन्हा ने बताया कि न्यायाधीश श्रीवास्तव ने इस मामले को गंभीर अपराध मानते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में दो नामजद आरोपी अमित झा और मनोज कुमार अभी भी फरार हैं।
--आईएएनएस
मुंगेर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 10 वर्षीय छात्र आदित्य राज की अपहरण के बाद हत्या करने के आरोप में जमालपुर थाना क्षेत्र के केसोपुर नक्की नगर निवासी मनीष मंडल उर्फ नेपाली मंडल को दोषी करार देते हुए फांसी और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अपर लोक अभियोजक सुशील कुमार सिन्हा ने बताया कि नौ अप्रैल, 2012 को तीन युवकों ने नक्की नगर मुहल्ला निवासी छात्र आदित्य राज का अपहरण कर लिया था और उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार कर उसकी दोनों आंखें फोड़ दी थीं। इसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। अपहर्ताओं ने छात्र के पिता से 50 हजार रुपये फिरौती की भी मांग की थी।
सिन्हा ने बताया कि न्यायाधीश श्रीवास्तव ने इस मामले को गंभीर अपराध मानते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में दो नामजद आरोपी अमित झा और मनोज कुमार अभी भी फरार हैं।
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 15:40
झारखंड : बस में महिला से दुष्कर्म
रांची, 7 मई (आईएएनएस)। झारखंड के कोडरमा जिले में एक 32 वर्षीया महिला के साथ बस में कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि महिला शुक्रवार को श्री ट्रैवर्ल्स की बस में बिहार के नवादा जिले से झारखंड के कोडरमा जिला जा रही थी।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कोडरमा के तिलैया में सभी यात्रियों के बस से उतरने के बाद चालक बस को एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस का कहना है कि महिला की मेडिकल जांच की जाएगी। आरोपी को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि भाजपा शासित झारखंड में कानून-व्यवस्था का आलम यह है कि प्रत्येक आठ से नौ घंटे में औसतन एक महिला के साथ दुष्कर्म हो जाता है।
--आईएएनएस
पुलिस ने शनिवार को बताया कि महिला शुक्रवार को श्री ट्रैवर्ल्स की बस में बिहार के नवादा जिले से झारखंड के कोडरमा जिला जा रही थी।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कोडरमा के तिलैया में सभी यात्रियों के बस से उतरने के बाद चालक बस को एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस का कहना है कि महिला की मेडिकल जांच की जाएगी। आरोपी को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि भाजपा शासित झारखंड में कानून-व्यवस्था का आलम यह है कि प्रत्येक आठ से नौ घंटे में औसतन एक महिला के साथ दुष्कर्म हो जाता है।
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 15:20
असम में हाथियों का आतंक, 3 लोगों की मौत
गुवाहाटी, 7 मई (आईएएनएस)। असम के ग्वालपाड़ा जिले में हाथियों के हमलों पर नियंत्रण में नाकामी को लेकर शनिवार को स्थानीय लोगों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर यातायात अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण यहां तनाव व्याप्त है। हाथियों के हमलों में तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
जिले के गेंदरापाड़ा गांव में शुक्रवार रात हाथियों के हमले में एक परिवार के तीन सदस्यों-दो महिलाएं व एक शिशु की मौत हो गई।
स्थानीय लोगों ने तीनों के शवों को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 37 पर रखकर वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई व पीड़ित के परिजनों को मुआवजे देने की मांग को लेकर यातायात अवरुद्ध कर दिया।
सड़क पर यातायात बहाल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से गेंदरापाड़ा जिले में एक जंगली हाथी तथा अन्य इलाकों में कुछ और हाथियों ने आतंक मचा रखा है।
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, "हमने इसकी सूचना वन अधिकारियों को दी। लेकिन हाथियों को गांवों से खदेड़ने के लिए वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।"
--आईएएनएस
