बंगाल में तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र हिमायती ताकतें एकजुटता में आगे आएं - प्रकाश करात

राज्य, राष्ट्रीय

ग्वालियर: 4 अगस्त/ देश के वरिष्ठ वाम नेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलिट ब्यूरो सदस्य प्रकाश करात ने आज मध्यप्रदेश के ग्वालियर में शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान को संबोधित किया गया तथा बाद में निकले जुलूस की अगुआई भी की।

"हमले के निशाने पर क्यों है : देश , आवाम और वाम" विषय पर बोलते हुए प्रकाश करात ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के राज में बंगाल में संविधान प्रदत्त जिंदा रहने एवं जीवन यापन करने के बुनियादी अधिकार तक स्थगित हो गये है। जनता के बीच काम करने वाले वामपंथी कार्यकर्ताओं पर ही हमले नही हो रहे बल्कि जिन मतदाताओं ने टीएमसी पार्टीे को वोट नही दिया था उन पर जुर्माने ठोके जा रहे है। वामपंथ के समर्थको पर खेती करने तथा मजदूरी तक करने के लिए अर्थदंड लगाए जा रहे है । उन्होने काफी विस्तार से पं0बंगाल में हुए हमलोें और सरकारी नियंत्रण में जारी तानाशाही की घटनाओं तथा शहादतों का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि मारे जाने वाले प्रायः सभी कामरेड्स गरीब मेहनतकश हैं । दलित आदिवासी अल्पसंख्यक भी अनेक हैं ।

प्रकाश करात ने कहा कि वाममोर्चे की सरकार तो केरल, त्रिपुरा में भी है फिर बंगाल पर ही इतना भीषण हमला क्यों ? क्यों कि नवउदारवादी नीतियों के खिलाफ, राष्ट्रीय एकता व राष्टीय संप्रभुता पर साम्राज्यवादी अतिक्रमण के खिलाफ हमेशा सबसे आगे बढकर भूमिका निबाही है। उन्होंने कहा कि खासतौर से वाम मोर्चे के 34 साल के राज के दौरान प0बंगाल में कभी सांप्रदायिक दंगे नही हुए । बाबरी मस्जिद ध्वंस के बाद भी नहीं । 1984 में भी नहीं। उन्होंने कहा की निजीकरण उदारीकरण, मंहगाई और बेदखली के विरोध और वैकल्पिक राजनीति का बन्गाल हमेशा अगुआ रहा। इसलिए कम्युनिष्ट विरोधी ताकतें बंगाल से वामपंथी शक्तियों को खत्म करने का मंसूबा साध रही है।

प्रकाश करात ने कहा कि UPA के कार्यकाल में जब अमरीका के साथ गठबंधन की संधि का वामपंथ ने विरोध किया था तभी यह स्पष्ट हो गया था कि साम्राज्यवाद और बड़ी पूंजी मिलकर वामपंथ को निशाने पर लेगी।

उन्होने कहा कि मोदी और भाजपा तृणमूल कांग्रेस का बाहर विरोध करने का दिखावा करते है अंदर से समर्थन देते है। इन दोनोे की मिलीभगत से बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा तेजी से बढी है। प्रकाश करात ने याद दिलाया कि इतनें दमन के बाद भी बंगाल की मेहनतकश जनता वामपंथ को छोडने को तैयार नही है । जनता मुकाबला कर रही है हाल के चुनाव में 2 करोड 15 लाख लोगों ने इस तानाशाही के खिलाफ वोट देकर और संघर्ष जारी रखकर अपना संकल्प उजागर किया है।

लोकतंत्र हिफाजाती की इस लडाई में महिलाओं की अग्रणी भूमिका को भी उन्होने रेखांकित किया ।

सेमिनार के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार डाॅ रामविद्रोही ने कहा कि वाम पर हमला आवाम पर हमला है । यह 80 प्रतिशत आबादी पर हमला है क्योंकि वाम ही आवाम के साथ सच्ची तरह से । उन्होंने कहा कि कितना भी दमन हो मगर आवाम खडा होगा - लाल झंडा थामेगा क्योकि यही इस समय देश की एकमात्र आशा है।

विषय प्रवर्तन सीपीआई (एम) राज्य सचिव बादल सरोज ने किया। संचालन सीटू के प्रदेश अध्यक्ष रामविलास गोस्वामी कर रहे है ।
व्याख्यान के बाद बंगाल में जारी हिंसा के विरूद्ध जुलूस निकालकार सभी भागिदारी प्रकाश करात की अगुवाई में नयाबाजार, दौलतगंज से होते हुए महाराज बाडे तक गए।

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