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ओरछा में विदेशी महिलाओं ने मिर्ची पाउडर की बदौलत बचाई आबरू

टीकमगढ़, 22 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के पर्यटन स्थल ओरछा आईं दो विदेशी महिलाओं ने दो मनचले युवकों से मिर्ची पाउडर के बल पर अपनी आबरू बचाने में कामयाब हुई। इन मनचले युवकों ने सेल्फी के लिए दवाब डालते हुए विदेशी महिलाओं से छेड़छाड़ की।

ओरछा थाने के प्रभारी विवेक शर्मा ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया कि फ्रांस और स्विट्जलैंड के पर्यटकों का दल सोमवार को ओरछा भ्रमण पर आया था, यह दल जहांगीर महल में भ्रमण कर रहा था, तभी इस दल की दो महिलाए महल के ऊपरी हिस्से में पहुंच गई, वहां पहले से मौजूद दो युवकों ने उनसे परिचय किया और बाद में सेल्फी के लिए दवाब बनाया।

इस दौरान इन महिलाओं ने दोनों युवकों की तस्वीर खींच ली थी। विदेशी महिलाएं जब सेल्फी के लिए राजी नहीं हुईं, तो इन युवकों ने उनका हाथ पकड़कर छेड़छाड़ कर डाली।

शर्मा ने बताया कि इन विदेशी महिलाओं का कहना है कि उन्होंने अपने पर्स में पहले से रखे मिर्ची पाउडर को उन पर फेंकने की धमकी दी, तो दोनों युवक वहां से भाग गए। महिलाओं ने पुलिस को दोनों आरोपियों की तस्वीरें सौंप दी है। दोनों अज्ञात युवकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।

शर्मा के अनुसार, विदेशी महिलाओं के साथ थाने आए गाइड जगदीश मिश्रा ने घटना का ब्योरा दिया। आरोपी युवकों की पुलिस के पास तस्वीर है, छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज किए जाने के बाद उनकी तलाश की जा रही है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • एंबुलेंस समय पर नहीं मिलने से कलेक्टर की मां की मौत

    दमोह, 12 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जिलाधिकारी श्रीनिवास शर्मा की मां की मौत सिर्फ इस वजह से हो गई क्योंकि उन्हें समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई। देर से मिली एंबुलेंस से दमोह से जबलपुर ले जाते वक्त उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

    घटना शुक्रवार की है, जिलाधिकारी शर्मा की मां शांति देवी (76) की तबियत बिगड़ी, उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, वहां पता चला कि यहां गहन चिकित्सा कक्ष ही नहीं है। इस स्थिति में उनका उपचार ऑपरेशन वहीं किया गया, लेकिन हालत बिगड़ी तो वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस की जरूरत महसूस की गई, लेकिन वह भी यहां नहीं मिली। इस पर एंबुलेंस सागर व जबलपुर से बुलाने की कोशिश हुई।

    सिविल सर्जन डा. बी. आर. अग्रवाल ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि जिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर वाली एंबुलेंस ही नहीं है।

    वहीं मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अजय बरोनिया ने संवाददाताओं को बताया कि एक एंबुलेंस छह माह से खराब है और दूसरी सुधरने भोपाल गई है।

    जिला चिकित्सालय में एंबुलेंस ही नहीं मिली तो साधारण एंबुलेंस के जरिए शर्मा की मां को जबलपुर ले जाया गया, मगर वे जबलपुर अस्पताल पहुंच पाती इससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।

    अपनी मां को गंवाने वाले जिलाधिकारी शर्मा ने कहा कि यह पूरी व्यवस्था की बदइंतजामी का नतीजा है, इसके लिए पूरा तंत्र जिम्मेदार है। कलेक्टर होने के नाते मैं भी जिम्मेदार हूं, समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो मां जीवित होती।