जिले के गेंदरापाड़ा गांव में शुक्रवार रात हाथियों के हमले में एक परिवार के तीन सदस्यों-दो महिलाएं व एक शिशु की मौत हो गई।
स्थानीय लोगों ने तीनों के शवों को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 37 पर रखकर वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई व पीड़ित के परिजनों को मुआवजे देने की मांग को लेकर यातायात अवरुद्ध कर दिया।
सड़क पर यातायात बहाल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से गेंदरापाड़ा जिले में एक जंगली हाथी तथा अन्य इलाकों में कुछ और हाथियों ने आतंक मचा रखा है।
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, "हमने इसकी सूचना वन अधिकारियों को दी। लेकिन हाथियों को गांवों से खदेड़ने के लिए वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।"
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 15:20
गोवा : दुष्कर्म मामले की तीसरी आरोपी का समर्पण
पणजी, 7 मई (आईएएनएस)। गोवा में नाबालिग से दुष्कर्म और मानव तस्करी के जिस मामले में पूर्व मंत्री अतनेसियो मोंसेराते को गिरफ्तार किया गया है, उस मामले की तीसरी आरोपी रोजी फेरूर ने शनिवार को अपराध शाखा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
फेरूर पर पीड़िता को उसकी मां के साथ सांठगांठ कर निर्दलीय विधायक मोंसेराते को 50 लाख रुपये में बेचने का आरोप है।
मोंसेराते और पीड़िता की मां को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। दोनों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। गोवा पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार रात जब से प्राथमिकी दर्ज की थी, उसके बाद से ही फेरूर लापता थी। उसने शनिवार को समर्पण कर दिया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, "उसने शनिवार को दोपहर के आसपास अपराध शाखा के समक्ष समर्पण कर दिया।" सूत्रों का कहना है कि उसे गिरफ्तार कर चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजे जाने की संभावना है।
मोंसेराते के खिलाफ धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 328 (चोट पहुंचाना), 370 (जबरन रोकना), 376 (दुष्कर्म) और यौन बाल यौन अपराध रोकथाम अधिनियम और गोवा बाल अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़िता की मां के खिलाफ मानव तस्करी और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
--आईएएनएस
फेरूर पर पीड़िता को उसकी मां के साथ सांठगांठ कर निर्दलीय विधायक मोंसेराते को 50 लाख रुपये में बेचने का आरोप है।
मोंसेराते और पीड़िता की मां को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। दोनों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। गोवा पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार रात जब से प्राथमिकी दर्ज की थी, उसके बाद से ही फेरूर लापता थी। उसने शनिवार को समर्पण कर दिया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, "उसने शनिवार को दोपहर के आसपास अपराध शाखा के समक्ष समर्पण कर दिया।" सूत्रों का कहना है कि उसे गिरफ्तार कर चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजे जाने की संभावना है।
मोंसेराते के खिलाफ धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 328 (चोट पहुंचाना), 370 (जबरन रोकना), 376 (दुष्कर्म) और यौन बाल यौन अपराध रोकथाम अधिनियम और गोवा बाल अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़िता की मां के खिलाफ मानव तस्करी और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 15:20
मुंबई में दीवार ढहने से 1 की मौत
मुंबई, 7 मई (आईएएनएस)। पूवरेत्तर मुंबई में कंजुरमार्ग के कर्वेनगर में एक इमारत की दीवार ढहने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया।
यह घटना एमएमआरडीए कॉम्प्लेक्स की इमारत संख्या तीन में सुबह लगभग 9.30 बजे हुई। जिस समय यह हादसा हुआ, दो मजदूर सीमेंट की दीवारों से लकड़ी के कवर हटा रहे थे।
मलबे में दबे एक मजदूर इंद्रजीत वी.चव्हाण (20) को मलबे से बाहर निकालकर राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गाय।
बीएमसी आपदा नियंत्रण के एक अधिकारी ने बताया कि अन्य मजदूर को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। मलबे में दबे मजदूर की पहचान महेश के.दशरथ के रूप में हुई है।
