चौबे की कविताओं को देखने सुनने का नायाब प्रयोग आज
साहित्य Sep 21, 2016भोपाल: 21 सितम्बर/ शब्द ध्वनि और दृश्य की समापन संध्या 22 सिंतंबर की शााम को रवीन्द्र भवन में कविताओं को देखते हुए सुनने का एक रोचक अनुभव होगा। कवि संतोष चौबे की कविताओं को रंगमंच पर प्रस्तुत करने का यह नायाब प्रयोग शैडो ग्रुप के माइम एक्सपर्ट मनोज नायर ने किया है, जबकि इन कविताओं को संगीतबद्ध संतोष कौशिक ने किया है।
पूर्व में आईसेक्ट स्टूडियों द्वारा संतोष चौबे की अतुकांत कविताओं का एक म्यूजिक एलबम जारी किया गया था, लेकिन यह पहला मौका है जब उनकी कविताएं रंगमंच से अभिनय के मुहावरे में ढ़लकर दर्शकों से रूबरू होगी।
इस आयोजन में प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क है। इससे पूर्व संतोष चौबे के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। इस मौके पर रंगमंच और कला फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री प्रीता माथुर ठाकुर बतौर अतिथि उपस्थित रहेंगी।