जेएनयू में भूख हड़ताल के समर्थन में बिहार के छात्रों का चक्का जाम
छात्र संगठनों ने पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों का परिचालन बाधित किया।
पुलिस के अनुसार, दरभंगा रेलवे स्टेशन पर विभिन्न छात्र संगठनों ने संपर्क क्रांति एक्सप्रेस रोक दी और केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाए।
रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "पुलिस ने छात्रों को रेल ट्रैक से हटाकर रेल परिचालन आरंभ कर दिया।"
पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर भी वामपंथी छात्र संगठनों ने ट्रेन परिचालन बाधित किया।
आरा स्टेशन पर छात्रों ने तूफान एक्सप्रेस को रोक दिया जबकि नवादा में छात्रों ने किउल-गया पैसेंजर ट्रेन को आधे घंटे तक रोके रखा।
विरोध कर रहे छात्रों ने सरकार पर जेएनयू की प्रतिष्ठा धूमिल करने का आरोप लगाया।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि छात्र संगठनों ने विरोधास्वरूप कई रेलवे स्टेशनों पर चक्का जाम किया लेकिन अब राज्यभर में रेलों का परिचालन सामान्य है।
-आईएएनएस
सत्ता की भूखी भाजपा कर रही लोकतंत्र की हत्या : सोनिया
नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर सरकार पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के निर्देशों पर कांग्रेस को झुकाने का प्रयास कर रही है, मगर उनकी पार्टी नहीं झुकेगी।
राजधानी में हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, "यहां से एक सख्त संदेश जाना चाहिए और यह न सिर्फ रायसीना की पहाड़ियों में रहनेवालों को सुनाई देना चाहिए, बल्कि नागपुर तक जाना चाहिए, जिनके निर्देशों पर मोदी सरकार चलती है।"
इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पुत्र व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद थे।
रायसीना की पहाड़ी का उल्लेख उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के संदर्भ में किया जबकि नागपुर से उनका आशय आरएसएस के नागपुर स्थित मुख्यालय से था।
'सोनिया गांधी जिंदाबाद' के नारों के चिल्लाहट के बीच उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मोदी सरकार 'जनादेश के साथ विश्वासघात कर रही है, ऐसा लगता है कि उनके दिन पूरे हो गए हैं।'
सोनिया गांधी ने अपने 15 मिनट के भाषण में एक बार भी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे का जिक्र नहीं किया, जिस मामले को लेकर सरकार उन पर और पूर्व कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा, "मैं सरकार को सावधान करना चाहती हूं कि वह कांग्रेस को कमजोर समझने की गलती नहीं करे। कांग्रेस कभी भी अन्याय के आगे नहीं झुकेगी।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ हमलावर रुख अपनाते हुए शुक्रवार को कहा कि भाजपा सत्ता की भूखी है और उसका एकमात्र मकसद सत्ता हासिल करना है, जिसके लिए वह गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को हर कीमत पर अस्थिर करने में जुटी है।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा के आरोपों का सामना कर रही सोनिया ने अब भाजपा पर सत्ता के लिए किसी भी हद तक जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां लोकतंत्र बचाओ मार्च को संबोधित करते हुए कहा, "सत्ता के लिए भाजपा की भूख बढ़ती जा रही है, जिसे मिटाने के लिए वे राज्यों की लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकारों को गिराने में लगे हैं।"
उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र को लेकर चिंतित नहीं है, बल्किा उसका एकमात्र इरादा 'हर जगह सत्ता हासिल करना है।' उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मानवता के मौलिक सिद्धांतों की रक्षा के लिए बलिदान दिया है।
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा कांग्रेस के खिलाफ बढ़ते हमले को 'राष्ट्र विरोधी' करार देते हुए कहा कि 'हमारे लिए राष्ट्र विरोधी तत्वों से लड़ना कोई नई बात नहीं है।'
सोनिया ने कहा, "जिंदगी ने मुझे संघर्ष करना सिखाया है, हमने कई चुनौतियों का सामना किया है। वे नहीं जानते कि हम किस मिट्टी के बने हैं।"