बचाव कार्यो में तीन अग्निशमनकर्मी और अन्य बचाव एजेंसियां लगी हैं।
--आईएएनएस
यह घटना एमएमआरडीए कॉम्प्लेक्स की इमारत संख्या तीन में सुबह लगभग 9.30 बजे हुई। जिस समय यह हादसा हुआ, दो मजदूर सीमेंट की दीवारों से लकड़ी के कवर हटा रहे थे।
मलबे में दबे एक मजदूर इंद्रजीत वी.चव्हाण (20) को मलबे से बाहर निकालकर राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गाय।
बीएमसी आपदा नियंत्रण के एक अधिकारी ने बताया कि अन्य मजदूर को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। मलबे में दबे मजदूर की पहचान महेश के.दशरथ के रूप में हुई है।
बचाव कार्यो में तीन अग्निशमनकर्मी और अन्य बचाव एजेंसियां लगी हैं।
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 15:10
बिहार में नाबालिग के सााथ सामूहिक दुष्कर्म, 1 गिरफ्तार
समस्तीपुर, 7 मई (आईएएनएस)। बिहार में समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक नाबालिग के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने त्वरित कारवाई करते हुए एक अरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार, पाड़ गांव की 10 साल की बच्ची गांव में ही एक शादी समारोह में गई थी, जहां देर रात चार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। बाद में अपराधियों ने एक मक्के के खेत में उसके साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों ने बेरहमी से नाबालिग पीड़िता के शरीर को कई जगहों पर जख्मी भी कर दिया।
बच्ची के घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। इस दौरान वह खेत में अचेतावस्था में मिली। पीड़िता को चिंताजनक स्थिति में समस्तीपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया।
दलसिंहसराय के थाना प्रभारी सुबोध चौधरी ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि इस मामले में पीड़िता के परिजनों के बयान के आधार पर एक दलसिंहसराय थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, जिसमें गांव के ही चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने आरोपी दीपक पासवान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
--आईएएनएस
पुलिस के अनुसार, पाड़ गांव की 10 साल की बच्ची गांव में ही एक शादी समारोह में गई थी, जहां देर रात चार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। बाद में अपराधियों ने एक मक्के के खेत में उसके साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपियों ने बेरहमी से नाबालिग पीड़िता के शरीर को कई जगहों पर जख्मी भी कर दिया।
बच्ची के घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। इस दौरान वह खेत में अचेतावस्था में मिली। पीड़िता को चिंताजनक स्थिति में समस्तीपुर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया।
दलसिंहसराय के थाना प्रभारी सुबोध चौधरी ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि इस मामले में पीड़िता के परिजनों के बयान के आधार पर एक दलसिंहसराय थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, जिसमें गांव के ही चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने आरोपी दीपक पासवान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 14:50
मणिपुर : मुख्यमंत्री ने बेसहारा महिला के लिए स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित की
इंफाल, 7 मई (आईएएनएस)। तलाकशुदा महिला आर. के. तंफासना 2011 से बिस्तर पर हैं। अपने इलाज के लिए पैसे न होने के कारण अकेली और बेसहारा तंफासना ऐसे ही बेबस और लाचार जिंदगी काटने पर मजबूर थीं। लेकिन सोमवार को स्थानीय चैनल 'आईएसटीवी' पर उनकी कहानी प्रसारित होने के बाद अचानक स्थिति बदल गई। राज्य सरकार ने उनकी मदद के लिए अब कदम बढ़ाया है।
तंफासना कई सालों से अपने बेटे की शिक्षा के लिए उधार लेती रहीं और यह रकम 78,000 पहुंच चुकी है। उस पर उनका खराब स्वास्थ्य उनके लिए एक परेशानी बन चुका था। बीमारी के कारण उनके पैरों को काटने की नौबत आ गई है, लेकिन उसके लिए भी उनके पास पैसे नहीं हैं।
