
मुख्यमंत्री ने सर हिलाकर कहा "तो ठीक है, मर जाओ"
राज्य Aug 07, 2016भोपाल: 6 अगस्त/ मध्यप्रदेश के अनूपपुर शहर की पुरानी बस्ती की जमीन जिला चिकित्सालय बनाने के लिए अधिग्रहित की गयी थी । उस जमीन पर काबिज लोग उजाड़ दिए गए, बाद में जिला चिकित्सालय नहीं बना । जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जनदर्शन और अंत्योदय मेले के लिए उस इलाके से गुजर रहे थे तो विस्थापितों ने सपरिवार पहुँच कर उनके काफिले को रास्ते में ही रोक कर मुआवजे और जमीन वापसी की गुहार लगाई । उनसे कहा कि किसान भूख हड़ताल पर बैठे हैं आप उनसे मिल लें । मुख्यमंत्री ने कहा ज्ञापन भेज दो ।
किसान बोलते रहे मुख्यमंत्री सुनते रहे और मुंह में दही जमाये बैठे रहे । विस्थापितों ने आज़िज आकर कहा कि अगर इन्साफ नहीं मिला तो वे अपने परिवारों सहित आत्महत्या कर लेंगे । सैकड़ों नागरिकों की मौजूदगी में शिवराज ने सर हिलाकर मर जाने का और काफिले को आगे बढ़ने का इशारा किया ।
इस मामले पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने कहा कि विश्व भर के रिकॉर्ड तोड़ने वाले व्यापमं और अनेक घोटालों के बावजूद कुर्सी पर जमे रहने से व्यक्ति में कितना अहंकार और अशिष्टता आ जाती है , आज शिवराज सिंह ने उसका उदाहरण प्रस्तुत किया है ।
उन्होंने कहा की माकपा की राय में यह आचरण एक असाधारण असभ्यता है । असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है । लोकतंत्र और प्रदेश की जनता दोनों का अपमान है । भर्त्सना योग्यकृत्य है ।
माकपा नेता बादल सरोज ने कहा की मुख्यमंत्री को अपने इस कृत्य के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों को मुख्यमंत्री के इस व्यवहार की निंदा करनी चाहिए ।
बादल सरोज