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी भाजपा नेतृत्व तथा उसकी वैचारिक संस्था आरएसएस पर हमला करते हुए कहा, "देश केवल दो ही व्यक्ति चला रहे हैं- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत। जो भी उनके खिलाफ कुछ बोलता है, उसपर झूठे आरोप लगा दिए जाते हैं।"
राहुल ने जंतर-मंतर पर कहा, "देश में इन दिनों दो ही लोगों की आवाज सुनी जाती है, नरेंद्र मोदी जी और मोहन भागवत जी।"
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की आलोचना करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार तमाम तरह के झूठे आरोप लगा देती है।
केंद्र सरकार के खिलाफ 'लोकतंत्र बचाओ' मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के कई नेताओं ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने में सभी कानूनों को ताक पर रख दिया।
--आईएएनएस
पं. बंगाल चुनाव : अंतिम चरण में 87 फीसदी मतदान
कोलकाता, 6 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के अंतिम चरण में गुरुवार को 86.76 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इस चरण में कुल 25 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान कराया गया जिसमें पूर्वी मिदनापुर के 16 और कूच बिहार के 9 जिले शामिल थे। इनमें कुल 58,04,019 पंजीकृत मतदाता थे।
पूर्वी मिदनापुर में औसत मतदान 87.17 फीसदी रहा, जबकि कूच बिहार में 86.05 फीसदी मतदान हुआ।
पूर्वी मिदनापुर के हल्दिया विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 90.09 फीसदी मतदान हुआ।
सबसे कम मतदान कूच बिहार के दिनहाता निर्वाचन क्षेत्र में 81,49 फीसदी हुआ।
पूर्वी मिदनापुर के नंदीग्राम क्षेत्र में 87.14 फीसदी मतदान हुआ।
--आईएएनएस
अगस्ता के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा : पर्रिकर
नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। अगस्ता वेस्टलैंड रिश्वतखोरी मामले में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने संसद में शुक्रवार को कहा कि इस मामले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सत्तापक्ष पर पलटवार करते हुए सड़क पर उतरीं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा में जोर देते हुए कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले का हाल बोफोर्स मामले जैसा नहीं होगा और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोषी लोगों को कानून के कठघरे में खड़ा करने में सक्षम है।
पर्रिकर ने कहा, "मैं आप सबको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम नाकाम नहीं होंगे। हम जो बोफोर्स कांड में नहीं कर सके, वह अगस्ता वेस्टलैंड मामले में करेंगे।"
नियम 197 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों अनुराग ठाकुर व निशिकांत दूबे, सौगत रॉय (तृणमूल कांग्रेस) व ज्योतिरादित्य सिंधिया (कांग्रेस) द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में पर्रिकर की यह प्रतिक्रिया सामने आई।
स्वीडन की बोफोर्स एबी कंपनी पर 155 मिलीमीटर की होवित्जर तोपों का ठेका पाने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगा। इस विवाद के कारण सन् 1989 में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार को लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा राहुल गांधी संसद के बाहर सड़क पर उतरे और नरेंद्र मोदी सरकार को चेताया कि कांग्रेस कोई 'कमजोर' पार्टी नहीं है।
लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मामले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की। मांग नहीं माने जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, खड़गे व अन्य कांग्रेस सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
जंतर-मंतर पर हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के निर्देश पर चलने का आरोप लगाया।
समर्थकों द्वारा सोनिया गांधी जिंदाबाद के नारों के बीच उन्होंने कहा, "मैं सरकार को चेताना चाहती हूं कि वह कांग्रेस को एक कमजोर पार्टी समझने की भूल न करे।"
