यूरो 2016 के दौरान हमले की साजिश रचने में एक गिरफ्तार
कीव, 7 जून (आईएएनएस)। यूक्रेन में पुलिस ने यूरोपियन फुटबाल चैम्पियनशिप में आतंकवादी हमले की साजिश रचने के आरोप में फ्रांस के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है।
फ्रांस में यूरो 2016 का आयोजन 10 जून से 10 जुलाई तक होगा।
यूक्रेन सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने सोमवार को कहा, "फ्रांस के नागरिक ने बड़े पैमाने पर विदेशियों के आव्रजन और इस्लाम के प्रसार के संबंध में अपनी सरकार की कार्रवाइयों के खिलाफ कई नकारात्मक बयान दिए।"
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध फ्रांसीसी व्यक्ति ने इसके प्रति विरोध जताने के लिए कई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने की बात कबूली।
अधिकारी के अनुसार, यह संदिग्ध फ्रांसीसी फ्रांस में टूर्नामेंट के दौरान मस्जिदों, यहूदी धर्मस्थलों, पुलों, हाईवे सहित कई स्थलों पर 15 आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहा था।
फ्रांसीसी व्यक्ति को यूक्रेन-पोलैंड की सीमा पर 21 मई को देश की सुरक्षा सेवा के कर्मियों द्वारा गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने इस संदिग्ध व्यक्ति की उम्र और नाम के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की।
एसबीयू के प्रमुख ने कहा कि यह संदिग्ध व्यक्ति कथित तौर पर हथियारों की तलाश में यूक्रेन आया था।
संदिग्ध फ्रांसीसी व्यक्ति की कार से ग्रेनेड, 125 किलोग्राम विस्फोटक और पांच कलाशनिकोव राइफलें और गोला बारूद बरामद हुए।
--आईएएनएस
इराकी सेना को फालुजा के पास मिली सामूहिक कब्र
बगदाद, 6 जून (आईएएनएस)। इराक के सुरक्षा बलों को इस्लामिक स्टेट (आईएस) के नियंत्रण वाले शहर फालुजा के पास एक शहर में सामूहिक कब्र मिली है, जिसमें करीब 400 शव दफन हैं।
इस शहर को हाल ही में आईएस के चरमपंथी आतंकवादियों से मुक्त कराया गया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सूत्र से मिली जानकारी में यह पता चला कि रविवार को शुहादा जिले में बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने के अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को यह सामूहिक कब्र मिली। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें दफन 400 शव नागरिकों, सैनिकों और पुलिसकर्मियों के हैं।
सूत्र ने कहा, "इन शवों में से अधिकतर लोगों को आईएस के चरमपंथी आतंकवादियों द्वारा मारा गया है। इनमें से अधिकांश को सिर में गोली मारी गई।"
अनबर प्रांत से एक सुरक्षा सूत्र ने कहा कि इस इलाके में 2014 और 2015 की शुरुआत तक सेना के शिविरों पर आईएस के हमले होते रहे।
सूत्र ने कहा, "कई नागरिकों को भी आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के लिए जासूसी करने और चरमपंथी समूहों के धार्मिक नियमों के उल्लंघन के आरोपों के तहत मार दिया गया।"
इराकी सुरक्षा बलों और शिया तथा सुन्नी समूह के अर्धसैनिकों ( जिन्हें हश्द शाबी कहा जाता है) ने कई दिनों तक चले भयंकर संघर्ष के बाद फालुजा के पास सकलाविया में प्रवेश किया और सरकारी इमारत पर इराक का राष्ट्रध्वज फहराया।
इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने 23 मई को फालुजा और इसके आस-पास के इलाकों को आईएस के नियंत्रण से वापस लेने के लिए आतंकवादी संगठन के खिलाफ अभियान के शुरुआत की घोषणा की थी।
सरकारी सुरक्षा बल और सुन्नी तथा शिया समूहों के अर्धसैनिक मिलकर अनबर में शहरों और कस्बों को आईएस आतंकवादियों के नियंत्रण से आजाद करने के लिए कई माह से लड़ाई लड़ रहे हैं।
अल-अनबर प्रांत में स्थित फालुजा को इराक में मोसुल के बाद आईएस संगठन का मुख्य गढ़ माना जाता रहा है।
--आईएएनएस
अफगानिस्तान में अमेरिकी फोटो पत्रकार की हत्या
वाशिंगटन, 6 जून (आईएएनएस)। अमेरिकी प्रसारक नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) के पुरस्कारों से सम्मानित फोटो पत्रकार डेविड गिल्की की रविवार को अफगानिस्तान में हत्या कर दी गई।
