छत्तीसगढ़ में 5,000 गांव खुले में शौच से मुक्त
राज्य Aug 16, 2016रायपुर, 16 अगस्त (आईएएनएस/वीएनएस)। 'उज्जर-सुघ्घर, हमर छत्तीसगढ़' का सपना धीरे-धीरे साकार होने लगा है। राज्य में अब तक 18 विकासखंडों और दो हजार 849 ग्राम पंचायतों के पांच हजार 106 गांवों के लोग खुले में शौच की समस्या से मुक्त हो चुके हैं। इन गांवों में अभियान शुरू होने के दो वर्ष से भी कम समय में लगभग आठ लाख घरों में शौचालय बन चुका है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत 18 विकासखंड और दो हजार 849 ग्राम पंचायतों (5106 गांव) को खुले में शौच मुक्त किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में एक हजार 70 ग्राम पंचायत के दो हजार 66 गांवों को खुले में शौच मुक्त किया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में तीन लाख 91 हजार शौचालय बनाए गए हैं।
गौरतलब है कि इसी साल 21 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उपस्थिति में राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में आयोजित सम्मेलन के दौरान प्रदेश के प्रथम दो विकासखंडों- अम्बागढ़ चौकी और छुरिया को खुले में शौचमुक्त होने की घोषणा करते हुए सराहनीय योगदान देने वाले जनप्रतिनिधियों एवं स्वच्छता प्रेरकों को सम्मानित भी किया था।
इसी क्रम में प्रदेश के अन्य 16 विकासखंडों- लुंड्रा, बतौली, सोनहत, मगरलोड, कुरूद, डोंगरगांव, मोहला, मालखरौदा, तमनार, प्रेमनगर, मरवाही, डौंडी, चारामा, डोंगरगढ़, दुलदुला एवं सहसपुर लोहारा पूर्णत: खुले में शौच से मुक्त हुए हैं।
स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इन विकासखंडों के जनपद पंचायत अध्यक्षों एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों व जनपद पंचायतों को सम्मानित किया।