  • मप्र : राज्यसभा की 2 सीटें भाजपा और 1 कांग्रेस ने जीती

    भोपाल, 11 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए चुनाव में दो भाजपा और एक कांग्रेस के खाते में गई है। भाजपा की ओर से अनिल माधव दवे व एम.जे. अकबर और कांग्रेस के विवेक तन्खा ने जीत दर्ज की है। जीत के बाद भाजपा और कांग्रेस द्वारा जश्न मनाया जा रहा है। राज्य में राज्यसभा के चुनाव काफी कसमकस भरे रहे, वैसे विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा के दो सदस्यों का चुना जाना तय था, वहीं एक निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिए जाने से कांग्रेस उम्मीदवार की राह कठिन हो गई थी। बसपा का समर्थन मिलने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार की भी जीत तय थी, मगर भाजपा की ओर से वह सारी कोशिशें अंत तक जारी रही जो जीत के लिए जरूरी होती हैं।

    निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मतदान में 228 विधायकों ने हिस्सा लिया। 227 विधायकों ने प्रत्यक्ष तौर पर मतदान किया जबकि एक वोट पोस्टल बैलेट के जरिए हुआ।

    निर्वाचन अधिकारी और विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी ने कहा कि भाजपा के अनिल माधव दवे और एम.जे. अकबर को 58-58, कांग्रेस के विवेक तन्खा को 62 और विनोद गोटिया को 50 वोट मिले। इस तरह दवे, अकबर व तन्खा चुनाव जीत गए।

    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के विजयी प्रत्याशी दवे और अकबर को बधाई देते हुए कहा है कि बौद्घिक क्षमता के धनी अकबर का राज्यसभा में जाना राज्य और राष्ट्रहित के लिए हितकर होगा।

    राज्यसभा का मतदान केंद्र अर्थात विधानसभा परिसर शनिवार की सुबह से ही गहमा गहमी का केंद्र बन गया था। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मोहन प्रकाश, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव मतदान के दौरान डेरा डाले रहे।

    कांग्रेस विधायकों ने शुक्रवार की रात एक होटल में गुजारी और शनिवार की सुबह एक साथ बस में सवार होकर विधानसभा पहुंचे हैं। मतदान शुरू होने के कुछ देर तक बसपा विधायक मतदान करने नहीं पहुंचे तो कई तरह के कयास लगाए जाने लगे थे, मगर लगभग 11 बजे बसपा के चारों विधायक एक साथ मतदान करने विधानसभा पहुंचे। चारों विधायकों ने एक स्वर में सवाददाताओं से कहा कि वे मतदान तन्खा के समर्थन में ही करेंगे।

    राज्य विधानसभा में कुल 230 सदस्य है, इनमें से एक की गुरुवार की रात को सड़क हादसे में मौत हो गई है, वहीं एक विधायक को सर्वोच्च न्यायालय ने मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी है। इस तरह कुल 228 विधायक ही मतदान में हिस्सा ले सके।

    राज्य की राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में थे इसलिए मतदान हुआ। मतदान विधानसभा भवन के समिति कक्ष दो में सुबह नौ बजे से चार बजे तक चला और पांच बजे मतगणना शुरू हुई और देर शाम नतीजे घोषित कर दिए गए।

    चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं, जगह-जगह पटाखे फोड़े जा रहे हैं, मिठाइयां बट रही हैं और बैंडबाजों की धुन पर थिरक रहे हैं।

  • मप्र में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए मतदान

    भोपाल, 11 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए विधानसभा में मतदान शनिवार को शुरू हो गया है, जिसमें 228 विधायक हिस्सा ले रहे हैं। कांग्रेस के सभी विधायक एक साथ बस में सवार होकर विधानसभा पहुंचे। भाजपा के विधायक एक-एक कर विधानसभा पहुंच रहे हैं। मतदान केंद्र के बाहर कांग्रेस विधायकों की लंबी कतार लगी हुई है।

    राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा के दो उम्मीदवार अनिल माधव दवे और एम.जे. अकबर की जीत तय मानी जा रही है, वहीं एक निर्दलीय उम्मीदवार विनोद गोटिया को भाजपा ने समर्थन दिया है। कांग्रेस के उम्मीदवार विवेक तन्खा के समर्थन में 57 विधायक हैं। बसपा के चार विधायकों का भी समर्थन तन्खा को मिला है। इस तरह तन्खा की भी जीत आसान लग रही है। उन्हें जीत के लिए 58 विधायकों का समर्थन चाहिए।