एनपीआर की प्रवक्ता इसाबेल लारा ने एक बयान में बताया कि गिल्की (50) हेलमंड प्रांत में अफगानिस्तानी सेना की यूनिट के साथ जा रहे थे। इस दौरान सेना के काफिले पर गोलीबारी हुई जिसकी चपेट में उनका वाहन भी आ गया।
समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार अफगानिस्तानी अनुवादक जबीहउल्ला तमन्ना (38) भी हमले में मारे गए।
एक अन्य वाहन में सवार एनपीआर के दो अन्य पत्रकार टॉम बोमैन और मोनिका इव्स्तातीवा बाल-बाल बच गए।
तमन्ना भी पहले फोटो पत्रकार के रूप में काम कर चुके थे।
गिल्की दुनिया के श्रेष्ठ फोटो पत्रकारों में एक माने जाते थे। उन्हें 2010 में जॉर्ज पोल्क पुरस्कार, 2007 में एम्मी पुरस्कार समेत कई पुरस्कार और ह्वाइट हाउस न्यूज फोटोग्राफर एसोसिएशन की ओर से दर्जनों सम्मान मिले थे।
अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने डेविड को 'प्रतिभाशाली कहानीकार' बताते हुए कहा, "यह हमला उस भयावह खतरे की याद दिलाता है जिसका अफगानिस्तान के लोग, अफगानिस्तानी सुरक्षा बल और निडर पत्रकार सामना कर रहे हैं।"
एनपीआर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष माइकेल ओरेस्केस ने कहा, "डेविड 9/11 की घटना के बाद से ही इराक और अफगानिस्तान में युद्ध और संघर्ष को कवर कर रहे थे। इन युद्धों को देखने के बाद वह लोगों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हुए थे। वह अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने के दौरान काल के गाल में समा गए।"
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के अनुसार सन 1992 से अफगानिस्तान में 27 पत्रकारों की मौत हो चुकी है।
सीपीजे ने कहा कि सन 1992 से अब तक दुनिया भर में मारे गए पत्रकारों में 90 प्रतिशत स्थानीय थे, जबकि इसी अवधि में अफगानिस्तान में मारे गए पत्रकारों में 75 प्रतिशत विदेशी थे।
--आईएएनएस
कश्मीर : आतंकी हमले में बीएसएफ के 3 जवान शहीद
श्रीनगर/जम्मू, 3 जून (आईएएनएस)। दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा में शुक्रवार को आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के काफिले पर किए गए हमले में तीन जवान शहीद हो गए। 10 अन्य लोग घायल हुए हैं जिनमें आम लोग भी शामिल हैं। घायलों में तीन की हालत नाजुक है।
एक पुलिस अधिकारी ने यहां आईएएनएस से कहा, "जम्मू से श्रीनगर आ रहे बीएसएफ के एक काफिले पर अनंतनाग जिले के बिजबेहरा कस्बे में राजमार्ग पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया।"
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने ली है। इसके प्रवक्ता बुरहानुद्दीन ने एक स्थानीय समाचार सेवा से कहा कि 'हमारे विशेष दस्ते के हमले में कई भारतीय सैनिक मारे गए हैं। कई गंभीर रूप से जख्मी भी हुए हैं। सुरक्षा कर्मियों पर हमले जारी रहेंगे।'
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने गृह नगर में हुए इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है।
हमले के फौरन बाद महबूबा ने बीएसएस के महानिदेशक के.के. शर्मा से बात की और जवानों की मौत पर गहरा दुख जताया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 1-ए पर स्थित कस्बे में आतंकी हमले के बाद भारी गोलीबारी हुई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बीएसएफ के घायल जवानों को श्रीनगर के अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
आतंकी सरकारी अस्पताल के भवन में छिपे हुए थे। माना जा रहा है कि वे भागने में सफल रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि सुरक्षाबलों ने हमले के तुरंत बाद इलाके की घेराबंदी कर दी। हमले से इलाके में भय फैल गया। व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को रोकना पड़ा जिसे बाद में खोल दिया गया।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बयान में कहा, "इस तरह का पागलपन से भरा हमला उन तत्वों की हताशा को दिखाता है जो सरकार के शांति प्रयासों को पटरी से उतारना चाहते हैं और राज्य में फिर से शुरू हो रही आर्थिक गतिविधियों को नष्ट करना चाहते हैं।"