उन्होंने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, "यहां से एक कड़ा संदेश जाना चाहिए और इसे केवल रायसीना हिल्स ही नहीं, बल्कि नागपुर में उन लोगों तक पहुंचना चाहिए, जिनके निर्देश पर मोदी सरकार काम करती है।"
उधर, सदन में कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए पर्रिकर ने एंटनी के प्रति सद्भाव जताते हुए उन्हें 'बेचारा' करार दिया।
पर्रिकर ने कहा, "बेचारे एंटनी साहब के हाथ बंधे थे।" उन्होंने कहा कि इस मामले में इटली में साल 2012 में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी हुई थी।
रक्षा मंत्री ने कहा, "..क्योंकि एंटनी अपनी छवि बचाए रखना चाहते थे। इसलिए दो से तीन घंटे के भीतर उन्होंने फाइल को आगे बढ़वाया, दस्तावेजों को मंजूरी दी और सीबीआई जांच का आदेश दे दिया।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "हेलीकॉप्टर के फील्ड ट्रायल का एंटनी ने विरोध किया था, लेकिन बाद में उन्हें अपना रुख बदलने के लिए समझा लिया गया।"
रक्षा मंत्री ने हालांकि कहा कि सीबीआई ने जनवरी 2014 तक मामले में कुछ नहीं किया।
वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को 'सिंहनी' करार दिया और कहा कि अगस्ता मामले में उनका नाम किसी भी प्रामाणिक दस्तावेज में नहीं आया है।
लोकसभा में सिंधिया ने भाजपा नेताओं द्वारा अपने भाषणों में इशारों में सोनिया गांधी पर निशाना साधने के लिए भाजपा पर हमला किया।
सिंधिया ने सत्ता पक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, "सोनिया गांधी एक सिंहनी हैं, जिनसे उन्हें (भाजपा) डर लगता है।"
अगस्ता वेस्टलैंड के भारत स्थित कार्यालय में इटली के एक अधिकारी पीटर हुलेट के एक पत्र का संदर्भ देते हुए सिंधिया ने कहा, "हुलेट ने लिखा है कि सोनिया गांधी तथा उनके सलाहकार ऐसे लोग हैं, जिनका उच्चायुक्त को सम्मान करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "बिना हस्ताक्षर वाले अप्रमाणिक कागज के टुकड़ों के अलावा, गांधी का नाम किसी भी प्रामाणिक दस्तावेज में कहीं नहीं है।"
लोकसभा में शुक्रवार का दिन बेहद हंगामेदार रहा, जहां अगस्ता वेस्टलैंड मामले को लेकर सत्ता तथा विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा।
--आईएएनएस
नेपाल की राष्ट्रपति का भारत दौरा रद्द, कुंभ हादसे को वजह बताया
काठमांडू, 6 मई (आईएएनएस)। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी का नौ मई से प्रस्तावित भारत दौरा रद्द हो गया है। उन्होंने दौरा रद्द किए जाने की वजह सिंहस्थ कुंभ हादसे को बताया है।
भंडारी ने भारतीय पत्रकार दीपक कुमार से एक घंटे लंबी मुलाकात में कहा उन्होंने उज्जैन में गुरुवार को कुंभ मेले में आंधी-तूफान की वजह से 7 श्रद्धालुओं के मारे जाने के कारण भारत दौरा रद्द किया।
दीपक कुमार ने आईएएनएस को बताया कि नेपाल की राष्ट्रपति ने कहा, "मैं प्रणव मुखर्जी (राष्ट्रपति) से मिलने को काफी उत्सुक थी। लेकिन, अब हम किसी और मौके पर मुलाकात करेंगे।"
उन्होंने कहा, "मुझे यह सुनकर बेहद दुख हो रहा है कि उज्जैन में लोगों की मौत हुई।"
यहां नेपाली अधिकारियों ने दौरे के अचानक रद्द होने की कोई वजह नहीं बताई है।
लेकिन, कूटनीतिक सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली का भारत के प्रति रुख इस दौरे के रद्द होने के लिए जिम्मेदार है। यह दौरा 9 मई से होने वाला था। यह राष्ट्रपति भंडारी का भारत का पहला औपचारिक दौरा होता।
राष्ट्रपति भंडारी के मुख्य निजी सहायक भेष राज अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मंत्रिमंडल की गुरुवार और शुक्रवार को दो बैठकें हुईं, लेकिन उनके दौरे, प्रतिनिधिमंडल और एजेंडे को मंजूरी नहीं मिल पाई।
विदेश मंत्रालय ने दौरा रद्द किए जाने की जानकारी भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को दे दी है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आमंत्रण पर भंडारी भारत के अपने पहले दौरे पर अगले सप्ताह आने वाली थीं। बुधवार को पत्रकारों के सवाल के जवाब में भंडारी ने कहा था कि अपने दक्षिणी पड़ोसी देश का यह सद्भावना दौरा होगा।
