सिद्धू ने भाजपा पर निशाना साधा

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नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इसलिए इस्तीफा दिया, क्योंकि उन्हें पंजाब से दूर रहने के लिए कहा गया था, जिसके लिए वह तैयार नहीं थे। सिद्धू ने संवाददाता सम्मेलन में अपने राजनीतिक भविष्य पर कोई भी बात करने से इनकार कर दिया और आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने का प्रश्न वह टाल गए।

सिद्धू ने कहा, "मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया, क्योंकि मुझे कहा गया था कि पंजाब कि तरफ मुंह नहीं करोगे और पंजाब से दूर रहोगे। 'मुझे पंजाब से दूर क्यों रहना चाहिए और किसकी मर्जी से?"

सिद्धू ने कहा, "सबसे बड़ा धर्म राष्ट्रधर्म होता है। तो मैं कैसे छोड़ दूं अपनी जड़, अपना वतन पंजाब। क्या मुझे कुछ लोगों के निजी हितों के लिए पंजाब से दूर रहना चाहिए?"

सिद्धू को 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर से टिकट नहीं दिया गया था। उन्होंने अपने लगभग 10 मिनट के मीडिया संबोधन में किसी भी राजनीतिक पार्टी या नेता का नाम नहीं लिया।

भाजपा ने अप्रैल में सिद्धू को राज्यसभा के लिए नामित किया था। उन्होंने संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन 18 जुलाई को राज्यसभा सदस्यता छोड़ दी थी और तभी से उनके आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

हालांकि आप नेताओं ने संकेत दिए हैं कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धू पार्टी के लिए प्रचार कर सकते हैं। कांग्रेस ने भी उनसे बार-बार पार्टी में शामिल होने को कहा है। हालांकि, भाजपा ने अभी तक सिद्धू और उनकी पत्नी को पार्टी से नहीं निकाला है।

सिद्धू ने कहा कि वह 2004 से अमृतसर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ते आए हैं और 2009 चुनाव में वह उत्तर भारत में भाजपा से जीत दर्ज करने वाले अकेले उम्मीदवार थे।

उन्होंने कहा कि उन्हें भाजपा ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र और पश्चिमी दिल्ली से टिकट दिया, लेकिन उन्होंने पंजाब के बाहर किसी सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।

सिद्धू ने बिना नाम लिए कहा, "ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मुझे पंजाब से दूर रहने के लिए कहा गया है। ऐसा तीसरी और चौथी बार हुआ है। मेरी क्या गलती है?"

उन्होंने कहा, "अमृतसर के लोगों ने मुझे बहुत प्यार और सम्मान दिया है। मैं उनके विश्वास का गला नहीं घोंट सकता। मैं पंजाब और अमृतसर की सेवा करना चाहता हूं।"

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