--आईएएनएस
कश्मीर : आतंकवादी हमले में बीएसएफ के 2 जवान शहीद
श्रीनगर, 3 जून (आईएएनएस)। दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा में शुक्रवार को बंदूकधारियों द्वारा सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के काफिले पर हमले में दो जवान शहीद हो गए, जबकि 11 अन्य घायल हो गए। घायलों में तीन नागरिक हैं।
पुलिस सूत्रों ने यहां आईएएनएस से कहा, "जम्मू से श्रीनगर आ रहे बीएसएफ के एक काफिले पर अनंतनाग जिले के बिजबेहरा कस्बे में राजमार्ग पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया।"
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 1-ए पर स्थित कस्बे में दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बीएसएफ के घायल जवानों को श्रीनगर के अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि सुरक्षाबलों ने हमले के तुरंत बाद इलाके की घेराबंदी कर दी। हमले से इलाके में भय फैल गया। व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को भी रोकना पड़ा।
--आईएएनएस
तालिबान ने 17 बंधकों की हत्या की, 18 अभी भी कब्जे में
काबुल, 31 मई (आईएएनएस)। अफगानिस्तान के कुंदुज प्रांत में तालिबान आतंकवादियों ने मंगलवार को लगभग 200 बस मुसाफिरों को अगवा कर बंधक बना लिया। इनमें 17 यात्रियों की हत्या कर दी गई जबकि 18 अभी भी आतंकियों के कब्जे में हैं।
स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने खामा प्रेस के हवाले से तालिबान द्वारा अगवा यात्रियों में से 12 की हत्या की पुष्टि की है।
एक सुरक्षा अधिकारी शिर अजीज कामावल ने बताया कि आतंकवादियों ने कम से कम 17 यात्रियों की हत्या की है, जिन्हें कुदुंज-ताखुर राजमार्ग से अगवा किया गया था।
इस राजमार्ग पर एक चेकपोस्ट बनाकर तालिबान आतंकवादियों ने कम से कम 185 यात्रियों का रात 2 बजे अपहरण कर लिया।
आंतकवादियों ने चार बसों, तीन कारें और तीन वैन में सवार यात्रियों का अपहरण किया। बाद में ज्यादातर यात्रियों को छोड़ दिया गया। लेकिन, इनमें से कम से कम 17 यात्रियों को तालिबानियों ने मार डाला।
अधिकारियों का कहना है कि तालिबानियों के कब्जे में कम से कम 18 यात्री हैं और उनकी सुरक्षित रिहाई की कोशिशें जारी हैं।
तालिबान ने अभी तक इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और यह भी अभी साफ नहीं हुआ है कि अगवा किए गए कुछ यात्रियों की हत्या क्यों की गई।
कुंदुज में पिछले दो महीनों से सुरक्षा की स्थिति काफी बिगड़ गई है और तालिबानी आतंकवादी उत्तरी प्रांतों को अस्थिर करने में जुटे हैं।
तालिबानी आतंकवादियों ने प्रांतीय राजधानी कुंदुज पर पिछले साल कब्जा जमा लिया था, लेकिन बाद में अफगान सुरक्षा बलों ने उसे छुड़ाने में कामयाबी हासिल की थी।
तालिबान ने अपने नए सरगना मौलवी हैबतुल्ला के नेतृत्व में साफ कर दिया है कि वे अफगान सरकार के साथ किसी शांति वार्ता में भाग नहीं लेंगे।
इस आतंकवादी समूह के पिछले सरगना मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी, जिसके बाद नए प्रमुख को चुना गया है।
--आईएएनएस
सुरक्षाबलों ने हिज्बुल कमांडर के आत्मसमर्पण को नकारा
श्रीनगर, 28 मई (आईएएनएस)। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) के एक कमांडर के आत्मसमर्पण की खबरों का वरिष्ठ पुलिस और सैन्य अधिकारियों ने खंडन किया है।
इससे पहले खबर आई थी कि दक्षिण कश्मीर में सर्वाधिक वांछित हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के निकट सहयोगी तारिक पंडित ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है लेकिन कर्नल एन.एन.जोशी ने संवाददाताओं से कहा, "तारिक के आत्मसमर्पण की खबरें आधारहीन हैं।"
इससे पहले कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और रक्षा सूत्रों ने मीडिया के समक्ष पुष्टि की थी कि हिज्बुल के कमांडर तारिक पंडित ने सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