उन्होंने कहा था कि उनके दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा था, "मैं भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को नेपाल दौरे के लिए आमंत्रित करूंगी।"
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, भंडारी नौ मई को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल होने वाली थीं और इसके बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एवं अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ बैठक करने वाली थीं।
भंडारी 11 मई को मध्य प्रदेश के उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ मेले में जाने वाली थीं। वहां वह महिला सशक्तीकरण पर व्याख्यान भी देने वाली थीं।
दीपक कुमार ने राष्ट्रपति भंडारी को अपनी किताब 'नेपाल एलेक्शन्स: फैक्ट्स एंड फिगर्स' की प्रति भेंट की। इस किताब में नेपाल में हुए सभी चुनावों का ब्योरा दिया गया है।
भंडारी ने इस मौके पर कहा कि भारत और नेपाल को अपने मतभेदों को किनारे रखकर उन मुद्दों पर साथ मिलकर काम करना चाहिए जिन पर कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि वह हर हाल में भारत से संबंध सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
--आईएएनएस
गोवा : दुष्कर्म का आरोपी विधायक 3 दिन की पुलिस हिरासत में
पणजी, 6 मई (आईएएनएस)। गोवा के विधायक अतनेसियो मोंसेराते को एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। मोंसेराते पर एक नाबालिग लड़की को खरीदने और उसके साथ कई बार दुष्कर्म करने का आरोप है।
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, वैशाली लोटलिकर ने पीड़ित लड़की की मां को भी तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। उस पर उसकी नाबालिग बेटी को एक दलाल के माध्यम से मोंसेराते के हाथों बेचने का आरोप है।
मोंसेराते के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ शिकायत राजनीति से प्रेरित है और कई राजनीतिक ताकतें पुलिस के माध्यम से 2017 के विधानसभा चुनाव से पूर्व उनपर कीचड़ उछाल रही हैं।
वकील राजीव गोम्स ने आईएएनएस से कहा, "मेरे मुवक्किल को तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। हमने अदालत को बताया कि किस तरह से मामले की संवेदनशील जानकारी मीडिया को जारी की गई है। यह मामला एक राजनीतिक साजिश है, जिसमें पीड़िता को शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया गया है।"
यह पूछने पर कि क्या वह गोवा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर मोंसेराते के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं? गोम्स ने कहा, "मैं ऐसा नहीं कह रहा हूं, लेकिन इस मामले के पीछे किसी तरह की राजनीतिक साजिश है।"
पुलिस ने मोंसेराते और लड़की की मां को गुरुवार को दुष्कर्म, तस्करी और गुलाम बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया। जबकि दलाल की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापे मारे जा रहे हैं।
मोंसेराते 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। लेकिन भाजपा नेतृत्व के साथ कथित मेलजोल बढ़ाने के बाद उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था।
वह भाजपा नेतृत्व वाली गोवा सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
--आईएएनएस
उप्र : रामलला की शरण लेंगे केशव
लखनऊ, 6 मई (आईएएनएस/आईपीएन)। आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनियुक्त उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को अयोध्या के रामलला की याद आ ही गई। यह अलग बात है कि मौर्य ने स्वयं के अध्यक्ष घोषित होने के बाद स्पष्ट कहा था कि 'रामलला हमारे आस्था के केंद्र हैं, राम मंदिर राजनीतिक मुद्दा नहीं है।'
अब दूसरे रास्ते से ही सही, लेकिन केशव जनता में यह संदेश देना चाहते हैं कि राम मंदिर और रामलला के वह काफी नजदीक हैं। यही कारण है कि मौर्य 7 मई को अयोध्या जाएंगे और वहां रामलला के दर्शन और पूजन करेंगे।
