भोपाल: 2 नवंबर/ आईसेक्ट विश्वविद्यालय के डॉ. एस. आर. अवस्थी, डायरेक्टर, सेंटर फॉर रेनेवेबल एनर्जी को इनवायरमेंटल प्लानिंग एण्ड कोआॅर्डिनेशन आॅर्गेनाइजेशन (एप्को), कांफ्रेंस पार्टनर नर्मदा समग्र नेशनल कांफ्रेंस, सेंटर फॉर कम्युनिटी इकोनामिक्स एण्ड डेवेलपमेंट कंसंल्टेंट्स सोसायटी जयपुर और मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा आयोजित नेशनल कांफ्रेंस ‘ग्लोबल वार्मिंग एण्ड क्लाइमेट चेंज’ पर अपने सुझाव और उसके निदान हेतु बतौर विशेषज्ञ वक्ता आमंत्रित किश गया था।
डॉ. अवस्थी ने जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ‘ग्रीन दृष्टिकोण’ अपनाने पर बल दिया। उन्होंने अपने सुझावों में कहा कि ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर पानी में आत्मनिर्भर और ऊर्जा बनाया जाना चाहिए जिससे कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे और गांवों से युवाओं के पलायन पर रोक भी लग सकेगी।
डॉ. अवस्थी ने आगामी वर्ष 2016 में होने वाले उज्जैन कुम्भ में विस्तृत विस्तारण के लिए जानकारी एकत्रित करने पर प्रमुख रुप से बल दिया। इस अवसर पर डॉ. अवस्थी ने बताया कि कुम्भ के आयोजन के दौरान आइडियल विलेज के अनुसार लगभग 100 घरों में किस प्रकार जल और एनर्जी को मैनेज करने कि लिए एक तालाब का निर्माण करें जिसका देशभर से आए श्रद्धालुओं को पूर्ण रुप से फायदा मिल सके। श्री अवस्थी ने गांव में सोलर वाटर पंपिंग, बायोगैस कम वर्मीकम्पोस्ट प्लांट और आर्गेनिक फार्मिंग पर भी प्रकाश डाला।
आईसेक्ट विश्वविद्यालय के डॉ. एस आर अवस्थी ने ग्लोबल वार्मिंग एण्ड क्लाइमेट चेंज विषय पर व्याख्यान दिया
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