    राज्य विधानसभा में कुल 230 सदस्य हैं, जिनमें से एक की गुरुवार रात को सड़क हादसे में मौत हो गई, जबकि एक विधायक को सर्वोच्च न्यायालय ने मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी। इस तरह कुल 228 विधायक ही मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।

    इनमें से 227 को मतदान केंद्र पहुंचकर प्रत्यक्ष तौर पर मतदान करना होगा, जबकि कांग्रेस के विधायक सत्यदेव कटारे के लिए डाक मतपत्र मुंबई भेजा गया है। मुंबई में उनका एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।

    राज्य में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान विधानसभा भवन के समिति कक्ष दो में सुबह नौ बजे शुरू हो गया जो शाम चार बजे तक चलेगा। मतगणना शाम पांच बजे शुरू होगी।

  • अलकायदा के संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल

    नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस ने मौलाना अन्जर शाह सहित अलकायदा के संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ शुक्रवार को आरोप-पत्र दाखिल किया। इन संदिग्ध सदस्यों पर देश में लोगों को अलकायदा से जुड़ने के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं।

    यह आरोप पत्र अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह की अदालत में दायर किया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

    दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 'भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा' (एक्यूआईएस) के पांच सदस्यों- शाह, अब्दुल सामी, जफर मसूद, अब्दुल रहमान और मोहम्मद आसिफ के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए हैं।

    पुलिस ने 12 अन्य लोगों के खिलाफ भी आरोप-पत्र दायर किए हैं, जो फरार हैं। उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

  • मध्य प्रदेश : राज्यसभा चुनाव ने कांग्रेस नेताओं को एकजुट किया

    संदीप पौराणिक

    भोपाल, 10 जून| मध्य प्रदेश में कांग्रेस क्षत्रप खेमों में बंटे रहे हैं और सभी की अपनी-अपनी डफली और अपने-अपने राग रहे हैं। लेकिन राज्य की सत्ता से बेदखल होने के बाद संभवत: यह पहला मौका है, जब राज्यसभा के लिए पार्टी उम्मीदवार विवेक तन्खा को जीताने के लिए सभी एकजुट नजर आ रहे हैं।

    मध्य प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार मैदान में हैं। इसलिए 11 जून को मतदान होने जा रहा है। चार उम्मीदवारों में दो भाजपा के -अनिल माधव दवे और एम. जे. अकबर- और एक उम्मीदवार कांग्रेस के विवेक तन्खा हैं। निर्दलीय उम्मीदवार विनोद गोटिया को भाजपा का समर्थन हासिल है। निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान में होने से ही मतदान की स्थिति बनी है।

    निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान में आने से कांग्रेस उम्मीदवार विवेक तन्खा की जीत पर संकट मंडराने लगा था, जो अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। कांग्रेस के पास 57 विधायक हैं, जो जीत के लिए आवश्यक संख्या से एक कम है। बसपा ने कांग्रेस का समर्थन किया है, जिससे तन्खा की जीत की राह आसान हो गई है। बसपा के चार विधायक हैं। लेकिन बसपा में टूट की आशंका अब भी बनी हुई है।

    कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भाजपा पर बसपा विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा चुके हैं, क्योंकि भाजपा नेता बसपा और कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में हैं।

    राज्य कांग्रेस दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी के खेमों में बंटी हुई हैं, जिनके समर्थक पार्टी से अधिक अपने-अपने आकाओं के प्रति ज्यादा निष्ठावान हैं।

    वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा का मानना है कि "कांग्रेस के तमाम क्षत्रप सिर्फ इसलिए एकजुट हुए हैं, क्योंकि राज्यसभा उम्मीदवार विवेक तन्खा से सभी के मधुर संबंध हैं, मगर यह मान लेना कि वे एकजुट हैं, ऐसा नहीं है। क्षत्रपों के बीच लड़ाई आज की नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही है।"