रामलला के दर्शन के बाद मौर्य लगातार जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के सिलसिले में 12 मई तक व्यस्त रहेंगे। इस दौरान वह दो विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के चुनावी कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।
पार्टी प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि मौर्य शनिवार को सुबह नौ बजे लखनऊ से बाराबंकी होते हुए फैजाबाद पहुंचेंगे। फैजाबाद में प्रमुख नेताओं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं से भेंट करने के बाद वह अयोध्या जाएंगे। मौर्य अयोध्या में रामलला के मंदिर एवं हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। इसके बाद बस्ती जाकर रात्रि विश्राम करेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि मौर्य 8 मई को बस्ती, खलीलाबाद होते हुए गोरखपुर पहुंचेंगे, जहां गोरखनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे, लेकिन रात्रि विश्राम लखनऊ में करेंगे।
इसी तरह 9 मई को लखनऊ से प्रस्थान कर हरदोई, शाहजहांपुर में कार्यकर्ताओं से भेंट एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। शाम को बरेली में स्वागत कार्यक्रम एवं पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक और मुलाकात करेंगे एवं रात्रि विश्राम भी बरेली में करेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि मौर्य 10 मई को बरेली से प्रस्थान कर रामपुर एवं मुरादाबाद में स्वागत एवं कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। उसके बाद बिलारी विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में आयोजित कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे।
उप्र भाजपा अध्यक्ष उसी शाम को दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। वह 12 मई को जंगीपुर (गाजीपुर) के उपचुनाव के मद्देनजर आयोजित कार्यक्रम में शामिल लेंगे।
--आईएएनएस
बुंदेलखंड में खाली जल रेल क्यों भेजी : सपा
नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। राज्यसभा के उपसभापति पी.जे.कुरियन की आपत्ति के बावजूद समाजवादी पार्टी(सपा) ने शुक्रवार को सूखा प्रभावित बुदेलखंड जिले में खाली पानी की रेलगाड़ी भेजने का मुद्दा उच्च सदन में उठाया। कुरियन ने जोर देकर कहा कि पानी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों राज्यसभा से बाहर भी चले गए।
उच्च सदन में इस मुद्दे को उठाते हुए सपा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, "रेलगाड़ी जो बुंदेलखंड पहुंची वह खाली थी। रेलगाड़ी में पानी नहीं था। केंद्र सरकार तब सहायता कर सकती है, जब राज्य सरकारें सहायता की इच्छा जाहिर करती हैं। हम लोगों ने बुंदेलखंड में बांध बनाने के लिए धन की मांग की थी।"
उन्होंने संबद्ध केंद्रीय मंत्री से इस्तीफे की मांग की।
इस पर केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार सभी तरह की सहायता करने को तैयार है और इस मुद्दे के राजनीतिकरण की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, "अगर देश में कहीं सूखा पड़ा है तो इसके प्रति हम सभी लोगों को संवेदनशील होना चाहिए। बुंदेलखंड के लिए विशेष पैकेज है, जिसका समुचित इस्तेमाल होना चाहिए। केंद्र सरकार अतिरिक्त सहायता करने को तैयार है।"
कुरियन ने कहा कि पानी पर किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए।
उपसभापति ने कहा, "पानी और सूखे के नाम पर किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। मैं निवेदन करना चाहूंगा कि इस मुद्दे पर बातचीत हो सकती है और इसे सुलझाया जा सकता है।"
अपने स्पष्टीकरण में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आगरा में रेलगाड़ी में पानी भरा जाना था।
प्रभु ने कहा, "सामान्यत: हमलोग रेल टैंकर उसी राज्य में भरते हैं, जहां पानी की आपूर्ति करनी होती है। आगरा में रेलगाड़ी में पानी भरना था।"
उन्होंने यह भी कहा कि गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनकी बातचीत हुई थी।
नरेश अग्रवाल ने हालांकि जोर देकर कहा कि राज्य ने केंद्र से जल रेल की नहीं, बल्कि तालाब खुदवाने और बांधों के निर्माण के लिए धन की मांग की थी और जलापूर्ति के लिए टैंकरों की भी मांग की थी।