इससे पहले कहा गया था कि तारिक का आत्मसमर्पण आतंकवादी गिरोह के लिए बहुत बड़ा झटका है। सोशल मीडिया पर जारी तस्वीरों में तारिक को वानी तथा उसके सहयोगियों के साथ हथियारों से लैस तथा सैन्य परिधान में देखा गया है।
--आईएएनएस
कश्मीर : 2 अलग-अलग मुठभेड़ों में 6 आतंकवादी मारे गए
श्रीनगर, 27 मई (आईएएनएस)। उत्तरी कश्मीर के बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में शुक्रवार को छह आतंकवादी मारे गए। इस दौरान एक सैनिक शहीद हो गया और एक अन्य घायल हो गया।
पुलिस ने बताया कि बारामूला में तंगमार्ग इलाके के कांचीपुरम गांव में एक घर में छिपे दो आतंकवादी शुक्रवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए।
पुलिस ने बताया कि कांचीपुरम मुठभेड़ में सेना का एक जवान भी घायल हो गया।
कांचीपुरम गांव के एक घर में हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सुबह ही घर को घेर लिया।
सुरक्षा बलों ने अपराह्न घर को ध्वस्त करने के लिए विस्फोटकों का उपयोग किया। वहीं मलबे से हिजबुल को दो आतंकवादियों के शव बरामद किए गए।
पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंवादियों की पहचान की जा रही है।
दूसरी घटना कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास नौगाम क्षेत्र के टूट मार घाली इलाके की है, जहां दो-दिन से चल रही मुठभेड़ में चार आतंकवादी और सेना का एक जवान मारा गया।
टूट मार घाली में शहीद हुए जवान की पहचान अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले के बोरदुरिया गांव (खोंसा) के हवलदार हैंगपंग दादा के रूप में हुई है।
रक्षा सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, "36 वर्षीय जवान ने 19 साल तक सेना की सेवा की है। वह अपनी पत्नी, 11 साल की बेटी और सात साल के बेटे के साथ रहता था।"
रक्ष अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ खत्म होने के बाद नियंत्रण रेखा के टीएमजी इलाके के घने जंगलों में आतंकियों के खिलाफ अभियान अब भी जारी है।
रक्षा सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि मुठभेड़ में शामिल आतंकवादियों के समूह ने हाल ही में नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ किया था।
--आईएएनएस
तालिबान ने हैबतुल्ला को मंसूर का नया उत्तराधिकारी घोषित किया
काबुल, 25 मई (आईएएनएस)। अफगान तालिबान ने बुधवार को एक लड़ाका की जगह प्रभावशाली धार्मिक विद्वान हैबतुल्ला अखुंदजादा को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया। तालिबान के पूर्व प्रमुख मुल्ला मंसूर की पिछले हफ्ते पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी।
एक बयान में कहा गया है कि लड़ाका समूह (मिलिशिया ग्रुप) ने सिराजुद्दीन हक्कानी व मोहम्मद याकूब को अखुंदजादा का सहायक नियुक्त किया है। याकूब तालिबान के संस्थापक प्रमुख मुल्ला उमर का बेटा है।"
हक्कानी आतंकवादी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी पर अमेरिकी विदेश विभाग ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। हक्कानी लंबे समय तक तालिबान और अलकायदा के संपर्क में रहा।
पहली बार तालिबान ने सार्वजनिक तौर पर अपने नेता मंसूर की मौत की पुष्टि की है। पिछले शनिवार पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के अहमद वाल शहर में अमेरिकी ड्रोन ने मंसूर के वाहन को निशाना बनाया था जिसमें उसकी मौत हो गई थी।
तालिबान के बयान में कहा गया है, "हम सभी मुसलमानों से तीन दिनों (गुरुवार से) के लिए मरहूम अख्तर मंसूर की याद में शोक मनाने एवं उनके कामों व उनकी रूह के लिए दुआ करने की अपील करते हैं।"
बयान में कहा, "हमारा जिहाद जारी रखेगा। हम अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के सभी मुजाहिदीन से फिक्र न करने और अपने नये नेता का समर्थन करने की दरख्वास्त करते हैं।"
अफगान के विश्लेषकों के अनुसार, हैबतुल्ला अखुंदजादा की नियुक्ति एक अचरज के रूप में है क्योंकि मंगलवार तक हक्कानी को मंसूर का सबसे सशक्त उत्तराधिकारी माना जा रहा था।
