माकपा ने भारत-अमेरिका 'लॉजिस्टिक्स' समझौते की निंदा की

राष्ट्रीय

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को भारत-अमेरिका 'लॉजिस्टिक्स' समझौते की निंदा की और कहा कि इसमें भारत की संप्रभुता से समझौता किया गया है। बयान जारी कर पार्टी ने कहा, "माकपा पोति ब्यूरो भारत और अमेरिका बीच हुए लॉजिस्टिक्स समर्थन समझौते की कड़ी निंदा करती है जो अमेरिकी सशस्त्र बलों को भारतीय सैन्य ठिकानों तक पहुंच और उसके इस्तेमाल की अनुमति देता है।"

माकपा ने कहा है, "विश्व के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यवादी देश के साथ इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर कर नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की संप्रभुत्ता से समझौता किया है और अपनी सामरिक स्वायत्तता का समर्पण कर दिया है।"

इस समझौता को 'लॉजिस्टिक्स' विनिमय ज्ञापन समझौता (लेमोआ) कहा जाता है। भारत और अमेरिका की बीच इस समझौते पर अमेरिकी दौरे पर गए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर की उपस्थिति में सोमवार को वाशिंगटन में हस्ताक्षर किए गए।

माकपा ने कहा, "समझौते पर हस्ताक्षर कर भारत ने औपचारिक रूप से अमेरिकी सैन्य सहयोगी होने का ओहदा हासिल कर लिया है। समझौते के तहत अमेरिकी वायुसेना और नौसेना भारतीय नौसेना और वायुसेना के ठिकानों का इस्तेमाल 'लॉजिस्टिक्स' मदद, ईंधन भरने और उपकरणों की मरम्मत के लिए नियमित रूप से कर सकेगी।"

माकपा ने चिंता जताई कि अमेरिकी सशस्त्र बल किसी तीसरे देश में सैन्य अभियान चलाने के दौरान भारतीय सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेंगे।

पार्टी ने आगे कहा है, "अमेरिकी साम्राज्यवाद के लिए इस तरह की एक सहयोगी भूमिका को सभी देशभक्त भारतीय खारिज कर देंगे।"

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