उधर, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने कहा कि बुंदेलखंड के लोगों की सहायता के लिए राज्य और केंद्र सरकार को आपस में समन्वय स्थापित करना चाहिए।
मायावती ने कहा, "उत्तर प्रदेश के करीब 50 जिले सूखे से जूझ रहे हैं। इस स्थिति में केंद्र और राज्य को दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर पानी की समस्या को दूर करने के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।"
बसपा नेता ने कहा, "राज्य सरकार इस बात पर कायम है कि ट्रेन खाली थी। हमलोग कहना चाहते हैं कि जो भी पानी ट्रेन में था उसे सरकार को इस्तेमाल करना चाहिए था।"
--आईएएनएस
महाराष्ट्र में गोमांस रखना अपराध नहीं
मुंबई, 6 मई (आईएएनएस)। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को गोवंश की हत्या पर रोक लगाने के महाराष्ट्र सरकार के निर्णय को बरकरार रखा, लेकिन आदेश दिया कि राज्य के बाहर वध किए गए गोवंश का मांस रखना या खाना अपराध नहीं माना जाएगा।
न्यायमूर्ति ए.एस. ओका और न्यायमूर्ति एस.सी. गुप्ते की खंडपीठ ने एक ही तरह की कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाओं में महाराष्ट्र पशु संरक्षण संशोधन अधिनियम के प्रावधानों को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य के बाहर से लाए गए गोवंश का मांस रखना भी दंडनीय था।
अदालत ने कहा कि राज्य में गोवंश के वध की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन अन्य राज्यों में वध किए गए गोवंश के मांस को महाराष्ट्र में लाने और उसके उपभोग की स्वीकृति होगी।
न्यायालय ने पशु संरक्षण संशोधन अधिनियम की धारा 5डी और 9बी को निरस्त कर दिया। इन धाराओं के तहत अन्य राज्यों में मारे गए गोवंश का मांस रखना भी अपराध था। पीठ ने कहा कि ये धाराएं असंवैधानिक थीं और संविधान के अनुच्छेद 21(जीवन के अधिकार) में प्रदत्त लोगों की गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन कर रही थीं।
न्यायालय ने आदेश दिया कि केवल महारष्ट्र में मारे गए पशुओं का मांस जानबूझकर रखना अपराध हो सकता है। लेकिन इसे साबित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी न कि व्यक्ति की।
उल्लेखनीय है कि 1976 तक इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने गायों की हत्या, गोमांस रखने या खाने पर रोक लगाए हुए थी। 2015 में इस कानून में संशोधन किया गया और इस कानून में गोवंश की हत्या, उसके मांस रखने या खाने को भी शामिल कर दिया।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र पशु संरक्षण संशोधन अधिनियम पर राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है। इस अधिनियम के तहत राज्य में गोवंश के वध और उसके मांस रखने व खाने की भी मनाही थी।
अधिनियम में गोवंश का वध करने पर पांच साल की जेल और 10 हजार रुपये जुर्माना तथा उसका मांस रखने पर एक साल की कैद और दो हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है।
न्यायालय ने कानून की इन दोनों धाराओं के निरस्त करने पर स्थगन संबंधी राज्य सरकार की दलीलें ठुकरा दीं, जिसे कई याचिकाकर्ताओं ने कठोर होने की संज्ञा देते हुए चुनौती दी थी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है।
उच्च न्यायालय के फैसले के अन्य पहलुओं के बारे में फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो विधिक सलाह मशविरा के बाद राज्य सरकार शीर्ष अदालत में अपील करने पर विचार करेगी।
गोमांस व्यापारियों के प्रतिनिधियों के अलावा सक्रियतावादी आरिफ कपाड़िया, वकील विशाल सेठ और हरीश जगतियानी और छात्रा शाइना सेन याचिकाकर्ताओं में शामिल थे।
--आईएएनएस
अगस्ता मामले का बोफोर्स जैसा हाल नहीं होने देंगे : पर्रिकर
नई दिल्ली, 6 मई (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को लोकसभा में इस बात का आश्वासन दिया कि अगस्तावेस्टलैंड रिश्वतखोरी मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा।
कांग्रेस की हेलीकॉप्टर घोटाले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग को केंद्र सरकार द्वारा खारिज करने के बाद सोनिया व राहुल गांधी सहित विपक्षी पार्टी के सांसदों ने सदन से बहिर्गमन किया।