माना जाता है कि 45-46 वर्ष का हक्कानी अपने नेतृत्व में सबसे कट्टरपंथी है और उसे अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने वैश्विक आतंकी जैसे विशेष नाम से नवाजा है।
हैबतुल्ला अखुंदजादा एक धार्मिक विद्वान है। अफगानिस्तान में तालिबान के पांच साल के शासन के दौरान तालिबान कोर्ट का प्रमुख रहा है। इसके अलावा अफगान तालिबान के उप नेताओं में से एक है। तालिबान की ओर से जारी अधिकांश फतवों के पीछे वही होता है।
तालिबान के नेतृत्व परिषद ने मुल्ला मंसूर पर हुए हवाई हमले के अगले दिन ही उसके उत्तराधिकारी की नियुक्ति से संबंधित बातचीत शुरू कर दी थी।
तालिबान की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि मुल्ला मंसूर की मौत से इस समूह के विद्रोह पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
दूसरी ओर टोलो न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान की सरकार ने उम्मीद जताई है कि तालिबान के नए नेता शांति प्रक्रिया में भाग लेंगे।
तालिबान के नए नेता की नियुक्ति की घोषणा के बाद बुधवार को काबुल में एक मिनी बस में आत्मघाती हमला हुआ जिसमें कम से कम 10 लोग मारे गए। बस न्यायालय के कर्मचारियों को लेकर जा रही थी।
तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
ज्ञात हो कि सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग ने मुल्ला मंसूर पर हुए हमले की सूचना दी थी, लेकिन उसके मारे जाने की पुष्टि बाद में नेशनल डायरेक्ट्रेट ऑफ सिक्योरिटी सहित अफगानिस्तान के सुरक्षा संस्थानों ने की।
--आईएएनएस
तालिबान ने मुल्ला मंसूर का नया उत्तराधिकारी घोषित किया
काबुल, 25 मई (आईएएनएस/सिन्हुआ)। अफगान तालिबान ने बुधवार को मावलावी हैबतुल्ला अखुंदजादा को अपना नया प्रमुख नियुक्त किया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि तालिबान का पूर्व प्रमुख मुल्ला मंसूर बीते शनिवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मारा गया।
तालिबान ने एक बयान में कहा, "इस्लामी अमीरात के नेतृत्व परिषद ने मावलावी हैबतुल्ला अखुंदजादा को इस्लामी अरमीत का नया सरगना एवं मावलावी सिराजुद्दीन हक्कानी व मावलावी मोहम्मद याकूब को उसका उप प्रमुख नियुक्त करने का निर्णय लिया है।"
'सीएनएन' चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, हक्कानी आतंकवादी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी पर स्टेट डिपार्टमेंट ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है। वहीं मुल्ला याकूब मरहूम तालिबान प्रमुख मुल्ला मोहम्मद उमर का बेटा है।
अधिकारियों के अनुसार, मावलावी एक धार्मिक विद्वान है और तालिबान कोर्ट का पूर्व प्रमुख है। इसके अलावा अफगान तालिबान के उप नेताओं में से एक है। तालिबान की ओर से जारी अधिकांश फतवों के पीछे वही होता है।
बयान में कहा गया, "हम सभी मुसलमानों से तीन दिनों (गुरुवार से) के लिए मरहूम अख्तर मंसूर की याद में शोक मनाने एवं उनके कामों व उनकी रूह के लिए दुआ करने की अपील करते हैं।"
बयान में कहा, "हमारा जिहाद जारी रखेगा। हम अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के सभी मुजाहिदीन से फिक्र न करने और अपने नये नेता का समर्थन करने की दरख्वास्त करते हैं"
तालिबान के नेतृत्व परिषद ने मुल्ला मंसूर पर हुए हवाई हमले के अगले दिन ही उसके उत्तराधिकारी की नियुक्ति से संबंधित बातचीत शुरू कर दी थी।
पूर्व में रिपोर्टों में ऐसा अनुमान लगाया गया था कि हक्कानी व मुल्ला याकूब मुल्ला मंसूर के उत्तराधिकारी हो सकते हैं।
तालिबान की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि मुल्ला मंसूर की मौत से इस समूह के विद्रोह या बलवे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग ने मुल्ला मंसूर पर हुए हमले की सूचना दी थी, लेकिन उसके मारे जाने की पुष्टि बाद में नेशनल डायरेक्ट्रेट ऑफ सिक्योरिटी सहित अफगानिस्तान के सुरक्षा संस्थानों ने की।
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