हालांकि उनके इस दुखद हालत ने यहां कई लोगों का दिल पिघला दिया और उन्होंने उनकी जांच के लिए चिकित्सकों को बुलवाया।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने आईएएनएस से कहा, "प्रारंभिक जांच के बाद हम उनका इलाज शुरू करेंगे। हम चाहते हैं कि उनके स्वास्थ्य में सुधार आए ताकि वह सामान्य जिंदगी बिता सकें।"
तंफासना की कहानी टेलीविजन चैनल पर प्रसारित हुई थी। उसमें कहा गया था कि उन्हें मणिपुर के समाज कल्याण मंत्री ए. मीराबाई से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद सत्ता पक्ष हरकत में आया।
तंफासना की कहानी का एक राजनीतिक पहलू भी है। इंफाल में दो जून को होने जा रहे स्थानीय चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने इस मामले की राजनीतिक अहमियत समझी और शुक्रवार को यहां जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस(जेएनआईएमएस) के चिकित्सक तंफासना की जांच के लिए यहां से नजदीक टेरा में स्थित उनके घर पहुंचे।
मुख्यमंत्री मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष हैं, इसलिए इस मामले में उनका हस्तक्षेप स्वाभाविक है।
जेएनआईएमएस के निदेशक देवेन लैशराम ने कहा, "हम उनके ऑपरेशन, दवाइयों और पूरे इलाज का इंतजाम मुफ्त में करेंगे। अस्पताल केवल पैसे वालों के लिए ही नहीं होता।"
स्थानीय व्यापारी गीतचंद्र शर्मा ने तंफासना के परिवार के एक काबिल सदस्य को नौकरी देने का भी वादा किया है।
हालात बदलते देखकर तंफासना के परिवार को अब उम्मीद है कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो पाएंगी।
--आईएएनएस
तंफासना कई सालों से अपने बेटे की शिक्षा के लिए उधार लेती रहीं और यह रकम 78,000 पहुंच चुकी है। उस पर उनका खराब स्वास्थ्य उनके लिए एक परेशानी बन चुका था। बीमारी के कारण उनके पैरों को काटने की नौबत आ गई है, लेकिन उसके लिए भी उनके पास पैसे नहीं हैं।
हालांकि उनके इस दुखद हालत ने यहां कई लोगों का दिल पिघला दिया और उन्होंने उनकी जांच के लिए चिकित्सकों को बुलवाया।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने आईएएनएस से कहा, "प्रारंभिक जांच के बाद हम उनका इलाज शुरू करेंगे। हम चाहते हैं कि उनके स्वास्थ्य में सुधार आए ताकि वह सामान्य जिंदगी बिता सकें।"
तंफासना की कहानी टेलीविजन चैनल पर प्रसारित हुई थी। उसमें कहा गया था कि उन्हें मणिपुर के समाज कल्याण मंत्री ए. मीराबाई से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद सत्ता पक्ष हरकत में आया।
तंफासना की कहानी का एक राजनीतिक पहलू भी है। इंफाल में दो जून को होने जा रहे स्थानीय चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने इस मामले की राजनीतिक अहमियत समझी और शुक्रवार को यहां जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस(जेएनआईएमएस) के चिकित्सक तंफासना की जांच के लिए यहां से नजदीक टेरा में स्थित उनके घर पहुंचे।
मुख्यमंत्री मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष हैं, इसलिए इस मामले में उनका हस्तक्षेप स्वाभाविक है।
जेएनआईएमएस के निदेशक देवेन लैशराम ने कहा, "हम उनके ऑपरेशन, दवाइयों और पूरे इलाज का इंतजाम मुफ्त में करेंगे। अस्पताल केवल पैसे वालों के लिए ही नहीं होता।"
स्थानीय व्यापारी गीतचंद्र शर्मा ने तंफासना के परिवार के एक काबिल सदस्य को नौकरी देने का भी वादा किया है।
हालात बदलते देखकर तंफासना के परिवार को अब उम्मीद है कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो पाएंगी।
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 14:30
सूखे की स्थिति पर प्रधानमंत्री से मिले अखिलेश
नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में खासतौर से सूखा प्रभावित बुंदेलखंड में पानी संकट पर समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच तू-तू मैं-मैं के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