पर्रिकर ने कहा, "मैं आप सब को आश्वस्त कर सकता हूं कि हम नाकाम नहीं होंगे। हम जो बोफोर्स कांड में नहीं कर सके, वह अगस्ता वेस्टलैंड मामले में करेंगे।"
नियम 197 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों अनुराग ठाकुर व निशिकांत दूबे, सौगत रॉय (तृणमूल कांग्रेस) व ज्योतिरादित्य सिंधिया (कांग्रेस) द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में पर्रिकर की यह प्रतिक्रिया सामने आई है।
बोफोर्स कांड तब हुआ, जब स्वीडन की बोफोर्स एबी कंपनी पर 155 मिलीमीटर के होवित्जर तोपों का ठेका पाने के लिए रिश्वत देने का आरोप लगा। इस विवाद के कारण सन् 1989 में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार को लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था।
पर्रिकर ने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने सौदे पर 12 मई, 2014 को रोक लगा दी, वह भी तब जब लोकसभा चुनाव खत्म हुआ था और एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र में भाजपा की सरकार बनती दिख रही थी।
मंत्री ने कहा, "हेलीकॉप्टर के फील्ड ट्रायल का एंटनी ने विरोध किया था, लेकिन बाद में उन्हें अपना रुख बदलने के लिए समझा लिया गया।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "एक खास कंपनी को कुछ छूट दी गई। यह छूट अन्य कंपनियों को नहीं मिली। यह दर्शाता है कि वे उस कंपनी के साथ सौदे के पक्ष में थे।"
पर्रिकर ने कहा कि जब केंद्र में अटल बिहारी नेतृत्व वाली सरकार थी, तब सरकार ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए ज्यादा से ज्यादा कंपनियों को मौका देने के लिए सर्विसेज क्वालिटेटिव प्रॉसेस को विस्तृत किया था, लेकिन उसके बाद की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड को फायदा पहुंचाने के लिए इसे संकीर्ण कर दिया।
विपक्षी सदस्यों की आपत्ति के बीच मंत्री ने कहा, "सीबीआई मेरे अंदर नहीं हो सकती, लेकिन मैं मामले की प्रगति पर निगरानी रख रहा हूं।"
कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए पर्रिकर ने एंटनी के प्रति सद्भाव जताते हुए उन्हें 'बेचारा' करार दिया।
पर्रिकर ने कहा, "बेचारे एंटनी साहब के हाथ बंधे थे।" उन्होंने कहा कि इस मामले में इटली में साल 2012 में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी भी हुई थी।
रक्षा मंत्री ने कहा, "..क्योंकि एंटनी अपनी छवि बचाए रखना चाहते थे। दो से तीन घंटे के भीतर उन्होंने फाइल को आगे बढ़वाया, दस्तावेजों को मंजूरी दी और सीबीआई जांच का आदेश दे दिया।"
मंत्री ने हालांकि कहा कि सीबीआई ने जनवरी 2014 तक मामले में कुछ नहीं किया।
चर्चा के दौरान दोनों तरफ से हास्य व व्यंग्य का दौर चलता रहा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की मामले की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा खड़गे ने सदन से बहिर्गमन किया।
पर्रिकर ने कहा कि टेंडर इटली की अगस्तावेस्टलैंड कंपनी ने भरा था, लेकिन ठेका ब्रिटेन की अगस्तावेस्टलैंड इंटरनेशनल को मिला।
उन्होंने कहा, "इसने मुझे चौंका दिया। मैंने ऐसा कभी नहीं देखा कि टेंडर एक कंपनी भरे और ठेका दूसरी कंपनी को मिले।"
रक्षा मंत्री ने कहा कि 3,600 करोड़ रुपये के हेलीकॉप्टर घोटाले में वायु सेना के पूर्व अधिकारी एन.वी.त्यागी तथा वकील गौतम खेतान तो बस प्यादे हैं।
मंत्री ने सदन के पटल पर एक दस्तावेज भी रखा, जिसमें नौ मई, 2005 को हेलीकॉप्टर की केबिन की ऊंचाई को 1.8 मीटर रखने की मंजूरी दी गई।
उन्होंने एक कार्यालय में महत्वपूर्ण फाइलों में आग लगने की घटना का भी संदर्भ दिया।
पर्रिकर ने कहा, "कार्यालय में बेहद रहस्यमय ढंग से आग लगी, जिसमें कई फाइलें जलकर खाक हो गईं। लेकिन तीन फाइलें सुरक्षित बच गईं, क्योंकि एक अधिकारी ने उसे लॉकर में रख दिया था। मैं अब सीबीआई से आग लगने की घटना का पता लगाने के लिए कहूंगा, क्योंकि यह कई सवाल उठाता है।"
--आईएएनएस
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