सरकार और कांग्रेस के बीच हरसिमरत बादल को लेकर कहा-सुनी

राष्ट्रीय

नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)| राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस ने सरकार पर आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से जुड़े एक निजी विधेयक को नष्ट करने का आरोप लगाया, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने कांग्रेस पर मंत्री हरसिमरत कौर बादल से दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। सदन की बैठक सोमवार को जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, " आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल पैकेज को लागू करने से संबंधित विधेयक एक निजी सदस्य ने शुक्रवार को रखा था जिसकी सरकार ने इजाजत नहीं दी। सदस्यों को मुद्दे उठाने का अधिकार है। सरकार ने न तो वह पैकेज लागू किया, न ही वह सदस्यों को इस मुद्दे को उठाने दे रही है।"

उन्होंने मांग की कि इस विधेयक पर आने वाले शुक्रवार को विचार किया जाए। शुक्रवार का दिन निजी सदस्यों के कामकाज के लिए निर्धारित होता है।

उप सभापति पी. जे. कुरियन ने हालांकि कहा कि इस हफ्ते निजी सदस्य के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

इसके तुरंत बाद शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के सुखदेव सिंह ढींडसा ने कांग्रेस सदस्य पर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल से शुक्रवार को तब दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया जब वह राज्यसभा में संसद की सुरक्षा का मुद्दा उठाना चाह रही थीं। आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत सिंह मान ने जो वीडियो बनाकर पोस्ट किया है, उसी को देखते हुए वह यह मुद्दा उठाना चाह रही थीं।

कांग्रेस सदस्य जयराम रमेश और रेणुका चौधरी ने हरसिमरत से दुर्व्यवहार करने के आरोप के जवाब में कहा है कि उन लोगों ने मंत्री के साथ सिर्फ बहस की थी और ऐसा करके उन्होंने कोई दुर्व्यवहार नहीं किया।

रमेश ने कहा कि तीन चीजें कही गईं। पहला कि मंत्री से अच्छे व्यवहार की उम्मीद की जाती है, दूसरा यह कि कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष को करनी है और तीसरा यह कि यह आंध्र प्रदेश मुद्दे पर विधेयक को जान बूझकर बर्बाद करने की कोशिश है।

कांग्रेस सदस्य रेणुका चौधरी ने भी इस पर आश्चर्य जताया कि क्या एक नई परंपरा कायम की जा रही है कि सदन में मुद्दों को तब उठाया जाए जब सदन स्थगित हो जाए।

चौधरी ने कहा, "मेरा नाम बिना वजह घसीटा गया। क्या हम लोग एक मिसाल कायम कर रहे हैं कि मुद्दों का संज्ञान तब लिया जाए जब सदन स्थगित हो जाए?"

कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि मंत्री हरसिमरत कौर लोकसभा की सदस्य हैं, वह राज्यसभा में व्यवधान क्यों पैदा कर रही हैं?

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि मंत्री काम को करने के लिए सदन में मंत्रियों के मौजूद रहने की जिम्मेदारी के तहत उच्च सदन में मौजूद थीं।

नकवी ने कहा कि वह (बादल) दो मिनट बोलने के लिए मंजूरी चाहती थीं। अगर उन्हें बोलने दिया गया होता तो यह मुद्दा नहीं उठता। यह आंध्र प्रदेश के बारे में नहीं है।

हरसिमरत कौर बादल सदन में मौजूद थीं और वह इस मुद्दे पर बोलना चाहती थीं लेकिन उप सभापति ने उन्हें बोलने नहीं दिया। वह चाहते थे कि विधेयक पहले पेश किया जाए। उसके कुछ ही देर बाद सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई।

बाद में हरसिमरत कौर बादल ने राज्यसभा के सभापति एम. हामिद अंसारी को पत्र लिखकर शिकायत की कि जब वह सदन की सुरक्षा का मुद्दा उठाना चाह रही थीं तो कांग्रेस के दो सदस्यों क्रमश: जयराम रमेश और रेणुका चौधरी ने उन्हें उच्च सदन में बोलने नहीं दिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि रमेश और चौधरी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया है। उन्होंने अंसारी से दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

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