अखिलेश ने प्रधानमंत्री से राज्य में सूखे और जल संकट की स्थिति पर चर्चा की। उत्तर प्रदेश सूखा और जलसंकट से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने उनकी सरकार द्वारा किसानों और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए किए गए कार्यो से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया, "उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में सूखे की स्थिति पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ प्रधानमंत्री की फलदायक चर्चा हुई। राज्य में सूखे से निपटने के लिए उठाए गए कई कदमों के बारे में बैठक में विस्तृत चर्चा हुई।"
एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "जलपुनर्भरन और संरक्षण के लिए मानसून शुरू होने से पहले की अवधि का प्रभावी इस्तेमाल करने के बारे में भी अखिलेश और मैंने चर्चा की। नवीन प्रौद्योगिकी और समुदायिक भागीदारी खास तौर से नारी शक्ति सूखा प्रबंधन में प्रभावी भूमिका निभा सकती है।"
--आईएएनएस
अखिलेश ने प्रधानमंत्री से राज्य में सूखे और जल संकट की स्थिति पर चर्चा की। उत्तर प्रदेश सूखा और जलसंकट से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री ने उनकी सरकार द्वारा किसानों और सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए किए गए कार्यो से भी प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर बताया, "उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में सूखे की स्थिति पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ प्रधानमंत्री की फलदायक चर्चा हुई। राज्य में सूखे से निपटने के लिए उठाए गए कई कदमों के बारे में बैठक में विस्तृत चर्चा हुई।"
एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, "जलपुनर्भरन और संरक्षण के लिए मानसून शुरू होने से पहले की अवधि का प्रभावी इस्तेमाल करने के बारे में भी अखिलेश और मैंने चर्चा की। नवीन प्रौद्योगिकी और समुदायिक भागीदारी खास तौर से नारी शक्ति सूखा प्रबंधन में प्रभावी भूमिका निभा सकती है।"
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 13:40
पाकिस्तान-इंडिया फोरम की वी.के. सिंह से अपील, संसद को भ्रमित न करें
मुंबई, 7 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी (पीआईपीएफपीडी) ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री वी.के.सिंह से दोनों देशों की जेलों में बंद कैदियों के मुद्दे पर संसद को भ्रमित नहीं करने का आग्रह किया।
पीआईपीएफपीडी ने वी.के.सिह द्वारा दोनों देशों के बीच मई 2008 में हुए द्विपक्षीय समझौते पर संसद में उनके बयानों पर आपत्ति दर्ज की।
वी.के.सिंह ने कैदियों पर भारत-पाकिस्तान संयुक्त न्यायिक समिति (आईपीजेजेसीपी) की प्रत्येक छह महीने में हो रही बैठक, स्थितियों में सुधार के लिए जेल दौरे, कैदियों के इलाज और उनकी रिहाई के बारे में जानकारी दी थी।
पीआईपीएपपीडी के महासचिव जतिन देसाई ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, "तथ्य यह है कि आईपीजेजेसीपी की बैठक पिछले दो से अधिक वर्षो से हुई ही नहीं। हमारी मांग है कि इस समिति को अधिक सक्रिय होना चाहिए।"
देसाई ने कहा, "हम भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सरकारों से कहना चाहते हैं कि इस समिति के कार्यो को दोनों देशों की सरकारों के सहयोग की जरूरत है और इस संबंध में तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि आईपीजेजेसीपी का गठन 2008 में हुआ था और दोनों देशों की जेलों में रह रहे कैदियों के मानवाधिकारों को सुनिश्चित करना इसका कार्य है।
गौरतलब है कि पांच मई को अलग-अलग देशों में गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों के मुद्दे को राज्यसभा में उठाया गया था। संसद में बताया गया था कि चार देशों में भारत के 272 मछुआरे बंद है।
इसमें पाकिस्तान में 220, श्रीलंका में 34, बांग्लादेश में 10 और ईरान में आठ मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है।
देसाई ने कहा कि पीआईपीएफपीडी ने मार्च में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दोनों देशों की जेलों में कैद और मर चुके मछुआरों के शवों को सौंपे जाने में हो रही देरी को लेकर पत्र लिखा था।
--आईएएनएस
पीआईपीएफपीडी ने वी.के.सिह द्वारा दोनों देशों के बीच मई 2008 में हुए द्विपक्षीय समझौते पर संसद में उनके बयानों पर आपत्ति दर्ज की।