    गत एक सप्ताह से कांग्रेस के सभी बड़े नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश भोपाल में डेरा डाले हुए हैं। कमलनाथ तो लगभग एक दशक बाद पहली बार लगातार तीन दिनों तक भेापाल में रुके हैं। बैठकों का दौर जारी है। विधायकों को एकजुट रखने की कोशिशें हो रही हैं।

    राज्य से राज्यसभा के तीन सदस्यों के निर्वाचन के गणित पर गौर करें तो पता चलता है कि एक उम्मीदवार की जीत के लिए 58 विधायकों का समर्थन आवश्यक है। राज्य विधानसभा में कुल 230 विधायक हैं, जिनमें एक विधायक की मौत के बाद अब भाजपा के 165 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित) बच गए हैं। लेकिन 164 ही वोट कर सकेंगे, क्योंकि उसके एक विधायक को सर्वोच्च न्यायालय ने मतदान में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी है।

    वोटों के गणित के हिसाब से भाजपा के दो उम्मीदवारों -अनिल माधव दवे व एम. जे. अकबर- की जीत तय है और तीसरी सीट जीतने के लिए उसे 10 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। हालांकि दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन उसे मिला है, लेकिन तब भी उसे आठ विधायक और चाहिए।

    कांग्रेस के पास 57 विधायक हैं और उसे एक वोट की जरूरत है। बसपा के चार विधायकों का समर्थन कांग्रेस उम्मीदवार तन्खा को मिला है, जिससे उनकी जीत की उम्मीद की जा सकती है।

  • किस योगदान का ईनाम है टैक्स माफी ? जवाब दे सरकार, निरस्त हो छूट

    भोपाल: 10 जून/ शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की 1 करोड़ 30 लाख,6 2 हजार, 500  अत्याधुनिक और से निर्मित वातानुकूलित गाड़ी पर लगने वाले 11 लाख 96 हजार 310 रुपये  का टैक्स मध्यप्रदेश सरकार द्वारा माफ़ किया जाना अनेक प्रश्न उपस्थित करता है। उक्त वक्तव्य मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की मध्यप्रदेश राज्य समिति के राज्य सचिव बादल सरोज ने आज प्रेस विज्ञप्ति में दिया।

    माकपा नेता ने सवाल उठाते पूछ है की सम्बंधित शंकराचार्य न तो कारगिल या सियाचिन के शहीद परिवार के हैं, न कश्मीर घाटी के विस्थापित !!  स्वतन्त्रता सैनानी तो वे कभी रहे नहीं !! किसी भी तरह के जनकल्याण या वंचितों की सहायता की कोई परियोजनाएं उनकी ओर से संचालित की जा रही हैं ऐसा भी कोई सार्वजनिक उदाहरण सामने नहीं आया है । हालांकि इनमे से किसी भी श्रेणी को यह लाभ नहीं दिया जाता। फिर उन पर यह 12 लाख की कृपा किसलिए की जा रही है?

    बादल सरोज के अनुसार इसके ठीक उलट, ये वाले शंकराचार्य संविधान विरुद्ध तथा वैमनस्य फैलाने वाले बयानों, दलितों के मंदिर प्रवेश पर रोक की हिमायत और साईं बाबा जैसे मुद्दों को लेकर अधिक चर्चा में रहे हैं । क्या राज्य सरकार उनकी इस नकारात्मकता के लिए जनता के पैसे से उन्हें पारितोषिक देना चाहती है ।

    माकपा नेता ने इस छूट को निरस्त किये जाने की मांग करते हुए कहा की किसी भी धर्म-पंथ-सम्प्रदाय और उनकेे मठाधीशों को इस तरह की छूट भारतीय संविधान की भावना और सरकारी कामकाज के मान्य सिध्दांतों की संगति में नहीं हैं ।

    माकपा की राय में सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि मार्च 2015 से लेकर अब तक बिना टैक्स चुकाए यह गाड़ी उपयोग में कैसे आती रही । यह भी कि इसे खरीदने के लिए चुकाई गयी सवा करोड़ रुपयों से अधिक की राशि के स्रोत क्या हैं ।

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