वी.के.सिंह ने कैदियों पर भारत-पाकिस्तान संयुक्त न्यायिक समिति (आईपीजेजेसीपी) की प्रत्येक छह महीने में हो रही बैठक, स्थितियों में सुधार के लिए जेल दौरे, कैदियों के इलाज और उनकी रिहाई के बारे में जानकारी दी थी।
पीआईपीएपपीडी के महासचिव जतिन देसाई ने शनिवार को आईएएनएस को बताया, "तथ्य यह है कि आईपीजेजेसीपी की बैठक पिछले दो से अधिक वर्षो से हुई ही नहीं। हमारी मांग है कि इस समिति को अधिक सक्रिय होना चाहिए।"
देसाई ने कहा, "हम भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सरकारों से कहना चाहते हैं कि इस समिति के कार्यो को दोनों देशों की सरकारों के सहयोग की जरूरत है और इस संबंध में तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि आईपीजेजेसीपी का गठन 2008 में हुआ था और दोनों देशों की जेलों में रह रहे कैदियों के मानवाधिकारों को सुनिश्चित करना इसका कार्य है।
गौरतलब है कि पांच मई को अलग-अलग देशों में गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों के मुद्दे को राज्यसभा में उठाया गया था। संसद में बताया गया था कि चार देशों में भारत के 272 मछुआरे बंद है।
इसमें पाकिस्तान में 220, श्रीलंका में 34, बांग्लादेश में 10 और ईरान में आठ मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है।
देसाई ने कहा कि पीआईपीएफपीडी ने मार्च में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को दोनों देशों की जेलों में कैद और मर चुके मछुआरों के शवों को सौंपे जाने में हो रही देरी को लेकर पत्र लिखा था।
--आईएएनएस
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Saturday, 07 May 2016 00:00
जेएनयू में भूख हड़ताल के समर्थन में बिहार के छात्रों का चक्का जाम
पटना, 7 मई (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेताओं पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लगाए गए जुर्माने और छात्रों के निलंबन के विरोध में शनिवार को बिहार के कई छात्र संगठनों ने चक्का जाम कर विरोध जताया।
छात्र संगठनों ने पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का परिचालन बाधित किया।
पुलिस के अनुसार, दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विभिन्न छात्र संगठनों ने संपर्क क्रांति एक्सप्रेस रोक दी और केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाए।
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "पुलिस ने छात्रों को रेल ट्रैक से हटाकर रेल परिचालन आरंभ कर दिया।"
पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर भी वामपंथी छात्र संगठनों ने ट्रेन परिचालन बाधित किया।
आरा स्टेशन पर छात्रों ने तूफान एक्सप्रेस को रोक दिया जबकि नवादा में छात्रों ने किउल-गया पैसेंजर ट्रेन को आधे घंटे तक रोके रखा।
विरोध कर रहे छात्रों ने सरकार पर जेएनयू की प्रतिष्ठा धूमिल करने का आरोप लगाया।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि छात्र संगठनों ने विरोधास्वरूप कई रेलवे स्टेशनों पर चक्का जाम किया लेकिन अब राज्यभर में रेलों का परिचालन सामान्य है।
-आईएएनएस
छात्र संगठनों ने पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का परिचालन बाधित किया।
पुलिस के अनुसार, दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विभिन्न छात्र संगठनों ने संपर्क क्रांति एक्सप्रेस रोक दी और केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाए।
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "पुलिस ने छात्रों को रेल ट्रैक से हटाकर रेल परिचालन आरंभ कर दिया।"
पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर भी वामपंथी छात्र संगठनों ने ट्रेन परिचालन बाधित किया।
आरा स्टेशन पर छात्रों ने तूफान एक्सप्रेस को रोक दिया जबकि नवादा में छात्रों ने किउल-गया पैसेंजर ट्रेन को आधे घंटे तक रोके रखा।
विरोध कर रहे छात्रों ने सरकार पर जेएनयू की प्रतिष्ठा धूमिल करने का आरोप लगाया।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि छात्र संगठनों ने विरोधास्वरूप कई रेलवे स्टेशनों पर चक्का जाम किया लेकिन अब राज्यभर में रेलों का परिचालन सामान्य है।
-आईएएनएस
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